ऐसी चुदासी बहना हर किसी को मिले
दोस्तों में लखीमपुर का रहने वाला हूँ और मेरी फेमिली में मेरी बहन जिसका नाम ऋचा है.. में और मेरे पापा रहते है। मेरे बड़े भैया जो मुझसे 4 साल बड़े है वो मेरी भाभी के साथ पटना में रहते है। में और मेरी बहन एक ही स्कूल में पढ़ते है। मेरी बहन मुझसे दो साल छोटी है और हम दोनों शहर के एक बहुत बड़े स्कूल में पढ़ते हैं। दोस्तों मेरी बहन अपनी उम्र से थोड़ी ज़्यादा बड़ी दिखती है और उसके बूब्स बड़े बड़े है वो एकदम गोरी चिट्टी सी है और उसका फिगर 26-32-26 है। दोस्तों यह घटना 24 जुलाई 2012 की है।
एक दिन मेरे पापा ऑफिस के लिए सुबह 9 बजे घर से निकल गए और हम दोनों भाई बहन को उस दिन 10 बजे स्कूल के लिए निकलना था और अब हम दोनों घर से तैयार होकर अभी घर से कुछ ही दूर निकले थे कि बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे। मेरी बहन ने सफेद कलर की शर्ट पहनी हुई थी जिसमे से उसकी काली कलर की ब्रा बिल्कुल साफ साफ दिख रही थी लेकिन उसने इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया।
वहां पास में ही एक दुकान थी जहाँ जाकर हम बारिश से बच सकते थे लेकिन वहां पर बहुत भीड़ थी तो मैंने उससे कहा कि हम वापस घर चलते है और हम दोनों वापस घर आ गये और हमने उस दिन स्कूल नहीं जाने का प्लान बनाया। फिर उस दिन की पहली बारिश थी तो खुजली से बचने के लिए हमे नहाना भी बहुत ज़रूरी था। में और मेरी बहन एक ही रूम में रहते है तो ऋचा ने मुझसे कहा कि तुम बाहर वाले बाथरूम में जाओ.. में यहीं पर नहाऊंगी और फिर में बाहर वाले बाथरूम में नहाने चला गया।
तो मेरी बहन ने नहाने के बाद एक गाऊन पहन रखा था और अब वो आराम करने जा रही थी और मैंने टी-शर्ट, पेंट पहन रखी थी। फिर वो बेड पर लेट गई और में भी जाकर उसके पास में लेट गया.. तभी मेरी बहन ऋचा ने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि तूने मुझे दुकान पर क्यों नहीं रुकने दिया?
में : बस ऐसे ही मुझे अच्छा नहीं लग रहा था.. तुम्हारे अंडरगार्मेंट दिख रहे थे।
ऋचा : हाँ मुझे सब पता है।
फिर ऋचा ने मेरे पैर पर अपना पैर रखते हुए धीरे से कहा कि आओ मुझे छुओ और फिर मैंने उसे छुआ तो मुझे कुछ महसूस हुआ कि ऋचा ने अंदर ब्रा नहीं पहनी है और वो अपने बूब्स को मेरी छाती पर दबा रही थी।
में : अरे ऋचा क्या तुम ठीक हो?
ऋचा : हाँ में ठीक हूँ और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ भैया।
में : हाँ.. में भी।
फिर कुछ देर ऋचा एकदम से गरम हो गई और मुझे तकिए से मारने लगी.. दोस्तों बचपन में हम भाई, बहन तकिए से लड़ाई और रेसलिंग खेलते थे। तो ऋचा ने कहा कि आओ आज हम खेलते है और फिर हम लोग रेसलिंग करने लगे.. मैंने उसे सीधा करने के लिए पीछे से पकड़ा और उसके बूब्स मेरे हाथों में आ गये।
दोस्तों वैसे यह हर बार खेलते हुए होता होगा लेकिन मैंने उस दिन पहली बार ध्यान दिया कि उसके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और मुझे अच्छा लग रहा था। तो में उसके मुलायम बूब्स पर पकड़ बनाते हुए उसे पलटने की कोशिश करने लगा लेकिन उसने मेरे कान पकड़ लिए में उसके बूब्स को छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए में उसकी कमर पर ही लेट गया और अब तक में भी गरम हो गया था।
मेरा लंड खड़ा हो गया था जो कि उसकी गांड में चुभ रहा था। फिर में उसके बूब्स को धीरे धीरे ढीले करने लगा जैसे कि में उसे पलटने की कोशिश कर रहा हूँ और इसी के साथ मेरा लंड भी टाईट होता जा रहा था। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है l
मेरी बहन धीरे से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाने के बहाने अपने गाऊन को ऊपर सरकाने लगी.. वो बार बार अपने बूब्स से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाती और में बार बार उसके बूब्स को पकड़ लेता। तो ऐसे करते करते गाऊन उसकी छाती से भी ऊपर आ गयी और फिर जब मैंने जैसे ही अगली बार अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा.. तो मैंने महसूस किया कि गाऊन अब तक पूरा ऊपर चला गया थाl
फिर मेरी बहन ने कहा कि पहले जाओ गेट बंद कर दो और कोई गाना चला दो और फिर से दोबारा रेसलिंग शुरू करते है। तो में उठकर गया और गेट बंद करने के बाद एक रोमेंटिक गाना पसंद करके शुरू कर दिया। तब तक मेरी बहन वापस गाऊन पहन चुकी थी और मैंने सोचा कि यह सब जो हुआ है.. उस पर शायद मेरी बहन ने ध्यान नहीं दिया। फिर में उसको सीधा पटककर उसके ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा लेकिन ऋचा इस बार उल्टा पलट गई और मैंने जानबूझ कर उसकी चूत के बीच में अपना लंड फंसा दिया और उसके बूब्स को फिर वैसे ही दबाने लगा जैसे उसे सीधा करने की कोशिश कर रहा हूँ l
अब मेरा लंड बहुत कड़क हो गया था और उसने धीरे से गाऊन को हटा दिया। तो मेरे लंड और उसकी गांड के बीच में सिर्फ़ मेरी पेंट और अंडरवियर और उसकी पेंटी थी और अब उसने सीधा होते हुए अपने गाऊन को ऊपर कर दिया और मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में फंसा लिया। मेरा लंड बहुत टाईट हो गया था। दोस्तों।
ऋचा : तुम अपनी पेंट को उतार दो।
फिर में अपनी पेंट को उतारते हुए बोला अब ठीक है और इसी बीच ऋचा ने अपने पेंटी की डोरी को थोड़ा ढीला कर दिया और पूरी खोलकर लेट गई तो में उसके दोनों पैरों के बीच में जाकर फिक्स हो गया और अब मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था। फिर ऋचा ने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में फंसाते हुए मेरी अंडरवियर को नीचे सरका दिया और अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और में लंड को ऋचा की चूत के ऊपर रगड़ने लगा। तो ऋचा ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और में भी उससे लिपट गया।
वो मेरे कानों पर किस करने लगी और में उसकी गर्दन पर। फिर में उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा। तो ऋचा मेरे पूरे शरीर पर अपने दोनों हाथ घुमाने लगी और बोली कि प्लीज इसको चूसो और फिर में उसके बूब्स को दबाना छोड़कर दोनों बूब्स को चूसने लगा और फिर ऋचा मोन करने लगी। फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये। में उसकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और कुछ देर बाद मुहं में लेकर चूसने लगी।
दोस्तों मैंने ध्यान दिया कि हम दोनों ने कुछ दिन पहले ही शेविंग किया था.. जिससे उसकी चूत और भी सुंदर और फूली हुई नजर आ रही थी। तो में अब बेड से नीचे उतरकर उसकी चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को अंदर बाहर करके ऋचा की चूत को चोदने लगा। तो वो अब बहुत बेचेन हो गई और बहुत तेज़ मोन करने लगी.. इसलिए मैंने म्यूज़िक की गाने की आवाज थोड़ी और बढ़ा दी.. जिसकी वजह से उसकी मोन करने की आवाज दब गई।
फिर में दस मिनट तक उसे अपनी जीभ से चोदता रहा और फिर वो मेरे लंड को मुहं में लेकर बड़े प्यार से चूसने लगी और अब मेरा अपने लंड पर से जोर खत्म होने लगा था.. क्योंकि वो मेरा आखरी समय चल रहा था और में अब झड़ने वाला था और इसलिए मैंने उसके मुहं से अपना लंड बाहर निकाल लिया और पास ही पड़े एक टावल को उठाकर उसे लंड पर रखा और उस पर सारा पानी निकाल दिया। फिर हम दोनों नंगे ही बेड पर लेट गये।
में उसकी चूत में एक ऊँगली डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके चूत को सहलाने लगा और फिर ऊँगली से ही उसकी चूत को चोदने लगा। मेरी ऊँगली उसकी गीली चूत में फिसलकर पूरी अंदर तक जा रही थी। तो वो भी मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाकर मेरे लंड में जान डालने की कोशिश कर रही थी और कुछ देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब उसकी चूत को फाड़ने के लिए एकदम तैयार था और ऋचा भी एकदम गरम हो चुकी थी।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डालने के लिए एक ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड फिसल गया.. तो मैंने उसकी चूत को चूसने के बहाने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा दिया और ऋचा ने भी मेरे लंड पर थूक लगा दिया.. अब लंड और चूत दोनों एकदम चिकने हो गए थे। अब मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड रखकर धीरे से धक्का लगाया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को चीरते हुए अंदर चला और उसी के साथ ऋचा के आँखो से आँसू आ गये और वो दर्द भरी आवाज़ में बोली.. भाई निकाल लो वरना में मर जाउंगी।
में : जान थोड़ी देर बर्दाश कर लो.. तुम्हे अभी बहुत मज़ा आएगा। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है l
फिर में उसके गालों पर किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर डालता और कुछ देर में मेरा पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में था। में अब धीरे धीरे ऊपर नीचे करके उसे चोदने लगा तो ऋचा दर्द और मज़ा मिक्स करने लगी। फिर कुछ देर ऐसे ही चलता रहा.. फिर ऋचा को मज़ा आने लगा और ऋचा अपनी गर्दन हिलाते हुए कहने लगी कि राहुल और तेज़ धक्के मार.. में स्पीड बड़ाते हुए ओहह यस ऋचा.. में तेरी चूत को फाड़ दूँगा और आज तेरी चूत को फाड़कर भोसड़ा बना दूँगा।
ऋचा : अरे फाड़ दे राहुल मेरी चूत आअहह सस्स्स्सस्स यस राहुल जान फक मी और तेज़ ईईए रााहूऊऊुुउउल…. और तेज चोदो राहुल।
मैंने अब उसे गोद में उठाया.. तो उसने अपने पैरों को मेरी कमर के आस पास बाँध लिया। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर उसको नीचे की तरफ थोड़ा सरकाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। फिर में उसकी चूत को 15 मिनट तक चोदता रहा। फिर मैंने बोला कि में झड़ने वाला हूँ। तो ऋचा ने बोला कि अंदर ही निकाल दो भाई और में उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया.. मैंने ऋचा से खा ऐसी चुदासी बहना हर किसी को मिले फिर उसके गले लग गया और फिर म्यूज़िक बंद करके ह्म दोनों नंगे ही एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गए।