दोस्त की बहन ने लंड लिया
हेल्लो दोस्त, मैं करन आपका दोस्त आपके लिए लेकर आया हूँ, एक न्यू सेक्स स्टोरी. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. तो दोस्तों मैं आपको जयादा बोर न करते हुए, सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त की बहन की है, जो घर में रहती है. एक बार छुट्टियों में मैं अपने घर आया हुआ था.
मैं अपने घर पंहुचा सुबह १० बजे और फिर फ्रेश होकर अपने दोस्तों से मिलने निकल पड़ा. मैं अपने एक दोस्त के घर पंहुचा तो वो मुझे बाहर ही मिल गया.
वो मुझे देख कर खुश हुआ और बोला कब आया. मैंने कहा- अभी एक घंटे पहले और फिर हमारी बाते होती रही. जहा हम खड़े थे वही पास में एक हैण्डपंप लगा था, जहा एक लड़की पानी भर रही थी.
दोस्तों, मैं उसे देखता ही रह गया. क्या कमाल लग रही थी बता नहीं सकता, फिर मैंने उसे ही देखने लगा और स्माइल करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो वहा से चली गयी, जब वो लड़की चली गयी तो फिर मैं अपने दोस्त के साथ बातो में बिजी हो गया, बात करते करते मुझे मेरे एक और दोस्त आशीष की याद आई.
वो मेरा बेस्ट फ्रेंड हुआ करता था बचपन में, मैंने मेरे दोस्त से आशीष के घर चलने को कहा तो वो भी तैयार हो गया और हम दोनों आशीष से मिलने उसके घर की तरफ चल पड़े. आशीष जो की मेरा अच्छा दोस्त था उसके घर पर उसके मम्मी, पापा, वो और उसकी एक बहन थी.
खैर जब हम आशीष के घर पहुचे तो मैंने देखा वो लड़की उसी घर में कपडे धो रही थी. मैंने उसे एक स्माइल दी और अंदर चला गया, अंदर जाने के बाद मुझे पता चला की वो लड़की मेरे दोस्त आशीष की ही बहन है.
फिर हम तीनो दोस्त अंदर रूम में बैठ कर बाते करने लगे. थोड़ी देर में वो भी आ गयी और हमारी जान पहचान हुई. उसका नाम किरण था.
फिर हम वापिस आ गए पर मैंने उसे चोदने का मन बना लिया था इसलिए मैं रोज़ उसके घर जाने लगा और उसे देख कर अपना मन शांत करने लगा. जब वो पानी भरने उस हैंडपंप पर आती और झुकती तो उसकी चुचिया देख कर मैं पागल होने लगता.
कुछ दिन बाद मेरी माँ को किसी शादी में जाना था, ३-४ दिन के लिए तो उन्होंने आशीष की मम्मी को मेरे खाने के लिए बोल दिया और मेरा ख्याल रखने के लिए भी, २ दिन कब बीत गए मुझे पता ही नहीं चला.
फिर अगले दिन खाना किरण लेकर आई, जब मैंने दरवाज़ा खोला था तो मैं बस उसे देखता ही रह गया, उसने कहा क्या मैं अन्दर आ जायु, मैं जैसे खवाब से जागा और उसे अंदर आने दिया.
फिर वो बोली ऐसे क्या देख रहे थे, तुम. मैंने भी उसका हाथ अपने हाथ में लेकर आई लव यु कह दिया. वो हसती हुई अपना हाथ छुड़ा कर किचन में चली गयी.
दोस्तों अब मुझ से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैं भी उसके पीछे पीछे किचन में गया और उसे पीछे से पकड़ कर अपने सामने किया और अपने होठो को उसके होठो से लगा कर उसे किस करने लगा. इस बार उसने कुछ नहीं कहा और मेरा साथ दिया किस करने मे.
हम १० मिनट तक एक दुसरे को किस करते रहे. उसके बाद वो शाम को मिलते है कह कर अपने घर चली गयी. उसके जाने के बाद मैं बाथरूम गया और उसके नाम की मुठ मारी और बेसब्री से शाम का इंतज़ार करने लगा. वो रात में ८ बजे के करीब आई. उसने जब डोर नॉक किया तो मैं समझ गया की वही है.
उस वक़्त मैं सिर्फ बनियान और टोवेल में था. टोवेल के अंदर मैंने कुछ नहीं पहना था. मैंने दरवाज़ा खोला, वो नाईट सूट में खड़ी थी और बहुत मस्त लग रही थी. फिर वो खाने का टिफिन रखने अंदर आई, तो मैंने उसे पीछे से पकड़ कर उसकी ३२ कि चुचियो को मसल दिया. वो अह्ह्ह…. कर उठी और कहने लगी छोड़ो प्लीज कोई देख लेगा.
मैंने उसे छोड़ा और दरवाज़ा बंद कर दिया, दरवाज़ा बंद करने के बाद मैं फिर उसके पास आया और उसे अपनी बाहों में भर कर किस करने लगा, उसकी धड़कने भी अब तेज़ होने लगी थी.
फिर मैंने उसे बाहों में उठाया और अपने बेडरूम में ले जा कर बेड पे लिटा दिया. फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके माथे को किस करने लगा.
फिर मैंने उसके नरम से होठो पे अपने होठ रख दिए और उसके होठो को चूसने लगा. अब वो भी मुझे किस कर रही थी, फिर मैंने उसके नाईट सूट के ऊपर से ही उसकी चुचियो को दबाना शुरू कर दिया.
वो झटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसके नाईट सूट के ऊपर के तीन बटन खोल दिए. उसने अंदर रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी, उस ब्रा में वो कमाल लग रही थी. मैंने उसकी ब्रा में हाथ डाला और उसके निप्पलो को सहलाने और दबाने लगा, वो आंख बंद कर के मजे ले रही थी.
फिर मैंने जैसे ही उसकी ब्रा को उसकी चुचियो के ऊपर किया उसके चुचे उछल कर बाहर आ गए. फिर मैंने उसके एक निप्पल को अपने मुह्ह में लिया और उसे चूसने लगा. उसकी साँसे तेज़ होने लगी थी. अब वो मुह को अपनी चुचियो पे दबा रही थी.
मैंने करीब १० मिनट तक उसकी चुचियो को बारी- बारी से चूसा, फिर मैं निचे आया और उसकी नाभि पे एक किस किया और उसके सूट की पेंट को निचे कर दिया. उसने रेड ही कलर की पेंटी भी पहनी थी.
मैंने उसकी चूत को छुआ तो मुझे वो पनियानी से लगी. फिर मैंने उसकी पेंटी को निचे किया जिस में उसने अपनी गांड उठा कर मेरी मदद की. पेंटी को निचे करते ही उसकी चिकनी रस से भरी चूत मेरे सामने थी. उसकी चूत पे हलके बुरे रंग के रेशमी बाल थे. फिर मैं उसकी चूत पे अपनी उंगली घुमाने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत पे एक किस किया, उससे वो मचल उठी और मेरे सर को अपने चूत पे दबाने लगा. मुझे भी उसकी चूत की महक पागल कर रही थो. मैंने भी अब अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और उसे चाटना शुरू कर दिया.
मैं अपनी जीभ को पूरा अंदर तक डाल कर इधर उधर घुमा कर चाट रहा था. वो जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी और कह रही थी छोड़ दो मुझे, मुझे कुछ हो रहा है.
१० मिनट चूत चाटने के बाद मैं खड़ा हुआ और अपने टॉवल को हटा दिया. अब तक मेरा लंड तन कर स्टील की तरह हो गया था. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे रखा और अंदर डालने लगा पर उसकी चूत बहुत कसी हुई थी. फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और पोजीशन सेट की और उसे किस करने लगा.
फिर अचानक से एक ज़ोरदार शॉट मारा, मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया और उसकी चूत से खून निकलने लगा. वो तो जैसे पागल हो गयी. मुझे अपने ऊपर से धक्का मारने लगी पर मैंने भी उसे कस कर पकड़ा था और उसे किस किये जा रहा था और एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था.
करीब १० मिनट बाद उसे कुछ आराम हुआ, उसके बाद मैंने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया. वो अब भी कराह रही थी और कह रही थी प्लीज छोड़ दो उईईई…. मा…… बहुत दर्द हो रहा है. मैं मर जायुंगी प्लीज.
थोड़ी देर यु ही करने के बाद उसकी चूत भी थोड़ी गीली हो गयी. तब मैंने एक और शॉट मारा और पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया वो अह्ह्ह्ह…. अह्ह्ह…. मा…. मर्र्र…. गयी….. मैं, वो करने लगी.
थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी और केने लगी और छोड़ो और तेज़ और तेज़… मज़ा आ रहा है फाड़ दो इस चूत को, बहुत परेशान करती है ये, आज मिटा दो इसकी साड़ी खुजली आह्ह्ह्ह….. और मैं भी उसे तबड तोड़ चोदे जा रहा था.
१५ मिनट बाद उसका शारीर अकड़ने लगा और वो झड गयी, फिर भी मैं उसे चोदे जा रहा था १० मिनट बाद मुझे लगा की मेरा भी होने वाला है इसलिए मैंने अपना लंड चूत से निकल कर उसके मुह में दाल दिया जिसे वो आइस- क्रीम की तरह चूसने लगी.
फिर मेरा माल भी उसके मुह में निकल गया, उसने मेरा लंड चाट कर साफ़ किया और फिर लंगड़ाते हुए बाथरूम में खुद को साफ़ करने चली गयी और वापिस आकर मुझे एक किस दिया. फिर वो अपने घर चली गयी.
तब से हम दोनों का जब मन करता हम चुदाई करते अब तो उसकी शादी भी हो गयी है. पर अब भी जब मैं उससे मिलता हूँ. हम दोनों मिल कर कुछ न कुछ जुगाड़ से चुदाई के मजे ले ही लेते थे. पर एसा अब बहुत कम होता है. क्यूंकि वो जब अपने आयके आती है तो मैं वह नहीं होता और जब मैं आता हूँ तो वो अपने ससुराल में होती है. पर फिर भी हम साल में एक या दो बार तो जुगाड़ कर ही लेते है.