चाची की जोरदार चुदाई
हाय दोस्तों मै मस्तराम डॉट नेट का 1 साल से नियमित पाठक हूँ ओर आज में आपको अभी अपनी एक स्टोरी सुनाना चाहता हूँ मेरा नाम दीपक है मैं देहरादून से 30 किलोमीटर दूर एक गावं में रहता हूँ में 20 साल का हूँ लम्बाई 6 फीट, गोरा रंग ओर थोड़ा पतला हूँ बात पिछले साल की है जब मे ग्रेजुयेशन Ist ईयर मे था ओर घर से कॉलेज अप डाउन करता था मेरे चाचा-चाची सिटी मे रहते हैं मैं अक्सर उनके घर चले जाया करता था उनके 2 बच्चे थे रिया 9 साल ओर हर्ष 7 साल का में आपको चाची के बारे मे बताता हूँ वो लगभग 28 साल की है गोरे रंग के साथ ही शानदार चूचियों ओर भारी चुत्तडो की मालकिन है कद मे थोड़ी छोटी लगभग 5.1” की है तो अब असल कहानी पर आते हैं.पहले चाची भी हमारे साथ गावं मे ही रहती थी ओर में बचपन से ही उन्हे नंगी देखना चाहता था लेकिन मेरी इच्छा कभी पूरी नही हुई पिछले साल मार्च 4 तारीख को मैं कॉलेज गया ओर वहा से चाचा जी के घर चला गया मेरे चाचा की अपनी दुकान थी ओर वो हर गुरुवार दिल्ली माल लेने जाते थे आज भी वो माल लेने दिल्ली गये हुये थे मेरे चाचा चाची से बहुत सेक्स करते थे उनके एक ही रूम था ओर जब भी में किसी काम से वहा रुकता था तो चाचा ओर चाची नीचे सोते थे ओर रात को चुदाई करते थे ओर में चाची की सिसकारिया सुनता रहता था जिससे मेरा भी मन चाची को चोदने का होता था.
आज जब में चाची के घर पहुँचा तो 2 बज रहे थे ओर मैने चाची को प्रणाम किया फिर चाची ने घर के हालचाल पूछे दरअसल मेरी चाची थोड़ा चालू किस्म की है इसलिये मुझे वो पसंद नही थी मेरी बस उनके शरीर मे दिलचस्पी थी थोडी इधर उधर की बाते करने के बाद चाची काम करने लगी ओर में पीछे से उनकी मेंक्सी मे बनी पेंटी की शेप को देखने लगा साथ ही मेरा लंड भी उत्तेजित होने लगा लेकिन थोड़ी ही देर मे बच्चे स्कूल से आ गये ओर बहुत खुश हुये उन्होने मुझसे वही रुकने की ज़िद की तो चाची ने भी कहा की आज तुम्हारे चाचा भी नही है आज तुम यही रुक जाओ मैने कहा ठीक है ओर घर पर फ़ोन कर दिया की में आज यही रुकूँगा.
में बच्चो के साथ खेलने लगा बच्चो ने कहा की भैया आज मूवी देखेंगे तो मैं चाची से पूछकर मूवी लेने चला गया फिर हमने 7 बजे ही डिनर कर लिया ओर फिर हम मूवी देखने लगे “3 इडियट्स” फिर मूवी ख़त्म हो गयी ओर बच्चे सो गये चाची ओर में थोड़ी बाते करने लगे फिर कुछ देर बाद चाची ने कहा की अब नींद आ रही है तो फिर हम लाइट ऑफ करके सो गये दोनो बच्चे साइड मे थे तो में उनके एक ओर सो गया ओर चाची मेरे बगल मे सो गयी अब तक मेरी भी कुछ करने की हिम्मत नही हुई थी आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | नाइट बल्ब की रोशनी मे चाची पेट के बल लेटी हुई थी ओर उनके चूतड देखने मे मुझे मज़ा आ रहा था मैने नींद का बहाना करते हुये अपना एक पैर उनके चूतड पर रख दिया वो अचानक से उठी मेरी ओर देखा लेकिन में सोने का नाटक करता रहा चाची ने मेरा पैर चूतड पर से हटाया ओर सीधी लेट गयी में डर गया था.
फिर में सांस रोक कर लेटा रहा थोड़ी देर बाद मैने फिर हिम्मत करके अपना एक हाथ चाची के पेट पर रख दिया कोई हलचल नही हुई कुछ देर तक हाथ रखने के बाद मैने आगे बडने का सोचा ओर घुटना मोडकर चाची की जाँघ पर रख दिया ओर सोने का नाटक करता रहा चाची का कोई रेस्पॉन्स नही था मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी ओर मैने चाची की जाँघ को अपने घुटने से रगड़ना शुरू किया चाची सोई हुई थी थी कन्फर्म करने के लिये मैने चाची की जाँघ दबाई तो चाची ने एक गहरी सांस ली अब मेरी आँखो से नींद गायब हो चुकी थी में बैठ गया मैने चाची की मेक्सी हल्की सी ऊपर उठाकर जाँघो तक कर दी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन डर से गांड भी फट रही थी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अब मैने चाची के चेहरे की ओर देखा वो सो रही थी अब मैने अपनी पेन्ट उतारी ओर फिर धीरे से लेट गया मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो चुका था फिर चाची ने करवट ली ओर मेरी ओर तरफ चूतड कर लिये मैने मौका पाकर मेक्सी थोड़ी ओर उपर कर दी अब मुझे चाची की पेंटी के दर्शन हुये मैने लंड निकाला ओर चाची की गांड के पास ले गया में उसे चाची के चूतड से टच करना चाहता था लेकिन तभी चाची पेट के बल लेट गयी में डर गया ओर सीधा लेट गया थोड़ी देर बाद कोई हलचल नही हुई तो मैने देखा अब मेरे पास मेक्सी उपर करने का अच्छा मौका था मैने धीरे से मेक्सी उपर की में नाइट बल्ब की रोशनी मे चाची के बड़े बड़े चूतड देख के पागल हो रहा था अब मैने चाची के चूतडो पर अपनी जीभ लगाई ओर चाटने लगा मुझे लगा की चाची जाग रही है ओर नाटक कर रही है.
मैने हल्के से चूतडो पर काटा तो चाची की सिसकारी निकल गयी लेकिन चाची सोई रही में बहुत खुश हुआ अब मैने धीरे से चाची की पेंटी नीचे कर दी ओर चाची ने हल्के से गांड उठाकर मेरा साथ दिया की मुझे पता ना चले अब में जान चुका था की चाची नाटक कर रही थी मैने पूरी पेंटी नीचे उतार दी अब चाची सीधी हो गयी मैने उनकी मेंक्सी को उठाया ओर उनकी मस्त गोल ओर गड्रई चूचियों को हाथ मे ले लिया ओर मसलने लगा मुझे ऐसा लग रहा था की उन्हे खा जाऊं ओर फिर उन्हे मुँह मे लेकर चूसने लगा में हैरान भी था की चाची सिसकारी ले रही थी लेकिन सोने का नाटक भी कर रही थी अब बाजी मेरे हाथ मे थी मैं पूरे शरीर को चाटते हुये उनकी चूत तक पहुँचा जहा घनी ओर काली झाटे थी मैने जीभ से उनके बीच में छुपी चूत को मुँह मे ले लिया ओर चाटने लगा चाची मज़े ले रही थी ओर में तो जन्नत में था चाची की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.
अब मेरे लिये सब्र करना मुश्किल था मैने अपना लंड चाची की चूत पर रखा ओर रगड़ने लगा ऐसा लग रहा था जैसे किसी गर्म चूल्हेल पर रग़ड रहा हूँ मैने चाची की टाँगे फैलाई ओर लंड को चूत के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का दिया ओर लंड रास्ता बनाता हुआ अंदर जाने लगा चाची ने फिर सिसकारी ली ओर हाथो से चादर टाइट पकड़ ली दोस्तो उस पल ऐसा लगा जैसे अपना लंड मैने किसी गर्म रस मे डाल दिया है इतना मज़ा आया की में उसकी कल्पना भी नही कर सकता था मैने एक ओर धक्का लगाया ओर लंड चूत की दीवारो से रगड़ता हुआ जड़ तक उतर गया अब में चाची के उपर झुक गया चाची ने अपने चेहर पर चादर डाल ली थी ओर हल्के हल्के से सिसकारी ले रही थी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैने बच्चो की ओर देखा दोनो सो रहे थे अब मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया ओर मेरा लंड चाची की चूत के रस मे गोते लगाने लगा मेरी स्पीड बडने लगी ओर चाची की सिसकारियाँ भी अब मैने चाची की टांगो को उपर उठाया ओर धक्के लगाने लगा मेरा घोड़ा चाची की चूत मे तेज़ी से दौड़ रहा था चाची के चूतड भी मेरे धक्को से ताल मिला रहे थे लगभग 15 मिनट तक चोदने के बाद चाची ने अपने पैरो से मुझे दबा लिया ओर तेज़ी से चूतड उछालने लगी मैने भी धक्को की स्पीड बड़ा दी ओर चाची के साथ ही छूटने लगा चाची ने मुझे कसकर दबा लिया ओर मैने अपना वीर्य चाची की चूत मे ही डाल दिया ओर चूत के रस मे मेरी जांघे तर हो चुकी थी ओर में चाची के उपर ही लेट गया.
चाची की चूचियाँ उपर नीचे हो रही थी मैने सोचा की जब तक चाची नही हटायेगी में चाची के ऊपर से नही हटूँगा इससे चाची को मेरे सामने उठना पड़ता कुछ देर लेटे रहने के बाद चाची ने बड़ी चालाकी से एक करवट ली ओर मुझे अपने उपर से उतार दिया मेरा लंड फक की आवाज़ के साथ उनकी चूत से बाहर निकल गया ओर वो वैसे ही लेट गयी में भी बहुत थक गया था ओर मुझे नींद आ गयी सुबह जब मेरी नींद खुली तो 9 बज चुके थे ओर बच्चे स्कूल जा चुके थे मैं फ्रेश होकर आया तो देखा की चाची नाश्ता लगा रही थी मुझे रात की बाते याद आई तो में चाची से आँखे नही मिला पा रहा था लेकिन चाची बिल्कुल नॉर्मल थी चाची बोली की कल रात मुझे ठीक से नींद नही आई ओर कमर मे भी दर्द हो रहा है तुम थोड़ी मालिश कर दो में समझ गया की अब क्या करना है फिर मेंने खुल्लम खुल्ला चाची की चूत मे लंड घुसाया ओर चाची ने बताया की कल रात को उन्होने सोने का नाटक किया था। दोस्तों कहानी आपको अच्छी लगे या बुरी लेकिन ये कहानी सच्ची है.
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