आंटी ने मुझे चोदना सिखाया
हेलो फ्रेंड्स, माय नेम इज शुभम एंड माय एज इज २१. मेरे लंड का साइज ७ इंच है. मैं पंजाब जालंधर का रहने वाला हु. ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी है हिंदी में. सॉरी आपका वक्त ख़राब ना करते हुए, में सीधे स्टोरी पर आता हु. मेरी आंटी का नाम ऋतू है. यहाँ मैं उनका चेंज सिक्योरिटी की वजह से. वैसे क्या रखा है. आप सब को और मुझे जो भी यहाँ पर है, उन्हने सिर्फ चूत की मलाई खाने से मतलब है. उनकी एज ३२ साल है. ये बात एक साल पुरानी है. मेरी आंटी का फिगर तब ३४ – ३२ – ३६ का होगा। उन्होंने अपने को बहुत ही ज्यादा मेन्टेन किया हुआ था.
जब भी वो चलती थी, तो उनकी गांड मटकती थी. उसे देख कर हर कोई उनकी चुदाई का मजा लेना चाहता था. आंटी हम लोगो के बिलकुल साथ वाले घर में रहती थी. मैं आता – जाता रहता था. उनके घर उनके पति, यानि अंकल, वो और उनका एक ७ साल का बेटा था. अब मैं सीधे कहानी पर आता हु.
मेरे घर वाले शादी पर गए हुए थे. तो मेरी मम्मी आंटी से बोल गयी, कि वो मेरा खाना बना दिया करे. मैं तो उनका दीवाना था ही. मुझे लगा, कि शायद कोई मौका ही हाथ लग जाए. अंकल और आंटी में एज गैप बहुत ज्यादा था. मुझे पक्का यकीन था. कि अंकल सेक्स करने के लायक नहीं थे. क्योंकि अंकल काफी बुड्ढे थे आंटी एकदम जवान थी. मेरे घर वाले जा चुके थे और उस दिन की दोपहर को मैं उनके घर में खाना खाने गया. आंटी ने सलवार सूट डाला हुआ था.
उन्होंने ऊपर दुपट्टा नहीं लिया हुआ था. मैं तो बस उनके बूब्स ही देखता रह गया. मेरी नज़रे उनके बूब्स पर ही गड़ी हुई थी. उन्होंने ये नोटिस कर लिया था. लेकिन उन्होंने मेरी इस हरकत को जान – बुझकर अनदेखा कर दिया। मुझे खाना दे कर वो अपने घर के काम में बिजी हो गयी. वो झुक – झुक कर झाड़ू लगा रही थी. मैं सोफे पर बैठा था. बिलकुल सामने आ कर झाड़ू लगा रही थी.
वो झुकी हुई थी और मुझे उनके दोनों बूब्स के दर्शन होने लगे. उनके बूब्स उनकी ब्रा को फाड़ कर बाहर आने को मचल रहे थे. मैं भी उनको बैठे हुए घूर रहा था. उनके बूब्स की हरकत से मेरा लंड कब पेण्ट के अंदर टाइट हो गया, मुझे तो पता ही नहीं चला. लेकिन आंटी ने मेरे उभार को देख लिया था.
वो काम खत्म कर के मेरे साथ आ कर बैठ गयी. वो मैं बातें कर रहे थे. फिर उन्होंने मुझ से मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा। मैंने मौका देख कर बोल दिया, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और फिर मेरी तरफ मुस्कुरा कर मेरे साथ ही आ कर बैठ गयी.
मैंने उनसे पूछा, कि शादी से पहले उनका कोई बॉयफ्रेंड था? उन्होंने थोड़ा हिचकते हुए हाँ में अपना सिर हिला दिया। फिर मैंने उन से पूछा, कि उनका बॉयफ्रेंड के साथ किस तरह का रिलेशनशिप था? उन्होंने कहा – गुड. उनकी आँखों में एक चमक आने लगी थी. वो बोली – हम बहुत मस्ती और फन करते थे. मैंने जान-बूझकर पूछा, किस तरह का फन? फिर मैंने अपना हाथ उनके हाथ पर रख दिया डरते – डरते। लेकिन, उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बोला।
मैंने एक बार फिर से पूछा – कैसा फन? तो उन्होंने बताया, कि उनका बॉयफ्रेंड मेरे जैसा था और वो मौज मस्ती करते थे. फिर मैंने उनको पूछा – क्या सेक्स भी करते थे? तो वो मुझे एकदम गुस्से से देखने लगी. मैं चुप कर के बैठ गया. फिर वो कुछ सोच कर बोली – हाँ करते थे. फिर उन्होंने मुझ से पूछा – क्या तुमने कभी सेक्स किया है?
मैंने ना में सिर हिला दिया. मैंने उन से कहा – कोई ऐसी मिली ही नहीं. जिसके साथ सेक्स कर पाता. फिर वो मुझे अपनी जवानी के दिनों के किस्से सुनाने लगी और मैंने उनकी जांघो पर और कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. वो गरम होने लगी. अचानक से उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मुझे चूमना शुरू कर दिया.
वो एकदम से बोली – तू चोदना सिखाना चाहता है? चल आज मैं तुझे चोदना सिखाती हु/ तुम्हारे अंकल तो कभी मुझे देखते ही नहीं है. वो बेचेन होने लगी थी और मेरे होठो को चुसना शुरू कर दिया. अब मैंने भी उनके होठो को चूमना शुरू कर दिया था.
५ मिनट किस करने के बाद, उन्होंने मुझे बोला, चल अपने कपडे उतार. तो मैंने उनके कपडे उतारने शुरू कर दिए.पहले मैंने उनका जम्पर उतारा. मुझे फिर उनकी पिंक ब्रा दिख गयी और फिर उनकी सलवार को भी खोल दिया. मैंने उनकी सलवार को नीचे कर दिया. अब वो सिर्फ पिंक ब्रा और पिंक पेंटी में थी. फिर उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट भी उतार दी.
अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था. मैंने एकदम से आंटी को पकड़ लिया और फिर से किस करने लगा था. उन्होंने मुझे से कहा, कि अब मैं उनकी ब्रा का हुक खोल दू. मैंने उनकी ब्रा का हुक अपने हाथ को पीछे बड़ा कर खोल दिया. अब मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया था.
उनके बूब्स मेरे सामने झूल रहे थे और उन्होंने मुझे पकड़ कर अपने बूब्स कीतरफ ले लिया. उन्होंने अपने हाथ से अपने बूब्स को पकड़ कर मेरे होठो से लगा दिया. मैंने उनके बूब्स को चूस रहा था. मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि ये क्या हो रहा था? मैं तो सिर्फ वो ही करता जा रहा था, जो आंटी मुझ से करने को कह रही थी और करवा रही थी.
मैंने अब एक बूब्स उनका अपने मुह में ले लिया और दुसरे को अपने हाथ से मसलने लगा था. अब आंटी ने भी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया था और वो उसको सहला रही थी. मेरे लंड ने तो अंडरवियर में टावर बनाया हुआ था. मैंने उस दिन से पहले अपने लंड में इतना तनाव नहीं देखा था. फिर आंटी ने मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से ही आगे – पीछे करने लगी थी. फिर वो नीचे अपने घुटनों पर बैठ गयी और मेरे लंड को अपने होठो पर घिसने लगी. उन्होंने पहले अपनी जीभ से मेरे लंड के सुपाडे को छुया और फिर उसको एकदम से अपने मुह में रख लिया.
वो मेरे लंड को अपने मुह में अन्दर – बाहर कर रही थी. १५ मिनट के बाद, उन्होंने मेरे लंड को अपने मुह से निकाल दिया. मैंने उनकी पेंटी को निकाल दिया. वो सोफे पर बैठ गयी और उन्होंने अपनी टाँगे खोल ली. मुझे उनकी फुद्दी यानि चूत दिख रही थी. उन्होंने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मैं नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया.
फिर उन्होंने अपनी टांगो को मेरी गर्दन में फसा दिया और मुझे अपनी चूत की तरफ खीचा. फिर उन्होंने मुझे उनकी फुद्दी को चाटने को बोला. मैंने अपनी जीभ को धीरे से उनकी चूत पर रख दिया, मैं ये सब पहली बार कर रहा था. मैंने अपनी जीभ से उनकी फुद्दी की चुदाई चालू कर दी. वो सिस्कारिया मार रही थी अहः अहहाह और बोल रही थी – अहहह अहह हाहाह चाट हरामी हाहाह चूत अच्छे से चाट. तेज कर और तेज कर
१० मिनट के बाद, उनका बदन अकड़ने लगा और वो झड गयी. उनकी चूत से नमकीन पानी निकला. वो मैं पी गया. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत के आगे रख कर मुझे धक्का मारने को बोला. लंड और चूत दोनों ही बहुत गरम और चिकने थे. मेरा लंड एक ही बार में आंटी की चूत में जा कर फिट हो गया. आंटी जोर से चिल्ला उठी – हाय रे! मर गे मैं तो. तूने तो मुझे मार ही डाला
फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया. वो एकदम से तड़प उठी. उस के दर्द को देख कर, में कुछ देर के लिए रुक गया. मुझे लगा, कि मैंने कोई गड़बड़ कर दी है. इसलिए मैंने उसके होठो पर अपने होठो को रख दिया और किस करने लगा. मैंने उनके बूब्स को भी अपने हाथ में ले लिया और मस्ती में दबा रहा था.
फिर वो शांत हो गयी और मैं उनको धीरे से चोदने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर मैंने अपना मुह उनके बूब्स पर लगा दिया और धीरे – धीरे मैंने अपनी स्पीड को बढाना शुरू कर दिया. वो सिस्कारिया ले रही थी अहः अहहाह अहाह हरामी चोद मुझे. रंडी बना दे मुझे आज. चोद डाल आज इस प्यासी रंडी को. अहः अहः अहः हहहः हाहाहा. पुरे रूम में हम दोनों के टकराने की आवाज़े हो रही थी फच फच फच फच…
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सोफे पर बैठ गया और वो मेरे लंड के ऊपर आ गयी. मेरे लंड को पकड़ कर ऊपर अपनी चूत को टिका दिया उस ने और फिर धीरे – धीरे नीचे बैठने लगी. फिर तो धीरे से ऊपर – नीचे होने लगी थी. फिर वो एकदम से जोर – जोर से उछलना शुरू कर दिया. मैंने भी नीचे से धक्के लगा कर उनको चोदना शुरू कर दिया. कोई ३५ मिनट चोदने के बाद, मैंने उनको बोला कि मैं झड़ने वाला हु.
वो अब तक ३ बार झड चुकी थी. वो नीचे उतर गयी और मेरे लंड को सक करने लगी. मैंने भी २ – ३ जोर के झटके उनके मुह में मारे और उनके मुह में ही झड गया. वो मेरा सारा पानी पी गयी. मैं वहीँ सोफे पर बैठा रहा. वो फिर से मेरे लंड से खेलने लगी और कुछ ही मिनट में, मेरा लंड चुदाई के लिए फिर से तैयार हो गया था. इस बार वो कुतिया बन गयी मेरे सामने.
वो मेरे सामने बैठी हुई अपनी गांड हिला रही थी. मेरा मन किया, कि मैं उनकी गांड मार लू. मैंने उनको बोला, कि मुझे आप की गांड मारनी है. तो उसने कहा, कि गांड नहीं. अभी गांड नहीं देनी है. बट मैं भी कहाँ मनाने वाला था. मैंने बहुत सारा थूक उनकी गांड के छेद पर थूक दिया और उसकी उनकी गांड की छेद पर मल दिया. उनकी गांड बहुत ही ज्यादा मस्त टाइट थी. मैंने अपने लंड को उनकी गांड की छेद में डाला और जोर का धक्का मार दिया. मेरे लंड का सिर्फ टोपा ही अन्दर गया था, कि वो जोरो से चिल्ला उठी. और मेरे लंड की गरमी को अपनी गांड में महसूस कर रही थी और तड़प रही थी.
उनकी गांड बहुत टाइट थी और चीख रही थी अहः अहः हाहाह मार डाला. बस फिर मैंने अपने हाथ से उनकी चूत को रब करना शुरू कर दिया. वो थोड़ी सी शांत हुई, मैंने धक्का मारा और मेरा लंड आधा से ज्यादा अन्दर चला गया. वो बहुत ज्यादा तड़प रही थी.
मैंने उनकी चूत को रब करना नहीं छोड़ा और फिर से एक जोर का धक्का मारा और इस बार मेरा लंड पूरा का पूरा अन्दर उतर गया उनकी गांड में. उनकी आँखों से आंसू निकल आये और वो चिल्ला रही थी. मैंने अब उनके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया. वो फिर कुछ शांत हुई.
मैंने अब उनको धीरे – धीरे चोदना शुरू किया. मुझे कुछ महसूस हुआ. तो मैंने देखा, उनकी गांड से खून निकल रहा था. उनकी गांड पूरी तरह से फट चुकी थी. फिर मैंने धीरे – धीरे अपनी स्पीड बड़ा दी. फिर मैंने उसकी चुतड पर थप्पड़ मार – मार कर लाल कर दिए और अपनी चुदाई की स्पीड को तेज कर दिया.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला. पूरा का पूरा खून से सना हुआ था. वो मुझे अब गांड में लंड डालने को मना कर रही थी. मैंने अब उनको पलट दिया और उनकी चूत पर अपने लंड को टिका दिया. फिर मैंने एक धक्के के बाद, अपने लंड को जोर से ठोक दिया. मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चूत में घुस गया था.
मैं बहुत तेजी से उनकी चुदाई कर रहा था. अब तो बस मेरा माल निकलने ही वाला था. मैंने उनको बहुत टाइट पकड़ लिया और अपनी गांड की स्पीड को बहुत तेज कर दिया और एक ही बार में अपना माल उनकी चूत में गिरा दिया. मेरे गरम माल को अपनी चूत में महसूस करते ही वो तड़प गयी थी. मेरी रफ़ चुदाई में उनकी चूत और गांड फट चुकी थी.
मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वो सोफे पर बेठी रही. मैं भी उनकी ही साइड में लुडक गया. उन्होंने मेरे चेहरे को पकड़ कर मेरे होठो पर चूम लिया. उन्होंने कहा, कि आज तुम ने मुझे बरसो बाद पूरी तरह से सेटइसफाई कर दिया.
मैंने अपने कपडे पहने. आंटी से उठा भी नहीं जा रहा था. वो सोफे पर ऐसे ही नंगी पड़ी रही. फिर मैंने उनको कपडे पहनाये और अपने घर वापस आ गया.
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