आंटी ने बिगाड़ दिया

 
loading...

दोस्तो, मेरा नाम प्रवेश है,19 साल का हूँ और मैं दिल्ली के पीतमपुरा में रहता हूँ।
Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai
जहाँ हम रहते हैं वो चार मंज़िला एम आई जी फ्लैट्स हैं।

तीसरी मंज़िल पर एक आंटी रहती हैं उनका नाम है सुदीपा। उनका एक साल का छोटा सा बेबी है, पहले मैं कभी कभी उसे खिलाने चला जाता था मगर धीरे धीरे मैंने उनके घर आना जाना बढ़ा दिया।

वजह थी सुदीपा आंटी! खूबसूरत, गोल मटोल गुदाज बदन, खुल कर हंसना बोलना, एकदम से बिंदास, बेशर्म और बेपरवाह।

जब कभी आंटी अपने बेबी को दूध पिलाती तो मैं कनखियों से चोरी चोरी उनके स्तनों को देखता।

उनके दो बड़े बड़े उरोज थे जो लगता था कि दूध से भरे पड़े हैं।

आंटी भी मुझे ऐसे देखते हुए देख लेती और मुस्कुरा देती, वो जानती थी कि मैं चोरी चोरी उनके गोरे गोरे और बड़े बड़े चुच्चों को घूरता हूँ।

मैं स्वभाव से बहुत ही शर्मीला था। दिल तो बहुत करता कि एक दिन आंटी को कह दूँ कि ‘आंटी मैं आप से प्यार करता हूँ, आपको चूमना चाटना और चोदना चाहता हूँ’, मगर कभी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।

जब मैं मुन्ना को खिलाता तो आंटी हमारे पास बैठ कर अपने घर के कोई न कोई काम करती रहती।

मैं भी अक्सर घर के कामो में उनकी मदद कर देता।

मगर एक बात मैंने नोटिस की कि धीरे धीरे अब आंटी ने मुझसे शर्म करनी ही बंद कर दी थी। जैसे वो कोई काम कर रही हैं और उन्होंने दुपट्टा नहीं ले रखा और उनकी क्लीवेज़ यानि वक्षरेखा यनी चूचियों के बीच की गहरी घाटी दिख रही है और मैं देख रहा हूँ तो वो पर्दा करने का भी कष्ट नहीं उठाती थी, जैसे कह रही हो, देखना है देख ले, मैं कौन सा मना कर रही हूँ।

घर में आंटी अक्सर पतले पतले झीने से कपड़े पहनती जैसे कोई पतली सी नाईटी, या पुरानी सी टी-शर्ट वगैरह, जिनमें से मैं अक्सर उनके बदन को देखता था।

कभी कभी तो सिर्फ नाईटी पहने होती और उसके नीचे से कोई ब्रा, पेंटी या और कुछ भी न पहना होता।

अक्सर उनकी टी शर्ट में मे से उनके निप्पल उभरे हुये दिखते, पतले कपड़ों में से झाँकता उनका गोरा बदन मेरे मन में आग लगा देता और मैं अक्सर घर आ कर उनके बारे में सोचता और मुट्ठ मार लेता।

मेरा बहुत जी करता कि मैं उनके बदन को छू के देखूँ पर इतनी हिम्मत नहीं थी।

आंटी भी शायद मुझे पसंद करती थी। शुरू शुरू में तो वो मुन्ना को दूध पिलाते हुये थोड़ा पर्दा करती थी, मगर अब तो जैसे बेशर्म होती जा रही थी।

अब वो मेरे सामने ही मुन्ना को दूध पिलाने के बाद कई बार अपनी शर्ट नीचे न करती। मैं उनके निप्पल से दूध टपकते देखता, कई बार तो उनके दोनों चूचे बाहर होते।

कभी लेट की पिलाती तो शर्ट गले तक उठा लेती और उनके दोनों बूब्स बिल्कुल खुल्लम खुल्ला मेरे सामने होते मगर वो बिल्कुल भी न छुपाती।

मुझे यह लगता था कि आंटी शायद जानबूझ कर दिखाती थी।

एक बार जब मैं उनके घर गया तो आंटी मुन्ने को दूध पिला रही थी, मुझे देख कर मुन्ना मेरे पास आ गया।

जब मैंने मुन्ने को अपनी गोद में उठाया तो जानबूझ कर अपने हाथ को आंटी के स्तन से छू कर लाया।

आंटी को शायद पता नहीं चला या उन्होंने अनदेखा कर दिया।

मैंने देखा दूध की एक बूंद मुन्ने के गाल से लगी हुई थी।

आंटी ने बड़े आराम से अपना स्तन शर्ट के अंदर किया और उठ कर दूसरे कमरे में चली गई।

जब वो गई तो ने सोचा क्यों न मुन्ने के गाल पर लगी दूध की बूंद पी लूँ। मगर जैसे ही मैंने दूध की बूंद को अपनी जीभ से चाटा, सामने से आंटी आ गई, और उन्होंने मुझे दूध चाटते देख लिया, वो बोली- प्रवेश यह क्या कर रहा था?

मैं तो घबरा गया- जी कुछ नहीं आंटी!

आंटी मेरे पास आई और बोली- मेरे दूध का टेस्ट देख रहा था?

मैं चुप रहा और नज़रें नीची करके खड़ा रहा।

‘अरे पगले, अगर दूध पीना है तो मुझे बोल, जितना चाहे पी ले!’ वो बोली।

अब यह तो खुली पेशकश थी, मगर मैं तो सुन्न ही हो गया, कुछ न बोला।

आंटी मेरे पास आई, इतने पास कि उनका स्तन मेरी बाजू को लगा रहा था।

मेरे दिल में तूफान उठा था, मैं भी तैयार था, आंटी भी तैयार थी। मगर मैं हाँ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

आंटी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोली- पिएगा दूध?

मैं कुछ नहीं बोला, शर्म के मारे मैं तो ज़मीन में गड़ा जा रहा था, जब मैं चाह कर भी हाँ नहीं कह पाया तो मुन्ना उनको पकड़ाया और नीचे अपने घर में आ गया।

अपने कमरे में आकर आंटी के नाम की मुट्ठ मार ली पर बाद में बहुत पछताया कि अगर मौके पर हाँ कर देता तो हो सकता है कि आंटी के गोरे गोरे दूध से भरे उरोजों से खेलने का और चोदने का मौका भी मिल जाता।

खैर अगले दिन मैं उनके घर नहीं गया तो आंटी हमारे घर आ गई।

मैं मुन्ना से खेलता रहा और आंटी मम्मी के पास बैठ कर बातें करके थोड़ी देर बाद चली गई।

उनके जाने के बाद मुन्ना रोने लगा तो मैं मुन्ना को आंटी के घर देने गया।

उस वक़्त आंटी घर में झाड़ू लगा रही थी, उन्होंने बड़ी पतली सी पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी, नाइटी के नीचे से सिर्फ पेंटी पहनी थी।

मैंने मुन्ना को आंटी को पकड़ाया तो मेरा हाथ हल्के से उनके स्तन से छू गया, मेरे बदन में तो सिहरन सी दौड़ गई।

मुन्ना को लेकर आंटी बेड पर लेट गई और अपनी नाइटी ऊपर उठा कर मुन्ना को दूध पिलाने लगी।

‘हे भगवान! यह क्या नज़ारा था।

एक खूबसूरत गोरी चिट्टी औरत मेरे बिल्कुल सामने सिर्फ पेंटी पहन कर लेटी थी, नाइटी तो उसने पूरी ऊपर उठा रखी थी।

उसने अपने दोनों स्तन नाइटी से बाहर निकाल रखे थे।

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं रुकूँ या जाऊँ।

मुझे इस तरह खड़ा देख कर आंटी बोली- वहाँ क्या खड़ा है, इधर आ!

मैं उनके पास गया, तो वो फिर बोली- बैठ यहाँ।

मैं बैठ गया।

‘देख मैं जानती हूँ कि जब मैं मुन्ना को दूध पिलाती हूँ, तू मेरे स्तनों को देखता है, क्या इन्हें देखना तुझे अच्छा लगता है?’

मैं सर झुकाये चुपचाप खड़ा रहा, मगर सर झुकाये हुये भी मैं उनकी गोरी टाँगों और उनकी कसी फिरोजी रंग की चड्डी को देख सकता था।

आंटी ने फिर पूछा- बोल न? बोलता क्यों नहीं, क्या चाहता है तू?

आज मेरे सब्र का और मेरी शर्म दोनों का इम्तिहान था। मन कह रहा था कि आंटी को साफ बता दे कि मैं तुझे चोदना चाहता हूँ और दिमाग कह रहा था कि नहीं वो तो तेरी बड़ी बहन जैसी है, तेरी आंटी है, यह गलत है।

मैं इसी कशमकश में था जब आंटी उठ कर बैठी और मेरा हाथ पकड़ के मुझे अपने पास ही लेटा लिया।

अब मैं आंटी के बिल्कुल सामने लेटा था और मुन्ना हम दोनों के बीच में था।

आंटी ने फिर अपनी नाइटी पूरी तरह से ऊपर उठाई और अपने दोनों बूब्स बाहर निकाले और एक मुन्ना के मुँह में दे दिया और दूसरा बाहर वैसे ही खुला छोड़ दिया।

आंटी ने बड़े प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरा और बोली- जब दिल में कोई बात हो तो उसे कह देना चाहिए, तू मुझे अपनी बड़ी बहन समझ, अपनी दोस्त समझ, बता तेरे दिल में क्या है?

‘जी कुछ नहीं!’ मैं फिर भी कुछ नहीं कह सका।

आंटी मुसकुराई और बोली- देख, मैं जानती हूँ, तेरे दिल में क्या है, चल अगर तू कुछ नहीं बताना चाहता न बता, जो मैं कहूँगी, वो तो मानेगा?

मैंने हाँ में सर हिलाया तो आंटी ने मेरे सर के पीछे अपना हाथ रखा और मेरा सर खींच के अपने सीने के पास ले आई और अपना निप्पल मेरे मुँह से लगा कर बोली- ले चूस इसे !

मैंने भी बड़े ही आज्ञाकारी बच्चे की तरह से बड़े प्यार से उनका निप्पल अपने दोनों होंठों में पकड़ा और धीरे से चूसा, दूध की पतली पतली धाराओं से मेरे मुँह, पतला सा दूध आ गया, जो मुझे टेस्टी तो नहीं लगा पर बुरा भी नहीं लगा।

मैंने धीरे धीरे से चूसा, फिर थोड़ा ज़ोर से, जब ज़ोर से चूसा तो मेरा तो मुँह दूध से भर जाता था।

आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने स्तन पर रखा जिसे मैं चूस रहा था।

जब स्तन हाथ में ही आ गया तो मैंने उसे दबाना भी शुरू कर दिया।

मुन्ना शायद सो गया था। आंटी ने देखा तो अपना निप्पल मुन्ना के मुँह से धीरे से निकाल और सीधी होकर लेट गई, उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपने दोनों स्तन मेरे हाथों में पकड़ा दिये।

अब मैं बारी बारी से उसके दोनों स्तन चूसने लगा और दबाने भी लगा।

आंटी ने मुझे अपनी दोनों टाँगों के बीच में जकड़ लिया।

मेरा लण्ड पूरी तरह से अकड़ा पड़ा था और आंटी नीचे से अपनी कमर हिला हिला कर मेरे लण्ड पर अपनी चूत घिस रही थी।

मुझे ऐसे लग रहा था कि आज पक्का आंटी मेरा बलात्कार कर देंगी और मैं इसके लिए तैयार भी था।

मगर तभी मम्मी ने आवाज़ लगा दी और मुझे सब कुछ बीच में ही छोड़ कर जाना पड़ा।

बड़ी मुश्किल से मैंने अपने तने हुये लण्ड को छुपाया।

उसके बाद दो दिन मुझे आंटी के पास जाने का मौका नहीं मिला।

जिस दिन फिर गया, तो आंटी कपड़े धो रही थी, उन्होंने नाइटी पहन रखी थी, नाइटी के नीचे कुछ नहीं था।

वो बैठ कर कपड़ों को ब्रुश से रगड़ रही थी, नाइटी उन्होंने घुटनों तक उठा रखी थी।

मैं जाकर उनके सामने बैठा तो मुझे सामने से उनकी चूत बिल्कुल साफ दिख रही थी, मैं बैठा इधर उधर की बातें करता रहा और उनकी चूत को घूरता रहा।

आंटी को भी पता था कि मैं क्या देख रहा था, पर उन्होंने कोई पर्दा नहीं किया।

फिर मैं लहसुन लेने के किसी बहाने से उठ कर उनकी रसोई में आ गया तो आंटी भी मेरे पीछे पीछे से आ गई।

मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया था, मुझ पर जैसे कोई नशा चढ़ गया हो, काम ने मेरे दिमाग को सुन्न कर दिया।

मैं आगे बढ़ा और मैंने आंटी के स्तन पकड़ लिए और बोला- आंटी, आज मैंने अपनी ज़िंदगी में पहली बार किसी औरत की चूत देखी है, आपकी चूत। मैं उसे दोबारा देखना चाहता हूँ, प्लीज अपनी नाइटी ऊपर उठा कर मुझे अपनी चूत दिखा दें।

मगर उस दिन पता नहीं आंटी का मूड ठीक नहीं था या क्या था, आंटी एकदम से छिटक कर मुझसे दूर हो कर खड़ी हो गई- यह क्या कर रहे हो, दफा हो जाओ यहाँ से।

मगर मैं फिर आगे बढ़ा और फिर से आंटी के दूद्दू पकड़ कर दबा दिए और बोला- प्लीज आंटी, एक बार दिखा दो, मैं हाथ से छूऊंगा भी नहीं, सिर्फ जीभ से चाट लूँगा, प्लीज दिखा दो।

मगर आंटी तो गुस्सा कर गई, बोली- ज़्यादा शौक है देखने का तो अपनी माँ की देख ले जाकर, और यहाँ से चला जा नहीं तो तेरे अंकल को बता दूँगी और तेरे घर में भी के तूने मुझसे क्या बदतमीजी की है।

इस बात से मैं थोड़ा डर गया और चुपचाप अपने घर वापिस आ गया, घर आकर आंटी के नाम की मुट्ठ मारी।

मगर काम ऐसे दिमाग में चढ़ा था कि मेरी तो हालत खराब हुई पड़ी थी, सो एक बार और मूठ मारी तब जा कर कहीं शांति आई।

इसके बाद कुछ दिन मैंने आंटी के घर जाना बंद कर दिया।

आंटी अक्सर आती रहती थी।

एक दिन आंटी ने खुद ही पूछ लिया- क्या बात? आज कल आता नहीं?

मैंने भी कह दिया- आपने उस दिन मुझे डांट तो दिया था।

‘ओह हो, तो मेरा शोना गुस्से है, उस दिन मेरा तेरे अंकल के साथ झगड़ा हुआ था और मैं बहुत परेशान थी, इसलिए डांट दिया, सॉरी ओके… अब नहीं डाँटूगी।’

हम दोनों मुस्कुरा दिये।

अगले दिन मौका मिलते ही मैं आंटी के घर जा पहुँचा।

आंटी बेड पर बैठी टीवी देख रही थी और मुन्ना सो रहा था।

मतलब अब आंटी के बूब्बू नहीं दिखेंगे।

फिर भी मैं पास बैठ कर टीवी देखने लगा।

आंटी मेरे लिए जूस लेकर आई, मैं पीने लगा मगर मेरी नज़र तो आंटी के स्तनों पर थी।

आंटी ने मुझे देख लिया और बोली- क्या देख रहे हो?

मैंने आंटी के बूब्स की तरफ उंगली से इशारा किया और बोला- दुद्दू पीना है।

मुझे नहीं मालूम इतना कहने की हिम्मत मुझे में कहाँ से आ गई पर मैंने कह दिया।

आंटी मुस्कुरा कर मेरे पास आ बैठी और अपनी टी शर्ट ऊपर तक उठा ली, अब उनके दोनों गोल गोल बड़े बड़े चूचे मेरे सामने बिल्कुल नंगे झूल रहे थे।

‘ले पी ले!’ यह कह कर आंटी ने अपने दोनों बूब्स अपने हाथों में पकड़ कर मेरी तरफ कर दिये, दो गोल बड़े स्तन और वो भी दूध से भरे हुये, ऊपर दो हल्के भूरे निप्पल जिनके दोनों चुचूक मेरे होंठों की तरफ जैसे देख रहे हों।

मैंने झट से दोनों बूब्स अपने हाथों में पकड़े और निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा, बारी बारी से दोनों चूसे।

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई हो।

जब मैं आंटी का दूध पी रहा था तो आंटी ने अपनी टीशर्ट बिल्कुल ही उतार के साइड पर रख दी और पीछे को लेट गई।

मैं उनके ऊपर आ गया और आंटी ने अपना लोअर भी उतार दिया।

आंटी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और उन्होंने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर के गिर्द लपेट ली।

‘प्रवेश, कभी किसी लड़की को किस किया है?’ आंटी ने पूछा।

मैंने कहा- नहीं।

‘क्यों कोई सहेली नहीं है?’ आंटी ने फिर पूछा।

‘नहीं कोई बनी ही नहीं!’ मैंने दूध पीते पीते जवाब दिया।

‘मुझे किस करो !’ आंटी ने कहा तो मैं दुद्दू छोड़ कर आंटी के होंठों के पास अपने होंठ ले गया।

आंटी ने खुद ही मुझ से किस किया और फिर किस कैसे करते हैं, यह भी समझाया।

किस्सिंग के बाद एक दूसरे के होंठ चूसने, जीभ चूसनी आंटी ने सब सिखाया।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर आंटी ने कहा- देख प्रवेश, मैं तेरे सामने बिल्कुल नंगी हूँ, क्या मैं भी तुझे नंगा देख सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ, क्यों नहीं!

यह कह कर मैं अपने कपड़े उतारने लगा और ज़िंदगी में पहली बार किसी औरत के सामने बिल्कुल नंगा हुआ।

आंटी मेरे पास आकर बैठ गई और खुद ब खुद मेरा लण्ड हाथ में पकड़ा और मुँह में लेकर चूसने लगी।

वो घुटनों के बल बैठी थी और उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चूतड़ पकड़े हुये थे।

उसने अपने थूक से मेरा सारा लण्ड भिगो दिया था और उसका थूक चूकर उसके गले तक बह रहा था।

वो ऐसे चूस रही थी जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ट टॉफ़ी हो।

सच कहता हूँ, बहुत मज़ा आया।

मैंने आंटी को बालों से पकड़ लिया और उसका सर आगे पीछे हिलाने लगा।

थोड़ी देर चुसाई करने के बाद आंटी बोली प्रवेश, ऊपर आ जाओ।

मतलब साफ था कि अब आंटी मुझसे चुदना चाहती है।

आंटी बेड पर जाकर लेट गई और उन्होंने अपनी टाँगें पूरी तरह से खोल कर फैला दी।

‘आओ प्रवेश, मेरी जान, अपनी डार्लिंग पर छा जाओ!’

मैं आगे बढ़ा और आंटी के ऊपर लेट गया, आंटी ने खुद मेरा लण्ड अपनी चूत पर सेट किया और बड़े आराम से मेरा लण्ड आंटी की दोनों टाँगों के बीच वाले छेद में समा गया।

मैं धीरे धीरे आगे पीछे हो कर आंटी को चोदने लगा।

आंटी ने अपनी जीभ निकाल कर दिखाई तो मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।

मेरे दोनों हाथ आंटी के दोनों स्तनों को दबा दबा के उसका दूध निकाल रहे थे जो चू कर इधर उधर बिखर रहा था।

थोड़ी देर बाद आंटी बोली- प्रवेश, नीचे आ जा।

मैं आंटी से नीचे उतरा और बेड पर लेट गया, आंटी आकर मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गई और उसकी चूत मेरे लण्ड को निगल गई।

अब आंटी मेरे ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे हो कर अपना ज़ोर लगाने लगी।

उनके दोनों विशाल स्तन मेरे चेहरे पर झूल रहे थे, जिन्हें मैं कभी चूसता, कभी दबाता।

आंटी के स्तनों से टपकने वाले दूध से मेरा चेहरा, छाती सब भीग गए थे मगर यह सारा खेल सिर्फ 3-4 मिनट ही चला और इतने में ही मैं झड़ गया।

मेरा वीर्य आंटी के अंदर ही छुट गया था।

आंटी हंसी और बोली- बस क्या लल्लू, इतना सा ही दम था?

आंटी मेरे ऊपर से उतरी और मेरी साइड पर लेट गई।

मैंने पूछा- आंटी, यह बताओ कि आपने मेरे साथ सेक्स करने के बारे में कैसे सोचा?

आंटी बोली- मेरा एक बॉय फ्रेंड था, उसका नाम प्रवेश था, मैं उससे बहुत प्यार करती थी और उससे शादी करना चाहती थी, मगर यह हो न सका। मैंने उससे वादा किया था कि एक दिन मैं अपना सब कुछ उस पर लूटा दूँगी। मगर मेरी शादी हो गई और उसकी एक एक्सिडेंट में मौत हो गई। मुझे लगा कि मेरा वादा पूरा न हो सकेगा, मगर जब मुझे पता चला कि तुम्हारा नाम प्रवेश है तो मैंने फैसला कर लिया कि उस प्रवेश से न सही मगर इस प्रवेश से ही मैं अपना वादा पूरा कर लूँगी, मगर तुम इतने भोंदू निकले कि यहाँ तक आते आते तुमने 4 महीने लगा दिये।

मुझे बड़ा शर्म का एहसास हुआ कि मैं तो खामख्वाह ही शरमाता रहा।

मैंने कहा- तो फिर क्यों न उन चार महीनों की कसर अब निकाल दें?

यह कह कर मैं आंटी के ऊपर आ गया। आंटी ने अपनी टाँगें खोल कर मुझे अपने आगोश में ले लिया, मेरा लण्ड अपनी चूत पर सेट किया और मैंने धकेल कर लण्ड उसकी दोनों टाँगों के बीच वाले सुराख में घुसा दिया।

इस बार मैं ज़्यादा जोश और आत्मविश्वास के साथ आंटी पर सवार हुआ था।

आंटी भी मुझे चोदने के सारे ढंग तरीके बता रही थी।

आंटी ने अपना सारा सेक्स का ज्ञान मुझे समझाया।

जैसे जैसे आंटी बता रही थी, मैं वैसे वैसे करता रहा।

मैंने आंटी के सारे कामुक बिन्दुओं को छुआ, उन्हें चूमा चाटा काटा।

सिर्फ 4-5 मिनट में ही आंटी का पानी छूट गया मगर मैं लगा रहा।

फिर आंटी मेरे निप्पल चूसने लगी, मुझे नहीं पता था कि मर्द को भी छाती के निप्पल चुसवा के मज़ा आता है।

आंटी ने अपनी जीभ बाहर निकाली जिसे मैं अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

फिर आंटी मेरी जीभ चूसने लगी, इस बार उन्होंने मेरे दोनों निप्पल अपनी अपनी उंगली और अंगूठे में पकड़ कर मसले।

इस वक़्त मेरा आनन्द अपने चरम पर था जब मैंने अपनी जवानी का सारा रस आंटी की चूत में झाड़ दिया।

आंटी में मेरे गाल मेरी ठुड्डी सब अपनी जीभ से चाट डाला।

मैं आंटी के ऊपर ही निढाल हो कर गिर पड़ा, थोड़ा संभला तो आंटी ने पूछा, “मज़ा आया?

मैंने कहा- यह मेरी ज़िंदगी का पहला सेक्स था, बता नहीं सकता कि कितना मज़ा आया।

थोड़ी देर बाद मैं कपड़े पहन कर ठीक ठाक हो कर अपने घर आ गया, चाहे मेरा दिल बिल्कुल नहीं कर रहा था।

उसके बाद तो जैसे मैंने आंटी को अपनी बीवी ही मान लिया, करीब हर दूसरे दिन मैं उन्हें चोदता।

कभी कभी लगता कि आंटी ने मुझे बिगाड़ दिया, मगर हर मर्द को एक दिन बिगाड़ना ही पड़ता है।



loading...

और कहानिया

loading...



मम्मी तुम्हारे चाहिए च**xxxNx जबरदस्तीwww.xxx story hindi.comkamuktasaksi cud gavsex affair galti se pakadnaहवाई जहाज मे सिल तोड कहानिxxx mummy dada hindi storyसेक्सी कहानीया हिन्दी मेMaa ne dada se chacha se aur kitno se chudai karwane ki khanchudaikhaniseksy khaniyaHindime x videosexkahanixxnxxwww.google.com aante chute photo bhai papa man for giral sister beti chut chudai 3g vedo hindi awaj me gandi bat vedoचाची भतीजे के साथ xxx detail hindiमामा पापा झवझवी कथाgoun ke ladke ne sahr ki ladki ko pahli bar chodamammi nind ki goli khilakar gairmard se chudaai kiभाई ने भान को तूने दिया जबरदस्ती सेक्सीtha पिल्ल sexy videoचुत का शहदwww.hindi sex story audiosagi bhen ko choda andhere me aznabi ban kar dost ke sathKamwali nisha ki chudai haryan.blackmail karke chodabsex storyparivarik chudai ki kahani 5भाभी देवर अौर चाची gropsex doctor ki sex storySexy hindi badi bhabhio se groups written mastramkahani.comxxxkahaneyaaahh ahhh eee suhag raat me pahali chudai xxx sex kahani storry Sagi bhan ko nathe deki antarvasnaHindi x** video Dheere Dheere Saans ki chut MariAUNTY BUR UCHAK UCHAK KE CHUDAIE KAHANI COMbhu sas mosi buu ki hindi mstram ki bur land ki sexy story freexxxsexkahniसगी चडाई कहानियाँsec story in hindi related to gave ki maa aur beti ki dever ne chodabehan ke rapesex ki kahanigharalu sexy bahan ki chodai hindi kahani likhhot gori ladkhi xxxmeri bibi ki chudaeमुझे पराया लण्ड लेना हैsex.xxx.hindei.video.chudey.khiney.comनहाते समय लडकी की bathroom m xxx kahni hindi mmami.ki.gadh.mari.hindi.xxxmp3सुन २००४ हिंदी देसी क्सक्सक्स कॉमकोहरे मे दिदि कि चुदाइchudai ki khane hindepoti ko chusaxxx.kahni.bahin.kai.bartada.par.xx.kiyama ki chodai aah ahh aawaj ke sath chodaihdhot hot six six pohoto sahit kahaniya hindi ma चूत चूदाई bahot gndi gndihindi sex stories. chudayiki sex kahaniya. kamujjta com. antarvasna com/tag/bktrade. ru/page no 319क्सक्सक्स रिसतो की हद स्टोरी वववदोसत की कुवारी बहनो के साथ XXX कहानीDalaal sexy chudai ki Hindi kahanihindi sex toress bhabhi ko ten logo jabardasti chodaapi ko servant se chudwaya hindi sex storyKAMUKTA.COMkhaniy Hindi chudaixxx setory hindi ma jabrdat bhay bahna kiदेसी जीजा खेत मे सेकसीantrvasnasexystoryma chudai farmhouse me kahaniदीदी की चुदाई किया देहात में दरवाजे परmain ny us ki qameez main hath dal diya storyचुत चटाई की होली सेकषी कहानीladkiki cud kaisi rahteचुदने का सपना सच हुआसोफिया भाभी की कहानीjangal xxx grupxxx hindi stores www.comdidi ne mom ko chudwayabhabhi devar fireehindisexsorisHindi adio sex vidios daounlod hd sweet girls Wwwhinde SAX mom mastaram stores .comhot saxi kesa khaneyakamuktaseaxy storieshindi sex stories kheto me or andhere me chudaigujarati sex vidio lavawww.indian bachi ka chudai xvidio.comHindi sex stories..jabarjasti rishto me chudairishto chudisexystoria hindiमामा की कुँवारी बेटी को जमकर चोदाmami and bhanaja ek sath jamkar sex odia storyसैकस विडियो देसी भाभी दूध गोरा बदन हाट कमर बडे दूधEk raat ki kahani/%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%B9-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%88/bhai nay goli khake bahen ko choda storykamina sasu ne bahu ko choda kahani.comMaratha shade suda ke sexc video छोटी लडकी का xnxx मोटालंड के लिए fireehindisexsoris.comsex.shadi.shuda.bahen.ki.chudai.maza.lena.haisexy kahniya muslman family kisex videobhai bahan saheli