उल्टी गंगा बहाई
अभी मेरी उमर २७ साल की है. यह बात उस समय की है जब मैं २२ साल की थी और एम् एस सी प्रेविओस में पढ़ रही थी. बी एस सी करने के बाद मैं अपने चाचा के यहाँ जयपुर एम् एस सी करने गयी . मैं वहां जाना भी चाहती थी क्योंकि वहां पर उनका लड़का रोहित भी था , जो मेरा हीरो है . अब मैं जयपुर में जो कुछ हुआ वो बताती हूँ .
जयपुर में चाचा के यहाँ पहुचने पर सबसे पहले मैंने रोहित के बारे में पूछा . उसके पापा ने बताया कि वो अभी कॉलेज गया हुआ है . मैं उसकी राह देखने लगी . रोहित फ़र्स्ट ईयर में पढता था. रोहित शाम को ही घर आया। उसके आने पर खूब बातें हुई। वो जिम जाया करता था। उसका तन तराशा हुआ था। ६ फ़ीट हाईट थी। ज्यादातर वो जीन्स पहनता था। जब उसने मुझे देखा तो वो चौंक गया। अब मैं बड़ी हो गयी थी- एक खूबसूरत और भरपूर जवान लड़की…मैने नोट किया कि वो छुप छुप कर मुझे और मेरी फ़ीगर को निहारता रहता था।
मैंने उसकी और भी ऐसी बातों पर नज़र रखनी शुरू कर दी। जल्दी ही मुझे पता लग गया कि वो मेरे में इन्टरेस्ट ले रहा है।. अब मैं जान भूझ कर उसके सामने ढीला टोप पहनने लग गयी और मौका मिलते ही उसके सामने इस तरह झुक जाती कि उसे मेरे बूब्स नज़र आ जायें। वो मेरी गान्ड को भी घूरता रहता था। उसकी नज़रें एक बार मेरे चूतड़ों पर टिक जाती तो वहीं चिपक जाती थी। पायजामे में से मेरे गोल गोल चूतड़ उसको उत्तेजित करने के लिये बहुत थे।
एक बार रात को करीब ११ बजे मैं बरामदे में खड़ी थी कि रोहित के कमरे में से कुछ खटपट सुनाई दी। दरवाजे के एक छेद में से अन्दर देखा तो मेरे शरीर में चींटियां सी रेन्गने लग गयी। वो सोफ़े पर बैठा ब्ल्यु फ़िल्म देख रहा था और उसका पायजामा उतरा हुआ था। उसका लन्ड तना हुआ था। उस समय टी वी पर चुदाई का सीन चल रहा था। वो अपने लन्ड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करके सहला रहा था।
उसका मोटा लन्ड देख कर मेरे सारे शरीर में सनसनी फ़ैल गयी। मेरी सांसे तेज़ होने लगी। मैंने देखा कि अब वो तेज़ी से मुठ मारने लगा था। उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। उसने टी वी बंद कर दिया और जोर जोर से लन्ड पर हाथ चलाने लगा। उसके मुंह से अब आह आऽऽऽ ह्म्म आ आए जैसी सीत्कारें निकलने लगी। इतने में उसके लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी। उसके लन्ड से वीर्य झटके मार मार कर निकल रहा था। मैं हांफ़ते गुए अपने कमरे में आ गयी। मैंने कभी चुदाया नहीं था इसलिए मेरी उत्तेजना ज्यादा बढ गयी थी। हमेशा की तरह मैं अपनी उंगली से अपनी गीली चूत को शान्त करने लगी। रात भर मुझे नींद भी ठीक से नही आई।
अब मेरे मन की प्यास और बढ गयी थी। मुझे लगने लगा कि उधर भी आग लगी है। अब मैं मौका ढूंढने लगी कि रोहित को कैसे पटाया जाए।
मैं सोच ही रही थी कि रोहित मेरे कमरे में आ गयाऔर बोला- किस सोच में हो?
मैं जानकर थोड़ा झुक कर अपने स्तन दिखाते हुए बोली- बस कुछ ऐसा वैसा ही… सोच रही हूं।
उसे मेरे बूब्स नज़र आने लगे थे। वो मेरे बूब्स को घूरने लगा। मुझे सनसनी होने लगी। वो मेरे बूब्स पर नज़र गड़ाते हुए बाल्कोनी के पास दरवाजे पर खड़ा हो गया। मेरे बूब्स देख कर उसके पायज़ामे में लन्ड भी धीरे धीरे खड़ा होने लगा था जो दूर से ही पता चल रहा था। मैंने सीधे खड़े हो कर उसके लन्ड को घूरा। वो थोड़ा सा शरमा गया।
मैंने मौका देखा और बाल्कोनी के दरवाजे पर गयी और अपने सीधे हाथ से उसके लन्ड को रगड़ मार के निकलने लगी। उसके लन्ड का स्पर्श पा कर मुझे झुरझुरी आ गयी। मैं बाल्कोनी में आ कर खड़ी हो गयी। मेरे पीछे रोहित भी आ कर खड़ा हो गया। उसने अपने लन्ड को धीरे से मेरी गान्ड पर लगा दिया, जैसे कि अनजाने में हुआ है। मैं भी चुपचाप खड़ी रही और रह देख रही थी कि वो आगे कुछ और बढे। उसने कुछ देर बाद अपने लन्ड का दबाव बढा दिया। उसने अन्दर चड्डी नहीं पहन रखी थी।
उसका लन्ड मुझे ऐसे महसूस होने लगा कि जैसे पायजामे से बाहर हो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था।मैंने रोहित को और पास चिपकाने के इरादे से कहा- देखो रोहित ! नीचे शायद न्यूज़पेपर पड़ा है। उसने भी मौके का फ़ायदा उठाया और अपने लन्ड को मेरे चूतड़ों की दरार में दबा कर आगे झुका और कहा- हां न्यूज़पेपर ही है।
उसके लन्ड के सीधे चूतड़ों पर दबाव से मेरे मुंह से आह निकल गयी। पर मैं कुछ बोली नहीं। मन कह रहा था कि रोहित आगे बढो। मैंने जब इस पर भी कोई ऐतराज नहीं किया तो रोहित समझ गया कि रास्ता साफ़ है। उसने अपना हाथ धीरे से मेरी कमर पर रख दिया और धीरे धीरे मेरे बूब्स की तरफ़ बढने लगा। मुझे लगा कि अब मैं मन्ज़िल के पास हूं। अभी कुछ बोल दिया तो मामला यहीं रुक जायेगा। मैंने उसकी हिम्मत बढाई और बाहों को थोड़ा ऊपर उठा कर उसके हाथ को बूब तक पहुंचने दिया। उसने मेरी चुप्पी को हां समझ लिया था। उसने सीधे मेरे बूब्स पर हाथ रख दिये और होले से दबा दिए।
मैं चिहुंक उठी…क्या कर रहे हो……॥?
उसने कुछ नहीं कहा और मेरे बूब्स धीरे धीरे सहलाने लगा। उसने अपने दोनो हाथों से मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।
मैंने उससे कहा- हटो!
रोहित थोड़ा दूर हट गया।
मैं कमरे में आ गयी। रोहित भी कमरे में आ गया और सिर झुका कर बोला- सोरी! माधवी…!
मैंने उसके होठों पर उंगली रख दी और कहा- चुप हो जाओ ! बाहर कोई देख लेता तो?
मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये। वह मेरे होंठ चूसने लगा। उत्तर में मैंने भी उसके होठों को खोल कर जीभ उसके मुंह में डाल दी। उसका लन्ड पायजामे में से बार बार मेरी चूत को ठोकर मार रहा था।
उस समय मैंने रोहित को पीछे धकेल दिया। वो घबरा गया कि क्या हो गया… बाहर से रोहित के पापा बोल रहे थे- हम दोनो जा रहे हैं, घर ठीक से बंद कर लो।
मैं जल्दी से बाहर गयी। रहुल के मम्मी पापा कर में बैठ चुके थे। उन्होंने मुझे हाथ हिला कर टाटा किया और चले गये।
अब मैं कमरे में वापिस गयी। रोहित अपने पायजामे का नाड़ा ढीला करके लेटा था। मैं तुरन्त अपना पायजामा उतार कर एक पल में बिस्तर पर कूद पड़ी और उसका पायजामा नीचे खींच दिया।
उसका लन्ड फ़ुफ़कार कर निकल आया। मैंने उसे प्यार से दबाया। मेरी यह तेज़ी देख कर उसने भी मेरे दोनो बूब्स पकड़ कर भींच दिये। अमिं कराह उठी। रोहित मेरी चूचियां गोल गोल घुमा कर दबाने लगा। मैं मदहोश होती जा रही थी। मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी और फ़ड़फ़ड़ाने लगी थी। अब चूत लन्ड मांग रही थी। लन्द के बिना नहीं रहा जा रहा था। मैंने उसका टन्नाया हुआ लन्ड हाथ में पकड़ा और सीधा किया… और उस पर बैठ गयी। मुझे इस तरह चुदवाना बहुत पसन्द है।
रोहित का लन्ड सरसराता हुआ चूत में घुस गया। फ़िर मैंने चूत को थोड़ा ऊपर किया, फ़िर जोर लगा कर एक झटके में लन्ड जड़ तक पहुंचा लिया। मेरे मुंह से आनन्द भरी चीख निकल गयी।
अब मैं लगी ऊपर से जोर जोर से धक्के मारने। रोहित भी आनन्द के मारे सिसकारियां भर रहा था……।स्स सी माधवी लगा और जोर्……और जोर से माधवी……। वो अपनी कमार उछाल उछाल कर नीचे से धक्के मार रहा था। मैं तो आनन्द से पागल हुई जा रही थी। मैं भी उसे उत्तर दे रही थी-ये लो राहुल्… लो मेरे राजा मेरी पूरी चूत ले लो… हय क्या लन्ड है… मेरी चूत तो फ़ाड़ ही डाली इसने। इतने में ही रोहित नीचे से चीख उठा- माधवी … माधवी… मैं मर गया… मेरा तो निकला… निकला गयाऽऽऽ। और मेरे से लिपट गया। उसने मुझे अपने ऊपर ही छाती पर लिटा लिया। मुझे जोए से अपनी बाहों में कस लिया। उसने जोर लगा कर अपना पूरा का पूरा लन्ड मेरी चूत में दबा दिया। अब मेरी चूत में उसका लन्ड ग़ड़ा हुआ था। तभी मेरी चूत में से उसका गरम गरम पानी निकलने लगा। उसके लन्ड का पानी चूत के अन्दर अलग ही सुकून भरा मज़ा दे रहा था। मैंने भी रोहित का साथ देतेहुए उसे दबा लिया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिये। मेरा पानी अभी नहीं निकला था।
उसने मुझे बिस्तर पर साईड में लिटा लिया। मैंने उसकी कमर पर अपनी टांग रख ली। मैंने उसे बताया- रोहित! मैंने तुम्हे रात को मुठ मारते देखा था। टी वी पर ब्ल्यु फ़िल्म चल रही थी। मैं तो बस तड़फ़ गयी थी… ऐसा मोटा लन्ड देख कर्…।
मुझे पता है…मैने जान बूझ ऐसा किया था। पर मुझे पता नहीं था कि तुम इतनी जल्दी पट जाओगी।
अरे नहीं… मौका तो मैं भी ढूंढ रही थी…मैंने तो दरवाजे के छेद से देखा था…तो सोचा कि अन्दर घुस जाऊं …पर तुम्हे नंगा देख कर डर गयी . सब कुछ तो साफ़ दिख रहा था
“हाँ …. इसीलिये मैंने ऐसा पोज बनाया था कि उसे तुम देखो .. और गरम हो जाओ …पर तुम तो अपने कमरे में चली गयी थी .”
मैंने कहा – “धत्त …. मुझे तो उंगली से चूत शांत करनी पड़ी ..मुझे लग रहा था कि काश तुम आकर मुझे चोद जाते ..”
रोहित ने कहा – “देखो चोद तो दिया और मैं तो अभी जोर से झड़ भी गया ……”
मैंने पूछा – रोहित तुम्हारे पास वो ब्लू सीडी है न …मुझे भी दिखा दो …मैंने ब्लू फ़िल्म कभी नही देखी है ..”
उसने कहा – “क्यो नहीं, चलो मेरे रूम में चलते है … रोहित मुझे अपने कमरे में ले गया .
हम दोनों ने पजामा पहन लिया और रोहित के रूम में चले आए .
रोहित दो गिलास कोल्ड ड्रिंक बना कर ले आया . मैं कोल्ड ड्रिंक पीने लगी और रोहित सी डी लेकर प्लेयर में लगाने लगा . कुछ ही देर में फ़िल्म चालू हो गयी . हम दोनों ही चुपचाप सोफा में बैठ कर फ़िल्म देख रहे थे . मैं पहली बार ब्लू फ़िल्म देख रही थी और मैं अभी तक गरम ही थी , इसलिए वो फ़िल्म मेरे बदन में सनसनी पैदा करने लगी
रोहित सोफे पर लेट गया था और एक करवट पर हो कर फ़िल्म देख रहा था . मैंने धीरे से उसके चूतडों पर हाथ रखा और उन्हें सहलाने लगी. कभी कभी दरारों के अन्दर भी ऊँगली घुसा देती थी . वो स्पर्श से गरम होने लगा था . उसका लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था. मैंने उसके एलास्टिक वाले पजामे को नीचे खींच दिया . उसकी गोल गोल गांड सामने आ गयी . उसने भी अपनी टांगे इस तरह कर ली कि उसकी गांड का छेद नज़र आने लगा . मैंने छेद पर थोड़ा सा थूक लगाया और अपनी उंगली घुसा दी . रोहित को और मज़ा आने लगा था
उसने आह भरी …बोला -“आह. ..आह … मज़ा …आ रहा है …”. मैं उंगली अन्दर डाल कर गोल गोल घुमाने लगी और अन्दर बाहर करने लगी
रोहित ने कहा – “मुझे गांड मराना बहुत अच्छा लगता है , मेरी गांड मारोगी …माधवी ?.”
“वो कैसे होगा ..”
“रुको … ” वोह उठ कर अलमारी से रबड़ का लंड ले कर आया . और कहा -“इस लंड से मेरी गांड चोदो ”
मैंने तुंरत ही अपने मांग रख दी -“ये तो मेरे लिए है …मैं लूंगी इसे .”
“ठीक है .ले लेना …. अभी तो मेरी गांड मारो …”
रोहित घोडी बन गया . मैंने उसकी गांड में बहुत सारा थूक लगाया . और गांड के छेद पर लंड रख दिया . वो बोला – “जल्दी घुसेड दो ना …” मैंने उसकी गांड में लंड को घुमाते हुए घुसा दिया
वो चिहुक उठा … “हां …और गुसो …अन्दर तक घुसो …” मैंने लंड को उसकी गांड में पुरा घुसा दिया और फिर अन्दर बाहर करने लगी . उसे मज़ा आ रहा था . मैं उसकी गांड पर थूक टपकाते जाती और करती जाती। उसका लंड उत्तेजना में टन्ना कर लाल हो रहा था . मैंने नीचे हाथ डाल कर उसका तन्नाया हुआ लंड पकड़ लिया . ऐसा लगा कि टन्ना कर फट जाने वाला है . उसका लंड मैंने हाथ में पकड़ कर मुठ मारना चालू कर दिया . रोहित कराह उठा . उस से रहा नहीं गया तो उठ बैठा .
“बस अब नहीं …” हांफता हुआ बोला . मैंने लंड उठा कर पास में रख दिया . मेरे पीछे ही रोहित उठा और मेरी कमर पकड़ ली . मेरा पजामा नीचे खींच दिया . और लंड को चूतड़ों के बीच घुसाने लगा . उसका लंड मेरी गांड कि फाकों को चीरता हुआ छेद पर जा लगा . मै समझ गयी कि मेरी गांड अब चुदने ही वाली है . मैं नशे में अपने आप ही झुकने लगी … घोडी जैसी नीचे झुकने लगी . उसके लंड ने एक ठोकर मेरे गांड के छेद में मारी …मैं पुरी झुक कर घोडी बन गयी . उसने अपना थूक छेद पर लगाया और लंड की सुपारी अन्दर घुसेड दी …मुझे बहुत अच्छा लगा . मेरे मुह से निकल पड़ा ….”हाय रे … घुसा दे ……पुरा घुसा दे …”
उसने लंड थोड़ा सा बाहर खींचा और जोर से धक्का लगा कर पूरा घुसेड दिया.
मैं चीख उठी ,”मर गयी रे …मर गयी … फट जायेगी …” पर उसने बिना सुने धक्के बढा दिए और तेजी से करने लगा . मुझे अब दर्द होने लगा था . उसके धक्के बढ़ते जा रहे थे . मुझे अच्छा लग रहा पर दर्द भी हो रहा था . मैंने मुड़ कर रोने जैसी सूरत बना कर रोहित को देखा … उसने तुंरत ही लंड निकल लिया . मुझे उठाकर उसने बिस्तर पर पटक दिया और
मेरे ऊपर चढ़ गया .
मैंने चूत पर नीचे हल्का सा दबाव महसूस किया और इतने में लंड फच से चूत के अन्दर घुस गया .
उसके धक्के धीरे धीरे तेजी पकड़ने लगे. मैं नीचे दबी हुयी आनंद के सागर में डूबने लगी. नीचे से चूत उछाल उछाल कर मैं भी धक्के लगाने लगी …… साथ में मेरे मुंह से आनंद भरी आवाजे निकलने लगी ….हाय ..हाय मेरे रजा …चोद दो …हाय …जोर से छोड़ो ना …आज तो फाड़ दो मेरी चूत को … लगा ..हाँ लगा …जोर से …आह …आह …हाय रे …ऊओईईए …सीईई …सीई … मर गयी …”
दोनों तरफ़ से जोर जोर से सिसकरिया निकल रही थी …की … मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ . “हाय …हायरे …रोहित मै गई …हाय निकलने वाली हूँ …ऊओईई …”और मेरी चूत पानी छोड़ने लगी … मैं रोहित से बुरी तरह से लिपट गयी . दोनों बाँहों से उसे कस लिया . मैंने अपनी चूत सिकोड़ ली और कस ली … उसके मुह से भी जोर की सिसकारी निकल गयी . चूत के दबा लेने से वो सिसक उठा -“माधवी मैं गया …ओह्ह्ह्ह …निकला …”
मैंने तुंरत ही उसका लंड बाहर निकला . और मुठ मरने लगी … उसके लंड ने जोर से पिचकारी निकल दी , जो सीधे मेरे बूब्स पर गिरी . उसका लंड में से लावा झटके मार मार कर निकलने लगा। रोहित शान्त हो कर बिस्तर पर बैठ गया।मैं उठी और तौलिया ले कर अपने बूब्स साफ़ किये। मैं बहुत थक गयी थी। रोहित ने पायजामा पहना और बिस्तर पर गिर गया। उसकी आंखें धीरे धीरे बंद होने लगी थी। मैं बाथरूम में जाकर नहाने लग गयी। जब तक मैं नहा कर बाहर आयी, रोहित सो चुका था…मैंने उसे चादर औढा दी।
पाठको ! मैंने कहानी पहली बार लिखी है। आपको यह कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखें। इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा
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