सेक्स की पहली क्लास
दोस्तो मैं मुकेश , आपका दोस्त. अपनी पिछली कहानी को आगे बढ़ाते हुए. आंटी पूरी तरह नंगी थी. बालो ने चुचियो को ढकने की नाकाम कोशिश की थी. और योनि साबुन से छिपी हुई थी. लाल रंग का तराशा गया बदन , होंठो की लालिमा , तीखे नयन , बड़े आकर के नितंब , लग रहा था की कोई परी नंग होके धरती पे आ गयी है. मे थोड़ी देर तक बस देखता रहा उस खूबसूरती को. तभी आंटी ने कहा कभी किसी औरत को नंगा नही देखा?…
मैने कहा नही. इतनी खूबसूरत कभी नही. अचानक मैं होश में आ गया. आंटी को टॉवेल दी. और जाने लगा. आंटी को नंगी देख कर मेरा 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लॅंड खड़ा हो गया था. आंटी की तीखी नज़रो ने उन्हे देख लिया था.तभी आंटी ने मुझे रोक लिया. और कहा चलो साथ मे नहाते है. मेने कभी सेक्स नही किया था. ब्लू फिल्म और सक सेक्स पे ही कहानिया पढ़ी थी.
आंटी ने मुझे बाथरूम मे खीच लिया. मेरी चॅड्डी उतार दी. मेरा 6 इंच का लंड अब बाहर आ गया. आंटी ने हाथ मे पकड़ कर बोली इतनी छोटी उमर मे इतना मोटा?
आंटी घुटने के बल बैठ गयी. और मेरे लंड के अग्र भाग शिशिंका को अपने गर्म मूह में ले लिया. और धीरे धीरे जैसे कराही में केह्चुल घूमाते है वैसे ही वो मेरा लंड अपने मूह में घुमा रही थी. धीरे धीरे अपने लार से मेरे लंड को भिगाती हुई. मेरे लंड को धीरे धीरे उत्तेजना की चरम सीमा पे ले आई. मुझे लगा मेंने मूत ( वो कामरस था) दिया पर आंटी ने मेरा मूत ( मेरा काम रस) पी लिया.
मुझे नही पता था की क्या हो रहा है. आंटी माहिर थी संभोग और सम्मोहन में आंटी खड़ी हुई और मुझे लेटने को कहा बाथरूम में ही मैं लेट गया. आंटी ने मेरे लंड को फिर से खड़ा करना शुरू कर दिया. ये सब मेरे लिए सपना जैसा था. मैं ब्स आंटी की बात मानता गया. मैं आंटी की हल्की बालो वाली चूत को निहार रहा था. आंटी ने मेरा लंड खड़ा कर लिया. और हल्के से मेरी तरफ झुक गयी.
आंटी ने अब मेरे होंठ को चूसना शुरू किया. काफ़ी देर तक वो मेरे होंठ और जीभ में घर्षण करती रही. और फिर मेरा लंड अपनी चूत मे हल्के से डाल दिया. लंड आराम से चूत मे चला गया. ऐसा लगा मानो की लंड किसी रेशम की गरम पानी मे गीली चादर में गया हो. इतना कोमल , इतना प्यारा , इतना सुखद अनुभव जिसको शब्दो मे बयान करना मुश्किल है.
आंटी ने कहा की मे अपना लंड उनकी छूट अंदर बाहर करू.
मेने उनकी बात मान कर अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. बार बार अंदर बाहर करते हुए मेरी साँसे बढ़ गयी. आंटी भी आवाज़ निकालने लगी.
जवान लंड से चोद रहा है बहनचोद , इतना मोटा लंड अबतक कहाँ छुपा रखा था. ओह..ओह…. ह्म्म
आंटी की चूत में 3 इंच का चीरा था. और काफ़ी मुलायम जगह थी वो. चूत में उपर की तरफ बालियां लगा रखी थी. और चुचियो पर भी बीच में डिज़ाइन बनवा रखी थी.
आंटी भी उपर नीचे होने लगी थी. पता नही कैसे मेरा लंड भी तेज हो गया. और बाथरूम में आवाज़ ही आवाज़ आने लगी . आंटी के कहने के बाद मेने लंड को चूत से बाहर निकाला और फिर अंदर डाला. मुझे डर लग रहा था, बिना कॉन्डोम एक रंडी जैसी आंटी की चूत मे अपना लंड डाल रहा था. पर मज़ा जो मिल रहा था उसने डर को ख़तम कर दिया था.
आंटी: बहुत लंड लिए है. जवान लंड का मज़ा ही कुछ और होता है.
आंटी मेरे उपर थी. मैं नीचे था , आंटी मुझे चूमती और अपनी चूत अंदर बाहर भी करती. 15 मिनिट तक आंटी और मैं इसी तरह सेक्स करते रहे.
में आंटी की चूत मे लंड को ज़्यादा से ज़्यादा घुसा रहा था.
अचानक आंटी ने मुझे उपर आने को कहा. मे उपर आ गया तो आंटी नीचे हो गयी. और फिर मेने फुल स्पीड मे आंटी को चोद्ना शुरू किया. फ़च फ़चफ़चफ़चफ़चफ़चफ़च…..फक यही आवाज़ बाथरूम में गूजने लगी. सेक्स क्या होता है ये मुझे पता चलने लगा था. आंटी मेरे लंड को अंदर से अंदर लेना चाहती थी. उनकी चूत की गहराई बहुत बड़े लंड को लेने के काबिल थी. पता नही क्यों उनके पति ने उन्हे तलाक़ दिया होगा. चूतिया होगा वो जो इतनी मस्त माल को तलाक़ दे बैठा.मुझे आज जन्नत मिल गयी थी. और मेने भी स्पी बढ़ा दी
में: आंटी मुझे मूत आ रही है.
आंटी: बहनचोद चूत के अंदर ही मूत दे.
आंटी ने मेरी मूह पे चुंबन की लाइन लगा दी.
मेरा लंड धीरे धीरे मोटा होके पानी छोड़ने लगा.
और साथ मे आंटी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया. मेरा गरम पानी आंटी के गरम पानी से मिलने लगा. हम दोनो असीम आनंद की सीमा पार कर गये थे. फिर भी आंटी और मैं नही रुके , पानी का आख़िरी क़तरा निकल जाने तक चुदाई करते रहे.
आंटी की चूत लाल हो गयी थी. मेरा लंड थोड़ा सूज गया था. मेने आंटी को बताया आंटी बोली पहली बार है. होता है. आओ ठीक कर दूं. आंटी फिर मेरे कमर के नीचे गयी और मेरा लंड निकल कर चूसने लगी. बहुत अच्छा लग रहा था मुझे की अचानक रूम मे किसी की दस्तक हुई.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था. और आंटी भी तैयार हो चुकी थी. दरवाजे पे दस्तक से हम दोनो डर गये. अचानक से मेरा लंड शक्तिहीन होके बैठ गया. आंटी मे झुनझूला गयी और बोली जाओ देखो कौन है.
दरवाजे पे दस्तक बढ़ती गयी. में चाहता था की आंटी थोड़ा प्यार करना चाहता थ.कौन आया होगा ये सोच कर मुझे भी गुस्सा आ रहा था.दरवाजे पे अब ज़ोर ज़ोर से पिटा जाने लगा था. मेने अंदर से आवाज़ दी , खोल रहा हूँ. मेने तुरंत अपनी जीन्स पहनी और दरवाज़ा खोलने गया. दरवाजा खोलते ही मेरे होश उड़ गये. सामने राजस्थान पुलिस के 2 जवान थे. उन्होने पूछा दरवाज़ा खोलने में इतने देर क्यों की? में डर गया और कुछ बोल नही पाया. आगे के भाग मे जानिए की पुलिस के जवान क्यों आए थे? आंटी के साथ आगे क्या क्या हुआ?
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