मास्टरजी को मिली कँवारी चूत
कँवारी चूत मेरी
गावं की गोरी को चोदने का मज़ा ही अलग होता है. उसकी कँवारी मस्त चिकनी चूत पर जब आदमी का मस्त मोटा लंड रगड़ता है, तो उसके कामुक गरम बदन को अकड़ता देखकर, वो जवान मर्द और भी मस्त होकर लड़की या औरत की चूत का भोसड़ा बना देता है. क्या हुआ? ये सब मुझेकैसे पता? अरे! मेरी चिकनी चूत को मेरे गावं के स्कूल के मास्टर ने रगड़ा था और उस कमीने ने मुझे लंड का ऐसा स्वाद लगाया, कि शादी के बाद भी मेरा मन केवल पति के लंड से नहीं भरता, मेरी नज़र हर जवान मर्द को घूरती है और उसके लंड की लम्बाई और मोटाई को नापती रहती है.मेरा नाम कमली है, मुझे पढ़ने का शौक था और गावं ने शुरुवाती कक्षा में मैने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली. कुछ सालो बाद, गावं की हालत थोड़ी सी सुधरी और गावं में पढ़ा लिखा मास्टर आया.
वो स्कूल में आगे की कक्षा तो नहीं खोल पाया, लेकिन उसने पढ़ने में रूचि रखने वाले लड़को औरलड़कियों को अपने घर में पढ़ना शुरू कर दिया था. वो कक्षा रात में लेता था, तो गावं में किसी को ऐतराज़ नहीं था, कि लड़के और लडकिया घर के और खेत के काम नहीं कर पाये. मै१८ के ऊपर की हो चुकी थी और बापू मेरे लिए लड़का ढूंढ रहे थे. मैने भी स्कूल जाना शुरू कर दिया. पढ़ने में,मै अच्छी थी और जल्दी ही मास्टर मेरे प्रति आकर्षित होना लगा था. मेरे कपड़ो से कभी-कभी मेरा कोई अंग दिख जाता, तो मास्टर के मुँह से लार टपकने लगती.
अब मास्टर मुझे छूने के मौक़े ढूंढने लगा और वो मुझे कुछ न कुछ सिखाने के बहाने मुझे छू लेता था. मेरा खून भी जवान था, तो मुझे भी उसका गरम स्पर्श अच्छा लगता और उसके हाथो की छूयन को महसूस करके मुझे अपनी पेशाब वाली जगह पर गिला महसूस होता. मै आपको बतानाचाहती हु, कि मास्टर ही वो पहला शख्स है, जिसने मुझे चूत, गांड, मुम्मे के बारे में बताया. मास्टर की हिम्मत बढ़ने लगी थी और अब वो मेरे मुम्मे को छूता और दबाता और मै मुस्कुराकर रह जाती, मास्टर समझ गया था, कि अब मुर्गी फस चुकी है. एकदिन, घर में कुछ काम के कारण सेमुझे कुछ देरी हो गयी और इस बात का फायदा उठाकर, मास्टर ने सबकी छुट्टी कर दी. मुझे कुछ पता नहीं था, तो मै मास्टर के घर पहुँच गयी. वहां कोई नहीं था, तो मैने सबके बारे में मास्टर से पूछा; वो बोला, तुझे सिखाऊंगा और वो तेरी आगे आने वाली जिंदगी में काम आएगा. मास्टर अंदर लेकर दरवाजा बंद कर दिया। उस दिन बत्ती नहीं आ थी, तो मास्टर ने मोमबत्ती जलायी हुई थी. मैने देखा मास्टर सिर्फ बनियान और लुंगी में था और उसके लंड को मुँह लुंगी से बाहर झांक रहा था. मुझे समझ तो आ गया था; लेकिन डर लग रहा था. मास्टर मेरे पास आया और आँखोंमें आँखे डालकर अपने हाथो से मेरे बालो से खेलने लगा. मै कुछ समझ पाती, उससे पहले ही मास्टर ने मेरे होठो को अपने होठो में दबा लिया और मेरी चुन्नी उतार फेंकी. मास्टर ने मेरे बालो को खीच दिया और मेरे होठो को काठने लगा. उसकी तड़प और बैचेनी मुझे अच्छी लगा रही थी औरमैने भी उसकी लुंगी खोल दिए और उसके लंड को पकड़ लिया. मुझे कुछ पता तो नहीं था, लेकिन मैने उसके लंड को पकड़े रखा. मास्टर हाथ के ऊपर अपना हाथ रखा और अपने लंड को ऊपर नीचे करने लगा.
बेदर्दी मास्टरजी
अब मास्टर ने अपना बनियान उतार दिया और उसका काल नंगा बदन मेरी आँखों के सामने था. उसने मुझे एक ही बार में नंगा कर दिया और मेरे मुम्मो को अपने हाथो से कस लिया और मस्ती मे दबाने लगा. उसने मेरे मुम्मो को को खींचकर मेरे निप्पलो को मुँह में दबा लिया और अपनेदाँतो से चबाने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन जवानी के जोश में मज़ा भी आ रहा था. मास्टर मेरे गोरे बदन को मसलने पर लगा हुआ था. मेरी चूत पूरी तरह से लाल और गीली हो चुकी थी और मेरे ऊपर वासना हावी हो चुकी थी. मै बार-बार बोल रही थी, मास्टर मेरा बदन गरम होगया है और अब सहन नहीं हो रहा है. मेरे पेशाब वाली जगह की खुजली बहुत बढ़ गयी है, कम कर उसे. मास्टर ने मुझे बिस्तर पर लिटा लिया और पैरो को ऊपर करके अपने कंधो पर रख लिया और खोल दिया. मेरी कँवारी चूत खुल गयी थी और मास्टर की नज़रो के सामने थी. मास्टर ने अपनीउंगलियो पर थूक लगाया और अपनी ऊँगली मेरी कँवारी चूत पर रख दी. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया और मेरे मुह से एक लम्बी सी सीइइइइइइइइइइइइइइ निकल गयी. मास्टर मेरी आवाज़ से थोड़ा डर गया और उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सटा दिया और झुककर अपने एक हाथ मुँह कोबंद कर दिया. अब मास्टर ने पूरा जोर लगाकर अपने लंड को मेरी गीली चूत में उतार दिया.
मेरे मुँह बहुत तेज चीख निकलने लगी थी, लेकिन मास्टर के हाथ से मुँह बंद होने से मेरे मेरे गले में ही घुटकर रह गयी. मास्टर का मोटा-बड़ा लंड मेरी चूत फाड़ चूका था और मुझे लग रहा था, कि मेरी चूत में गरम कोयला डाल दिया हो. मेरे तड़पने के बावजूद, मास्टर रुका नहीं और जोर-जोरसे धक्के पर धक्के मारे जा रहा था. कुछ देर में, मेरे दर्द कम हुआ, तो मेरी गांड मस्ती में चलने लगी और मास्टर के धक्को का जवाब धक्को से लगी. मास्टर ने मेरे मुँह से अपना हाथ हटा लिया और मेरे पैरो पकड़कर चोदने लगा. मेरे और मास्टर के मुँह से हलकी-हलकी तड़पती हुईसिसकिया निकल रही थी. मेरा गांड अब तेज चलने लगी थी और एक मिनट बाद मुझे अपनी चूत से कुछ तेजी से बाहर आता हुआ महसूस हुआ. मास्टर ने एकदम अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुँह के ऊपर आकर अपना मुठ मारने लगा और देखते ही देखते उसके लंड नेपिचकारी की तरह उसका रस बाहर निकाल दिया और मेरे सारे मुँह पर फेल गया. जैसे ही मुझे अपने मुँह पर गीला – गीला लगा, मैने अपने हाथो से मास्टर के लंड का मुँह दूसरी तरफ कर दिया. अब मास्टर मेरे पास बैठ गया और मेरे होठो को मस्त चूसा। मास्टर ने गीले तौलिये से मेरे औरअपने बदन साफ़ किया और मै वापस अपने घर आ गयी. उसके बाद तो, जब भी मास्टर का मन होता, मुझे चोदने के लिए बुला लेता और उसने मुझे तब तक चोदा, जब तक मेरी शादी नहीं हो गयी.