अंकल आपसे चुदवाये बिना मै नहीं रह सकती
हैल्लो दोस्तों, मुझे सभी लोग लवली के नाम से बुलाते हैं। आज पहली बार में आप सभी लोगों के सामने अपनी सेक्स स्टोरी बताने जा रही हूँ। आपका साथ मिलेगा तो और भी बताउंगी। में बहुत सेक्सी हूँ और सेक्स करने के साथ बहुत मजे भी करती हूँ। कुछ दिनों पहले मेरे घर में एक किरायेदार रहते थे। उनका धर्मेश नाम था। वैसे तो शादीशुदा थे लेकिन घर पर अकेले ही रहते थे। वो बहुत ही स्मार्ट और पढ़े लिखे थे।
उनके बात करने का अंदाज़ हमारे घर में सबको अच्छा लगता था। वो खाली समय में मेरे कमरे में आ जाते और हम लोगों से बात किया करते थे। में तो उनसे बहुत ही मोहित हो गयी थी, वो मुझे मेरी पढ़ाई में भी मदद किया करते थे। में फिज़िक्स में कमजोर थी और वो अच्छे से बताते थे। में उनसे बात करने के लिए बैचेन रहने लगी थी। जब वो छुट्टियों में अपने घर पर चले जाते थे तो मेरा मन एकदम उदास हो जाता था।
अब मुझे इंटरनेट पर सेक्सी स्टोरी पढ़ने का शौक हो गया था। ये सब मेरी सहेली रूबी ने मुझे बताया था। एक दिन जब में एक स्टोरी पढ़ रही थी तो स्टोरी एक किरायेदार और उसके मकान मलिक की बेटी से संबंधित थी। एकदम से मुझे धर्मेश अंकल का ध्यान आ गया और मेरे बदन में हज़ार चीटियाँ रेंगने लगी और मेरे बूब्स फूलने लगे, मैने अपनी चूचियों की निप्पल छूकर देखी तो वो एकदम टाईट हो गयी थी।
अब पहली बार मुझे धर्मेश अंकल से चुदवाने का ख़याल आने लगे थे और मेरी चूत फूलने लगी थी, यूँ तो में हमेशा सेक्सी स्टोरी पढ़ने के बाद अपनी चूत मे उंगली डालकर खुद को चोदा करती थी। लेकिन उस दिन इस विचार से ही की धर्मेश अंकल से में चुदवा लूँगी, मुझे लगा में झड़ जाउंगी। तभी में झट से उठकर बाथरूम मे गयी और अपनी उंगली से अपने आप को चोदने लगी थी, में धर्मेश अंकल का लंड का ख्याल करके ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत खरोंचने लगी थी।
मुझे तो मेरे दोस्तों ने ही कॉलगर्ल बना दिया
लेकिन उस दिन मुझे झड़ने मे ज़्यादा वक्त नहीं लगा था, अब झड़ने के बाद भी मेरा ताव कम नहीं हुआ था। अब मेरे ऊपर धर्मेश अंकल से चुदवाने का भूत सवार हो गया था। अब मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ने से भी ज़्यादा मज़ा धर्मेश अंकल को याद करके अपनी चूत को रगड़ने में ज़्यादा मज़ा आने लगा और तभी मैने रूबी से ये बात कही..
में : रूबी मुझे चुदाई का बड़ा मन करता है।
रूबी : किससे करोगी बेबी? लंड इतनी आसानी से नहीं मिलता है और ऊपर से घर वालों की नज़र हमेशा हम पर ही होती है।
में : मेरे घर में धर्मेश अंकल रहते हैं ना उनसे, आज कल उनके ख़यालों में मेरी पेंटी भी हर कभी गीली होती रहती है।
रूबी : ओह माई गोड, ठीक तो है तू चुदवा ले फिर मुझे भी चुदवा देना भूलना नहीं।
में : चल हट यहाँ मेरे चूत की वॉट लगी है और तू अपनी चूत को बीच में घुसेड रही है।
रूबी : अरे करना क्या है, एक बार मौका देखकर उनके लंड पर हाथ डाल दे, बस तू थोड़ी हिम्मत कर और चुदवा लेकिन मुझे जरुर बताना।
में : सच में मुझे हिम्मत तो करनी ही पड़ेगी अब में मौका तलाशने लगी थी, एक दिन जब धर्मेश अंकल मुझे कुछ बता रहे थे मैने जानबूझ कर उनके लंड पर हाथ रख दिया और लंड को दबा दिया था। तभी वो कहने लगे कि यह क्या किया लवली? मुझे चोदो ना अंकल प्लीज। दोस्तों आप ये कहानी गुरुमस्ताराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l
अब में एकदम निर्लज की तरह बोल गयी और उनकी आँखों में देखने लगी थी। धर्मेश अंकल घबरा गये थे, लेकिन उनकी पेंट के भीतर उनका लंड अपना आकार बदलने लगा था। अब में क्यों अंकल, मुझमे इंटरेस्ट नहीं, में आपसे चुदवाए बिना पागल हो जाऊँगी प्लीज़, अब लंड फूलते ही धर्मेश अंकल ताव में आ गये, वो मुझे पकड़ कर वहीं चूमने लगे और संजोग से वहाँ कोई भी नहीं था। अरे, यहाँ नहीं, अंकल। आप अपने रूम में जाओ, में आती हूँ।
मुझे एकदम नशा छा गया था। अब मम्मी से बोलकर कि में अंकल से कुछ पूछने जा रही हूँ और अब कुछ ही देर में उनके रूम में पहुँच गयी थी। तभी मेरे कमरे के अंदर आते ही उन्होने मुझे कसकर पकड़ लिया और गहरा चुम्मा लेने लगे थे ओह लवली, तुम इतनी सेक्सी हो, पहले क्यों नहीं बताया। तुम्हारे मुँह से चुदाई की बात सुनकर में तो पागल हो गया हूँ। पहले तो काबू करने की कोशिश की लेकिन अब नहीं रहा जाता, मुझे आपसे मुहब्बत हो गयी है।
अंकल, मेरी कोरी चूत को चोदकर मुझे पूरा सुख दीजिए, अब में उनके लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी थी, आज में भी जिंदगी में पहली बार तुम जैसी किसी कच्ची लड़की को चोदूंगा, बहुत टाईट चूत होगी तेरी। तभी धर्मेश अंकल ने झट से अपना लंड पेंट से निकाल लिया और मेरे हाथ में दे दिया, में पहली बार कोई लंड पकड़ रही थी। मोटा और लम्बा लंड पकड़ कर में और मतवाली हो गयी थी।
मम्मी औरत है या मर्द-4
अब में बहुत लम्बे लंड को मसलने लगी थी और निहारने लगी लंड की भीनी भीनी सुगंध से मेरा नशा और बढ़ने लगा था। जी करने लगा कि लंड को खूब ज़ोर से सूंघ लूँ। तभी में फ़ौरन नीचे झुककर अंकल के लंड को सूंघने लगी और मैने लपक कर लंड को मुँह में ले लिया और बहुत ज़ोर लगाकर चूस लिया था। अंकल जी पूरे ताव में मेरी चूचियाँ रगड़ रहे थे, अब मेरी चूत से पानी की धार छूट रही थी।
अब मेरी बर्दाश्त से अब बाहर हो रहा था में बार बार लंड की चमड़ी को खींच खींच कर उसको मुँह में ले रही थी और एक बार अपने कंठ से छूकर बाहर निकाल लेती थी। फिर लंड पर ढेर सारा थूक डालकर चूसती और मुँह में भर लेती थी। अब अंकल अपनी आँखें बंद करके बहुत मज़ा ले रहे थे। थोड़ी देर में वो अपने हाथ से लंड थाम कर मेरा मुँह चोदने लगे और वो इतनी ज़ोर से मेरे मुँह में अपना लंड डाल रहे थे की मुझे उल्टी होने लगी, लेकिन वो रुके नहीं।
अब करीब पांच मिनट तक मेरा मुँह चोदने के बाद उन्होने मुझे टेबल पर बैठा दिया और मेरे सारे कपड़े निकाल कर मुझे पूरा नंगा कर दिया था और कुछ देर वो मुझे बहुत निहारते रहे और मेरे पूरे नंगे बदन को हौले हौले सहलाते रहे। फिर मेरी टाँगों को फैला कर मेरी चूत को सहलाने लगे तभी में एकदम तड़प उठी मुझे लगा अब में झड़ ही जाऊंगी तभी मैने उनको कहा कि अंकल हल्के हल्के छुओ, वरना में झड़ जाऊंगी। में तुम्हारे लंड से ही झड़ना चाहती हूँ मुझे ऐसे नहीं झड़ना।
ओह, कुतिया लवली तुम तो पक्की चुदेल हो कोई नहीं कह सकता कि तुम कुँवारी हो। कितनी गंदी गंदी भाषा बोल रही हो। इंटरनेट पर सेक्स की कहानियों में तो यही सब होता है ना अच्छा, ये शौक भी है तुमने कभी चुदाई की फिल्म देखी है की नहीं? धर्मेश अंकल ने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से टटोलते हुए पूछा। मैने कहा नहीं अंकल, कहीं मिला ही नहीं, अंकल आपके पास हो तो में देखूँगी, लेकिन अभी नहीं, पहले मेरी चुदाई करो और मेरी आग मिटाओ।
अब इतना सुनते ही अंकल नीचे झुके और मेरी चूत को सूंघते हुए उस पर मुँह लगा दिया। अब में डर सी गयी क्योंकि चूत चटवाने का यह पहला एहसास था मेरा। सच कहूँ तो कोई चूत पर अपनी जीभ फैरे तो जन्नत दिखती है। अब में खुद अपनी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगी और मस्ती में सिसकारियाँ लेने लगी थी। अब अंकल ने बहुत मज़े से मेरी चूत को चूसा। मेरी चूत के कोने कोने को चाटते रहे और फिर उठकर वो मेरा चुम्मा लेने लगे थे।
मेरी दो दो साली बनी पूरी घरवाली
उनके मुँह से मेरी चूत की खुश्बू तो आ ही रही थी चूत का लिसलिसा पानी भी उस पर लगा था, में उनके मुँह को मस्ती में चाटने लगी थी अंकल अब चोदो ना, मेरी चूत को चुदना सिख़ाओ ना, तुम्हारा टाईट लंड मेरी चूत में डालकर मेरा कुँवारापन खत्म कर दो अंकल ऊऊओ, मुझे वाकई तुम्हारी कुतिया बनाओ डार्लिंग, धर्मेश अंकल की चुम्मि लेते लेते में जाने क्या क्या कह गयी थी, फिर धर्मेश अंकल खुद सोफे पर बैठ गये और अपना लंड झट से पकड़ कर खड़ा कर लिया। दोस्तों आप ये कहानी गुरुमस्ताराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l
वो बोले आओ लवली, आज तुम्हारी चूत का कुँवारापन में दूर किए देता हूँ, इधर आओ
में ठुमकते हुए उनके पैरों के दोनो ओर अपने पैर डालकर अपनी चूत को धीरे धीरे नीचे झुकाते हुए उनके लंड पर रख दिया था। लंड का पहला स्पर्श हुआ और में बेकाबू हो गयी दाँत भींचकर उनके लंड पर एक बार जो बैठी तो बैठती ही चली गयी जब तक उनके लंड का इंच दर इंच मेरी चूत की भीतर एकदम गहराइयों में घुस ना गया।
दर्द वर्द का कोई एहसास होने ही नहीं दिया मुझे पता था की हल्के से डलवाउंगी तो दर्द होगा और क्या पता में दर्द के मारे बिना चुदी ही ना रह जाऊं, एक बार ऐसा तो लगा कि जैसे चूत में कोई भाला घुसेड रहा हो लेकिन ज्यादा दर्द नहीं हुआ चूत में और लंड के भीगे होने के कारण बहुत मुश्किल नहीं आई, करीब तीन मिनट तक आँखें बंद करके अपनी चूत के भीतर ठूँसे हुए मोटे, लम्बे लंड का एहसास करती रही।
अब लगा जैसे मेरे चूत के भीतर कोई खून का फव्वारा फैलकर मेरे सारे शरीर में भर रहा है एक तेज़ खून का झोंका मेरे सारे शरीर में भर गया था। मेरी आँखें फैल गयी, चूचियाँ कठोर हो गयी, होंठ जैसे फूल गये और कान एकदम तपते तवे के जैसे हो गए लेकिन जब वो झोंका वापस चूत पर वापस आया, तब एहसास हुआ, ये मैने क्या किया। एक तेज़ दर्द और ज़ोर की चीख अब अंकल समझ गये, ये मेरी नथ उतरने की शहनाई थी।
वो बहुत एक्सपीरियेन्स्ड जो थे, मुझे एकदम संभाल लिया, ज़रा भी हिले बगैर मेरी चूचियों को सहलाने लगे। चूचियों की निप्पल भी एकदम फैल रही थी, अंकल का हाथ पड़ते ही मुझे करंट जैसा लगा और में थोड़ी ज़ोर से हिल गयी थी। फिर वही चूत का तेज़ दर्द और चीख, में समझ गयी मुझे दर्द के साथ मज़ा लेना पड़ेगा, अब में बर्दाश्त करने लगी। धर्मेश अंकल मेरे पूरे बदन को सहलाने लगे थे और में हिल भी नही पा रही थी, मेरी चूत में उनका लंड जड़ तक घुसा हुआ था।
अब दिल की हर धड़कन के साथ चूत पर धक्का सा लगता था और तेज दर्द होता था। अब तो में अपने आप को कोस रही थी, क्योंकि में चुदवाने निकल पड़ी थी लेकिन थोड़ी देर में मीठा मीठा सा लगने लगा। धर्मेश अंकल अब मेरे बूब्स को होले होले चाट रहे थे। तभी अचानक उन्होने मेरे चूतड़ पकड़ कर थोड़ा उठाया और झटके से अपने लंड पर बैठा लिया फिर वही तेज़ दर्द और एक चीख लेकिन वो मुझे थामकर बैठ गये और मेरे बूब्स को चाटते रहे और मेरा बदन सहलाते रहे।
ऐसे ही थोड़ी थोड़ी देर में वो मुझे चूतड़ पकड़ कर उठाते और झट से अपने लंड पर बैठा देते। मुझे होश आया कि में चुद रही थी। अब उनका ये स्टाइल मुझे बहुत ठीक लगा था लगभग दस मिनट तक ऐसे ही झटके झटके में चोदने के बाद वो झटके की रफ़्तार बढाने लगे। में उनके हाथों में एक खिलौने के जैसी थी पहले एक झटका दे रहे थे, फिर दो दो झटके एक साथ मारने लगे थे फिर तीन, चार, पाँच और कुछ ही देर में वो लगातार अपने लंड पर मेरी चूत को चोदने लगे थे।
अब मुझे भी तब तक मीठा मीठा मज़ा आने लगा था अब दर्द तो नहीं होता था लेकिन जब वो मेरी गांड पकड़ कर उठाते तो लगता जैसे मेरी चूत का पूरा माँस बाहर आ जाएगा और जब ठप से बैठा लेते तो चूत के भीतर एक जबरदस्त ठोकर लगती थी। अब ज़्यादा वक्त नहीं लगा था जब में सुधबुध खोकर उनकी चुदाई पर ठुमकने लगी थी, अब चीखों की जगह हल्की हल्की सिसकारियों ने ले ली थी और दर्द की जगह पर एक सुरूर भरा चुदने का अहसास भरने लगा था।
अब बीच बीच में वो मुझे अपने लंड पर बैठा कर मेरे चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिला देते थे जिससे उनका लंड मेरी चूत की दीवारों पर घुसने लगता और तब मुझे बड़ा मज़ा आता था। कुछ ही मिनट बीते होंगे जब मुझे लगा कि मेरे भीतर एक बड़ा तूफान पैदा हो रहा है। अब मेरे अंग अंग की नसो में तनाव होने लगा और में पूरी शक्ति के साथ धर्मेश अंकल के लंड पर अपनी चूत पटकने लगी थी, अब मुझे नहीं पता था की मुझे क्या मिलेगा, बस ऐसा अपने आप ही हो गया था।
बनारसी रसीली गाण्ड
अब में उनकी कठोर छाती पर अपना हाथ रखकर ठप ठप ठप ठप दिए चली जा रही थी और अब में अपने होश में नहीं थी, कैसा मज़ा था क्या मालूम, बस धर्मेश अंकल के लंड पर अपनी चूत ठोकती जा रही थी और वो मेरे चूतड़ पर मुझे गाइड कर रहे थे। हल्की सिसकारियाँ अब मदमस्त चीखों में बदल गयी थी। एक झटके के साथ लगा जैसे किसी ने मेरा सारा बदन निचोड़ डाला हो और उसका पानी मेरी चूत से फव्वारे की तरह फूट पड़ा हो।
अब में धर्मेश अंकल को नोचती खरोंचती जबरदस्त ढंग से उनके लंड को अपनी चूत से मसलती चली गयी। अब अगले तीन चार मिनट क्या हुआ मुझे कुछ याद नहीं, जब होश आया तो एकदम शरमा गयी थी। में धर्मेश अंकल से नज़र नहीं मिला पा रही थी और वो मेरी ठुड्डी पकड़ कर मेरे चेहरे को अपनी तरफ देखने को कह रहे थे। उनका लंड अब भी मेरी चूत में फँसा हुआ था, मुझे उनसे बहुत शरम आ रही थी।
मज़ा आया? उन्होने मेरे कान में फुसफुसाते हुए पूछा। में कुछ कह ना सकी, बस अंकल की आँखों मे एक बार झाँक कर सर हिला दिया। धर्मेश अंकल ने मुझे सोफे पर करवट से लिटा दिया और मेरी गांड के पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालकर शॉट पर शॉट देने लगे। मेरी चूचियों को बेरहमी से मसल रहे थे और मेरी गर्दन और मेरे कान को काट रहे थे।
ओह लवली, में झड़ जाऊँगा, हः हः, कुतीया, रंडी लवली क्या चोद दिया है तुमने आज तुम जैसी कच्ची कली को मैने आज पहली बार चोदा है तुम्हारी चूत और इतना कहते कहते उन्होने मेरी चूत से अपना लंड निकाला और मेरी गांड के छेद पर रगड़ते रगड़ते झड़ गये थे, आज मैने पहली बार किसी लंड को झड़ते देखा था, तीर की तरह तीन चार पिचकारियाँ निकली और फिर गाढ़ा गाढ़ा वीर्य मेरी गांड को पूरा भीगा गयी थी।
मम्मी के साथ 69
अब हम ऐसे ही करीब पांच मिनट तक लेटे रहे और फिर मुझे घर जाने की याद आई, अब हमे करीब एक घंटा हो गया था। मम्मी भी कहीं शक ना कर बैठे इसलिये मैने बाथरूम मे जाकर अपनी गांड और चूत को धोया और फिर कपड़े पहन कर जाने लगी कि तभी धर्मेश अंकल ने मेरी कलाई पकड़ कर पूछा, फिर आओगी ना? मैने जवाब में उनके होंठ को जबरदस्त चूसा और बोली, चुदवाना होगा तो और कहाँ जाउंगी?
अब वो हंस पड़े और मैने अपने घर की राह ली, सीढ़ियों से उतरते उतरते लग रहा था कि मेरी चूत में अब भी धर्मेश अंकल का लंड घुसा पड़ा था, ये एहसास एकदम किसी और दुनिया का था। मुझे एक पूरी लड़की होने का एहसास पहली बार हो रहा था। दोस्तों, ये थी मेरी पहली चुदाई की फुल मौज भरी कहानी। अगर हो सका तो आगे और भी कुछ बताउंगी ।।
और कहानिया
- पहला सेक्स गर्लफ्रेंड के साथ
Pahla Sex Girl Friend ke Sath दोस्तो, मैं अमित शर्मा हूँ जयपुर से! एक बार फि... - साली को चोदा सास के सामने
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम समीर है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी ... - Mausi Ko Apni Doll Bnakar Choda
Mai Vikas bachpan se hi auntion ka deewana hu, mai 21 saal ka normal looking lad... - मेरे पति ने मुझे रंडी बनाकर दोस्तों से चुदवाया चल कुतिया बन!! गांड खोल और चल मेरा लौड़ा चूस ऐसे चिल्ल...
मेरे पति ने मुझे काई बार आवारागर्दी करते हुए पकड़ा था। ‘रानी ! सुधर जा, वरना मैंन...
Mujhe chodvana 9120307062