मेरा नाम मालिनी मिश्र है। मैं गाजियाबाद की रहने वाली हूँ और एक अच्छे फेमिली से हूँ। मैं सुंदर और जवान लड़की हूँ और मेरा यौवन अब पुरे उफान पर आ गया है। जिधर से मैं निकल जाती हूँ लड़के मुझे घूम घूमकर देखते है। लड़के मुझसे एक बार बात करने के लिए तड़पते है और मुझे मन ही मन चोदने के सपने देखते है। पर मैं सिर्फ अच्छे सुंदर लडको से चुदवाती हूँ। मुझे सिर्फ हैंडसम मर्द ही पसंद है। मेरा कद 5’ 6” का है। मेरे दूध 34” के है और फिगर 34 28 32 का है। देखने में स्लिम ट्रिम और सुंदर लगती हूँ। मेरा रंग साफ है और मेरे फेस में वो कशिश है की जिधर से निकल जाती हूँ लड़के मुझे ही देखने लग जाते है। अब स्टोरी पर आती हूँ। मेरा घर काफी बड़ा है इसलिए पापा कुछ कमरे किराये पर उठा देते है। इससे पैसा भी मिल जाता है और कमरों को साफ़ नही रखना होता। मेरे घर में पिछला किरायेदार एक जवान मर्द था जिससे मैने दिन में ही चुदवा लिया था। वो रोज ही मुझसे बाते करता था। धीरे धीरे मैं उससे पट गयी और उसके कमरे में जाकर चुदवा ली। हाय दैया!! दोस्तों, उसने पुरे 1 घंटे तक मेरी चुद्दी में अपना 10” का मोटा लौड़ा घुसा घुसाकर अंदर बाहर करके मेरा बुरा हाल कर दिया था। मैं चुदते वक्त “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की गर्म गर्म सिसकियाँ निकालती रही। उस किरायेदार का नाम मेहन्द्र था। कुछ दिन बाद उसकी जॉब का ट्रांसफर हो गया और वो कमरा खाली करके चला गया। फिर कुछ दिन बाद एक नया लड़का हमारे घर में रहने आ गया। उसका नाम मोहित था। वो अभी पढ़ रहा था और गाज़ियाबाद में IIT की कोचिंग में पढ़ रहा था। वो आकर रहने लगा तो मुझे देखकर अक्सर हंस देता।
“मालिनी अभी तुम किस क्लास में पढ़ रही हो??” वो पूछने लगा
“MA होम साइंस से कर रही हूँ” मैने कहा
मेरी नजर मोहित के चेहरे पर गयी। अच्छा ख़ासा 6 फुट की कदकाठी का लड़का था। उम्र अभी 23 24 की होगी। जवान और बिलकुल यंग था। क्लीन शेव करता था और स्मार्ट दीखता था। पहली नजर में मुझे वो शरीफ लड़का लगा।
“तुम कैसे है??? पढ़ रहे हो ना” मैंने पूछा
“हां IIT की कोचिंग ले रहा हूँ। देखो नाम आता है की नही” मोहित मुस्कुराकर बोला “पूजा पूजा किया करो तो काम बन जाएगा” मैंने हंस कर कहा
“हाँ अब करूंगा” मोहित हंसकर बोला
फिर हमारी रोज ही बाते होने लगी। मैं अक्सर उसे चाय देने उसके कमरे में उपर चली जाती थी। हमारा परिवार नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहता था और मोहित फर्स्ट फ्लोर पर रहता था। धीरे धीरे हमारी व्हाट्सअप पर बात होने लगी और प्यार हो गया। अगली बार जब मैं कप में चाय लेकर मोहित के कमरे में गयी तो वो सुबह सुबह मंजन कर रहा था। उसने सिर्फ अंडरवियर और बनियान पहली थी। उसका लंड मुझे बाहर से अंडरवियर में उभरा हुआ दिख गया। वो दूसरी ओर देखकर मंजन किये जा रहा था।
“मोहित!! तुम्हारे लिए चाय” मैंने कहा तब जाकर उसने मुझे देखा। और मुझे देखकर घबरा गया क्यूंकि वो सिर्फ अंडरवियर में था। मैं सलवार सूट पहनी थी। “ओह्ह सॉरी!!” वो बोला और उसने तार से अपनी तौलिया खींची और जल्दी से उसे अपनी कमर पर लपेट लिया। मुझे उसका बदन दिख गया। काफी गोरा था मोहित अंदर से। उसके बाद वो मुंह धोकर चाय पीने लगा।
“इतनी मेहरबानी क्यों?? कोई मालकिन अपने किरायेदार को चाय देती है क्या??” मोहिर कप को मुंह से लगाकर बोला
“तुम मुझे अच्छे लगते हो” मैंने कहा
कुछ देर बाद उसने चाय पी ली और मेरे करीब आकर खड़ा हो गया। फिर मेरे लिप्स की तरफ बढ़ने लगा। मैंने भी कुछ नही कहा और फिर अपने कमरे में उसने मुझे पकड़ लिया और ओंठो पर चुम्बन लेने लगा। मैं भी उसका साथ देती रही और हम दोनों ने एक दुसरे को पकड़ लिया और ओंठ से ओंठ मिलाकर चूसने लगे। मोहित ने काफी देर तक मुझे चूसा और किस किया। मैं भी गरमा गयी और यौन उत्तेजित हो गयी।
“मालिनी!! तुम मुझे अच्छी लगती हो” बोलकर मोहित ने मेरे दूध पर कमीज के उपर से हाथ रख दिया और सहलाने लगा। मैं
“ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ ..” करने लगी। धीरे धीरे मोहित मेरे दूध दबाता ही चला गया और मस्त मस्त मेरी गोल मटोल चूची को अपनी माल समझ कर दबाने लगा।
“नही मोहित!! ये सब गलत है” मैंने उससे आँखे चुराकर दूसरी तरह नजरे करके बोला। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया
“क्या गलत है मालिनी??” वो मेरी आँखों में आँखे डालकर बोलने लगा “ये जो तुम अभी कर रहे हो। शादी से पहले ये सब गलत होता है” मैंने धीरे से फुसफुसाकर कहा
“बेबी!! जिसमे मजा मिले वो कभी गलत नही होता है” मोहित बोला और मुझे बाहों में भर लिया। उसके बाद वो फिर से मेरे दूध दबाने लगा और मेरे मुंह पर अपना मुंह रखकर मेरे लब फिर से चूसने लगा। मैं फिर से आनन्दित होने लगी। मेरे लाल दुप्पटे के नीचे उसने अपना हाथ डाल दिया और दोनों 34” की चूचियों को गोल गोल करके सहला रहा था और दबा रहा था। मैं
“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने पर मजबूर हो गयी। फिर मोहित मुझे खिड़की के किनारे ले गया और खिड़की से खड़ा करके मेरे दोनों हाथ उपर करवा दिए। उसके बाद फिर से मेरे दोनों दूध मेरी कमीज के उपर से दबाने लगा। मुझे बड़ा मजा आया। खड़े खड़े ही उसने मेरी सलवार में हाथ डाल दिया और मेरी चूत पर हाथ से सहलाने लगा। अब तो मैं गर्म होने लगी। फिर खड़े खड़े ही उसने मेरी सलवार का नारा खोल दिया और नीचे उतार दी। मेरी पेंटी को हाथ से नीचे उतारा तो सामने मेरी चूत उसे दिख गयी। मैं खिड़की के सहारे खड़ी रही। मोहित ने कमरे के दरवाजा अंदर से बंद कर लिया जिससे कही मेरी मम्मी उपर न आ जाए।
वो अक्सर गीले कपड़े तार पर डालने के लिए छत पर आती थी। इसलिए दरवाजा बंद करना जरूरी था। मोहित मुझे खड़ा करके अपना नीचे बैठ गया और चूत पर जीभ घुमा घुमाकर चाटने लगा। मेरी चूत अच्छी तरह से साफ सुथरी और चिकनी थी। जब जब मोहित जीभ लगाता था मैं …..मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा किये जा रही थी। वो बड़ा सेक्सी मर्द निकला। कुछ देर तक मेरी चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दिया तो अब मैं भी चुदने को हो गयी।
“ओह्ह करो और करो मोहित!! चाटो मेरी कामिनी चूत को अच्छे से” मैं खड़े खड़े बोली ये बात सुनकर मोहित किसी चोदूँ सांड की तरह मेरी चूत पीने लगा और फिर रुका ही नही। धीरे धीरे उसने मेरे पैर खोला दिया और नीचे अपना मुंह लगाकर खूब चूसा मेरी चूत को। मैं सिसियाने लगी और गर्म गर्म आहे लेने लगी। मोहित चाटना ही चला गया। मैं अब काफी गरम हो गयी और अब तो मेरा भी दिल चुदने का करने लगा। मोहित मेरी चूत में ऊँगली डालने लगा तो मैं “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो
हो….”करने लगी। मेरी योनी के अंदर काफी चिकनाई आने लगी और मेरी चूत का सफ़ेद मक्खन अब मोहित की उँगलियाँ में आने लगा। वो मुंह में ऊँगली डालकर मक्खन चाट जाता और मुझे भी चटा देता।
“चल बिस्तर पर!!” इतना बोलकर मोहित ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अंदर वाले कमरे में ले जाने लगा। मैं भी उसके पीछे पीछे चली गई क्यूंकि अब मैं भी उसके साथ चुदाई के मूड में आ गयी थी। और बिस्तर पर चली गयी। बड़ी बेताबी ने मोहित ने अपनी तौलिया अपनी कमर से हटा दी और बनियान और कच्छा उतार दिया। नंगा हो गया तो मुझे उसका लंड दिखा। 8” का मोटा ताजा और काफी गोरा लंड था क्यूंकि मोहित का रंग काफी साफ़ था। अब उसने मेरे पैर में उलझी सलवार और पेंटी उतार दी। मेरी कमीज उतर दी और ब्रा भी निकलवा दी। मेरे गोल गोल सेक्सी दूध तो उसे पागल ही कर रहे। बड़े बड़े संतरे जैसे दीखने वाले मेरे दूध पर हाथ लगा लगाकर मजा लेने लगा। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”करने लगी। मोहित बहुत चुदासा हो गया और मेरी हरी भरी चूचियों को सहला सहलाकर दबाने लगा। फिर मेरे उपर ही सवार हो गया और मेरी निपल्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे बहुत मजा मिला। मोहित अब जल्दी जल्दी मेरे उरोज को चूसने लगा। मैं कसमसा रही थी। सी सी उ उ कर रही थी। वो तो चूसता ही रहा था। एक दूध चूस डालता, फिर दूसरा भी मुंह में लेकर चूसने लग जाता। इस तरह से उसने खूब मजा लूटा। मेरी चूत अपना घी चोदने लगी।
“प्लीस मोहित!! मुझे जाने दो वरना मम्मी उपर आ जाएगी” मैंने झूटमुठ कहा। अंदर से मैं भी चुदना चाहती थी।
“अरे मालिनी रुक ना 2 मिनट!! बस 2 मिनट लगेगा” वो बोला
फिर मेरे पेट पर किस करने लगा। दोनों हाथ से मेरे स्लिम सेक्सी पेट को सहलाये जा रहा था। मैं फिर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” “ओह्ह मालिनी!! तेरा पेट तो कितना गोरा है रे” मोहित बोला। फिर पुरे पेट को हाथ से छू छुकर चुम्मी देने लगा। मुझे भी अच्छा लग रहा था। फिर वो नीचे चला गया और मेरी सेक्सी गहरी नाभि को देखने लगा। काफी गहरी नाभि थी मेरी। मोहित अपनी जीभ की नोंक को नाभि के गड्ढे में डालने लगा। ऐसा करने से मुझे झुरझुरी होने लगी। मेरे जिस्म का रोंया रोंया खड़ा होने लगा। गुदगुदी होने लगी। मोहित जीभ घुसाकर मेरी नाभि चूसने लगा तो लगा की चूत पी रहा है।
“ओह्ह मेरे चूत के राजा!! तू तो बड़ा रंगीला मर्द है रे!!” मैंने कहा “मेरी चूत की रानी!! आज तेरी छोटी चूत में अपना मोटा लंड डालूँगा और तुजे मजा दूंगा” मोहित बोला
उसके बाद मेरी चूत पर पहुच गया और फिर से चूत को चाटने लगा। कुछ मिनट बाद मोहित से अपना 8” लौड़ा मेरी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा। लंड के मोटे टोपे से चूस के लबो पर रगड़ देने लगा। मैं कामुक होकर “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”कहने लगी। फिर उसने लंड अंदर घुसा दिया और धक्के देकर पूरा 8” अंदर घुसा दिया। उसके बाद दोस्तों मेरा किरायेदार मुझे चोदने लगा। मैंने अपने हाथ पैर खोल दिए और चुदने लगी। मोहित अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करने लगा। मेरे चूत के दाने को हाथ से हिला हिलाकर मुझे पेल रहा था। मैं लम्बी लम्बी सिसकियाँ लेकर सम्भोग रत हो गयी। अब यौन उत्तेजना महसूस कर रही थी। अब मोहित अपनी गांड हिला हिलाकर मेरी चूत की पिपिहरी बजाने लगा।
मेरी साँसे तेज हो गयी और बदन से गर्मी छूटने लगी। मुझे बड़ा अजीब लगने लगा। इसी बीच मैंने मोहित के गाल पर एक दो चांटे मार दिए। क्यूंकि मेरी कामवासना काफी बढ़ गयी थी। मोहित अब लम्बे लम्बे धक्के देने लगा। लगा की मैं आसमान में उड़ रही हूँ। जल्दी जल्दी मुझे चोद रहा था। अब मेरी चूत अपना सफ़ेद रस छोड़ने लगी जिससे अंदर की छेद काफी चिकना हो गया। अब मोहित का मोटा लंड भी आराम से चूत में सरक रहा था। आ जा रहा था।
“अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…चोदो!!
मेरी जान और चोदो जान” मैं कहने लगी।
ये बात सुनकर मोहित मुझे ओंठो पर किस करने लगा और काफी देर मेरे गुलाबी सेक्सी ओंठो को चूस चूसकर मेरी चूत फाड़ता रहा। वो भी झड़ने का नाम ही नही ले रहा था। बस जल्दी जल्दी धक्के पर धक्के दे रहा था। इसी बीच मुझे चरम सुख मिलने लगा और बार बार अपना पेट और कमर मैं उपर को उठाने लगी। मेरी चूत में हजारो पटाखे और गुबारे फूटने लगे। मैं चरम सुख में डूब गयी। “आ आ हूँ हूँ” बोलकर मोहित ने अपना लौड़ा चूत से बाहर निकाल दिया और दूर कुर्सी पर बैठकर हाफ्ने लगा। मैं अपने सीधे हाथ से अपनी चूत के दाने को जल्दी जल्दी सहलाने लगी क्यूंकि मैं बहुत मजे लुट रही थी। मोहित झड़ना नही चाहता था इसी वजह से दूर हट गया। कुछ देर तक वो मुझसे दूर कुर्सी पर बैठा रहा जिससे उसकी यौन उत्तेजना कम हो गयी। वरना उसका माल निकल जाता। कुछ देर बाद मेरे पास दुबारा आ गया।
“मेरी चूत की रानी!! चल मेरे लौड़े को चूस” वो बोला और मेरे सामने ही खड़ा हो गया। मैं बैठ गयी और उसके लौड़े को हाथ से हिलाने लगी। काफी अच्छा लम्बा चौड़ा लंड था मेरे राजा का। फिर से मुठ दे देकर मोहित के लौड़े को खड़ा कर दिया मुंह में लेकर चूसने लगी। उसका सुपारा बहुत गुलाबी और पेन की नोंक जैसा दिख रहा था। काफी सेक्सी दिख रहा था। काफी मोटा सुपारा था। मैं मुंह में लेकर चूसने लगी। उसके बाद तो काफी चूसा। मोहित से मेरे सिर को कान से पकड़ लिया और मुंह को जल्दी जल्दी लौड़े से चोदने लगा। उसके लंड के छेद से उसका रस बहने लगा तो नमकीन स्वाद मुझे मिला। काफी नमकीन पानी था उसका। मैं कुछ मिनट सर हिला हिलाकर लंड चूसा और हाथ से फेटती रही।
फिर उसकी गोलियों को हाथ से छू छू कर चूसने लगी।
“चलो मेरी रानी अब कुतिया बनो!!” मोहित बोला तो मैं उसके बेड के किनारे की तरह आ गयी और कुतिया बन गयी। मेरी सुडौल गांड और चिपके गोरे चूतड़ पर हाथ लगा लगाकर मोहित ने बड़ा मजा लिया। खूब किस किया फिर जीभ लगाकर पीछे से मेरी चूत चाटने लगा। मोहित ने एक बार फिर से अपना लंड हाथ से पकड़कर मेरी चूत में पीछे से घुसा दिला और कुतिया बनाकर मुझे पेलने लगा। मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करने लगी। आज तो मोहित ने मेरे पहले आशिक महेंन्द्र की यादे भी ताजा कर दी। मेरे बड़े बड़े गोल मटोल सेक्सी चुतड पर हाथ घुमा घुमाकर वो सम्भोग करने लगा और मुझे अनंत मजा दिया। फिर कुछ देर बाद माहित झड़ गया और उसने लौड़े ने माल की रसीली पिचकारी मेरी चूत में छोड़ दी।
“मालिनी!! मालिनी बेटी!! कहाँ गयी तुम??” मेरी मम्मी नीचे से आवाज लगाने लगी ये आवाज सुनते ही मैं जल्दी से उठ गयी और अपनी पेंटी ने अपनी चूत को साफ़ करने लगी। मोहित के लंड से 100 ग्राम माल मेरी चूत में भर दिया था इसलिए रस मेरी चूत ने निकलता ही जा रहा था। मेरी पूरी पेंटी साफ करते करते भीग गयी। मैं जल्दी से अपनी सलवार कमीज पहनी और चाय का कप और प्याली लेकर नीचे अपनी मम्मी के पास चली गयी।
दुसरे दिन जब चाय देने गयी तो मोहित ने मेरी गांड चोद डाली और मुझे भरपूर यौवन सुख दिया।