दुसरे से चुदती थी मेरी बहन
हैल्लो दोस्तों, में विक्की एक बार फिर से हाजिर हूँ, Indian Sex Hindi sex Chudai Antarvasna Kamukta आप सभी चाहने वालों के सामने अपनी एक और नयी सच्ची घटना लेकर आया हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन सलोनी की है और जैसा उसका नाम है वैसा ही उसका रंग है, लेकिन वो थोड़ी सांवली जरुर है. उसके नैन नक्श बहुत अच्छे है और वो एक बहुत सुंदर जिस्म की मालकिन है, उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े और रसदार है और उसकी गांड भी दिखने में बहुत बड़ी है और वो हमेशा छोटे कपड़े पहनती है, क्योंकि उसे भी पता है कि वो सुंदर जिस्म की मालकिन है और वो लोगों को अपना खजाना दिखाने से कभी नहीं चूकती और इसी बात पर में उस पर फिदा हूँ. दोस्तों जब से वो जवान होना शुरू हुई है, तब से में उसके जिस्म की तरफ और भी ज्यादा आकर्षित होता गया हूँ, लेकिन एक भाई बहन के रिश्ते के नाते मैंने हमेशा अपने आप पर कंट्रोल रखा और वैसे में उससे बेहद प्यार करता हूँ और करता रहूँगा, लेकिन आजकल उसका एक बॉयफ्रेंड है और वो दोनों अपनी लाईफ में बहुत खुश है.
दोस्तों में आज आप सभी लोगों के सामने एक सच्ची घटना पेश करने जा रहा हूँ. यह घटना सच्ची है और यह आज से कुछ समय पहले घटी है. दोस्तों आज से तीन चार महीने पहले हम दोनों अपने मामा जी के यहाँ पर गये हुए थे और यह घटना वापस लौटते समय मेरे साथ घटी. हम दोनों उत्तरप्रदेश से है और अपने घर पर वापस लौट रहे थे, मेरे मामा जी हमे स्टेशन पर छोड़ने आए हुए थे और उस समय छुट्टियां होने की वजह से उस समय ट्रेन में बहुत भीड़ थी और वो एक पॅसेंजर ट्रेन थी तो हम दोनों थोड़ा बहुत धक्का मुक्का करते हुए ट्रेन में अंदर घुस तो गए, लेकिन इस दौरान मेरा एक हाथ कई बार सलोनी के बड़े बड़े बूब्स पर लगा और फिर मैंने देखा कि भीड़ की वजह से कई लोगों ने सलोनी के बूब्स को छू लिया था और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और अब में जैसे तैसे सलोनी को वहां से आगे की तरफ बड़ाने लगा और इस दौरान कई लोगों ने जानबूझ कर सलोनी के बूब्स दबा दिए और उसकी गांड पर हाथ फेर दिया, लेकिन में उनसे कुछ नहीं बोला और आगे बड़ गया.
दोस्तों वैसे सलोनी हमेशा जीन्स टॉप में होती है, लेकिन ना जाने क्यों उस दिन उसने सलवार कमीज़ पहनी हुई थी? और उस पूरे कोच में बहुत भीड़ थी. तभी एक केबिन में कुछ लोग बैठे हुए थे, लेकिन भीड़ तो वहां पर भी बहुत थी, लेकिन वहां पर थोड़ा थोड़ा सरकने पर कुछ जगह बन सकती थी जो कि मेरी बहन के बैठने के लिए पर्याप्त थी और सीट के सबसे साईड में एक लड़का जो करीब 28-29 साल का था, वो वहां बैठा हुआ था. फिर मैंने उससे कहा कि भैया अगर आप हल्का सा सरक जाएँगे तो मेरी बहन भी यहाँ पर बैठ जाएगी, तभी उसने पास में खड़ी हुई मेरी बहन को देखा और फिर वो थोड़ा सा सरक गया, लेकिन मेरी बहन के चूतड़ बहुत बड़े बड़े थे, जिससे वो उस सीट पर आधी लटक गयी, लेकिन अब वो लड़का भी और नहीं सरक सकता था.
मैंने सलोनी की परेशानी देखी, लेकिन मुझे कोई चारा नहीं मिला और मैंने सलोनी से कहा कि सलोनी तू थोड़ा और अंदर हो जा वरना तू गिर जाएगी तो सलोनी ने अपने को सेट करते हुए थोड़ा आगे पीछे हुई, लेकिन इससे वो उस लड़के के ऊपर आधे से ज़्यादा चड़ गई और सलोनी के आधे आधे चूतड़ उसकी एक जाँघ पर आ गये, लेकिन वो कुछ नहीं बोला और बोलता भी कैसे उसके पास एक मस्त फिगर वाली सेक्सी लड़की जो बैठी हुई थी. फिर मैंने यह सब देखा, लेकिन मैंने सोचा कि सफ़र लंबा है और शायद आगे कुछ लोग उतर जायेंगे. तभी उस लड़के ने सलोनी से कहा कि बहन अगर आपको बैठने में कोई समस्या है तो आप आराम से मेरे पैर पर बैठ जाइए तो सलोनी ने कुछ नहीं कहा और अपने मटके जैसे चूतड़ सरका कर उसकी जाँघ पर बैठ गई.
फिर मैंने कहा कि भैया आपको कोई तकलीफ़ तो नहीं होगी? फिर वो बोला कि नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, वैसे भी आपकी बहन ज़्यादा भारी नहीं है और फिर ऐसे ही कुछ समय बीत गया और अब शायद उस लड़के के पैर में दर्द होने लगा था, इसलिए वो बोला कि बहन आप थोड़ा बीच में आ जाओ और फिर मैंने सलोनी को इशारा किया और सलोनी उसके लंड के बिल्कुल ऊपर बैठ गयी. सलोनी ने बैठने के साथ ही अलग सा मुहं बनाया, शायद उसकी गांड में उसका लंड चुभा होगा और मुझे सलोनी की शक्ल से पता चल रहा था कि उसका लंड बिल्कुल उसकी गांड पर है, क्योंकि सलोनी बिल्कुल उसकी गोद में थी और सलोनी के बाल उस लड़के के मुहं पर थे और वो उनको सूंघने लगा. सलोनी के शेम्पू किए हुए बालों को बहुत मज़े से सूंघने लगा और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, इसलिए सबसे पहले मेरा मन हुआ कि सलोनी को अभी इसी वक्त खड़ा कर दूँ, लेकिन मैंने सोचा कि वो इतनी भीड़ में और क्या करेगा?
तभी उस लड़के ने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहो हो भैया? तो मैंने कहा कि बरेली तो वो बोला कि ठीक है और आप क्या करते हो? फिर मैंने कहा कि में एक स्टूडेंट हूँ और फिर उसने मेरा नाम पूछा और फिर उसने सलोनी से पूछा कि बहन आपको कोई दिक्कत तो नहीं हो रही? तो सलोनी ने अपनी गर्दन को ना में हिला दिया. तभी वो बोला कि आप लोग एकदम ग़लत ट्रेन में चड गये, क्योंकि इस दौरान इसमें बहुत भीड़ होती है और बरेली तक इसमें बहुत ज्यादा भीड़ रहती है.
मैंने कहा कि हाँ आपका कहना बिल्कुल ठीक है, लेकिन हमसे वो पहले वाली ट्रेन छूट गई और हमे यह नहीं पता था कि इसमें इतनी भीड़ होगी? अब बहुत ज्यादा भीड़ और गर्मी की वजह से सलोनी पसीने में पूरी तरह भीग गई थी और उसका सूट भी बहुत गीला हो गया था. तभी वो लड़का बोला कि बहन एक मिनट ज़रा और उसने सलोनी के चूतड़ पर हाथ रखकर उसको उठाया और अपनी पेंट को ठीक किया जिसमें से उसका टेंट पूरी तरह दिख रहा था और फिर उसने सलोनी के चूतड़ को पकड़कर उसको उस टेंट के ऊपर बैठा लिया, सलोनी को भी अब मज़ा आने लगा था और वो धीरे धीरे अपने चूतड़ मटका रही थी और वो भी अब उसके लंड को पूरा महसूस करना चाहती थी और फिर थोड़ी ही देर में सब लोग झपकी लेने लगे और सलोनी को भी नींद आने लगी तो वो पीछे होकर उस लड़के के उपर ही लेट गयी और सलोनी ने अपना एक हाथ उस लड़के की गर्दन के पीछे रख दिया. सलोनी की शक्ल से पता चल रहा था कि वो भी अब उससे अपनी चुदाई करवाना चाहती है.
तभी उस लड़के ने अपना एक हाथ आगे की तरफ निकालकर सलोनी के पेट पर रख दिया और उस लड़के को पता था कि में यह सब देख रहा हूँ, लेकिन फिर भी कोई विरोध नहीं कर रहा हूँ तो उसकी हिम्मत भी अब ज्यादा बढ़ने लगी और सलोनी भी उसका कोई विरोध नहीं कर रही थी तो वो धीरे धीरे सलोनी के पेट पर हाथ फेरने लगा.
वो बोला कि भैया आपकी बहन सलोनी तो बड़ी प्यारी है तो इसके लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूंडना. फिर मैंने कहा कि हाँ वो तो हम खोजेंगे और अब वो अपने होंठो को बिल्कुल सलोनी के कानो के पास ले गया और बोला कि कैसा लड़का चाहिए आपको? यह बोलते हुए उसके होंठ सलोनी के कानो को छू गये और वो उनको सूंघने लगा तो सलोनी थोड़ा शरमाकर उससे बोली कि जैसा मेरे घर वाले ढूंड देंगे वैसा ही मेरे लिए ठीक होगा. फिर वो बोला कि क्यों इसमें आपकी कोई पसंद नहीं है? ऐसा बोलते हुए वो सलोनी के कान सूंघ रहा था और उन पर अपने होंठ फेर रहा था और उसके पेट पर अपना एक हाथ चला रहा था और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि शायद सलोनी उठकर खुद उसे एक जोरदार थप्पड़ मार देगी, लेकिन वो भी चुप थी और आज रह रहकर मुझे वो बातें याद आ रही थी, जब मेरे दोस्त आकर सलोनी की उल्टी सीधी हरकतो के बारे में मुझे बताते थे, तब या तो में उन बातों को अपने दिमाग से निकाल देता था या फिर में उनसे लड़ पड़ता था.
अब वो सलोनी की बाँह पर हाथ फेरने लगा तो मुझे लग रहा था कि जल्द ही यह इसके बूब्स तक भी पहुंच जाएगा और मेरी बहन के बड़े बड़े बूब्स को छुयेगा और फिर कुछ देर के बाद मेरा यह सोचना बिल्कुल सच साबित हुआ और उसने अचानक से अपना एक हाथ सलोनी के बूब्स पर रख दिया और ऐसा करते ही सलोनी झटके से खड़ी हो गयी और यह देखकर वो लड़का घबरा गया. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो सलोनी बोली कि मुझे पेशाब आया है तो में अभी करके आती हूँ और वो टॉयलेट की तरफ बढ़ गई और इस दौरान ही कई लड़को ने उसकी गांड और बूब्स पर अपने अपने हाथ साफ कर लिए और मैंने उस लड़के के लंड की तरफ देखा और वहां पर देखने से ही पता चल रहा था कि उसका कितना बड़ा बम्बू था. में तो यह देखकर ही बिल्कुल हैरान था कि सलोनी अब तक इतने बड़े बम्बू पर कैसे बैठी हुई थी?
दोस्तों सलोनी के एकदम उठने से वो लड़का अब बहुत घबराया हुआ था और वो मुझसे अपनी नजर चुरा रहा था और इतने में सलोनी वापस आ गई और फिर कई लोगो ने आते समय भीड़ की वजह से उसके मज़े ले लिए थे. फिर वो जब आई तो मैंने देखा कि उसने अपनी कमीज़ को पीछे से अपने चूतड़ के ऊपर से उठा रखा था या फिर आते समय उसको किसी ने उठा दिया होगा और उसके बड़े बड़े चूतड़ का आकार बन रहा था और उसकी सलवार उसके चूतड़ो में पूरी तरह घुसी हुई थी और अब में सोच रहा था कि आते वक़्त जिन लोगों ने उसके चूतड़ो पर अपना हाथ फेरा होगा उनको तो स्वर्ग मिल गया होगा.
अब सलोनी ने उस लड़के की पेंट पर बने हुए उस तंबू को देख लिया था और फिर उसने अपने चूतड़ उस पर टेक दिए. यह देखकर तो मैंने भी अपनी जीभ दबा ली उसका लंड तो सलोनी के बिल्कुल अंदर गया होगा अब मुझे सलोनी के रंडी पन का अहसास हो गया था और उसको यह भी परवाह नहीं थी कि उसका भाई भी वहां पर खड़ा हुआ है, अगर वो लड़का सलोनी को पूरा नंगा करके सबके सामने चोदे तो सलोनी को शायद अब इस बात की भी परवाह नहीं थी, उसे तो बस उसका वो मोटा लंबा लंड चाहिए था, लेकिन वो लड़का बहुत समझदार था और उसने अपने आप को पूरी तरह कंट्रोल कर रखा था और उसको पता था कि उसकी एक भी ग़लती कुछ बड़ा बखेड़ा शुरू कर देगी इसलिए वो ज़्यादा कुछ एसी हरकत नहीं कर रहा था, लेकिन सलोनी अब कुछ ज्यादा आगे बढ़ना चाहती थी, लेकिन खैर कुछ ज़्यादा हो ना सका क्योंकि अब थोड़ी भीड़ छट गयी थी.
अब सलोनी को भी उसके एक साइड में बैठने की जगह मिल गयी थी और अब आगे कुछ और नहीं हो सकता था इसलिए वो लड़का बस सलोनी को घूरता रहा और सलोनी भी बीच बीच में उसको देखती रही, लेकिन और कुछ नहीं होता क्योंकि सारी गावं की भीड़ अब उतर चुकी थी और सिर्फ़ शहर की रह गई थी और वैसे भी कुछ देर बाद हम बरेली पहुंच गये, में और सलोनी बाहर ऑटो ढूंड रहे थे. रेलवे स्टेशन से हमारा घर कोई आधे घंटे की दूरी पर था तो हमे एक ऑटो मिल गया और उसमे एक कपल पहले से ही बैठा था.
मैंने सलोनी को उसमे बैठने को कहा और हम लोग बैठ गये, तभी वो लड़का आ गया और में उसको देखकर बिल्कुल चौंक गया और सलोनी भी, वो बोला कि भैया मुझे कचारी तक जाना है वैसे हम लोगो को भी वहीं पर जाना था तो ऑटो वाला हमसे बोला कि भैया थोड़ा सरककर इनको भी बैठा लो. वो लड़का बोला कि में इन लोगों को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ और सलोनी तुम मेरी गोद में बैठ जाना इतनी देर बैठाया और थोड़ा आगे तक बैठा लूँगा. सलोनी ने उससे मना नहीं किया और ऊपर उठ गई वो लड़का सीट पर बैठ गया और उसने मेरे सामने ही सलोनी की कमीज़ को उसके चूतड़ो के ऊपर से उठा दिया और फिर उसे अपनी गोद में बैठा लिया.
मैंने उस कपल को देखा तो वो अपने में ही मस्त थे और में अच्छी तरह से जानता था कि उस लड़के को पहले ही उतर जाना था, लेकिन वो खुद ही जानबूझ कर हमारे साथ आया है और उसने हमे कचारी जाते हुए सुन लिया था और में यह भी जानता था कि जब तक हम उतर नहीं जाते वो तब तक सलोनी के बहुत अच्छी तरह मज़े लेने वाला था क्योंकि उसे मेरा बिल्कुल भी डर नहीं था और बाकी वो कपल अपनी धुन में मस्त था और फिर कुछ देर के बाद उसकी हरकते शुरू हो गयी. अब में यह बात भी सोच रहा था कि अगर में सलोनी के साथ नहीं होता तो सलोनी अब तक किसी होटेल में जाकर इससे चुद चुकी होती, वैसे सलोनी और में एक दूसरे से बहुत खुले थे, लेकिन ऐसी चीज़ हम दोनों के साथ पहली बार हुई थी और हम दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? फिर मैंने सोचा कि अगर सलोनी की जगह पर में होता तो और उस लड़के की जगह कोई लड़की होती तो में क्या करता? जाहिर सी बात है कि में भी उस लड़की के मज़े लेता और फिर उसी तरह वो लड़का मेरी बहन के मज़े ले रहा था.
फिर उस लड़के ने सलोनी के चूतड़ो के नीचे अपना हाथ घुसा दिया और में बहुत आराम से गर्दन मोड़कर चोरी छिपे उसकी हरकते देख रहा था और यह बात उन दोनों को पता थी, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला और उसने अब अपनी ज़िप को खोल दिया और अपने लंड को बाहर निकाल दिया और अब सलोनी उसके लंड पर बैठी हुई थी और उसने फिर सलोनी की चुन्नी को खींच लिया और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और उनको छूने लगा. में कभी सलोनी के बूब्स की तरफ देखता तो कभी सलोनी के चेहरे पर. तभी उसने अपना एक हाथ सलोनी की कमीज़ में घुसा दिया और उसका एक बूब्स नंगा कर दिया.
पहली बार में सलोनी का बूब्स नंगा देख रहा था जो बहुत सुंदर था. सलोनी वैसे थोड़ी सांवली थी, लेकिन उसका बूब्स उससे थोड़ा गोरा था और उस पर भूरे कलर का निप्पल उसकी सुन्दरता पर चार चाँद लगा रहा था. फिर उस लड़के ने सलोनी को अपनी तरफ घुमा दिया और उसके होंठो पर एक जोरदार चुम्मा रसीद कर दिया और फिर उसके निप्पल को अपने मुहं में भर लिया. अब वो बहुत देर तक सलोनी के बूब्स चूसता रहा और में इस तरह से बैठा हुआ था कि उस कपल को यह सब कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और अब उसने सलोनी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को थोड़ा नीचे की तरफ खिसका दिया और फिर पेंटी को भी.
दोस्तों मेरी बहन की बिल्कुल नंगी चूत अब ठीक मेरे आगे थी और उस पर थोड़े बाल थे, लेकिन वो देखने में बहुत सुंदर थी. फिर उस लड़के ने अपना लंड चूत में नहीं घुसाया, वो बस सलोनी की गांड पर फेरता रहा और सलोनी बैठकर अपनी गांड को उसके लंड पर दबा कर रही थी और फिर वो लड़का पीछे से सलोनी की कमर चाटने लगा और में भी यह सब देखकर झड़ने पर था और अब मेरा भी वीर्य निकलने वाला था. फिर इसी दौरान उस लड़के का लंड झड़ गया, लेकिन उससे पहले उसने अपने लंड को अपनी अंडरवियर में डाल लिया ताकि उसका माल सलोनी की गांड पर ना फैले और उसने बहुत कसकर ज़ोर से सलोनी के बूब्स को दबोच लिया और कुछ देर वो इसी पोजीशन में रहा और फिर उसने सलोनी को अपनी तरफ घुमाकर एक जोरदार किस दिया.
अब सलोनी ने भी अपने कपड़े ठीक कर लिए और थोड़ी ही देर में हमारा स्टॉप आ गया. फिर हम तीनो वहां पर उतार गये और मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और उस लड़के ने भी. फिर हम दोनों अपने घर की और बढ़ गये, तभी उस लड़के ने मुझे आवाज़ दी तो मैंने सलोनी से कहा कि में एक मिनट में उस लड़के के पास से आता हूँ. फिर जब में उसके पास गया वो बोला कि भैया अब में आपका पीछा नहीं करूँगा, आपकी बहन जितनी सुंदर है उतनी प्यारी भी है और आप उसके लिए एक बहुत अच्छा लड़का ढूंडना और वो मुझसे यह बात कहकर चला गया. फिर सलोनी ने मुझसे पूछा कि वो आपसे क्या कह रहा था?
मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं वो मुझसे एक पता पूछ रहा था. फिर सलोनी बोली कि क्यों आपने बता दिया? तो मैंने कहा कि हाँ और वो बोली कि वैसे भैया वो लड़का बहुत अच्छा था और उसने मुझे इतनी देर तक अपनी गोद में बैठाये रखा, बैचारे के तो पैर दर्द कर गये होंगे. आप उसको घर पर बुला लेते तो वो चाय नाश्ता करके चला जाता. फिर मैंने कहा कि नहीं उसको थोड़ा जल्दी थी और फिर हम दोनों घर की और चले गये. दोस्तों यह थी मेरी चुदक्कड़ बहन की चुदाई का सफर जिसमे उसने किसी अजनबी के लंड पर बैठकर उसके लंड को ठंडा किया और मजा लिया.