सालो को माँ बनने में मदद की
सलाम दोस्तों, मेरा नाम दिलावर खान हैं और मैं बनारस का रहने वाला हूँ. पेशे से मैं जुलाहा हूँ लेकिन मैंने मेट्रिक तक पढाई की हैं. मुझे जवानी से ही सेक्स कहानियां पढनी अच्छी लगती हैं क्यूंकि उस से मैं नए नए सेक्स आसन और लड़कियां पटाने के दाव सीखता था. आज मैंने भी अपनी असली जिन्दगी का एक किस्सा आप लोगों को बताने का सोच लिया हैं. यह किस्से के किरदार हैं मैं, मेरी बीवी कौसर और मेरी बीवी की छोटी बहन यानी के मेरी साली अनीसा. मैं और कौसर बड़े चुदक्कड़ हैं और इस चुदाई के चलते ही घर में 5-5 बच्चो की लाइन लगी हुई थी. अनीसा की शादी को 3 साल हो गए थे लेकिन उसके घर में अभी बच्चा नहीं रोया था, और यही टर्निंग पॉइंट था मेरी साली की चूत का मेरे पास आने का.
बीवी ने कहा साली की चूत चोदने के लिए
एक दिन मैं रेशम साफ़ कर रहा था तभी मेरी बीवी कौसर मेरे पास आई.
अजी सुनते हैं इरफ़ान के अब्बा.
हाँ बोलो, क्या हुआ.
एक काम था आप से, तनिक रेशम को छोड़ेंगे.
क्यूँ नहीं, बोले. इतना कह के मैं कौसर की और घुमा.
उसकी निगाहें नीची थी और उसकी जबान खुल नहीं रही थी. मुझे लगा की शायद 6था बच्चा भी भर गया क्या! कौसर धीरे से बोली, अनीसा के लिए एक काम था अगर आप कर दें तो.
कैसा काम?
उसके सोहर अल्ताफ और अनीसा कल आप के खड्डी पर जाने के बाद आये थे.
अरे भाई, काम क्या हैं?
मुझे शर्म आ रही हैं.
मैं उठा और कौसर के दोनों कंधे पकडे और उसे हिम्मत दी.
तब उसके मुहं से निकला, अल्ताफ चाहते थे की आप अनीसा के साथ…….वो फिर रुक गई….!
अनीसा के साथ क्या? आगे भी तो बोलो.
जी, वो अल्ताफ कह रहे थे की आप अनीसा के साथ हमबिस्तरी कर लेते एक बार!
क्या, पागल हो क्या तुम लोग?
नहीं, ऐसा नहीं हैं. डॉक्टर ने उनकी जांच की हैं और कहा हैं की वो कभी बाप नहीं बन सकते, उनके वीर्य में बच्चे के कीटाणु ही नहीं हैं. जो हैं वो भी मरे हुए हैं. और वो मदनपुरा में अपनी इज्जत गवांना नहीं चाहते हैं. किसी को पता नहीं चलेगा हम चारो के अलावा. अनीसा को अल्ताफ भाई ने राजी कर लिया हैं. बस आप के हाँ करने की देर हैं.
बाप रे, ये सब क्या हो रहा था पता नहीं. वैसे अनीसा दिखने में मधुबाला से कम नहीं हैं. गोरी, कजरारी आँखे, उभरी हुई छाती और पतली कमर. उसकी और मेरी बीवी की उम्र में 7 साल का अंतर था और अनीसा को 18 साल में ही ब्याह दिया गया था. मेरे सामने पहली बार अनीसा का नंगा बदन आने लगा. इस से पहले मैंने कभी साली की चूत चोदने का ख्वाब में भी नहीं सोचा था. और अभी तो खुद मेरी बीवी साली की चूत का तोहफा ले के आई थी और कह रही थी की साढू बाई भी इसमें एग्री हैं. मेरा मन भी अब अनीसा की चूत लेने को हो गया.
तो आप की हाँ हैं? मैं अल्ताफ भाई और अनीसा को बता दूँ?
मैंने हाँ में मुंडी हिला दी.
मैं भी रेडी हो गया
कौसर एकदम खुश हो के कमरे से जैसे भागी. वो बड़ी खुश थी कमरे से बहार जाते वक्त. मैं रेशम सही कर के काम पर चला गया. शाम को जब घर आया तो देखा की मेरी साली अनीसा और साढू अल्ताफ घर पे ही थे. अल्ताफ ने मुझे बस औपचारिक बात की. अनीसा जो हमेंशा मुझे छेडती थी आज वो कुछ नहीं बोली. मेरी बीवी पानी लाइ और फिर उसने सब के लिए गोस्त रोटी लगाईं. खाने के वक्त भी कम ही आवाज निकली सब की. अल्ताफ बस बिच बिच में कुछ बोलता था लेकिन अनीसा तो बिलकुल चुप थी. खाना खाने के बाद मैं कुछ देर टीवी देख के सोने के लिए कमरे की और बढ़ा. मैंने देखा की कौसर आँखों से अनीसा को कुछ इशारे कर रही थी. मैंने ज्यादा तवज्जो नहीं दी और कमरे में गया.
5 मिनिट के बाद दरवाजा खुला और मैंने देखा की अनीसा का कन्धा पकड के कौसर उसे कमरे में ले के आई. उसने अनीसा को बिस्तर तक छोड़ा और फिर वो बहार गई. मैंने दरवाजा बंध होते देखा और उठ के सक्कल लगा दी. अब अनीसा की जान में जान आती दिखी. उसने मेरी और देखा और हंस पड़ी.
जीजा जी, आप को इस से कोई ऐतराज तो नहीं हैं ना.
मैं मन में सोचने लगा की साली की चूत से कभी किसी जीजू को ऐतराज हुआ हैं क्या, फिर मैंने कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं हैं. अल्ताफ को पता हैं फिर मुझे क्या प्रॉब्लम होंगा.
इतना कह के मैं जैसे ही बिस्तर में बैठा अनीसा मेरे पास आई और मेरी दाढ़ी में हाथ फेरने लगी. उसकी साँसों की खुसबू मेरी नाक में आने लगी. अनीसा मुझे अपने करीब लेने की कोशिश कर रही थी. उसे पता नहीं था की मैं चोद चोद के 5 पैदा कर चूका था और मुझे अब यह सब नाटक की जरुरत नहीं होती हैं चुदाई के लिए. मैंने सीधे ही उसे कहा,
अनीसा चलो जल्दी कपडे उतार दो. अल्ताफ और कौसर बहार वेट कर रहे होंगे. यह सुहागरात तो हैं नहीं की पूरी रात हम साथ में रहेंगे.
अनीसा हंस पड़ी और वो फट से खड़ी हुई. उसने उठ के अपना फ्रोक और इजार खिंच डाला. उसने पेंटी नहीं पहनी थी ऊपर सिर्फ एक सस्ती सी ब्रा थी. साली की चूत मुझे तो देखने में ही कसावदार लग रही थी. मैंने भी बनियान खिंचा और लुंगी को ऊपर से निकाल डाली. मेरी साली मेरी चड्डी में छिपे मेरे लंड को देख रही थी. मैंने उसे लंड दिखाने के लिए चड्डी खोल दी और मेरा 9 इंच का लंड देख के अनीसा की आँखों में चमक सी आ गई.
लो इसे चुसोथोडा और अपनी चूत मेरे सामने रख दो.
अनीसा मेरी टांगो के पास उलटी हुई और उसके चूतड़ मेरे सामने थे. मैंने उसकी गांड खोली और साली की चूत मेरे सामने थे. शायद उसने आज ही झांटे भी निकाली थी. मैंने ऊँगली पर थूंक लगाया और ऊँगली को साली की चूत में डाल दी. अनीसा के मुहं से हलकी सिसकी निकली और उसने मेरा लंड अपने मुहं में डाल दिया. वो लंड चूसती गई और मैंने ऊँगली से चोद चोद के उसकी चूत को गिला कर दिया. फिर मैंने धीरे से दूसरी ऊँगली भी साली की चूत में डाल दी. अनीसा अब आह आह कर रही थी. मैं दोनों ऊँगली को अंदर बहार करने लगा था. उसे बड़ा मजा आया. अब वो लंड को अपने मुहं में पूरा घुसाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. उसे पता नहीं था की अंदर पूरा गया तो पीछे भेजे के साथ बहार आएगा.
अनीसा की चूत को मैंने अब छोड़ा और उसके मुहं में झटके मारे. वो भी अब काफीगरम हो चुकी थी. मैंने उसके मुहं से अपना लंड निकाला और उसे खड़ा किया.
चलो उलटी लेट जाओ और अपनी गांड को ऊपर कर लो.
गांड क्यूँ?
अनीसा को लगा की शायद मैं उसकी गांड मारूंगा….!
मैं बोला, अरे पीछे से डालने से चूत के अंदर तह तक बच्चे के कीटाणु जाते हैं.
गांड उठा के चोद दिया
अनीसा हंस पड़ी और उसने उल्टा होके अपनी गांड उठा दी. मैं पीछे खड़ा हुआ और साली की चूत को मैं खोल बैठा. मेरा लंड काफी टाईट था अभी. मैने लंड को साली की चूत के छेद पर रखा और धीरे से उसे अंदर डाल दिया. अनीसा रो पड़ी,
अरे बाप रे मर गई, क्या हैं ये लंड हैं या नाग, पूरा अंदर तक घुस गया हैं ये तो, अम्मी रे बाप रे बहुत दर्द हो रहा हैं.
मैंने उसके बाल पकडे और कहा, तेरी बहन को कभी इतना दर्द नहीं हुआ और तू पहले ही झटके में मर गई. बच्चे इतनी आसानी से पैदा नहीं होते हैं. कुछ पाने के लिए कुछ लेना पड़ता हैं.
अनीसा मेरी बात समझ गई और वो चुप हो गई. मैं अब अपना लौड़ा साली की चूत में रगड़ने लगा. मेरा लंड अनिसा की चूत में मस्त अंदर बहार होने लगा. दो मिनिट के अंदर उसे भी बड़ा मजा आने लगा. वो भी अपनी गांड को उठा उठा के मुझे चोदने लगी. मैंने उसके बाल खींचे रखे जैसे मैं किसी घोड़ी की चुदाई कर रहा हूँ. वो अपने कूल्हों को मेरी जांघ पर मारने लगी और चत चत की आवाजें आने लगी.
मैं भी अब बड़ा मजा लेने लगा था. बीवी की तुलना में साली की चूत बड़ी टाईट थी और मेरा लंड पूरा अंदर घुस भी रहा था. साली की चूत से झाग निकल आया था जो मेरे लंड के ऊपर लगा हुआ था. अनीसा की साँसे उखड़ने लगी थी और वो पसीने से तरबतर हो चुकी थी. मेरे माथे से भी पसीना बहने लगा था.
अब मैंने अपने लंड को साली की चूत में और भी जोर जोर से मारना चालू किया. अनीसा आह आह ओह ओह जीजा जी और जोर से आह आह करने लगी. मैंने उसके बाल छोड़े और उसकी गांड के दोनों कुल्हें खोले और उसे अंदर तक लंड देने लगा. अनीसा की बस हो गई थी. तभी मेरा लंड मचल उठा और उसके अंदर झटका लगा. लौड़े के मुहं से मलाई निकल के साली की चूत में भरने लगी. मैने उसकी गांड को जोर से दोनों तरफ से दबाया ताकि वीर्य अंदर ही भरा रहे. पूरी मलाई अंदर निकाल के मैंने लंड धीरे से बहार निकाला. अनीसा को मैंने पांच मिनिट तकिये पर ही लेटे रहने को कहा.
मैंने लुंगी से लंड को पौंछा और बनियान और लुंगी पहन ली. अनीसा आह आह के हलके आवाज से कुछ देर लेटी रही. पांच मिनिट बाद उसने खड़े होके अपने कपडे पहन लिये. मुझे बिना कुछ कहे वो कमरे से बहार चली गई. दूसरी मिनिट अल्ताफ आया और बोला चलो हम जा रहे हैं.
मैं बिस्तर पर लेटा और कौसर अंदर आई. वो मेरे साथ लेटी और बोली की अल्ताफ भाई और अनीसा ने शुक्रिया कहा हैं. साली की चूत लेने के 10 दिन बाद ही मुझे कौसर ने बताया की मुबारक हो, अनीसा माँ बनने वाली हैं……!