खूबसूरत भतीजी की कुंवारी चूत बेरहमी से चोदी
मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है। मै बहराइच के पास एक गांव में रहता हूँ। मेरी उम्र 37 वर्ष है।मेरा कद 5 फ़ीट 11 इंच है। मै देखने में किसी हीरो से कम नहीं लगता। मेरा लंड 8 इंच का है। बहुत ही मोटा और आकर्षक है जिससे मैंने कई लड़कियों की चूत फाड़ी है।लड़कियां भी मेरे मोटे लंड से बहुत प्रभावित होती है। दोस्तों मै आपका ज्यादा टाइम न ख़राब करके। मै अपनी कहानी पर आता हूँ।
बात उन दिनो की है जब मैं दिल्ली में रहता था। पूरा परिवार भी था। मै उन गर्मियों के दिन को नहीं भूल सकता। जिसमे मैंने अपने भतीजी की चूत का दर्शन करके चोदा था। मेरा घर एक गांव में है। मै वहां रूम ले के रह रहा था।गर्मियों के दिन थे।मेरे बड़े भाई अपनी बेटी रूही के साथ मेरे यहाँ दिल्ली में आये। रूही को देखते ही मेरा लंड अपना फन फ़ैलाने लगा। मैं उस कमसिन कली को बड़े दिनों बाद देखा था। मैं तो उसे देखता ही रह गया। उसका 38,32,36 का फिगर देख के मेरे तो लंड का बुरा हाल हो रहा था। मैंने किसी तरह अपने को संभाला। मै उसके पास गया और उसके मम्मे को अपने सीने से स्पर्श कराते हुए उसे चिपका कहने लगा “रूही तू कितनी बडी हो गयी है” रूही ने अपना एक हाथ निचे करके मेरा लंड पेंट के ऊपर से मसल दिया, मैं समझ गया ये पक्कड़ चुड़क्कड़ है।
मुझे उसे चिपका के राहत मिल रही थी। लेकिन मेरा लंड तो अपनी ही धुन में मस्त खड़ा रहा। मै उससे दूर हुआ। सब लोग खाना खाएं। फिर ढेर सारी बातें हुई। लेकिन मैं तो बस रूही के बारे में सोच रहा था। मैं वहाँ से उठा, बॉथरूम में जा के मैंने मुठ मारी। थोड़ा शांत होने के बाद मैं फिर आ गया।
अब रात हो चुकी थी। सब लोग खाना खा के अपने बिस्तर पे चले गए। मै भी लेट गया। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। रूही की मस्त बूब्स मुझे सोने नहीं दे रहे थे। उसकी गांड तो हलचल मचा रही थी। रात के करीब 2 बजे मै उठा। रूही का बिस्तर मेरे बिस्तर से थोड़ा दूर था। मै गया और उसकी चूची को धीरे से छुआ। मेरा हाथ उसके बूब्स पे पड़ते ही नीचे घुस गए। ऐसा लग रहा था।किसी गद्दे पर हाथ रखा हो। उसकी बूब्स बहुत ही कोमल थी। मैंने एक हाथ से अपने चैन को खोलकर अपना लंड निकाला। दुसरे मम्मे को मैं लंड से धीरे २ दबा रहा था। मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया। उसके बूब्स को अब कुछ तेज दबा रहा था। वो सो रही थी। मैंने मुठ मार कर अब झड़ने वाला हो गया। अपना सारा माल उसके बूब्स पर गिरा दिया। अब जा के मुझे थोड़ी राहत मिली। वो काले रंग का टी शर्ट पहने थी।इसलिए मुझे उसके टी शर्ट पर दाग पड़ने का कोई डर न था। मै आ के बिस्तर पर लेट गया। अब मैं उसे जल्द ही चोदने के लिए बेचैन हो रहा था, मुझे पता था रूही की चुत में आग लगी हुई है चुदवाने के लिए ।
रूही को बहुत तेज बुखार था। तो मैंने भी जाने से इंकार कर दिया। बहाना बनाया की मुझे मेरे फ्रेंड के यहाँ जाना है। सब लोग चले गये। अब घर पर मै और रूही ही थे। रूही को बुखार होने से वो बिस्तर पर लेटी थी। मै दवा ले के आ गया। उसने दवा खायी। मै अब उसके पास ही बैठ गया। वो भी बैठी थी। मैंने उसे अपने से चिपकाया। कहने लगा तू जब छोटी थी। मैंने तुझे अपनी गोद में बिठाया था। इतना सुनते ही वो मेरी गोद में बैठ गयी। मेरा लंड खड़ा था। उसकी गांड में चुभ रहा था। उसने मेरे गोद में ही अपना गांड इधर उधर किया। जिससे मेरा लंड न चुभे। अब मैंने उसे कस के पकड़ लिया। जिससे वो जाने न पाए। उसे किस करने लगा “कितनी प्यारी है तू कितनी सुन्दर है” कह के खूब किस कर रहा था। अब मैंने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। उसको अपने साथ हिला करके। उसके बूब्स को दबा लेता था। कुछ आपकी जिप में चुभ रहा है। मैंने कहा छू के देख लो क्या चुभ रहा है। उसने मेरे लंड को छुआ। उनके छूते ही मेरा लंड बड़ा हो गया। उसने झट से अपना हाथ हटाया। कहने लगी चाचू आपकी जिप में कुछ है। मैंने कहा देखोगी क्या है। उसने कहा -हाँ। मैंने अपना पैंट निकाला। मेरा लंड अब अंडरवियर से बाहर आ रहा था। वो मेरे लौड़े को देख के चौक गयी। रूही दूसरे कमरे में चली गयी। कहने लगी चाचू आप अपनी पैंट पहन लो। मुझे डर लग रहा है।
मै उसके पास गया। उसको पकड़ लिया। उसका हाथ नीचे करके अपने लंड का स्पर्श कराने लगा। मैंने कहा डरो नहीं कुछ नहीं होगा। उसको पास के पड़े सोफे पे ले गया। अपने लंड को निकाल कर उसे छूने को कहा। उसने कहने लगी ये तो बहुत बड़ा है। भाई का तो छोटा है। मैंने कहा इससे बहुत मजा आता है। देखो कितना अच्छा लगता है। वो लंड को छू के घुमाने लगी। लंड के ऊपर की खाल नीचे आ गयी थी। उसने मेरे सुपारे को उंगुलियों से रगड़ रही थी। मैंने कहा तुमने कभी लंड चूत का खेल खेला है। उसने कहा नहीं। मैंने कहा आज तुम्हे ये खेल सिखाता हूँ। लेकिन किसी को बताना मत इस खेल के बारे में। मैंने उसका हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया। उसे अपने लंड पर बिठा लिया। मैंने कहा जैसा मै करूँ। वैसा ही करना। मैंने अपना होठ उसके होठ पे रख के किस करने लगा।
वो भी मुझे किस करने लगी। हम दोनों एक दुसरे को किस करने लगे। मैंने अपना हाथ उसके चूची पर रख के मसलने लगा। चूचियों को मसलते ही उसने तेज किस करना शुरू कर दिया। मै भी किस कर रहा था मैंने भी उसके रसगुल्ले जैसे होंठो को चूस के उसका रसपान कर रहा था। मैंने अब अपना हाथ उसके टी शर्ट में नीचे से अंदर डाल दिया। मेरा हाथ अब बूब्स के ऊपर था। बूब्स काफी बड़े हो गए थे। मैंने उसके बूब्स को खूब दबाया। वो मेरा लंड एक हाथ से पकड़ के धीरे धीरे मुठ मार रही थी। मेरा लंड अकड़ रहा था। मैंने भी अपने हाथ से उसके बूब्स को बहुत बल लगाकर दबा रहा था। अब मैंने उसे उठा दिया। उसका टी शर्ट निकाल दिया। उसने कहा इस खेल में कपडे भी निकाले जाते हैं। मैंने हाँ बोल के जल्दी से टी शर्ट निकल दिया। अब वो सिर्फ ब्रा में थी। मैंने उसके ब्रा के हुक के थोड़ा ऊपर किस करने लगा। वो सिमटने लगी। बोली चाचू कुछ हो रहा है। मैंने कहा यही तो मजा है इस खेल में। अभी देखना तुम कितना मजा आता है। इतना कहके मैंने पीछे से उसके सलवार के ऊपर से ही चूत पर हाथ फेरने लगा।
रूही की चूत ने पानी निकाल रखा था। मुझे कुछ गीला लग रहा था। मैंने किस करते हुए अब उसके सलवार में हाथ डालकर चूत में अपने उंगली को डाल दिया। उसके मुँह से सीहहहह की आवाज निकली। मैंने उसे उठा के बेड पर लिटा दिया। उसके ब्रा को खोल दिया। मैंने उसके मम्मे को देखा। बिल्कुल मुसम्मी लग रहे। उसके दूध जैसे गोरे मम्मो को मैंने अपनने हाथ में लिया। मैंने उसके मम्मो पीना शुरू किया। उसके निप्पल को बीच बीच में काट भी रहा था। जैसे ही मैं निप्पल को काटता था। वो मेरे लंड को दबा देती। कुछ देर तक चूचियों को दबाने और चूसने के बाद मैंने उसे उठाया। उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया। उसने मुझे ऐसा करने से रोकने लगी। मैंने कहा मजे का खेल तो अभी बाकी है बेटा। इतना कहके नाड़ा खोल के उसके सलवार को फेंक दिया। अब वो सिर्फ पैंटी में थी। उसकी पिंक कलर की पैंटी ऊपर से देखने में कुछ गीली लग रही थी। उसने अपना रस निकाल दिया था। मैंने पैंटी पर से ही उसके चूत को सूंघने लगा। अब वो भी चुदासी हो रही थी। उसने मुझे अपने चूत को सूंघते देख। मेरा सर अपने चूत से चिपकाने लगी। फिर वो उसने खुद ही पैन्टी निकाल दिया। रूही-चाचू जल्दी से करो मुझे लंड चूत का खेल दिखाओ। मैंने कहा थोड़ा सब्र करो मेरी जान। अभी दिखता हूँ। मैंने उसे बिस्तर पे लिटा दिया। उसके टांगो को फैला कर उसके चूत को देखा। उसकी रस भरी चूत को बस मै काट काट के खाने को चाहता था। उसकी चूत बिलकुल कमल की पंखुडियों जैसे थे। उसके बाद मैंने उसकी चिकनी चूत को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। खूब मजा आ रहा था। उसके चूत के दाने को मै काट रहा था। चूत को खूब चूसा। अब वो गरम हो गयी थी। उसकी चूत से पानी जैसा कुछ निकल रहा था।
उसकी चूत ने पानी छोड दिया था। मैंने उसका पानी चूत के अंदर तक जीभ डालकर पी लिया। लेकिन मेरे लंड की प्यास अभी बाकी थी। मैंने भी अपना लंड उसके मुँह में रख दिया। वो भी मेरा लंड चूसने लगी। रूही मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगी। मैंने अपने लंड को रूही की गले तक डाल दिया। अब वो मेरा लंड अपने गले तक ले रही थी। उसने मेरे लंड के अगले भाग को अपनी जीभ से रगड़ रगड़ के गुलाबी कर दिया। मेरा गुलाबी रंग का सुपारा बहुत ही अच्छा लग रहा था। वो मेरे लंड को चूसने में लगी रही। मैंने कहा बेटा कब तू लेट जा। अब मैं तुझे मजा देता हूँ। मैंने उसे लिटा कर उसके चूत को चाट रहा था। फिर मैंने उसके चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। वो बहुत ही गर्म हो चुकी थी। अब वो भी चुदाई का आनंद लेना चाहती थी। चुदवाने के लिए तड़प रही थी। मैं भी अब उसे चोदने को बेकरार था। मैंने अपने लौंडे को उसके फुद्दी पर रगड़ कर और गरम किया उसे। रूही-चोद दो चाचू अपने इस बेटी को। आज मैं भी चुदना चाहती हूँ। देखती हूँ क्या चीज चुदाई होती है। मैंने अपना लंड उसके चूत से सटा दिया। मैंने धीरे से धक्का मारा। लेकिन उसकी चूत टाइट थी। मेरा लंड अंदर ही नहीं घुसा। मैंने इस बार थोड़ा और धक्का लगाया। अब मेरे लंड का अगला हिस्सा उसकी चूत में घुस गया। वो चिल्लाने लगी। रूही-चाचू मेरी चूत फट जायेगी। इतना कह के उसने अपनी चूत हटा ली। मैंने कहा कुछ नहीं होगा। अभी तुम्हे बहुत मजा आएगा। फिर एक बार मैंने अपने लौड़े को चूत पर रखकर खूब तेज धक्का मारा। इसबार मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चिल्लाने लगी चाचू मेरी चूत फट गयी। मैंने ध्यान न दे के। उनकी चूत में आधा लंड ही पेलता रहा। अब मैंने और जोर धक्का मार के पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब मैं उसे धीरे धीरे चोद रहा था। वो सी सी सी सी सी सी की आवाजें निकाल रही थी।
उसका दर्द धीरे धीरे काम हो गया। अब वो सिर्फ चुदने की आवाज निकाल रही थी। उसके मुँह से ओह्ह आह ….. की आवाजें निकल रही थी। अब वो भी मेरा साथ दे रही थी। अब कमर मटका के चुदवाने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई। उसके चूत को धक्के पर धक्का मारता रहा। चूत से चट्ट चट्ट की आवाज निकल रही थी। उसने कहा फाड़ डालो मेरी चूत को। आज इसका सारा रस निकाल दो। मुझे बहुत मजा आ रहा है चुदवा के। वो और तेज़ और तेज़ कह के मेरी स्पीड बढ़वा रही थी। मैं भी थक गया था। मै लेट गया। अपना लंड खड़ा करके। वो मेरे लंड पर बैठ गयी। मेरा पूरा लंड अंदर ले लिया। और उस पर उछल उछल के चुदवाने लगी। मै भी अपना लंड ऊपर चीचे करने लगा। अब मैं और वो दुगनी स्पीड से चुदाई करने लगे। उसे भी अब बहुत मजा आ रहा था। चिल्लाती रही और चुदाई जारी रखी। मै झड़ने वाला हो गया। मैंने चुदाई को रोक दिया। फिर उसे उठा के किस करने लगा। उसके होंठो को फिर एक बार चूसने लगा।
मैंने उसके चूत में उंगली करना शुरू किया। वो कहने लगी। चाचू फाड़ो मेरी चूत मुझे और न तड़पाओ। मैंने कहा रुक रंडी तुझे मै अभी चोदता हूँ। फाड़ता हूँ अभी तुम्हारी चूत। आज के बाद तू चुदवाने का नाम नहीं लेगी। मेरा लंड फिर से चोदने के लिए तैयार हो गया। मैंने इस बार उसे कुतिया बनाया। अपना 8.5 इंच का लंड उसके चूत में डाल दिया। फिर जम के चुदाई करने लगा। उसकी गांड पे हाथ मार मार के जम के चोदने लगा। वो इतनी गरम थी। की उसकी चूत को इतना तेज चोदने के बाद भी वो और तेज और तेज चिल्ला रही थी। मै अपने आप को भी रोक नहीं पा रहा था। उसकी चूत को फाडे जा रहा था। अब मैं अपना पूरा लंड उनकी चूत में समाहित कर रहा था। अब उसकी चूत ढीली हो चुकी थी। मैंने अपने लंड को उसकी छूत से निकाला। अब मैं उसकी गांड मारना चाहता था। मैंने उससे उसकी गांड मारने को कहा। उसने मना कर दिया। कहने लगी मैंने एक बार बैगन डाला था। बहुत दर्द हुआ था। मुझे गांड नहीं मरवानी। मैंने कहा रंडी साली वो बैगन था। ये मेरा लंड है। इससे चुदवा के देख तुझे कितना मजा आएगा। मैंने उसे कुतिया ही बने रहने को कहा। अब मैंने अपना लंड उसकी गांड पे सटा दिया। मै लंड को धक्का मारा। लेकिन मेरा थोड़ा सा भी लंड अंदर नहीं गया। मै वहाँ पे रखे तेल को उठाया। थोड़ा सा तेल अपने लंड पे लगाया। फिर उसके गांड पर थोड़ा सा तेल डाल दिया। मैंने अब धक्का मारा और मेरा लंड उसकी गांड में घुस गया। मै अब उसकी गांड मारने लगा। दर्द से वो चिल्ला रही थी। कुछ देर कुतिया बना के चोदने के बाद। मैंने उसे लेटने को कहा। वो लेट गयी। मै भी बगल में लेट के उसकी एक टांग को उठा दिया। उसने कहा चाचू मेरी आज गांड फाड़ कर इसका बुरा हाल बना दो। अब मेरे गांड में खुजली सी ही रही है। मेरी गांड मार के शांत करो ये खुजली। मैंने भी अपना लंड उनके गांड के छेद पर लगा दिया और उसकी गांड मारने लगा। उस दिन उसकी पूरी चुदाई हुई और हम दोनों शांत हो गए।
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