सेक्सी गर्ल की तरसती हुई चुत की ठुकाई

 
loading...

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम आकाश है मैं तैयार हूँ एक और मस्त कहानी के साथ आशा करता हूँ की ये स्टोरी आपको बहुत पसंद आएगी. इस कहानी में आपको थोडा सस्पेंस भी मिलेगा. मैं उस समय बारहवी क्लास में पढता था. मेरी घर के सामने वाले में एक लड़की रहती थी जो मेरे स्कूल में ही पड़ती थी. वो मुझसे एक क्लास जूनियर थी. उसकी ऐज 18 साल थी. देखने में एकदम मस्त और चुदासी लगती थी. उसके चुचे पुरे भरे हुए थे. मनो भरपूर जवानी के साथ एक हुस्न परी हो. मैंने पहले भीबहुत सी लडकियों की चुत चोदी है गीली चुत में लंडदाल के चोदने का अलग ही मज़ा आता हैं चलिए मैं आपको उसके बारे में कुछ बता दू.

उस लड़की का नाम नीरजा था. उसकी उम्र 18 साल थी. हाइट उसकी एवरेज हाइट थी  5’4″ उसका फिगर एकदम मस्त था. कुछ भी ज्यादा नही था. एकदम परफेक्ट. रंग देखने में तो वो किसी अमेरिकन एक्ट्रेस को भी फ़ैल कर दे.

बूब्स ओवर नही थे, जैसे किसी लड़की का होता है की उसकी चुचियाँ कुछ ज्यादा ही बड़ी होती है.

मैंने पहले भी बहुत बड़ी चुचियो वाली एक लड़की की चुदाई की है. वो भी अच्छी थी पर ये उससे कही ज्यादा मुझे अच्छी लग रही थी. उसके गांड भी मस्त थे एकदम परफेक्ट. वो जब चलती थी तो उसके गांड मुझे लगता था की मानो मुझे बुला रहें हो और कह रहें हो की आओ मुझे दबा दो. मेरी बहन चुत को छोड़ दो अपने मोटे लंड से. मैं भी तो तरस ही रहा था कब से की कब उसकी चुत की चुदाई करू.

जब मैंने उसे पहली बार देखा था तभी वो मेरे मन को भा गयी थी. हमलोग बहुत बार स्कूल में बात किये थे और कभी कभी वो मेरे घर भी आती थी. एक दी वो मेरे घर आई, मई उस समय टीवी देख रहा था. उसने मेरी माँ से पूछा, आंटी आकाश कहा है? मेरी माँ ने कहा, तुम ऊपर चली जाओ वो वही टीवी देख रहा है.

वो मेरे पास आई और बोली, क्या आपके पास मैथ की कॉपी है? मैं कल कॉलेज नहीं गयी थी. मैंने कहा हाँ है आओ बैठो अभी ला कर देता हूँ. वो मेरे बगल वाले सोफे पर आ कर बैठ गयी. मैं कॉपी लेने चला गया. वो सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगी. मई कॉपी लेकर आया तभी मम्मी भी आ गयी. उनके हाथ में दो टी कप थे. उन्होने एक कप नीरजा को देते हुवे कहा. आरे बेटी तुम हमारे घर क्यों नहीं आती हो. क्या हमारा घर तुम्हे अच्छा नहीं लगता ?

नीरजा – नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है आपका घर बहुत अच्छा है पर मैं ज्यादा तर पढ़ती ही रहती हूँ.

मम्मी – अरे तुम 11th में ही पढ़ती हो न.

नीरजा – हा आंटी.

मम्मी – कोई क्वेश्चन फसे तो आकाश से पूछ लिया करो तुम अभी नयी हो, तुम्हारी कोई फ्रेंड भी नहीं होंगी.

मम्मी ने फिर कहा, या हो सके तो एक दो घंटे के लिए यही आ जाया करो आकाश तुम्हे पढ़ा भी देगा और हमारी बाते भी हो जाएँगी.

नीरजा – पर अंकल आने देंगे तब न.

मम्मी – अरे रुको मैं उससे बात करुँगी.

नीरजा – ओके आंटी ! मई भी अकेले घर में बोर हो जाती हूँ. कोई है भी नहीं जिससे बाते करू.

मम्मी – हाँ तेरे रमेश तो दिन भर ऑफिस में ही रहता है और रीमा भी ऑफिस में ही रहती है.

नीरजा  – ओके आंटी .

और वो मुझसे कॉपी लेकर चली गयी. मेरी तो मनो लाटरी ही लगने वाली थी. मैं ये बातें सुन कर बहुत खुश हुवा.

अरे यार बातों बातों में मैं आपको अपने बारे में तो बताया ही नहीं. मेरा ना तो आपको पता ही है. मेरे पापा बैंक में जॉब करते हैं और मेरी माँ हाउस वाइफ है. मेरी दो बहने हैं जो लखनऊ रहती हैं. वो एक का नाम दिब्या है और दूसरी का नाम रेखा. दिनों मुझसे बड़ी हैं. मेरे घर में मई माँ और पापा रहते हैं.  वो दोनों वही पढाई करती हैं. हर महीने वो एक दो बार घर आ ही जाती हैं.

नीरजा दो महीने पहले ही यहाँ अपने मामा के घर आई थी पढने के लिए. वैसे मामा को इंग्लिश में अंकल ही बोलते हैं तो आप लोग कंफ्यूज मत होना.

तो, मैं अब उसे पटाने की तरकीब सोचने लगा. ये तो वही बात हो गयी की कुआं अपने आप चल कर प्यासे के पास आनेवाला था.

मैंने बहुत सारी मस्तराम.नेट की स्टोरी पढ़ी है और आप भी मस्तराम.नेट की स्टोरी पढ़े ही होंगे उसमे ज्यादा तर मैंने पढ़ा है की लड़की आई और लड़के ने उसे किस किया, लड़की का मूड बना और दोनों चुदाई करने लग गए. बट, मेरा साथ ऐसा नहीं हुवा. सायद मेरी ये मस्तराम डॉट नेट की स्टोरी  कुछ और ही लम्बी चलने वाली थी.

मैं अब कल का इन्तेजार करने लगा. मैंने प्लान बनाया था की इधर उधर की बातें करके बोल दूंगा की तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. मैं स्मार्ट मुझे अपने आप पर कुछ ज्यादा ही कॉन्फिडेंस था. जो भी हो रात को मैंने खाना खाया और सो गया. कल मंडे था.  सुबह उठ के मैंने अपना सारा काम किया जैसे नास्ता वगैरह कर के स्कूल के लिए चल दिया.

मुझे नीरजा के बारे में कोई आईडिया नहीं था, वो पता नहीं कब स्कूल जाती थी. मैंने कभी उसका इन्तेजार भी नहीं किया था. पर आज उसमे मेरा इंटरेस्ट पहले से १० गुना बढ़ गया था पता नहीं क्यों. मई साइकिल से स्कूल जाता था. हमारा स्कूल १ से लेकर १२ तक था. So, बहुत सारे बच्चे थे. मैं ग्राउंड में पहुच कर साइकिल साइड में लगे और नीरजा को ढूंढने लगा.

तभी मेरी ओर एक लड़की आती हुई दिखाई दी. वो नीरजा ही थी. उसने आते ही मुझे गुड मोर्निंग बोला.

थैंक्यू ! आपकी वजह से मैं आज पीटने से बच गयी, सर बोल रहे थे की जो आज सैटरडे का वर्क नहीं किया होगा उसकी धुलाई होगी. मैंने कहा, कोई बात नहीं.

फिर वो चली गयी. क्लास ख़त्म होने के बाद जब मैं गेट से बाहर निकला तब वो दिखाई दी. वो अपने साइकिल के साथ थी. मैंने उसे आवाज लगे.

नीरजा…. वो रुक गयी, वैसे तुम स्कूल के लिए कब चलती हो?

नीरजा- 8:30 पर..

क्या! इतना पहले आ कर क्या करती हो?

कुछ नहीं यहाँ अच्छा लगया है. वह घर पर तो मामा और मामी ऑफिस ही चले जाते हैं.  मैं ही अकेले बच जाती हूँ घर पर.

ओह. तो तुम मेरे घर आ जाया करो ना,

तुम्हारा मन भी लगा रहेगा. और माँ तो बोल ही रही थी.

उसने कहा – हाँ मैं सोच ही रही थी पर वर्क ज्यादा था न. और हाँ! थैंक्स अगेन. “मस्तराम डॉट नेट की स्टोरी” 

फिर से थैंक्स क्यों?

नीरजा हँसते हुवे- आपकी वजह से सर ने मेरी तारीफ की.

मैं – मेरी वजह से क्यों?

नीरजा – आप मुझे कॉपी नहीं देते तो मेरी तारीफ कैसे होती. उन्होंने मेरा उदाहरण देते हुवे सबसे कहा की सीखो इससे ये उस दिन नहीं आई थी फिर भी वर्क कर के आई है. ये अपने लाइफ में जरुर अच्छा करेगी.

वाओ तुम्हे देख के ही लगता है तुम जरुर अच्छा करोगी.

क्या? मुझे देख के क्यों लगता है.

क्यूंकि खुबसूरत लडकियां हमेसा अच्छा ही करतीं हैं.

इस बात पर वो हंसने लगी. और कहा, बात बनाना तो कोई आपसे सीखे.  अरे नहीं तुम सच में बहुत सुन्दर हो. मेरे इस बात पर वो सरमा गयी.

हमलोग बाते करते करते घर पहुँच गए.  उसका घर मेरे घर से १० मीटर की दुरी पर ही था.

मैं घर चला गया, माँ खाना दो बहुत भूख लगी है. माँ खाना लगाने लगी और मैं अपने रूम में चला गया. चेंज कर के बाहर आया. माँ ने टेबल पर खाना लगा दिया था.

खाना खाते वक़्त मेरे मन में ख्याल आया, पता नहीं माँ में नीरजा के मामा से बात कही होगी या नहीं तभी मेरे दिमाग में एक तरकीब आई.

अब मैं चला सोने बहुत थक गया हूँ. तभी माँ तपाक से बोली अरे वो नीरजा आयेगी तेरे से पढने कुछ बता देना उसे मैंने उसके मामा से बोल दिया है.

मैं अनजान बनते हुवे पूछा कौन नीरजा? अरे वही जो कल आई थी तुमसे कॉपी लेने. ओह ओके. और मैं चला गया अपने रूम में.

उस समय तीन बज रहे थे.

लगभग पांच मिनट्स बाद मैंने उसकी आवाज सुनकर बाहर  आया. माँ ने उसके कहा. जा बेटा पहले पढ़ ले फीर हमलोग बातें करेंगे. वो मेरे साथ मेरे रूम में आ गयी. वो अपने साथ मैथ लेकर आई थी. मैंने उससे पूछा तुम्हारी सबसे विक सब्जेक्ट कोनसी है. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।

यही है जो मैं लेकर आई हूँ. उसने मैथ्स का बुक दिखाया.  मैंने कहा ठीक है तुम्हे जो प्रॉब्लम है निकालो मैं तुम्हे समझाता हूँ. फिर मैं उसे प्रश्न हल करके बताने लगा और कुछ बनाने को दे दिया. वो जब क्वेश्चन सोल्व करने में बिजी थी तब मैंने उससे पुछा. तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

उसने कहा नहीं! और मुझे बनाना भी नहीं है. मुझे बस पढाई पर ध्यान देना है.

ओके. अच्छी बात है. मैंने फिर पूछा , किसी को लाइक करती हो?

नीरजा- नहीं मुझे इन सब झंझट में नहीं फसना.

मैंने सोचा एक लास्ट बार ट्राई किया जाय सायद इस बार कुड़ी लाइन पर आ जाय.

मैंने पूछा, अगर तुम्हे कोई प्रर्पोज करे तो?

इतना कहना था की वो खड़ी हो गयी. वो पूरी गुस्से में थी. मुझे नहीं करना कोई पढाई वडाई तुम्हारे साथ इतना कह कर वो चली गयी. मैंने कहा सॉरी तब तक वो गेट के पास जा चुकी थी. मेरे सॉरी का उसपर कोई असर नही पड़ा और वो चली गयी.

स्कूल से घर तक तो बड़े प्यार से बातें  करते हुवे आ  रही थी. फिर इतनी सी बात पर इतना गुस्सा कर लिया. मुझे क्या पता मैंने तो सोचा था काम आसानी से बन जायेगा पर ये तो बनाने के बजाये उल्टा बिगड गया. मैंने पहले दो की ले चूका था वो तो आसानी से मान गयी थी. सायद मुझे इतनी जल्दी ये सब बात नही करनी चाहिए थी. पर फिर भी इतना ज्यादा गुस्सा का कारन मुझे समझ नहीं आ रहा था. ये सब मैं अभी सोच ही रहा था तभी माँ आ गयी.

माँ-  अरे नीरजा कहा गयी.

मैं डर गया, फिर सँभलते हुवे बोला, अरे माँ वो उसका सर दर्द करने लगा था इसीलिए चली गयी.

माँ- ओह आजकल के बचों का पढाई के नाम से ही सर दर्द करने लगता है.

इतना कहकर माँ चली गयी.

मैं जा कर बेड पर लेट गया और उसके बारे में सोचने लगा तभी.

हाय मंकी!…. अरे! ये तो दीदी की आवाज लग रही है.

मैंने देखा तो गेट पर दिब्या दी खड़ी थीं.

हाय दी. आप कब आई और रेखा दी कहा हैं. मैं उनके पार जाए हुवे कहा. तभी रेखा दी गेट के सामने आते हुवे बोली हेल्लो मंकी कैसा है.

अरे अभी तो चुप रहो तुमलोग अभी आते आते ही तुमलोगों ने मुझे चिड़ाना शुरू कर दिया मैं अब बड़ा हो गया हूँ दीखता नही क्या तुमलोगों को मैं थोडा गुस्से में बोला. रेखा – ओके दी अब इसे मंकी नहीं बोलेंगे अब इसे बिग मंकी बोलेंगे क्यों मंकी अब बड़ा हो गया है. इतना कर सब हसने लगे. पर ये तीसरे हंसी कुछ जाना पहचाना लग रहा है. मैंने पीछे मुड कर देखा तो मेरी गांड ही फट गयी. मेरे पीछे नीरजा खड़ी थी. ये कब आई और क्यों आई है. इसके हाथ में किताब भी नहीं है.

कही इसने वो बातें दीदी को तो नहीं बता दी.

नही नही अगर बता दी होगी तो मेरी खैर नहीं.

पर इसकी हंसी देखकर तो लगता नही की इसने कुछ बताया होगा पर कुछ भी हो सकता है.

इस लड़की को मैं नहीं समझ सकता.

तभी माँ आ गयी अरे आ गयी तुमलोग कोई फ़ोन भी नहीं किया. अरे नीरजा तुम्हरा सर दर्द कर रहा था ना. इसपर नीरजा कुछ बोले मैंने कहा.

अरे माँ! सर का क्या है दर्द करता है फिर तुरंत ठीक भी हो जाता है. वो बोली ओके.

तुमलोग थक गयी होगी मैं नास्ता बना कर लाती हूँ.

इसपर रेखा दी ने कहा माँ हलवा बना दो न तेरे हाथो का हलवा खाए एक महिना हो गया. माँ ने कहा ठीक है मैं बना के लाती हूँ. कुछ देर बाद माँ ने हलवा लाया मैं लेकर रूम में चला गया  माँ फिर किचेन में चली गयी. वो सब आपस में इधर उधर की बातें कर रही थी.  उनकी बातें मुझसे साफ साफ सुने दे रहीं थी.

रेखा- तू अभी भी उदास ही रहती है. अभी भी अपने उस गाव वाले बॉयफ्रेंड को याद  करती हो क्या. फिर दी हसने लगी. इसपर दिब्या दी ने रेखा दी को डाटा चुप रह रेखा क्यों बेचारी को और दुखी कर रही है. रेखा- मैं कहा दुखी कर रही हु,

मैं तो बोल ही रही हूँ की उसे भूल जा नहीं तो फिर से फेल हो जाएगी और फिर दीदी जोरो की सने लगी. नीरजा – मैं उसे कब की भूल चुकी हूँ. और वैसे भी अब मुझे कोई और पसंद आ गया है.

रेखा और दिब्या एक साथ – अरे वाह कौन है वो खुसनसीब.

नीरजा- म्मम्म… मैं अभी आपको नहीं बता सकती,

रेखा – तब कब बता सकती हो, सोच लो दोस्तों से कोई बात नही छुपानी चाहिए.

मैं साडी बातें अपलोगो को बता दूंगी पहले उसको तो बता दू.

ओके. जल्दी कर वरना उसे भी कोई और ले उड़ेगी.

उनलोगों की बातें सुनकर मेरा दिमाग ही हिल गया. अब साला ये गांव वाला लड़का कौन है. और ये कामिनी तो मेरे सामने बहुत अच्छी बन रही थी अब इसे भी कोई पसंद आ गया साला. जरुर चुद चुकी है तभी तो कहू की इसका फिगर इतना मस्त कैसे है. और फेल भी हो चुकी है . लगती  भी २० की है. मेरी दिमाग में उसके लिए अब केवल नफरत ही भर गया था.

यही सब सोचते सोचते मैं सो गया रात में खाना खाना कहने के लिए

दीदी ने मुझे जगाया, हमलोग खाना खाने लगे, आज मंकी चुप क्यों है किसी ने मार दिय है क्या.

मैं- नहीं मुझे नींद आ रही है.

दिब्या- पुरे तीन घंटे सोया है फिर भी अभी तुझे नींद ही आ रही  है.

मैंने उनके बात का जवाब नही दिया और खाना खा के सोने चल दिया. अगले दिन भी मैं देर तक सोता रहा जब दीदी ने जगाया. अरे जाग जा मंकी स्कूल नही जाना क्या. मैंने देखा तो आठ बज रहे थे. मेरे रेडी होने में 9:30 हो गया और नास्ता करके स्कूल चला गया.

स्कूल से वापस आते वक़्त नीरजा रस्ते में दिखाई दी मैंने उससे कुच्छ नहीं बोला और ना ही उसने मुझसे कुछ बोला. मैं घर आया और खाना खाया और सीधा अपने रूम में चला गया. मैं अपने चेयर पर बैठ कर पढ़ रहा था नीरजा गेट से अन्दर आई. मैं उसे देख कर चौक गया. उसके हाथ में वही मैथ की बुक थी. वो आके मेरे सामने वाले चेयर पर बैठ गयी. उसे देखते ही मैं सारी नफरत भूल गया और और उससे कहा.

सॉरी कल मैंने तुम्हे ज्यादा परेशान कर दिया था.

सॉरी तो मुझे आपको बोलना चाहिए मैं एक छोटी सी बात पर गुस्सा हो गयी थी.

मैंने कहा ओके चलो अब पढाई करते हैं. कुछ देर बाद उसने पूछा आपकी कोई gf है?

ये बात सुनकर मैंने  कहा नहीं.

उसने कहा कही आप भी मेरे जैसा पढने वाले तो नहीं.

फिर मैंने कहा नही पर मैंने तुम्हारी वो कल वाली बातें सुन ली थी.

पर उसने अपने इसजवाब से भी मुझे चौका दिया.

उसने कहा मुझे पता था की आप सुन रहे हैं.

मैं- तो गाव वाला बॉयफ्रेंड कौन है और फिर यहाँ पर तुम्हे कोण पसंद आ गया है?

मधु- सो, बस इतना समझ लिजीये की वो मेरा पास्ट था जिसे मैं याद नहीं करना चाहती और आप मेरे future हो जिसे मैं कभी भूलना नहीं चाहती. ना ही मैंने कोई क्लास मिस किया था और नाही किसी टीचर ने मेरी तारीफ की थी. मैं तो बस आपके नजर में अच्छा बनाना चाहती थी और आपके पास रहना चाहती थी.

मैं- तो फिर तुमने कल इतना गुस्सा क्यों कर लिया मुझपर. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।

मधु- , मुझे लगा की आप भी केवल हवस के पुजारी है मेरी पिछले बॉयफ्रेंड जैसे.

मधु- मैं आपको कैसी लगती हूँ?

और मैंने उसे बता दिया की वो मुझे बहुत अच्छी लगती है मैउसपे शुरू से ही फिदा था. धीरे धीरे और प्यार भरी बातें हुई और उस दिन हमलोगों ने एक किस किया और कुछ नहीं. अगले दिन मेरी दोनों सिस्टर्स चली गयी. ऐसे ही एक महिना बीत गया. मेरे और नीरजा के बीच केवल किस ही होता था पर आज दिन था चुदाई का.

आज माँ मामा के घर गयी थी और कल आने वाले थी. हमलोगों ने प्लान बनाया की आज चुदाई करेंगे. जौसे ही वो आई मैं उसे गोद में उठा लिया और सोफे पर लिया दिया. मेरी इस उत्तेजना को देख कर उसकी हंसी निकल गयी. उसने कहा अरे आराम से मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ. मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और उसकी चुचियों को ऊपर से ही चूसने लगा. पगली बार उसकी चुचियों को चूस रहा था मनो स्वर्ग का आनंद आ रहा था. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और फिर ब्रा. अब वो केवल पैंटी में मेरे सामने थी. उसके दूध जैसे दूध मेरे सामने थे.

मुझसे अब रहा नहीं गया मैंने उसको पूरी तरह से नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. पगले मैं उसके चुचियों को चुसना स्टार्ट किया और धीरे धीरे नाभि से होते हुवे उसके चूत तक चला आया. वाह क्या मस्त चूत थी. उसकी मनमोहक गंध से मेरा उत्तेजना और बढ़ गयी. मैंने 69 का पोजीश

न बनाते हुवे अपने मोटे लंड को उसके मुह के हवाले कर दिया और उसकी मस्त चूत को चाटने लगा. वो भी मजे में मेरे लंड को चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसी चुसाई और चूत चटाई के बाद मैंने उसके मुह से लंड निकल कर उसके चूत पर रखा. वो भी मस्ती में कराह रही थी. मैंने देर ना करते हुवे उसके चूत में लंड घुसेड दिया. लंड को चूत में जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. मई अब मस्ती में उसे चोदने लगा. वो भी मजे में चुदवा रही थी. लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने अपना लंड उसके चूत से बाहर निकाला और उसके मुह में सारा पानी गिरा दिया. वो भी मजे से सारा पानी पि गयी. फिर वो मेरे लंड को चाट कर साफ़ करने लगी. मुझे लगा की सामने कोई खड़ा है. मैंने सर उठा के सामने देखा तो मेरी गांड ही फट गयी.

सामने दिब्या दी खड़ी थी.

चुदाई में इतना मग्न हो गया था की मुझे आसपास का कोई होश ही नहीं रहा.

मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था. दी का चेहरा गुस्से से लाल हो चूका था.

तो दोस्तों समय की कमी के चलते मैं ये कहानी यही पर रोक रहा हूँ.

आगे की कहानी और मजेदार है.

जल्द हो आगे की कहानी भी लिखूंगा और उसका लिंक आपको यही मिलेगा.

आप कमेंट बॉक्स में बताएं की कहानी कैसे लगी.



loading...

और कहानिया

loading...



bhanji ko khelne ke bahane dudh pita thakamukta.comchoti bachi ko choda sex antrvsnमुस्लिम चुदाई कहानीDivar ne bahbi ki gad phardeताबुकिसोकसीपिचरसेक्सी स्टोरी बड़ी बहन की जवानीBUA AUR MAI XXX HINDI STORYchodan.comhindisexykahaniwww हिन्दी कामुकता डाट काम बहन की चुदाईsexy.kahaniy.bibi.k.chakar.me.bahu.ko.choda.hindidise gaiva hot 80 yaras sex xxxचुतड़ पाड़ चुदाई दिखाऐgalfrind ko adla badla paisa leke xxx sexy vedeoभाई ने बहन बलकंमेल कंर के चोद सेकस सटोरmeri mere bhateeje na gand mardiANTRVASNASEXSTORIS.COMHINDIMAmaakichudaistory.inमेरी gand tumhare liyeसरिता रँडी वरेलीहिंदी में नींद की बेटी कौमार्य सेक्स कहानीdidi ko nind me bhai ne sex kiyeऑफिस में मैडम की गांड मार लीsexe worat ko 13 inch ka lund ke bhukheBhah bhan Anjane me xxx storyxxxii kahani.comkahani behansouteli bahan se sadi or chudai or Bacha Hindi sex kahanisex kahani naukar ,mjdur etcहीना की चूतsex khani dost sikhaya muth marna ma kigandantarvasna kamukta archives 2018माँ बेटे कि चुदाई लिखी हुई पैसे देकर चोदाहिंदी क्सनक्सक्स स्टोरी बीआरओ सीस first timesexstorienhindi chudase sage parivar ki kamuk kahaniरंडी भाभी को दोस्तों से चुदवायामैं रंडी हूँ… तेरी रंडी हूँ मैं आज से… चोद मुझे… घर पर जब भी तेरा मन करे चोद देना मुझे… अपने दोस्तों से भी चुदवानाporn stories rishto kichudayi hindi me likhi huyiदादी चुत की चुदाई कीmere kutte ne mujhy chuda sexy storyhindesixy.comjabardasti choda seal todi x story in hindixxxhinde khanepariwar me chudai ke bhukhe or nange logkutte aur ladki ki chudai ki kahaniजीजाजी ने मेरी पेंट की जिप खोलकर हिन्दी सेक्स कहानीanty nind me thi maine pel diya storypublic sex hindi kahanihindi ma chudai ke apni kahine apni juvani you touvchudaikikahanihindisex storihouse bhai bhanbhnjeexxx2018 maa beta antarvsnaGang daru xxxx sex hindi kahanimaa aur bete ki rape kahaniyachudai ki parivar mai mom bua kiantrvasan विधवाantiko terna sikhaneke bhane gand mari hindimemaa beta khet sex kahaninew hot sex gandi kahaniya sexnxxसेक्स स्टोरी बूढ़े के साथbiwi aur sas suhagrat kahaniantarvasna chut dikha keHot ब्राम्हण अँटी sexy video teenbuddi mousi aur unki jethani ko choda hindi me kahaniyaKURSE.PAR.CHODAI.BADWAPhindi adult khaine husband ke samne part 2 सेक्स स्टोरीchudaidadeभूआ भतीज चोदाइ कहानिSEXXX पहली चुदाई की कहानियाindiyn aanti sexma or muosi ki chudai ki kahaniMA or bhete ki sudai Hindi kaniayaबहन कि चु त फाडडालीsexkahani banjarankachchi umar me chudai story hindi me with sisterxxx.rep,kahania.hindiअदिवासी औरत कि चुतhindisxestroy