हेलो दोस्तों मेरा नाम राघव हे. मेरी कहानी थोड़ी सच्ची होगी और थोड़ी काल्पनिक. यह कहानी ४ साल पहले की हे. इस स्टोरी की हिरोइन हे मेरी आंटी (पड़ोसन). आंटी का नाम हे लक्ष्मी, काफी सुंदर है. लेकिन जो बेस्ट पार्ट हे उसकी बॉडी में वो हे गांड, बहार निकली हुई, एकदम चोदी कम से कम ३८ की होगी. उसका पूरा शरीर एकदम वाइन की बोटल की तरह है. जिसका बेस काफी मोटा है. कभी कभी आंटी घर पे आती थी. तो में बस आंटी की गांड ही देखता था. जब वो चलती हे तो उसकी गांड उपर नीचे होती है. और मेरा लंड अक्सर खड़ा हो जाता है. मुझे वैसे भी मेचर लेडीज की गांड मारने में ज्यादा इंटरेस्ट है.
बात हे होली के दिनों की, आंटी कुछ ज्यादा ही पसंद करती हे होली को.
उस दीन क्या माल लग रही थी, ग्रीन कलर की साड़ी में, बाल बंधे हुए थे, उसके और बेकलेस ब्लाउज और दिख रहा था. जब पीछे देखा तो लगता के पीठ पे चाटे मार के लाल कर दू साली के और फिर चाटू. आखिर कार उसका और मेरा आमना सामना हुआ, मेने उसे विश किया, उनसे मुझे, हमने एक दुसरे के गाल पे गुलाल लगाया. और वो चल दी मुड के. मुड़ने के बाद उसकी गांड और बेक लेस ब्लाउज देख के मेरे मूह से स्स्स्सस्स्स्स निकला, शायद वो उसने सुन लिया, और १० सेकंड आँख कॉन्टेक कर के चली गयी. जैसे मानो मेरे अंदर की लस्ट(हवस) नाप गयी हो. इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम में भी अपने दोस्तों के साथ चल दिया. होली खेलने २-३ घंटे के बाद सब लोग अपने अपने घर के अंदर जा चुके थे. मे सोचा की में भी लक्ष्मी आंटी के हस्बैंड को लगा आऊ. और फिर में भी चलू अपने घर. तो में आंटी के घर गया, देखा तो कोई नही दिख रहा था. मेने आवाज लगाई, तो लक्ष्मी आंटी अंदर से आई. मेने पूछा अंकल कहा है. बोली कही गए हे, में बोला ओके चलता हु, और फिर स्टार्ट हुए एक कन्वर्सेशन उसके और मेरे बीच.
में : ओके में चलता हु.
आंटी : कुछ काम था क्या?
में : नही बस होली खेलनी थी थोड़ी, अंकल ही रह गए बाकि सबके साथ हो गया.
आंटी : सबके साथ, मेरे साथ कहा खेला अभी.
में : अभी लगाया तो था आपके गाल पे गुलाल बस हो गया और क्या.
आंटी : तुझे कहा आता हे खेलना फिर होली, अभी आ जाएँगे अंकल खेल लिओ उन्ही के साथ.
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी मर्दानगी पे किसी ने सवाल उठा दिया हो…….
में : आंटी आता तो मुझे बहोत हे खेलना बस आपके साथ नही खेल सकता ना.
आंटी : क्यू, ऐसा क्या करता हे तू, या डरता हे?
में आगे बढ़ा और एकदम डार्क कलर हाथ में लेके उसके शोल्डर पे लगाया और मुह पे भी लगा दिया.
आंटी : (हसते हुए) इसी की बात कर रही थी, तुजे सच मे नही आता खेलना.
आंटी ने वही कलर लिया और मेरे सामने आई, मेरा पजामा खीचा और अंदर हाथ डाल के मेरा लंड पकड़ के अच्छे से मसल दिया कलर के साथ. ये सब करते हुए साली मेरी आँखों में ही झाक रही थी. में हका बका रह गया, उसके इस मूव से. उसके कलर लगाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली…….
आंटी : लगता हे तुजे होली तो नही बट कुछ और अच्छे से आता होगा.
में : मेने पूछा क्या मतलब आंटी?
आंटी : वो बोली साले ज्यादा सीधा मत बन, सब जानती हु में.
में : क्या जानती हो आंटी? साफ साफ बोलो, मेरी समज में नही आ रहा.
आंटी : वो बोली अच्छा तो सुन, मादर चोद मेरी गांड मारना चाह रहा हे, और साला सीधा बन रहा है. कुते तेरी नजरो में देखा हे मेने कितना बूरा चोदना चाहता हे तू मुझे.
बस फिर क्या था, मेने उसके बाल पकड़े पीछे से और उसके मुह में अपनी जीभ डाल दी. वो भी मस्त चूसने लगी मेरी जीभ. और अपना हाथ मेरे लंड के पास ले गयी. और जोर से दबा दिया उसने. मेने उसे पलटा के उसके बाल आगे किया और पीठ पे एक जोर से चाटा मारा, लाल हो गया वहा पे.
आंटी : ससससस भेन्चोद कुते काम कर अपना चल.
चोद दे मुझे जैसे चोदना चाहता है…..
में बोला रुक, नहा के आता हु, और तुजे भी न्हला देता हु. हम जब न्हा कर बहार आये तो लक्ष्मी बोली की किचन में चलते है.
मेने बोला की पहले हम दोनो बील्कुल नंगे होगे, फिर किचन में जायेंगे. लक्ष्मी ने अपना गाउन उतार दिया. इतने में मेने लक्ष्मी को अपनी बाहो में ले लिया. मेरे सर पर तो उसकी गांड का भुत सवार था. मेने किचन में लक्ष्मी को घोड़ी बना दिया, और उसकी गांड को चाटने लगा. लक्ष्मी ने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया. और बोली की में पहले इसका जूस पीउंगी. मेने कहा नही, पहले में तेरी गांड मारूँगा. वो बोली गांड फट जायेगी.
मेने उसकी गांड में वेसेलिन लगाई, और मेने अपना ६ इच लम्बा लंड उसकी गांड के मुह पे लगा दिया. मेरा लंड देखकर लक्ष्मी बोली इतना लम्बा और मोटा लंड साले जान लेगा क्या हरामी. इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम मेने जोर से धका मारा तो थोडासा लंड उसकी गांड में चला गया. वो चीलाई आआआआ आआआआआआआ हाहाहा उहहहहा आआआ हाहाहा आआआ दर्द हो रहा हे साले कुते निकाल अपना लंड. उसके ये शब्द आग में घी का काम कर रहे थे, मेने फिर एक धक्का मारा, इस बार आधा लंड उसकी गांड में चला गया.
वो साली गंदी गंदी बकने लगी, वो बोली मादर चोद, चोद अपनी आंटी को निकाल दे खून गांड से, मुझे चोद और चोदता रहे, और जोर से डाल इतनी ही जान हे, मेरी गांड को आज फाड़ ही दे. में बोला, तेरी गांड मार के तेरी चूत भी मारूंगा. लेकिन मा की लोडी ज्यादा गालिया देगी तो चूत का भी भोसड़ा बना दूंगा.
मेने इस बार लंड को वापस बहार निकाल कर फिर मस्टर्ड ओइल लंड पे लगाकर, एक बार फिर उसकी गांड में घुसा दिया, इस बार पूरा का पूरा लंड लक्ष्मी की गांड में चला गया. और लक्ष्मी बोली और जोर से मार मेरी गांड भोसड़ी के फाड़ दे. वास्तव में अब मजा आ रहा था.
मेने आगे की और जुक कर उसकी चूत में अपनी दो ऊँगली डाल दी. इस तरह उसकी गांड में लंड और उसकी चूत में ऊँगली डाल कर उसको चोदता रहा, और में जड गया उसकी गांड में ही.
१५ मिनिट बाद लक्ष्मी बोली, अब मेरी बारी हे, में तुजे खुश करती हु, उसने मुझे चेर पे बैठाकर मेरे लंड को अपने मुह में डाल के लोलीपोप की तरह चूसने लगी. इतना मजा आ रहा था की मत पूछो. इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम वो साली पूरा गले तक लेती और चुसाई करती. फिर मेरे लंड पे थूकती और फिर चाट ती एंड से लंड तक. और फिर पूरा गले तक भर लेती. ५ मिनिट बाद ही में उसके मुह में फिर जड गया. वो साली पि नही रही थी. मेने एक थपड मारा और वो पी गई. अब हमे जभी टाइम मिलता हे तो अलग अलग तरह से सेक्स करते है.