देसी जोड़ी में बदन की लगन है या मन की ?
शाक्षी मेरे घर में बाजु में ही रहा करती थी और वो दिखने की बहुत ही खूबसूरत लगती थी खासकर जब वो चलती थी तो उसकी मटकती हुई गांड किसी भी मर्द की जीभ से लाव टपका सकता था | उसकी बदन की असली खूबसूरती उसके बदन के नीचले भाग में छिपी हुई थी जिसे मैं देखने के लिए तरसा जा रहा था | मुझे तो बस एक मौका चाहिए थे कब उसे देसी जोड़ी की तरह अपनी बाहों में जकड उसकी चुत का रस अपने होंठों के प्याले से लगा सकूँ और आखिर पाने लंड को भी तो उसकी चुत का रस छ्काउन | वो मेरी बड़ी बहन के पास अपने दूसरे वर्षीय स्टार की पढाई पढ़ने के लिए आया करती थी और मैं उसे ताकते हुए ही खुश हो जाया करता था |
वो भी अपनी तिरछी आँखों से मुझे देखना कभी नहीं भूलती थी जो मैं बखूबी जानता था | एक दिन उप्पर वाले ने भी इतनी अच्छी किस्मत दी की मेरी बड़ी बहन मेरी अम्मा के साथ बहार किसी काम से गयी हुई थी और मैं ही घर पर अकेला रह गया था | उस दिन मेरी बहन शाक्षी को पढाने वाली थी और जब वो घर पर आई तो मैंने उसे कहा की बस मेरी बहन आने ही वाली है जिससे वो घर में अब मेरी बहन का इन्तेज़ार करने लगी | अब मैंने उससे बात करनी चालू कर दी और उसे अपने मन की बता बता की मैं उसे खूब पसंद करता हूँ जिसपर वो हैरान थी तभी मैंने कह की मैं झूट बोल रहा था ताकि मैं उससे अपने प्यार का इज़हार कर सकूँ जबकि मेरी बहन रात तक ही आएगी |
शाक्षी भी अब सब सच्चाई सुनकर बिलकुल खुल हाई और उसने भी कह दिया की असल में वो भी मुझे पसंद करती ही इसीलिए मुझे छिप छिपकर देखा करती थी | मैंने येही सुनते ही उसके साथ आलिंगन किया और मैं उसकी होंठों को चूसने लगा और उसे अपनी तरफ खींच सहलाते हुए उसे गर्म करने लगा | मुझे नहीं पता था की पहली बार में ही हमारा यह किस्सा चुदाई तक पहुँच जाएगा पर दोस्तों ऐसा ही हुआ | मैं शाक्षी को चूमता हुआ अंदर बिस्तर पर ले गया जहाँ उसे लिटाते हुए उसके टॉप को उतार दिया और उसके चुचों को पीते हुए दबाने लगा | मैं शाक्षी के चुचों से साथ खेलता तो कभी अपने मुंह में भरकर चूस रहा था साथ ही अब मैंने उसके बदन को नंगा करने के लिए उसकी पैंटी को नीचे उतार डाला जहाँ मैं उसकी चुत पर मैं अपनी उंगलियां ज़ोरों से मसलने लगा |
मुझसे रहा न गया तो मैंने शाक्षी की टांगों को पूरा खोल डाला जिसपर उसकी गहरी मुलायम चुत मेरे लंड के सही सामने आ ह्चुकी थी, मैंने फट से अपने लंड का ज़ोरदार पहला झटका मारा ही के मेरा लंड सीधा उसकी चुत में अंदर जा बसा और वो अपनी अब और ज़ोरदार तरीके से सिसकियाँ लेने लगी | हमारी सम्भोग की देसी जोड़ी में मैं साक्षी के चूतडों को भी मसलता हुआ उनके बीच ऊँगली उसकी गांड के छेद में देने लगा और दुसरी तरफ से चुत में लंड साले सम्भोग कर रहा था जिसपर शाक्षी भी मुझे खूब उत्तेजित मुझे और करती जा रही थीं | मैंने अब इतने दिनों बाद किसी लड़की की चुत के साथ प्यास भुजा रहा इसीलिए अब ज्यादा देर टिक नहीं पाया और शीघ्रस्खलित हो चला | अब तबसे मैं शाक्षी की चुत को बराबर चोदता हूँ और हमारे बीच वो मन को चाहने वाला रिश्ता जिसे आम भाषा में प्यार कहते हैं वो भी चल रहा है |