जीजा जी ने मेरे रसीले दूध पिये और मुझे चोदकर औरत बनाया
हेलो दोस्तों मैं राधिका आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी। मेरा घर इलाहाबाद में पड़ता है। मेरी दीदी की शादी भी इलाहाबाद में ही हुई है। मेरे जीजा बैंक में मैनेजर है। कुछ दिनों के लिए मैं अपनी दीदी के घर आ गयी थी। शाम को मैं, दीदी, जीजू सब साथ में बैठते और खूब मस्ती करते।
“जीजू! मैं भी आपकी तरह बैंक में मैनेजर बनना चाहती हूँ” मैंने कहा तो जीजू बोले की चलो तुमको आज मैथ्स और रीसनिंग पढ़ा दूँ।
“हाँ हाँ जाओ राधिका पढ़ लो। तुम्हारे जीजा जी की मैथ्स बहुत अच्छी है। अगर तुमने मन लगाकर पढ़ लिया तो समझो की तुम्हारा बैंक का पेपर निकल गया” दीदी बोली। उनकी बात सुनकर मैंने अपनी किताबे उठा ली और जीजू के कमरे में चली गयी। वो मुझे पढ़ाने लगे। धीरे धीरे कुछ दिन बीत गये। कई बार पढ़ाते पढ़ाते जीजू मेरा हाथ पकड़ लेते। कई बार उनका हाथ मेरे बूब्स में लग जाता था। मुझे झुनझुनी सी हो जाती थी। इस तरह दिन गुजरने लगे। एक दिन मेरा पेन नीचे जमीन पर गिर गया। जब मैं नीचे उठाने लगी तो मेरे ढीले ढाले टॉप ने मेरे मस्त 36” के दूध साफ़ साफ़ दिख रहे थे। जीजा की नजर मेरी रसीले छातियों पर पड़ी तो उन्होंने बड़ी देर तक मेरे बूब्स को घूरकर देखा। फिर अचानक मेरा हाथ उन्होंने पकड़ लिया और हाथों पर किस कर लिया।
“साली जी! आई लव यू” जीजा जी बोले
मैं उनके साथ सोफे पर बैठकर पढ़ रही थी। इससे पहले मैं कुछ समझ और बोल पाती उन्होंने मुझे पकड़ लिया और होठो पर किस करने लगे। दोस्तों मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की ये सब क्या हो रहा है।
“राधिका!! मैं तुमसे बेपनाह मुहब्बत करता हूँ। अगर तुमने मेरे प्यार के तोहफे को ठुकराया तो मैं जहर खाकर जान दे दूंगा” जीजा जी बोले। मैं ये बात सुनकर डर गयी थी। मुझे लगा की कहीं सच में जीजा जी ने जहर खा लिया तो मेरी दीदी तो विधवा बन जाएगी। इसलिए मैंने तुरंत हाँ कर दी।
“जीजा जी!! आप प्लीस जहर मत खाइये” मैंने कहा
“नही राधिका पहले कहो की तुम भी मुझसे प्यार करती हूँ” वो बोले
“हाँ मैंने आपसे प्यार करती हूँ” मैंने कह दिया
उसके बाद दोस्तों जीजा जी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे कान, गाल, और गले पर किस करने लगे। मैंने गुलाबी रंग का एक बहुत ही ढीला टॉप और गुलाबी रंग की स्कर्ट पहन रखी थी। धीरे धीरे जीजा जी ने मुझे बाहों में भर लिया। उन्होंने मेरी कमर को दोनों हाथों से घेर लिया था। फिर वो जल्दी जल्दी मेरे कान, गाल और गले पर चुम्मा लेने लगे। मैं अच्छी तरह से जान गयी थी की आज वो मुझे कसके चोदना चाहते है। मेरी रसीली चूत में अपना मोटा लंड डालना चाहता है। मैं जान गयी थी। मुझे भी अच्छा लग रहा था। गले पर जब जब वो किस करते थे मुझे गुदगुदी होती थी। मैं मचल जाती थी। फिर जीजा जी ने मेरा चेहरा पकड़ पर अपनी तरफ कर लिया। शराब से प्याले से दिखने वाले मेरे सेक्सी गुलाबी ठीक उनके सामने थे। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कुछ ही देर में जीजा जी ने मेरे शहद से मीठे होठो पर अपने होठ रख दिए और चूसने और पीने लगे।
दोस्तों मैं भी मना नही कर पायी। क्यूंकि कई दिनों से मेरा भी चुदने का मन कर रहा था। जीजा जी ने मेरी पीठ पर हाथ रख दिया और मेरे होठो को अपने होठो पर दबाने लगे। उसके बाद हम दोनों मुंह चला चला कर किस करने लगे। मैं जीजू के होठ पी और चूस रही थी। वो मेरे गुलाब से ताजे होठ चूस और पी रहे थे। इस तरह उन्होंने 15 मिनट तक मेरे सेक्सी होठ चूसे। इसी बीच मेरी गांड में उनका लौड़ा गड़ने लगा। मैं जीजा जी की गोद में बैठी थी। इसलिए ऐसा हो रहा था। फिर उन्होंने कमर को दोनों हाथो से सहलाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उनके हाथ उपर की तरफ बढ़ रहे थे। उन्होंने मेरे टॉप को उपर कर दिया। मेरा चिकना सेक्सी और गोरा पेट अब जीजा जी की गिरफ्त में था। वो मेरे पेट को दोनों हाथो से सहला रहे थे। मैं अच्छी तरह से जानती थी की आज वो मुझे कसके चोदने वाले है। आज मुझे उनका मोटा लंड खाने को मिलेगा। मैं जानती थी।
दोस्तों मैं बहुत गोरी, सुंदर और सेक्सी लड़की थी। मेरा बदन बहुत गोरा, भरा हुआ और सुडौल था। मेरा फिगर कमाल का था। मैं बहुत सेक्सी और हॉट माल लगती थी। 36, 30, 34 का फिगर था मेरा। छरहरा और बिलकुल फिट। मेरे घर के आसपास के लकड़े मुझे माल, सामान, आईटम, टोटा और ना जाने क्या क्या बुलाते थे। सभी मुझे चोदना चाहते थे पर आज ये सुनहरा मौका सिर्फ मेरे जीजा जी को मिलने वाला था। धीरे धीरे जीजा ने मेरे टॉप को उठाकर काफी देर तक मेरे चिकने पेट को सहलाया। फिर हम दोनों एक दूसरे को ताड़ने लगे। जीजा मुझे ताड़ रहे थे। मैं उनको ताड रही थी। नजरो ही नजरो में जैसे वो मुझे चोद रहे थे। मैं उनसे चुदवा रही थी। उसके बाद दोस्तों जीजा जी इकदम से पागल हो गये। उन्होंने एक झटके में मुझे सीने से लगा लिया। मुझे भी अच्छा लगा। 10 15 मिनट तक उन्होंने मुझे अपने सीने से चिपका लिया था। मेरे टॉप के अंदर जीजा जी के हाथ किसी सांप की तरह अंदर घुस गये थे।
वो मेरी नंगी चिकनी और गदराई पीठ को सहलाए जा रहे थे। मेरी चूत गीली होनी शुरू हो गयी थी। साफ़ था की आज मैं भी चुदाने के फुल मूड में थी। मेरे खुले काले घने बालों से जीजा जी का चेहरा छुप गया था। ना जाने कितने देर तक उन्होंने मेरी नंगी पीठ सहलाई। बार बार वो मेरी ब्रा का हुक खोलने की कोशिश करते थे।
“राधिका चूत दोगी?? साफ साफ बताओ। वरना आज ही मैं जहर खा लूँगा” जीजा जी बोले
मैंने जानती थी की वो नाटक कर रहे है। पर मैं नही चाहती थी की मुझे लेकर घर में कोई कलेश हो।
“हाँ मैं आपको चूत दूंगी। आज चोद लीजिये मुझे आप कसके जीजा जी” मैंने कहा
उसके बाद वो और जादा सेक्सी और चुदासे हो गये। उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया। मेरे टॉप में हाथ डालकर उन्होंने ब्रा खोल दी और ढीले टॉप ने मेरी बायीं चूची बाहर निकाल ली। उसके बाद जीजा जी मेरी रसीली चूची पीने लगे। दोस्तों मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” कहकर आवाजे निकालने लगी। जीजा जी मेरे चूची को दोनों हाथ से दबा रहे थे और पी रहे थे। जैसे चूची नही कोई रसीला आम हो। दोस्तों मेरे बूब्स काफी खूबसूरत थे। बड़े बड़े रसीले और गोल गोल। जीजा जी तो बिलकुल पागल हो गये थे। वो जो जोर से मेरे बायीं चूची को दबा रहे थे और पिये जा रहे थे। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। उसके बाद जीजा जी ने 10 मिनट तक मेरी बायीं चूची चूसी। फिर दाई चूची टॉप से बाहर निकाल ली और तेज तेज किसी टमाटर की तरह दबाने लगे। दोस्तों मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी। अब मेरा भी चुदने का बहुत मन कर रहा था। फिर जीजा जी मेरी दाई चूची को मुंह में लेकर पीने लगे। उनके उपर सेक्स और वासना का नशा चढ़ गया था। मैं जानती थी की अब वो मुझे जरुर चोदेंगे। जीजा जी बिलकुल पागल हो गये थे। वो किसी जंगली वहशी दरिंगे की तरह मेरी चूची हप हप की आवाज निकालकर पी रहे थे। मुझे तो बहुत नशा चढ़ रहा था।
“जीजा ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म चूत में अपना मोटा लौड़ा डाल दो और मुझे जल्दी से चोदो वरना मैं मर जाउंगी!!” मैंने कहा।
उसके बाद वो और तेज तेज मेरे दोनों बूब्स दबाने लगे और चूसने लगे। फिर उन्होंने मेरी स्कर्ट में हाथ हाथ डाल दिया। मैंने उनकी गोद में बैठी थी। जीजा का हाथ अब मेरी पेंटी पर चला गया। मेरी पेंटी मेरी चूत के रस से भीग चुकी थी। जीजा जी जल्दी जल्दी मेरी मेरी पेंटी के उपर से मेरी चूत की रसीली दरारो में ऊँगली करने लगे। मैं “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” किये जा जा रही थी। लग रहा था की कहीं मैं मजा लेते लेते मर ना जाऊं। फिर तो जीजा जी मेरे पेंटी के उपर से जल्दी जल्दी मेरी चूत सहलाने लगे। मैं बहुत कामुक हो गयी थी। अब मैं जल्द से जल्द उनका लंड खाना चाहती थी। जीजा के हाथ मेरी चूत पर जल्दी जल्दी सरक रहे थे। उनकी उँगलियों में मेरी चूत का चिपचिपा रस लग रहा था। जीजा जी ने एक सेकंड के लिए अपना हाथ बाहर निकाला फिर मुंह में डाल लिया। वो मेरी चूत का रस चाट गये। उनको इसका स्वाद अच्छा लगा। फिर उन्होंने हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया। फिर चूत के छेद में अपनी 2 लम्बी ऊँगली डालकर जल्दी जल्दी फेटने लगे।
दोस्तों मेरी तो गांड ही फट गयी थी। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर सिसक रही थी। मुझे अजीब सी सनसनी महसूस हो रही थी। लग रहा था की कोई मुझे चोद रहा है। बिलकुल ऐसा ही लग रहा था। जीजा अपने हाथ की बीच वाली 2 लम्बी ऊँगली मेरी चूत के छेद में डालकर जल्दी जल्दी फेट रहे थे। मैं पागल हो रही थी। मेरी चूत में काम की अग्नि जल उठी थी।
पर उसी समय मेरी दीदी मुझे और जीजा जी को खाने के लिए बुलाने लगी।
“राधिका!! खाना बन गया है। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | जीजा जी को ले लाओ” दीदी बोली। फिर उनके आने की आहत होने लगी। जीजा जी ने मुझे झटके से दूर कर दिया। मैंने अपने टॉप और स्कर्ट को ठीक कर लिया। दीदी हमारे कमरे में आ गयी।
“चलो जी!! खाना तैयार है” वो बोली
मजबूरन हम दोनों जाना पड़ा। खाना खाकर दीदी ने बर्तन धोये और कमरे में सोने चली गयी। मैं अपने कमरे में आ गयी। जीजा जी ने दीदी से कहा की तुम आराम करो। मैं राधिका को कुछ सवाल और बता दूँ। ऐसा बहाने करके वो मेरे कमरे में घुस आए। कुछ देर बाद दीदी खर्राटे मारकर सोने लगी। अब रास्ता साफ था। जीजा जी से कपड़े उतारने का इशारा हाथ से किया।
मैंने जल्दी से कपड़े उतार दिए। जीजा भी नंगे हो गये। उन्होंने मेरे पैर खोल दिए। मेरी चूत तो पूरी तरह से पानी में भीगी थी। जीजा ने अपना 8” लम्बा लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे। ऐसा लगा की वो कोई केक काट रहे है। फिर जीजा जी जल्दी जल्दी मेरी रसीली चूत में धक्का मारने लगे। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाजे निकालने लगी। जीजा जल्दी जल्दी मुझे चोद रहे थे जैसे कोई ट्रेन छूटी जा रही है। उन्होंने ताबड़तोड़ धक्के मेरी चूत में मारना शुरू कर दिया। मैं चुद रही थी। जीजा चोद रहे थे। हम दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे। उसके बाद जीजा के हाथ मेरे दोनों नंगे बूब्स पर आ गये। वो सहला सहलाकर मुझे जल्दी जल्दी पेलने लगे। मेरी चुद्दी [चूत] से चट चट पट पट की मीठी आवाज आने लगी जैसी कहीं पॉपकॉर्न फूट रहा हो। इस तरह जीजा जी से मुझे आधे घंटे चोदा और मेरी चूत में पानी छोड़ दिया। मैं चुद गयी थी। फिर वो कमरे में गये और एक अनवांटेड 72 गोली मुझे खिला दी जिससे मैं कहीं पेट से ना हो जाऊं। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स जरुर दे।
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