पहले पति ने घर से निकाला नए पति ने रंडी बनाया
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम गरिमा है। फिर से मैं आप सभी का मस्ताराम में स्वागत करती हूँ मैं वैसे इस मस्ताराम डॉट नेट, गुरुमस्ताराम, अंतरवासना की मस्त मस्त कहानिया रोजाना रेगुलर रीडर हूँ और आज आपको अपनी कहानी इस साईट के जरिये बताने जा रही हूँ. मैं अजमेर की रहने वाली हूँ और मैं एक बदचलन औरत थी और आज भी हूँ। वैसे बदचलन के बारे में तो आपको पता ही होगा, किसी भी खूबसूरत मर्द को देखकर मैं फिसल जाती थी और उससे चुदवा लेती थी।
मेरे पति ने मुझे काई बार आवारागर्दी करते हुए पकड़ा था। ‘गरिमा ! सुधर जा, वरना मैंने तुझे घर से निकाल दूँगा’ मेरा मर्द बार बार कहता था पर मैं अपनी आदतों से बाज नही आई। मैंने करीब करीब अपने मोहल्ले के हर मर्द से चुदवाया था। एक दिन हद हो गयी। मेरा मर्द अपने काम पर गया हुआ था। मैं एक गैर मर्द से चुदवा रही थी की इतने में मेरा मर्द आ गया। मेरी चोरी पकड़ी गयी। मेरे पति ने मुझे रंगे हाथों गैर मर्द से चुदवाते पकड़ लिया था। फिर उस दिन उसने मुझे घर से बाहर निकाल दिया मेरा कई यार थे।
काई लोगों से मैं चुदवा चुकी थी।
पर टुनटुन मेरा सबसे खास यार था।
जब मेरे पति ने मुझको घर से बाहर निकाल दिया तो मैं बस स्टॉप आ गयी।
मेरा पास ना पैसे थे, ना कोई फोन था जिससे मैं अपनी माँ को फोन कर सकूं। मैं अपने यारों के बारे में सोचने लगी। अंत में मैंने फैसला किया की टुनटुन के घर चलना चाहिए। ये सोचकर मैं टुनटुन के घर पहुच गयी। उसका घर बहुत छोटा सा था। उसकी बीबी ने दरवाजा खोला।
मुझे टुनटुन जी से मिलना है ! मैंने कहा
वो मुझे अंदर ले गयी। कुछ ही देर में उसे पता चला की मेरा उसके पति टुनटुन से नाजायज चुदाई का रिश्ता है। ये जानकर उसकी पत्नी टुनटुन से झगड़ने लगी। पर उसके लाख विरोध करने पर ही टुनटुन ने मुझे रहने के लिए के कमरा दे दिया। टुनटुन की पत्नी सुनन्दा जल भून के राख हुई जा रही थी। मैं उसकी सौत थी और उसके घर में ही रह रही थी। पर टुनटुन ने उसे किसी तरह संभाल रखा था। जब रात के १२ बजे तो टुनटुन मेरे पास आया।
“गरिमा !! अरी ओ गरिमा!! दरवाजा खोल वो बोला”
अपने यार की आवाज मैंने एक बार में पहचान ली। मैंने दरवाजा खोला तो टुनटुन ने मुझे सीने से लगा लिया। मैं उससे गले लग के फुट फुट के रोने लगी।
गरिमा !! रो मत! मुझे पूरी बात बता! मैंने कहा
मैं एक मर्द से चुदवा रही थी की मेरा मर्द घर लौट आया और उसने मुझे उस गैर मर्द से चुदते देख लिया और हमेशा हमेशा के लिए घर से बाहर निकाल लिया। अब मैं कहाँ जाऊं। मेरा इस शहर में और कोई नही है ’ मैंने कहा।
तुमको चिंता करने की कोई बात नही। तुम यही रह सकती हो। मैं तुमसे आज भी प्यार करता हूँ। मैं तुमसे शादी करूँगा। तुम यही रहो। मैं तुमको रखूँगा! टुनटुन बोला सुनन्दा का बुरा हाल था। पर इससे टुनटुन पर कोई असर नही था। टुनटुन की पत्नी बहुत बवाल करती रही पर मेरे पुराने यार टुनटुन ने २ दिन बाद पास के मंदिर में जाकर मुझसे प्रेम विवाह कर लिया। आज हमारी सुहागरात थी। मैं कमरे में थी और शादी का जोड़ा पहने हुई थी। अपनी सौत को देख देख कर टुनटुन की पत्नी का बुरा हाल था। रात हो गयी। टुनटुन ने सफ़ेद कुरता पजामा पहन रखा था। मै बहुत खुश हुई। आज हमारी सुहागरात थी। टुनटुन मेरे पास आकर बैठ गया। मैं अपने पुराने मर्द से खूब चुदी थी, पर आज टुनटुन से शादी करके मैं बिल्कुल फ्रेश दुल्हन लग रही थी।
टुनटुन मेरे होंठो को चूमने लगा। धीरे धीरे उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी बीबी सुनन्दा बाहर तरह तरह का शोर मचाती रही, पर इससे मेरे पुराने यार टुनटुन पर कोई असर नही पड़ा था। मुझे याद है की मेरे पुराने यार में टुनटुन की था जो मुझे कसके चोदता खाता था। उसकी चुदाई में मैं माँ माँ चिल्लाने लग जाती थी। यही सोचकर मैं उसके पास आई थी। अब टुनटुन और मैं पति पत्नी बन चुके थे। आज सुहागरात पर टुनटुन मेरे होंठ पीने लगा। मैं भी उसके होंठ पीने लगी। धीरे धीरे उसने मेरे ब्लौस खोल दिए। मेरी ब्रा भी उसने निकाल दी। टुनटुन मेरे दूध पीने लगा। मैं भी मस्त हो गयी। उधर टुनटुन की बीबी सुनन्दा कोहराम मचाये हुई थी। पर टुनटुन बेफिक्र था। वो मजे से मेरे दूध पी रहा था।
मेरे पहले पति ने मेरे दूध खूब पिए थे, पर आज भी मेरे चुच्चे मस्त मस्त गोल गोल थे। मेरा नया पति टुनटुन मजे से मेरे दूध पी रहा था। फिर धीरे धीरे उसने मेरा शादी का जोड़ा निकाल दिया। मेरी पैंटी भी निकाल दी। टुनटुन बड़े ही रंगीन और रंगीले मिजाज का आदमी थी। उसने हमारी सुहागरात के लिए पुरे कमरे को अच्छे से सजाया था। पुरे कमरे में उसने तरह तरह के रंगों वालो दिल के आकार के गुब्बारे लगा रखे थे। बेड को उसने गुलाब के फूलों से सजा दिजा था। मैं अपने नए पति के साथ सुहागरात मना रही थी। टुनटुन के सामने अब मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। उसने मेरी दोनों छातियों को खूब दांत से चबाचबा कर पिया। मुझे बड़ी मौज आई।
फिर उसने अपना लौड़ा लिया और मेरे दोनों मस्त मस्त गोल गोल दूध के बीच के रख दिया। दोनों मम्मों को उसके आपस में जोर से दबा लिया और अपने बड़े से लौड़े से वो मेरी दोनों छातियों को चोदने लगा। मैं सुख सागर में डूब गयी। मेरे पुराने पति ने मुझे इस तरह कभी नही चोदा था। टुनटुन मेरे गोरे गोरे मखमली पेट पर बैठ गया और मेरे चुच्चे चोदने लगा। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। ऐसा सुख मुझे कभी प्राप्त नही हुआ था। करीब आधे घंटे तक मेरा नया पति टुनटुन मेरी दोनों छातियों को चोदता रहा। उसके बाद वो मेरे मखमली गोरे गोरे उजले पेट को चूमने लगा। फिर उसने मेरी नाभि चूम ली। अब मेरा नया पति टुनटुन मेरी चूत पर आ गया। मेरी चूत बड़ी मस्त थी। टुनटुन ने अपनी दोनों उँगलियों से मेरे भोसड़े को खोला तो हंस पड़ा.
गरिमा!! तेरे पति ने तो तेरी चूत फाड़ के रख दी है!! वो हस्ते हुए बोला. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।
हाँ, वो हरामी मुझे हर रात लेता था। मुझे पेल पेल के उसने मेरी बुर में बुरादा भर दिया’ मैंने कहा
कोई नही !! तुम जैसी भी हो मुझे पसंद हो। तुम्हारी चूत इतनी फटी हुई है फिर मैं तुमको अपनी दूसरी बीबी का दर्जा दूँगा’ टुनटुन बोला
वो मजे से मेरी चूत पीने लगा। अपनी खुदरी जीभ से मेरा नया पति टुनटुन मेरे भोसड़े को पी रहा था। मैं मचल रही थी। मुझको तो जैसे जन्नत मिल रही थी। टुनटुन ने अपने दोनों अंगूठे से मेरा भोसड़े की एक एक कलि खोल दी थी और मेरी बुर को वो खा रहा था। मैं आनंद के सुख सागर में डूब गयी थी। बड़ी देर तक टुनटुन मेरा भोसड़ा पीता रहा। मैं खूब मजे लिए। फिर उसने अपने सब कपड़े निकाल दिए और बड़े से लौड़े को उनसे मेरे भोसड़े पर रख दिया और मुझे चोदने लगा। मेरी पुगरिमा शादी ४ साल चली। अब मेरा नया पति टुनटुन मेरी बुर का सेवन कर रहा था। टुनटुन का लौड़ा मेरे पुराने पति के लौड़े से बड़ा था और साइज में दोगुना था। मैं किसी कबूतरी के तरह अपने दोनों पैरों को हवा में उठा रखा था। क्यूंकि औरत चाहे अमरीका की हो या हिंदुस्तान थी, जब लौड़ा खाती है तो दोनों पैर हवा में जरुर उपर उठा लेती है।
ठीक इसी तरह आज अपनी सुहागरात पर मैंने भी अपने दोनों पैर हवा में उठाये हुए थे। टुनटुन मुझे धचाक धचाक पेल रहा था। उसके ताबड़तोड़ धक्कों से पूरा बेड चर चर की आवाज कर रहा था। मैं टुनटुन के समक्ष नन्गी थी। मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था। वो मुझे पेल रहा था। मैं उससे पेलवा रही थी। वो मुझे चोद रहा था। मैं चुदवा रही थी। टुनटुन की पहली औरत सुनन्दा मारे गुस्से के घर के बर्तन उठा उठा के पटक रही थी। हम दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे। हम दोनों जिंदगी का मजा उठा रहें थे। आधे घंटे तक टुनटुन ने मुझे चोदा और फिर अपना गरम गरम माल मेरे भोसड़े में ही छोड़ दीया। फिर वो मेरी बुर पीने लगा। टुनटुन ने अपनी ३ ऊँगली मेरी योनी में डाल दी, और जोर जोर से मेरी चूत वो मथने लगा। मेरी बुर में कम्पन होने लगा। लगा जैसे ना जाने क्या हो जायेगा।
टुनटुन जोर जोर से मेरी चूत अपनी ३ उँगलियों से मथ रहा था। मुझे बड़ी तेज मेरे भोसड़े में सनसनी हो रही थी। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। इसके साथ ही बड़ी जोर की उत्तेजना भी हो रही थी। मेरी कमर, दोनों पुट्ठे और मेरा पिछवाड़ा ओय्गेश के ऊँगली चोदन से काँप रहा था। मेरी कमर खुद ब खुद नाच रही थी। टुनटुन बड़ी उत्तेजना ने मेरी बुर अपनी उँगलियों से मथ रहा था। मैं जन्नत के मजे ले रही थी। मेरी बुर से पनीली फच फच की आवाज आ रही थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी। उधर बाहर टुनटुन की पहली बीबी सुनन्दा मुझे तरह तरह से कोस रही थी और तरह तरह की गालियाँ दे रही थी। पर हम चुदाई में अंधे हो चुके टुनटुन और मुझपर कोई असर नही था। तभी अचानक टुनटुन बिजली की रफ्तार से मेरी बुर को मथने लगा। मैं कांपने लगी। वो मथता रहा, फिर बड़ी देर बाद मेरी बुर से गरम गरम सफ़ेद रंग की क्रीम निकली। वो मेरी चूत का पानी था।
टुनटुन ने तुरंत अपना मुँह मेरे भोसड़े पर लगा दिया और मेरी चूत से निकले मीठे गरम पानी को वो पी गया। मैं आनंद सागर में डूब गयी। फिर टुनटुन मेरे पेट पर बैठ गया और मेरे मुँह में अपना लौड़ा उसने डाल दिया।
गरिमा !! चल मेरा लौड़ा चूस!! वो बोला
मैं अपने पति की आज्ञा तुरंत मान गयी। मैंने तुरंत उसका लौड़ा चूसना शुरू कर दिया। मेरा पहला पति बिल्कुल लल्लू टाइप का था। वो कभी भी मुझसे लंड नही चुसवाता था। पर मेरा नया पति को लंड चुसवाना बहुत पसंद था। मैं बड़ी शिद्दत से अपने पति टुनटुन का लौड़ा चूसने लगी। मैं हपर हपर करके उसका लौड़ा अपने मुँह में गले की गहराई तक लेकर चूसने लगी। मैं उसकी दोनों गोलियों को भी मुँह में लेकर चूस रही थी। मेरे नए पति टुनटुन का लौड़ा खूब मोटा और खूब लम्बा था। मैं मजे से वो चूस रही थी। मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ टुनटुन के लौड़े पर फिसल रहें थे। उसका सुपाड़ा बहुत बड़ा, बहुत गुलाबी और बहुत सुंदर तक। बड़ी देर तक मैं टुनटुन का लंड चुस्ती रही।
अपनी सुहागरात पर मैं अपने नए पति का आदेश तुरंत मान गयी। मैं तुरंत कुतिया बन गयी। मेरा पुराना मर्द चुदाई में बहुत पीछे था। वो हफ्ते में सिर्फ २ बार ही मुझे लेता था। पर अब सब ठीक था। टुनटुन मुझे रोज चोदेगा और मेरी चूत की आग और गर्मी को शांत कर देगा। मैं जानती थी। जब मैं कुतिया बनी तो टुनटुन को मैं बहुत सुंदर लगी। वो मेरे पीछे आ गया। खरबूजे की तरह मेरे सफ़ेद गोल गोल चूतडों को वो हर जगह चूमने लगा। सच में मेरे चूतड़ बहुत आकर्षक थे। बिल्कुल लाल लाल खुर्बुजे की तरह थे। टुनटुन ललचा गया। उसने झुक पर मेरे चूतडों पर किस कर दिया। उसके बाद टुनटुन ने मेरी गाड़ पी और फिर गांड मारी।
अगले दिन सुबह तक मैं ८ ९ बार चुद चुकी थी। सुबह होने पर टुनटुन की पहली पत्नी सुनंदा मेरे उपर बहुत क्रुद्ध थी। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।
‘टुनटुन!! अगर तूने इस रंडी को यहाँ से नही निकाला तो मैं अपने बच्चों को लेकर यहाँ से चली जाऊँगी और फिर कभी नही नहीं आऊँगी!’ सुनंदा बोली। टुनटुन कुछ नही बोला। शाम को सुनंदा अच्छी तरह समझ गयी की टुनटुन में मेरी नई चूत का स्वाद लग चूका है। फिर वो अपने बच्चों को लेकर अपने मायके चली गयी। इस रात को मैं और टुनटुन घर में अकेले थे। मेरा नया आशिक टुनटुन बजार से बकरे का गोश और शराब लेकर आया। मैंने उसके लिए मीट बनाया। फिर रात होने पर हम मियां बीबी अकेले हो गये।
मैं एक बार फिर से चुदासी हो रही थी। ‘टुनटुन!! मेरी जान चोद आकर मुझे’ मैंने कहा। मैंने कपड़े निकाल दिए। टुनटुन के सामने मैं बिलकुल नंगी होकर माधुरी दीक्षित की तरह नाचने लगी। आज मैंने अपने सारे अरमान पुरे कर लिए। मैंने अपने लम्बे लम्बे खुबसूरत बाल खोलकर गोल गोल घूमकर नाच रही थी। मेरी मस्त मस्त चुचियाँ हिल रही थी। मेरा पांव थिरक रहे थे। मेरे कुल्हे मटक रहे थे। मेरी चूत गीली हो रही थी। मेरे ओंठो पर मुस्कान नाच रही थी। आज मैंने अपने नये आशिक को नंगे नंगे ही नाच के दिखाया।
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