अपने पहले गैंग बैंग में इशिता नंगी होकर 5 लड़कों से खुलकर चुदी
हेलो दोस्तों, मैं इशिता आपको अपने पहले गैंग बैंग की कहानी सुना रही हूँ। अभी मैं केवल 24 साल की हूँ पर मेरे मम्मे 34 साइज के है, कमर पतली 30 की है और हिप्स 32 के है। मैं देखने में बिलकुल कयामत लगती हूँ। मैं जिधर से भी निकलती हूँ जवान तो जवान बुड्ढों के भी लण्ड अग्नि मिसाइल की तरह खड़े हो जाते है। हर आदमी बस मुझसे एक बार कसके चोद लेना चाहता है।
हाँ तो दोस्तों ,इसकी सुरुवात ऐसै होती है। मैं जब 16 साल की कली हुई तो मेरी सहेलियां अपने आशिक़ो से खूब चुदवाती थी। और अपनी दास्तान मुझे सुनाती थी। मैं शर्मा जाती थी और दिखावा करती थी की मैं उनकी कोई बात नही सुन रही हूँ और ना ही मुझसे मजा आ रहा है। जबकि हकीकत ये थी की मैं कान लगाकर उनकी बात सुनती थी। मेरा भी मन करता था कि काश मेरा भी कोई आशिक़ होता और मुझे सलवार फाड़ के मेरी चूत फाड़ के रख देता।
असल में मैं एक अच्छे परिवार से belong करती थी। मेरे पप्पा डॉक्टर थे और मम्मी इनकम टैक्स ऑफिसर थी। मैं कभी बसों, या टेम्पो में नही चलती थी। हमेशा एक ड्राइवर मुझसे कहीं में ले जाता था। इसलिये मुझसे कभी किसी लड़के से बात करने का मौका नही मिला। पर धीरे धीरे मैं जैसे जैसे 17, 18, 19 साल पार करती गयी, मैं कली से खिला हुआ फूल बनने लगी। मैं दिन पर दिन जैसे ही रात होती मैं इंटेरनेट अपने लैपटॉप पर खोल लेती और ब्लू फिल्म देखने लगती।
उस समय फेसबुक नही सुरु हुआ था। हाँ ऑरकुट शूरु हो गया था। पर दोस्तों, मैं रात में सिर्फ लंबे लंबे मोटे मोटे लण्ड के बारे में ही सोचती रहती। और ब्लू फिल्म सारि सारी रात देखती। जब मेरी मम्मी चेक करने आती तो मैं जल्दी से किताब उठा लेती। मेरी मम्मी समझती की लड़की बड़ी पढ़ाकू है और रात के 11 12 बजे भी पढ़ रही है। पर मम्मी नही जानती थी की उनकी लड़की अब जवान हो गयी है। वो लंबे लंबे रास से भरे लण्ड के बारे में जान गई है।
उनकी बेटी चूत चुदाई के बारे में सब जान गई है।
रूपा! मुझसे भी चुदना है! अपने दोस्त से मुझसे चुदवा दो। मैं तुमको पिज़्ज़ा खिलाऊंगी मैं अपनी दोस्त रूपा से कहा। हम साथ में ग्रेजुएशन कर रहे थे।
ठीक है मैं अपने बॉयफ्रेंड शिवाय से बात करुँगी रूपा बोली
मैं बेसब्री से चूदने का इंतजार करने लगी।
शानिवार रात को रूपा के बॉयफ्रेंड ने अपने गुडगाँव वाले फार्महाउस में पार्टी दी। पार्टी में बेयर, व्हिस्की, रम, ग्रिल्ड चिकन, और बर्बेक़यु था। रूपा के कहे अनुसार मैं शॉर्ट स्कर्ट में गयी। मेरी टांगे झांघे ठक् दिख रही थी। पार्टी के वक्त ही शिवाय ने रुपा को आँख मारी। रूपा ऊपर कमरे में चली गयी। मैं जान गयी की अब वो चुदेगी। करीब 1 घण्टे बाद रूपा लौटी उसकी लिपस्टिक, काजल बिखरा हुआ था।
अरे रूपा? इतनी देर कहाँ लग गयी मैं पूछा
3 राउंड के खेल कर आई हूँ! रूपा ने बताया।
मेरा खून एकदम से जल गया। अब 3 राउंड के बाद शिवाय मुझे क्या चोदेंगे। अब तो वो चादर तान कर ac चला कर सोयेगा। रूपा ने मुझे कमरे में ऊपर भेजा। पर देखा तो शिवाय से व्हिस्की के 2 पेग लगाकर वो बेड पर पसर गया था, वो भी बिलकुल नंगा। दोस्तों, इस तरह मेरी चूदने की इक्षा ना पूरी हो सकी।
कुछ दिनों बात श्लोक जो मेरी क्लास में है , थोड़ा काला कलूटा सा है मुझे लाइन देने लगा। मैं उससे पट गयी। मैं श्लोक को डेट करने लगी। वो मुझे अपनी करिश्मा बाइक पर बैठाता। हम दोनों, मॉल,जाते, मल्टीप्लेक्स में पिक्चर देखते। कभी कभी हम डिस्को भी जाते। पता नही क्यों मैं कुछ ज्यादा ही वाइल्ड हो गयी।
यार श्लोक, तू बस मुझे बस घुमाएगा ही या कुछ करेगा भी?? मैंने श्लोक से पूछा
उस दिन श्लोक अपने पापा की होंडा सिटी लेकर आया था। क्या मस्त गाडी थी। बिलकुल हवाई जहाज की तरह चलती थी। ac बड़ी मस्त थी। गर्मी में सर्दी और सर्दी में गर्मी। पार्टी करते 1 बज गए थे। हम बार से निकले ही थे। कार में श्लोक ने मुझसे पकड़ लिया।
इशिता, तो भी कार में ही दे दे! श्लोक बोला
अबे चूतिये, इसमें पूछना क्या, चल चोद मुझे, मैं तो कब से इंतजार कर रही हूँ! मैंने व्हिस्की के नशे में कहा
श्लोक ने मुझसे पकड़ लिया और ताबड़ तोड़ मेरे जवाँ जिस्म पर किस्सेस की बरसात कर दी। उसने एक अँधेरे वाली जगह पार्क की थी। हम एक मॉल की अंदर ग्राउंड पार्किंग में थे। श्लोक से अपनी हौंडा सिटी की सीट पीछे कर दी थी। मैं आराम से लेट गयी थी और अपनी सील तुड़वाना चाहती थी।
श्लोक ने मेरी शार्ट स्कर्ट ऊपर कर दी और मेरी चिकनी टांगों को चूमने लगा। धीरे 2 वो ऊपर बढ़ने लगा। फिर वो मेरी मांसल झंघों पर पंहुचा और किश करने लगा। आँख उसने मेरी डिजायनर पैंटी ढूंढ ली और मेरी चूत को चड्ढी के ऊपर से ही चूमने लगा। मैं गरम होने लगी। श्लोक ने मेरा टॉप जिसमे ब्रिटनी स्पीयर्स बनी थी निकाल दिया। आज तक मैं सिर्फ अपनी मम्मी के सामने नंगी हुई थी, पर आज दूसरी बार श्लोक के सामने नंगी हो रही है।
बिना नंगी हुए आखिर मैं कैसे चुदवा सकती थी। श्लोक मेरी ब्रा निकलने लगा। मैंने विरोध नही किया। फिर उसने खुद को नंगा किया और मेरी डिजायनर पैंटी भी निकाल दी। श्लोक ने कार को लॉक कर लिया जिसने कोई अंदर ना आ पाए। उसने सारी लाइट्स बन्द कर दी। मैंने अपने नाजुक पतले पतले हाथ अपने सिर के नीचे रख दिए। श्लोक मेरे बूब्स पिने लगा। वो बड़ी लग्न ने मेरी निप्पल्स पी रहा था। बिच बीच में वो कभी कभी मेरे काले निपल्स को काट भी लेता था। मैं चिहुँक उठती थी।
फिर श्लोक मेरी पुसी की ओर बड़ा। मेरी पुसी किसी भट्टी की तरह गर्म थी। श्लोक मेरी पुसी चाटने लगा। वो अपनी जीभ को गोल गोल घुमाकर मेरी चूत चाट रहा था। मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रही थी। वाकई दोस्तों, चूत चतवाने में बहुत आनंद मिलता है। आज मैंने जाना। जब चूत चतवाने में इतना मजा मिलता है तो चुदवाने में कितना मजा मिलेगा।
मेरा क्लासमेट श्लोक मेरी चूत को ऊपर से नीचे उसकी मुलायम तहो में चाटने लगा। लगा मै कहीं झड़ ना जाऊ। श्लोक ने फिर अपना फोन निकाला। अपनी ऊँगली से मेरी चूत को फैलाया और मेरी गुलाबी कुंवारी झिल्ली की फोटो खींची। मैं कोई विरोध् नही किया। उसने मेरे पैर कार के बोनट पर रख दिए। उसने मेरी चूत पर एक दो बार ऊपर से नीचे तक ऊँगली फिराई फिर अपने बड़े से लण्ड को एक दो बार मुठ मारके ताव दिया।
मेरी धड़कन बढ़ गयी। हाय! अब मैं भी चूदने वाली थी। आज मैं भी अपनी फ्रेंड्स की तरह लण्ड खा जाऊंगी। मेरी धड़कन बढ़ गयी। इस बात का डर भी था कज कहीं सिक्योरिटी गार्ड ना आ जाए और हम लोगो को रंगे हाथ पकड़ ले। श्लोक ने अपने फ़ोन की रिकॉर्डिंग खोल दी और एक जगह सेट कर दिया।
श्लोक जरा धीरे करना भाई! कम दर्द हो! मैंने कहा
ओए इशिता! मुझे भाई मत बोल। मुझे बहनचोद नही बनना है। और रही बात दर्द की सब लौंडियों को पहली बार होता है! श्लोक बोला
मैंने अपनी आँखे बंद कर ली। मैं अपने पापा की बहाःदुर बेटी बन गयी। श्लोक ने अपनी अग्नि मिसाइल मेरे लॉन्चिंग पैड यानि मेरी चूत पर रखी और ये जोर का दम लगाया। बाप रे!! मेरी तो माँ चुद गयी। लगा की किसी ने मुझे चाकू मार दिया हो। मैं छटपटाने लगी। श्लोक ने मेरे दोनों पतले चिकने पैर कस के पकड़ लिए और लण्ड को ऊपर लाया और फिर से पेल दिया मेरी कुंवारी चूत की गहराई में। उसका लण्ड लाल लाल हो गया। जैसे उसने अपने मोटे लण्ड को लाल स्याही की शीशी में डूबा दिया हो।
मैंने डरकर आँखे नही खोली। मैं दर्द बर्दास्त कर गयी। मैं अपने पापा की बहादुर बेटी थी। श्लोक मेरी लाल स्याही की शीशी में डुबकी लगाता रहा। आधे घण्टे बाद दर्द कम हो गया।
इशिता डार्लिंग! ओपन योर आईज! श्लोक श्लोक
मैंने आँखे खोली। बस बेबी नॉव टेक थे प्लेजर ऑफ़ फकिंग!! श्लोक बोला।
वो मुझे झटके मार मार के चोदने लगा। सारी कार हिलने लगी और जंपिंग जंपिंग करने लगी। श्लोक ने मुझे कस के पकड़ लिया और रगड़ के चोदने लगा। कार डांस करने लगी।
और फिर दोस्तों, मुझे चूदने में जो मजा आया की बता नही सकती। ओह!! मुझे चर्म सुख मिल गया। ऊऊऊऊ आहहा हा आ! जोररर से ! और तेजज्ज और क्स्स्स के मैं श्लोक ने रिक्वेस्ट करने लगी। श्लोक मुझे रगड़ के चोदने लगा। मैंने अपनी तांग पूरी खोल दी जिससे वो मेरी चूत फाड़ के रख दे। श्लोक के धक्कों को गिनना नामुमकिन था। बस कार में पट पट चट चट की आवाज ही गूंज रही थी। हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे। मेरी गर्म चुदती हुई कुंवारी चूत की महक पूरी कार में फ़ैल गई थी।
श्लोक ने उस रात मुझसे ढाई घण्टे चोदा था। मैं कहीं प्रेग्नेंट ना हो जाऊ उसने लण्ड निकाल लिया था और मेरे मुँह पर छोड़ दिया था। उसके गरमा गरम वीर्य को मैंने पूरा का पूरा चाट लिया था। फिर हमने कपड़े पहने। अब मैं श्लोक से ज्यादातर मॉल्स की कार पार्किंग में पेलवाती थी।
ई वांट टू डु गैंग बैंग!! एक दिन यूँ ही मजाक मजाक में मैंने उसे व्हाट्स अप कर दिया। श्लोक समझा की मैं सीरियस हूँ। उसने शिवाय, रूद्र, अंशुमान, और विक्रम से बात करली। मुझसे उन चारो की प्रोफाइल भी भेज दी। सारे लड़के खूब हट्टे कट्टे थे। मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं एक साथ 5 5 लण्ड लुंगी कितना मजा आएगा। मेरे पहले गैंग बैंग की प्लानिंग होनी लगी। शिवाय ने प्लानिंग की की उसके फार्महाउस पर ही मेरा गैंग बैंग होना चाहिए।
आखिर वो दिन आ गया। संडे की सुबह सभी दोस्त अपनी अपनी कार लेकर आ गए। मैं अपनी स्विफ्ट डिजायर लेकर पहुँची। शिवाय बेयर की 5 कार्ट ले आया। इसमें 60 बोतले बिअर की थी। विक्रम थोड़ा कोकीन ले आया जिससे और मजा आये। श्लोक, अंशुमान भी चिचेन सैंडविच ले आये। रूद्र कंडोम के कई पैकेट्स, और सेल्डेनफिल की गोलियां ले आया, जिससे मुझे वो सब बार बार रगड़ रगड़ के चोद सके।
दोस्तों, मुझसे थोड़ी शरम आ रही थी, बस ये जल्द ही दूर हो गयी। क्योंकि ये पांचों लड़के मेरे क्लासमेट थे। सब मेरे साथ ही पढ़ते थे।
इशिता!! शो अप बेबी!! शिवाय बोला।
मैंने अपने सारे कपड़े उतार फेके। श्लोक से पहली चुदाई के बाद मैं खुल गयी थी। शिवाय मेरे पास आया और मेरे तने हुए बूब्स को पिने लगा। उधर विक्रम, श्लोक, अंशुमान, रूद्र ने अपने कपड़े उतार दिए। पांचो के जवान मोटे मोटे लण्ड लहराने लगे जैसे सर्दियों में खेतों में सरसों लहराने लगती है।
रूद्र, विक्रम, और शिवाय जिम जाते थे। जिनके 6 पैक थे। इसलिए इनके लण्ड जादा बड़े, पुस्ट व हट्टे कट्टे थे। शिवाय और रूद्र मेरे एक एक बूब्स पिने लगी जबकि बाकी बिअर गटकने लगे। शिवाय ने एक बोतल मुझे भी पिला दी। मैं भी नशे में हो गयी।
ऐ गाँडुओं! जिसका लण्ड सबसे बड़ा और लम्बा हो वही मुझे फक करेगा!! मैंने कह दिया।
पांचो लड़के सीटी मरने लगे की मैं खुलकर चुदवा रही हूँ।
विक्रम ही सबसे पावरफुल लगता था। उनका कॉक भी 12इंच का था। उसने मुझसे सोफे पर बैठा दिया और मेरी गाण्ड के पीछे से आकर कुत्तों की तरह मेरी चूत चाटने लगा। उफ़्फ़!! जितनी जल्दी जल्दी वो जीभ दौड़ा रहा था, मुझसे चर्म सुख मिल रहा था।
बेबी, हु टूक यूर वर्जिनिटी?? विक्रम ने पूछा।
ई डिड! श्लोक ने हाथ खड़ा किया।
ऐसा कड़क मॉल नही देखा! सिर्फ एक बार की चुदी लौण्डिया हमे गैंग बैंग ले लिए मिल गयी!! वी पीपल आर लकी!! विक्रम बोला।
वो जल्दी जल्दी मेरी चूत चाटने लगे। उसने मुझसे लेटाया नही था। बल्कि सोफे के हत्थे का सहारा देकर बैठा दिया था। विक्रम ने अपने हाथ में ढेर सारा थूक लिया, अपने लौड़े पर मला और पेल दिया मेरी गुलाबी पुसी में। और मुझे चोदने लगा। मैं मजे से चूदने लगी। तब तक शिवाय आया और उसने मेरे मुँह में अपना लण्ड दे दिया। मैं आँखे बंद किये चूसने लगी। फिर रूद्र को विक्रम से जलन होने लगी। वो मेरे नीचे बैठकर मेरे बूब्स पिने लगा। अंशुमान का लौड़ा भी ईर्ष्या महसूस करने लगा। वो मेरे पास आकर मेरे पीठ और मेरे गोल गोल चुत्तड़ सहलाने लगे।
एक साथ 4 5 लड़कों के स्पर्श से मदहोश होने लगी। उफ्फ्फ!! दोस्तों मैं जन्नत में थी। आप भी कभी गैंग बैंग करके देख्ना। मजा आजाएगा। मैं खुद को रानी मधुमक्खी जैसी महसूस कर रही थी। ये पांचो लड़के मेरे सर्वेन्ट थे। विक्रम मुझे गाचागच चोदने लगा। उधर शिवाय मेरा मुँह चोदने लगा। रूद्र मेरे बूब्स पी पीकर मुझे अतिरिक्त उत्तेजना दे रहा था। रूद्र मुझसे मेरी नंगी पीठ पर कन्धों से मेरे चुत्तड़ो तक बड़े प्यार से सहला रहा था। ये चुदाई की कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है।
फ्रेंड्स, ई कैन नॉट एक्सप्लेन , ई वास् इन हेवन!! आधे घण्टे तक मुझे चोदने के बाद विक्रम हट गया। अब शिवाय मुझे चोदने लगा, श्लोक आकर मेरे मुंह को चोदने लगा। फिर 40 मिनट बाद शिवाय झड़ गया। अब रूद्र मेरी गुलाबी चूत पीछे से मारने लगा मुझे बैठाकर अब अंसुमान मेरे मुँह को चोदने लगा। फिर अंशुमान और श्लोक ने भी बारी बारी मुझे चोदा और मेरी गुलाबी पुसी को फाड़ के रख दिया।
फिर हम सबसे थोड़ा रेस्ट किया। हमने चिकन खाया व्हिस्की पि। थोड़ी कोकीन भी खींची। सबने मुझे बिना कंडोम के चोदा। फिर सबने सिल्डेनाफिल की गोलियां खायी। सबका लण्ड जो मुझे चोद चोद कर सुख गया था, फिर से जाग गया। इस बार रूद्र मुझे सबसे पहले चोदने खाने लगा। फिर अंशुमान ने, फिर श्लोक ने, फिर शिवाय और विक्रम ने। उन संडे को मैं पूरा दिन खुलकर चुदी।
मैंने पांचो के लण्ड भी खूब चूसे। सच में दोस्तों लण्ड चूसने में भी कम मजा नही मिलता है। मैं सिर हिला हिलाकर अपने मुंह में गले तक लँडों को चूस रही थी। उसके सीमेन को निगल जाती थी। मैंने बिलकुल उसी तरह अपना गैंग बैंग किया था, जैसा मैं ब्लू फिल्म्स में छुप छुपकर देखा करती थी। मेरे गैंग बैंग में मेरे रिसोर्सेस का पूरा यूज़ हुआ। पांचो फ्रेंड्स ने मेरे बूब्स जी भरकर पिए, और मेरी गुलाबी पुसी को खूब बजाया।
आई वास् द हैप्पीएस्ट गर्ल ऑन अर्थ!! हैप्पी गैंग बैग!!
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Choot dedo Hame bhi
very nice story