पडोसन ने अपनी सील मुज से तुडवाई
हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन की है जो कि बिल्कुल सच्ची घटना है और इस वक्त मेरी उम्र 27 साल है और जब मैंने अलीज़ा की चुदाई की तब मेरी उम्र 18 साल थी और अलीज़ा की भी 18 थी और अलीज़ा के बूब्स का साईज़ 32 था,|
लेकिन वो दिखने में एकदम किसी रंडी जैसी मस्त माल थी। मैंने पहली बार अलीज़ा को चेट पर देखा और करीब 2 दिन बाद ही हमारी चेटिंग से सेटिंग शुरू हो गई।
वो एक बहुत ही हॉट लड़की थी, जैसे उसको चुदने का बहुत अनुभव हो। फिर मेरी उससे बात शुरू हो गई और करीब 2 महीने हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती रही, |
लेकिन किस्मत से मुझे एक दो बार उसके घर पर जाने का मौका मिला, तो हम बस किस ही कर सके, क्योंकि वो घर से ज्यादा बाहर नहीं आती थी और उसके घर वाले उसको अकेले कभी कहीं नहीं जाने देते थे और अब इस बीच हम दोनों बहुत आगे तक जाने लगे थे।
अब वो मुझसे फोन पर अब बहुत गंदी गंदी बातें करने लगी थी और में भी उसके साथ फोन सेक्स करके बहुत मज़े में रहता था, लेकिन हमें मिलने का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था और जिसकी वजह से में उसे चोद नहीं पा रहा था और मुझे उसकी बातों से लगता था कि वो कोई बहुत बड़ी रंडी है।
फिर स्कूल के बाद उसका कॉलेज में जाना शुरू हो गया, जहाँ पर कुछ दिन रहने के बाद अब उसको वहां से झूठ बोलकर बाहर निकलने का मौका नज़र आने लगा और फिर एक दिन उसने मुझसे अकेले में मिलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की और उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलकर चुदवाना चाहती है।
फिर में भी उसकी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश था और हमारे प्लान के हिसाब से उस दिन जब उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर जाएगें तो वो अपने कॉलेज से बंक करके बाहर आ जाएगी और हम किसी होटल जायेगें, लेकिन में होटल में कभी गया ही नहीं था |
और फिर इसलिए मैंने अपने एक दोस्त से बोला कि तू हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ करवा दे। दोस्तों हमारी अच्छी किस्मत से उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था और उसके घर के सब लोग कहीं बाहर गये हुए थे।
फिर मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर अलीज़ा को फोन करके कहा कि तुम तैयार हो जाओ हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ हो गया है।
फिर वो भी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर ऐसे ही दूसरे दिन उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर चले गये, वो कुछ देर अंदर रुककर तुरंत बाहर आ गई।
फिर उसने मुझे फोन किया और कुछ देर बाद में उसके कॉलेज पहुंच गया और में उसको अपने साथ अपनी बाईक पर बैठाकर रूम पर ले आया और आते समय रास्ते में मैंने उसके साथ बहुत मस्ती की कभी बाईक के ब्रेक्स ज़ोर से लगा देता तो उसके बूब्स एकदम से मेरी कमर से दब जाते, लेकिन दोस्तों वो बहुत चालू थी |
और उसको यह सब समझ में आ गया था कि यह में क्या और क्यों कर रहा हूँ? तो वो भी अब जानबूझ कर मेरे साथ पीछे चिपककर हग करके बैठ गई, जिससे उसके बूब्स मेरी कमर के साथ लग गये।
फिर रूम में आते ही कुछ देर बैठकर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरा दोस्त चाय बनाकर ले आया और हमने साथ बैठकर चाय पी और फिर मेरा दोस्त कुछ देर बाद मेरी तरफ मुस्कुराता हुआ बाहर चला गया।
फिर मैंने तुरंत उठकर रूम की कुण्डी लगाई और में बेड पर बैठी अलीज़ा के पास जाकर बैठ गया और अब मैंने उससे पूछा कि अब क्या करना है? फिर उसने शरारती अंदाज़ में मुझसे बोला कि तुम्हें ही सब पता है और में तो बस तुम्हारे कहने पर आ गई। में अब उसकी यह बात सुनता रहा।
दोस्तों मेरे दोस्त ने पहले से ही अपने रूम में मेरे लिए कंडोम लाकर रख दिए थे और उसने मुझे बता दिया था कि बेड के पास की दराज़ में कंडोम रखे हुए है, क्योंकि वो भी जानता था कि आज में अपनी गर्लफ्रेंड को जरुर चोदूंगा। फिर मैंने अलीज़ा को बेड पर बैठे बैठे ही किस करना शुरू कर दिया।
दोस्तों जिसकी वजह से अलीज़ा बहुत ही कम समय में ज्यादा हॉट हो गई और अब वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी। मैंने उसको किस करते करते लेटा दिया और में अब उसके ऊपर लेटकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया, वो अब बहुत मज़े से मेरी जीभ को चूसने लगी और मेरा लंड तो अब तनकर खड़ा हो गया और पेंट के ऊपर से ही उसकी चूत को छूने लगा।
दोस्तों वैसे यह सेक्स अनुभव मेरा भी पहला अनुभव था।
मैंने किस करते करते अलीज़ा के बूब्स को मसलते हुए धीरे धीरे दबाना शुरू किया तो वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी और मुझे कसकर गले लगाने लगी। मैंने अब उसकी कमीज उतारनी चाही, लेकिन वो बहुत टाईट थी तो बहुत फंस गई।
फिर वो उठी और अपनी कमीज को उतारकर वापस लेट गई और अब मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाए और उसके बूब्स पर बहुत बार किस किए।
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फिर में उसकी ब्रा को खोलने लगा और मैंने उसको थोड़ा सा उठाकर उसकी ब्रा को खोला तो वो बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स को देखकर मेरी आखें बाहर आ गई, उसके बूब्स एकदम मस्त थे और उसके ऊपर भूरे रंग की निप्पल थी|
, तो मैंने फट से उसके निप्पल को अपने मुहं में डालकर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिए और अपने दोनों हाथों से एक एक बूब्स को दबाने लगा और वो तो जैसे एकदम से बेक़ाबू हो गई।
फिर जैसे ही मैंने सही मौका देखकर उसकी सलवार में अपना एक हाथ डालना चाहा तो उसने अपने दोनों पैरों को ज़ोर से कसकर बंद कर लिया, लेकिन दोस्तों में अब कहाँ रुकने वाला था? मैंने उसकी चूत को छूकर महसूस किया तो वो अब तक पूरी भीग चुकी थी।
दोस्तों मैंने यह भी महसूस किया कि उसकी जान जैसे उसकी चूत के होंठो पर लगी हो और मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली तो वो एकदम से ढीली हो गई, जैसे उसमें अब जान ही ना हो।
मैंने उसकी चूत में बहुत देर तक ऊँगली की और इस बीच वो झड़ चुकी थी। फिर में उठा और मैंने पास वाली दराज़ खोलकर एक कंडोम निकालकर अपने लंड पर चड़ाने लगा और इस बीच वो मुझे बहुत ध्यान से देख रही थी और बोल रही थी कि यह कहीं अंदर ही फट तो नहीं जाएगा ना और मुझे कुछ होगा तो नहीं ना?|
फिर मैंने कहा कि तुम्हें ऐसा कुछ नहीं होगा, मुझे लगा कि यह नखरे करेगी, शायद यह पहले भी चुद चुकी होगी। तभी में जैसे ही उस पर दोबारा लेटा तो मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और वो मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर लाने लगी।
मैंने उसके बूब्स दबाए और फिर से उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा। तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी और यह चुदाई मेरी भी पहली चुदाई थी और इसलिए मुझे इसका ज्यादा अनुभव भी नहीं था।
मेरा लंड कई बार फिसल जाता, कभी नीचे कभी ऊपर और 4- 5 बार कोशिश करने के बाद मैंने अभी तक उसकी चूत के अंदर अपना टोपा ही डाला और वो उस दर्द से कराह गई और मुझसे बोली कि मदहोशी में भी मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज उफ्फ्फ थोड़ा धीरे आह्ह्हह्ह्ह्ह करो। फिर मैंने मन में सोचा कि बहनचोद ज्यादा नखरे कर रही है |
और फिर जैसे ही मैंने एक झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा सा और अंदर चला गया तो वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोड़ा बाहर निकाल लो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और ज़ोर लगाकर लंड को आगे धकेलने लगा। अब मुझे लगा कि शायद इससे आगे अब मेरा लंड नहीं जाएगा, क्योंकि दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है और उस टाईम में अपने पूरे जोश में था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और अब मुझे महसूस हुआ कि शायद उसकी सील टूट गई है और मुझे उसकी उस बात का अंदाज़ा हुआ कि वो बिल्कुल सच बोल रही थी कि वो अब तक सील पेक है, वो तो उस असहनीए दर्द की वजह से मुझे धक्का देने लगी और रोते हुए मुझसे कहने लगी कि मुझे अब और आगे नहीं करना, प्लीज अब मुझे छोड़ दो उफ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई, प्लीज अब इसे बाहर करो।
अब मैंने उसको कंधो से कसकर पकड़ लिया और रुक गया कि कहीं यह मेरे लंड को बाहर ना निकाल दे। फिर पांच मिनट में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसे किस करता रहा। फिर वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने अपने लंड को पूरे दम के साथ उसकी चूत में डाल दिया और वो चीखे मारनी लगी।
उसकी आँख से आँसू गिरने लगे, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लंड उसके अंदर डालकर उसको चूमता रहा, वो थोड़ा डर गई थी। फिर मैंने उसको प्यार से सहलाया और बोला कि कुछ नहीं होगा, अब लंड अंदर चला गया तो वो थोड़ा शांत हो गई।
मैंने उसको लगातार धक्कों के साथ चोदना शुरू किया, लेकिन मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा था, क्योंकि वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और तब तक मैंने झटके मारना शुरू किए और वो चीखती रही।
अब मेरे मन में अहसास होने लगा कि में अब झड़ चुका हूँ तो मैंने कंडोम उतारने के लिए अपना लंड बाहर निकाला। तब मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा सा खून बाहर आ रहा था। अब मैंने कंडोम को उतारकर उसकी ब्रा से अपने लंड को साफ करके उसके ऊपर लेट गया और वो भी मेरे गले लगकर बस चुपचाप लेटी रही।
फिर करीब 15 मिनट के बाद वो उठी और अपनी सलवार, ब्रा को उठाया और बाथरूम में चली गई। वहाँ पर जाकर वो ब्रा और सलवार पहनकर अपनी चूत को साफ करके कुछ देर बाद वापस आ गई और मेरे पास में आकर फिर से लेट गई। फिर मैंने उससे बोला कि अलीज़ा तुम्हारी चूत बहुत टाईट थी।
फिर उसने कहा कि हाँ तभी तो उसको बहुत ज्यादा दर्द हुआ। फिर मैंने कहा कि हाँ लेकिन अब तुम्हें इतना दर्द नहीं होगा और मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया, उसने हल्का हल्का दबाया और जिसकी वजह से लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा को दोबारा खोल दिया और वो फिर से किस करने में मेरा साथ देने लगी। मैंने उसको एक बार फिर से अपने नीचे लेटा दिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।
फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा सा खोला और अपना लंड उस पर रख दिया। तभी वो एकदम झटके से उठ गई और बोली कि मुझे बिना कंडोम के नहीं चुदवाना, वर्ना कुछ हो जाएगा।
मैंने बहुत ज़िद की, लेकिन वो नहीं मानी तो में अब थोड़ा नाराज़ होने का नाटक करने लगा और उठकर एक साईड में बैठ गया और अब में अपने कपड़े पहनने के लिए उठने लगा तो उसे लगा कि अब में उसे नहीं चोदूंगा। फिर वो मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर मुझसे बोली कि प्लीज तुम्हें जो करना है कर लो, लेकिन ध्यान रखना कि तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर अपना माल ना गिराए।
दोस्तों उसकी यह बात में बहुत खुश हुआ, लेकिन अब अंदर ही अंदर में भी उसकी बिना कंडोम के लेते हुए बहुत डर तो रहा था। मैंने फिर से कंडोम का पैकेट उठाया और एक कंडोम निकालकर उसके हाथ में दे दिया और कहा कि इसको मेरे लंड पर अपने हाथों से चड़ा दो।
फिर वो मुझसे बोली कि मुझे चड़ाना नहीं आता। फिर मैंने अलीज़ा का एक हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और उससे बोला कि अभी तुमने मुझे देखा था ना चड़ाते हुए, अब तुम चड़ाओ।
फिर उसने मेरे बहुत बार कहने पर मेरे लंड पर कंडोम चड़ा दिया और मैंने उसको किस करते करते दोबारा से लेटा दिया और साईड से एक तकिया उठाकर उसकी गांड के नीचे रख दिया और उससे बोला कि पैरों को उठा ले और तभी उसने अपने पैर उठाए, लेकिन जैसे ही मैंने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा धक्का दिया और लंड का टोपा अंदर किया तो वो दर्द से चीखने लगी और उसने तुरंत अपने पैरों को नीचे कर लिया।
अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और फिर लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया और कहा कि तुम अपनी चूत में रखो वरना मुझसे ऐसे नहीं जाएगा। फिर वो हंसने लगी और बोली कि तुम खुद करो ना, तो मैंने कहा कि नहीं इस बार तुम डालो और फिर उसने लंड को चूत के मुहं पर सेट करके मुझे इशारा किया और मैंने ज़ोर का झटका मारा, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसकी टाईट चूत में चला गया और वो उस दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगी, प्लीज बाहर निकालो उफफ्फ्फ्फ़ में मर जाउंगी।
फिर मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और एक ज़ोर का झटका देकर अपना लंड पूरा अंदर डालकर में उस पर लेट गया और उसके बूब्स को चूसने लगा और जिससे वो कुछ देर बाद थोड़ा शांत हो गई और मैंने उसके पैरों को फिर से थोड़ा सा उठाया। अब में लगातार धक्के मारकर उसको चोदने लगा, फिर करीब दो मिनट के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसको करीब दस मिनट तक चोदा और उसके बाद में झड़ गया। इस बीच वो भी करीब तीन बार झड़ चुकी थी|
और हम अपनी पहली चुदाई से बहुत थक गए थे, में अब उसके ऊपर लेट गया और वो मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी। मैंने कंडोम उतारा और उससे बोला कि क्या तुम मेरे वीर्य का स्वाद नहीं लोगी? तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया और में उठकर वॉशरूम में चला गया।
फिर मैंने अपने लंड को धोया और वापस आ गया। फिर वो उठी और बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ऐसा पहली बार में जरुर होता है, फिर करीब दो घंटे तक हम ऐसे ही एक दूसरे के साथ बिल्कुल नंगे ही लेटे रहे और में उसके गदराए बदन से खेलने लगा, बूब्स को चूसने और दबाने लगा, तभी कुछ देर बाद उसको फिर से अपनी चुदाई की इच्छा होने लगी तो इसलिए वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी और लंड को सहलाने और धीरे से दबाने लगी।
में उसके जोश को देखकर समझ गया कि यह दोबारा फिर से चुदना चाह रही है। फिर मैंने उसके निप्पल चूसे तो वो पूरी गरम हो गई। में अब उसके पेट के ऊपर बैठकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डालकर उसे किस करने लगा।
अब वो अपनी दोनों आखें बंद करके मेरा साथ दे रही थी। फिर में उठा और अपना लंड उसके गुलाबी गुलाबी होंठो पर छू दिया, अलीज़ा ने मेरे लंड की गर्मी को महसूस करके तुरंत अपनी आंखे खोली और वो मुझसे बोली कि यह सब नहीं। फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज एक बार मुहं मे लेकर तो देख लो तो वो नखरे करने लगी।
फिर मैंने अपना लंड उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, वो बहुत गरम थी तो उसने अब मेरे लंड को अपने हाथ से दबाना शुरू कर दिया। मैंने उसके मुहं में डालने को कहा तो इस बार उसने बिना कुछ कहे लंड को धीरे से अपने मुहं में ले लिया, लेकिन दोस्तों उसे लंड को चूसना नहीं आता था, इसलिए मैंने लंड को अब अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और जब मेरा लंड उसके थूक से बहुत गीला होकर चिकना हो गया तो मैंने उससे कहा कि तुम अब उल्टी लेट जाओ तो वो डर गई और वो समझी कि में उसकी गांड मारने वाला हूँ और वो अब मुझसे कहने लगी कि पहले ही मुझे मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है और मेरी सहेली ने मुझे बताया था कि गांड में लंड लेने पर बहुत ज्यादा दर्द होता है। फिर मैंने उससे कहा कि अच्छा ठीक है, अगर तुम कहती हो तो में तुम्हारी गांड में नहीं डालता, मेरे ऊपर थोड़ा विश्वास करो, लेकिन में तुमसे जैसा कहता हूँ तुम चुपचाप करती जाओ। फिर मैंने उसको उल्टा लेटाकर उसके पैरों को थोड़ा सा खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर नीचे से उसके बूब्स को पकड़ लिए और लगातार हल्के हल्के झटके देकर उसकी चूत को चोदने लगा।
दोस्तों इस बार में बिना कंडोम के उसकी चूत को चोदने के मज़े ले रहा था और उसको भी अब उस बात का ऐतराज़ नहीं था, लेकिन दोस्तों मैंने उसको करीब पांच मिनट ही चोदा होगा कि मुझे लगा अब में झड़ने वाला हूँ।
फिर मैंने उसके कान के पास अपना मुहं ले जाकर उससे कहा कि अलीज़ा में अब झड़ने वाला हूँ, तुम कहो तो अंदर ही डाल दूँ? तो वो उस समय बहुत मदहोशी में थी और फिर उसने तुरंत अपना सर हाँ में हिला दिया। फिर मैंने अपने लंड को अब और भी ज़ोर से धक्का मारा और उसकी चूत में ही वीर्य निकाल दिया, अब मेरा वीर्य उसकी चूत के पानी के साथ मिलकर उसकी चूत से बाहर आने लगा था।
फिर में उससे दूर हट गया और मैंने देखा कि वो बहुत खुश दिख रही है। मैंने उससे पूछा कि क्यों कैसा लगा? तो अलीज़ा बोली कि वाह बहुत मज़ा आ गया, लेकिन में अब तुम्हारी इस चुदाई से गर्भवती ना हो जाऊँ? फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हें उसकी दवाई लाकर दे दूंगा। अब वो कपड़े पहनने लगी और मैंने दोस्त को फोन किया कि दवाई ले आना, मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया।
फिर दोस्त तब तक दवाई ले आया और अलीज़ा अपने कपड़े पहनकर बैठ गई और जाते वक़्त अलीज़ा ने मुझे ज़ोर से हग किया और किस भी किया। फिर हम उसके कॉलेज के लिए निकल गये और में उसको छोड़कर वापस आ गया और मुझे उसके साथ चुदाई करने का बहुत मज़ा आया और मैंने उसे बहुत जमकर चोदा ।।
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