पडोसी आंटी ने दी लंड खड़ा कर हिलाने की सजा
दोस्तों मैं बहुत ज्यादा हैण्डसम नहीं लेकिन मेरे लंड का साइज़ तो बहुत बड़ा है अगर जो भी लड़की मेरे उपरी चेहरे या फिर पर्सनालिटी देख अगर मुझे रिजेक्ट करटी है तो ये उसका बैड लक है जिसके नसीब में मेरे जैसा लंड नहीं और जो मुझसे पट गई और मुझसे चुदवा ली उसे पता होगा दमदार चुदाई किसे कहते है. ये कहानी मेरे ही फ्लैट के सेम फ्लोर पर रहने वाली एक आंटी है जिन्हें पहली नजर में ही देखने के बाद उन्हें चोदने का ख्याल मन में मेरे आने लगा. इस आंटी की शादी को करीब 10- 12साल हो चुके हे पर उसका कोई बच्चा नहीं हे. शायद तो उसका पति ही नपुंसक हे. आंटी मुझे बचपन से ही बड़ा होते हुए देखती आई हे. पहले तो मैंने आंटी को कोई रिस्पोंस नहीं दिया. पर आंटी पीछे चार पांच साल पहले से मुझे और भी सेड्युस करने लगी. और मैं भी आंटी को देखने लगा वो वाली नजर से.
आंटी का फिगर एकदम स्लिम हे और बूब्स छोटे पर नुकीले और सेक्सी हे. वो घर में ज्यादातर एक पेटीकोट में रहती हे. और उस पेटीकोट के अन्दर आंटी के बूब्स इतने सेक्सी लगते हे की देखने को बनता हे. और बूब्स को देख के ही मेरा लंड खड़ा होने लगा था. और इसलिए मैं आंटी को लाइन देने लगा था. मैं आंटी के बारे में सोच सोच के अन्दर से घुट सा रहा था.
मेरी जान उनकी चुदाई के लिए निकली जा रही थी पर ये समझ नहीं आता था की कैसे उसे प्रोपोस करूँ. क्यूंकि मैं डरता था की कहीं वो मेरे घरवालो को ये सब बोल ना दे. इस तरह मैं अपने दिल में उसे चोदने की आस दबाये घुटे जा रहा था. पर ऊपर वाले के घर पर देर हे पर अंधेर नहीं हे! और उसने मेरी भी सुन ही ली!
एक दिन मेरे घर में सब शादी पे गए हुए थे और लकी उसका पति भी टाउन से बहार था. मैं उसके घर टीवी देखता जाता था. और उस रात भी मैं उसके घर गया खाने के बाद. आंटी उस वक्त सिर्फ पेटीकोट में थी और उसने अपने सेक्सी बूब्स को इस पेटीकोट से ढंका हुआ था. उसे देखकर मुझे पसीना आने लगा. फिर अचानक मैं चेनल चेंज कर रहा था. एक इंग्लिश चेनल में एक ब्ल्यू फिल्म केबल वाले ने लगाया था. पहले तो मैं डर गया फिर मैंने देखा की वो सो रही हे तो मैंने हिम्मत कर के ब्ल्यू फिल्म देखना चालू किया.
मेरा लंड मेरे नाईट के पजामे के अन्दर एकदम कडक हो के बहार से भी दिखे ऐसा लग रहा था. मैंने अपने लंड के ऊपर एक हाथ को रख दिया और धीरे से सहलाने लगा. तभी मुझे ऐसा लगा की वो मुझे चुपके से देख रही थी. मैं डर सा गया पर वो मुझे देख के स्माइल कर रही थी और गाली भी देने लगी लेकिन सब कुछ सेक्सी अंदाज में.
“मादरचोद, तेरा लंड तो बड़ा खड़ा हो रहा हे मूवी देख के. और साले तेरे अन्दर इतनी हिम्मत की मैं यहाँ पर हूँ और तू उसे हिलाने लगा.”
मैं बहुत डर गया था और मैं आंटी के सामने गिडगिडा पड़ा.
“सोरी आंटी प्लीज़ आप मुझे माफ़ कर दो आंटी, मैंने आगे से ऐसा कभी भी नहीं करूँगा. वो जो बोलोगी वही करूँगा आंटी प्लीज़!”
बस मेरा इतना कहने की ही देरी थी और वो रंडी आंटी ने मेरा पजामा खिंचा और उसके सामने मैं अपने लंड को छिपाते हुए खड़ा था. मैंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी. और मेरा लंड एकदम कोबरा नाग की तरह फुंफाड रहा था. आंटी ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और बोली,
“बहुत ही बड़ा हे तेरा लंड तो रे.”
और फिर आंटी मेरे लंड के साथ खेलने लगी. मुझे भी आंटी के हाथ में लंड दे के बड़ा मज़ा आ रहा था. उसने भी अब लंड को हिला के अपनी पेटीकोट को उतार दिया और फिर एक मिनिट में तो हम दोनों एक दुसरे के सामने पुरे नंगे खड़े थे.
मैंने उसे कहा, “तुम बहुत ही सेक्सी हो आंटी. और मैना आप को कितने सालो से चोदना चाहता था.”
उसने कहा, “चुदवाना तो मैं भी कब से चाहती थी तेरे से पर रिश्तो की सीमाओं की वजह से डर रही थी.”
बस फिर क्या था मैं बोला, “आज तो सब सीमाओं को तोड़ देंगे हम दोनों. और आज मैं पेट भर के चोदुंगा आप को. और इतने सालों से अंकल तुम्हे औलाद नहीं दी हे वो मैं तुम्हे अपने लंड के पानी से दे दूंगा.”
मैंने आंटी के दोनों बूब्स को अपने हाथ में पकड के मसल दिया. वो बच्चे नहीं जनी थी इसलिए उसके बूब्स भी छोटे से ही थे और निपल्स भी जैसे उगे नहीं थे अभी. मैंने दोनों बूब्स के निपल्स को अपने मुहं में डाल के खूब चूसा. ये बूब्स चूसने के लिए तो मैं एक जमाने से बेताब सा था. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
आंटी के निपल्स को अपने दांतों से काटने भी लगा मैं. उसे भी बड़ा मजा आ रहा था और वो ओह ओह आह आह की आवाजे निकाल रही थी. वो मुझसे लिपट कर बोल रही थी की चुसो और जोर जोर से. और मैं उसके निपल्स को चूस चूस के खिंच भी रहा था. उसके निपल्स खींचने से उसे दर्द और मजे दोनों का मिक्स फिलिंग हो रहा था.
फिर मैंने आंटी को बिस्तर परलिटा दिया और मैं उसके पुरे बदन को चूसने और चाटने लगा. आज मुझे ऐसा लग रहा था की जैसे मेरी बरसो की प्यास बुझ रही थी आंटी के साथ ये सब कर के!
आंटी बिस्तर के ऊपर की चद्दर को अपने हाथ से मरोड़ रही थी और सिस्कारियां भर रही थी. आः अह्ह्ह्हह्ह ओह अह्ह्ह कर रही थी वो. मैंने आंटी के पुरे बदन के ऊपर अपना थूंक यानी की सलाइवा लगा दी और उसे एकदम हॉट कर दिया.
आंटी एकदम चुदासी आवाज में कह रही थी, “आह आह्ह खा जाओ मेरे बदन को बड़ा मजा आ रहा हे, और जोर से चुसो और दबाव मेरे बूब्स को आज मैं तुम्हारी हूँ!”
मैं बोला, “हां मेरी रंडी आज तो तुझे पूरा कच्चा खा जाऊँगा मेरी रांड!”
फिर मैंने धीरे हीरे उसकी बुर की तरफ बढ़ने लगा था. उसके बुर के ऊपर छोटे छोटे हेयर थे जो मुझे और भी पागल बना रहे थे. मैं उसके बालो को सहला के फिर बुर में धीरे धीरे से ऊँगली करने लगा. आंटी को भी एकदम मजा मिल रहा था और वो एकदम पागल और बेकाबू सी हो रही थी.
आंटी बड़ी चुदासी हो गई और बोली, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह मैं मर जाउंगी आह आह ऐसा तो किसी ने नहीं किया मुझे आजतक!
वो मुझे रुकने के लिए कह रही थी लेकिन मेरे ऊपर चुदाई का ऐसा नशा चढ़ा था की मैं कहाँ से रुकता. मैंने अपनी जबान को आंटी के बुर पर लगा के सडाके लगा दिए. वो आह्ह्ह आह्ह करने लगी और मेरे बालो को नोंच रही थी वो.
फिर मैंने आंटी के जी स्पॉट को यानी की उसके क्लाइटोरिस को चूसा और वो और भी जोर जोर से सिस्कारियां भरने लगी. मैं जोर जोर से अपने जीभ से उसे चाटने लगा. उसने मेरे सर को जकड़ सा लिया अपने बुर के अन्दर. और फिर वो बोली, “अह्ह्ह्ह, मेरा होने को हे!”
तो मैंने उसे कहा, “निकाल दो मेरे मुहं के अन्दर ही मेरी रानी, आज तो मैं तुम्हारे चूत के रस से अपनी भूख मिटाऊंगा! आज मुझे टेस्ट कर लेने दो उसे!”
बस फिर क्या था दो मिनिट के बाद वो खल्लास हो गई और उसके चूत के ज्यूस छुट पड़े मेरे मुहं के अंदर. वो क्या टेस्टी था बिलकुल फ्रूट के साल्ट वाले ज्यूस के जैसा! मैंने सारा के सारा ज्यूस पी लिया. फिर मैंने उसके बुर को और चटा और फिर उसके बूब्स दबाने लगा. मेरा लंड फूंफाड रहा था. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसने अपन होंठो से लगाने लगी. और कुछ ही सेक्न्ड में उसने पुरे लंड को अपने मुहं में कर लिया. वो मेरे लंड को बड़े ही सेक्सी ढंग से चूस रही थी. मैं भी एकदम मस्त होने लगा था.
फिर आंटी ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और खूब जोर जोर से हिलाने लगी. मैंने आंटी के बालों को पकड लिया और उसके मुहं में अपना लंड पेलने लगा. पेलते वक्त मैं उसे रंडी, हरामजादी, चूस इसे कह के जोर जोर उसके मुहं को चोदने लगा.
पांच मिनिट के बाद मैं भी खल्लास हो गया. थोड़े देर तक मैं ऐसे ही बिस्तर पर पड़ा रहा. और फिर उसने मुझे चूमना स्टार्ट कर दिया. मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा आंटी के सेक्सी बदन को. अब मैं और टाइम गवाना नहीं चाहता था और न ही वो. मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधो पर रखा और अपना लंड का सुपाड़ा उसके बुर पर टिका दिया. उसने मेरे लंड को थोडा गाइड किया और एक जोरदार धक्के के साथ मैंने पूरा के पूरा लंड उसकी बुर में धकेल दिया.
आंटी चीख पड़ी और चिल्लाने लगी.
“बहार निकाल मादरचोद, तेरा लंड कितना बड़ा हे हरामी, साले मेरे बुर को फाड़ देगा ये. हाई मर गई मैं तो. हरामी के पिल्ले निकाल अपना लंड.”
पर मैं अब कहा रुकनेवाला था और मैंने उसे और भी जोर जोर से चोदना चालू कर दिया. थोड़ी देर में आंटी को भी मजा आने लगा था और वो भी अपनी गांड उचका उचका कर मेरा साथ देने लगी.
फिर तो पूरा कमरा आंटी की चूत की चुदाई की आवाजों से गूंज रहा था. कमरे में पच पच की फुल आवाजें आ रही थी.
मेरा सालों का सपना आज पूरा हो रहा था इस सेक्सी आंटी को चोदने का. मैंने आंटी को बड़ी ही तसल्ली से पा घंटे तक चोदा.
और फिर मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया. पीछे से अपने लौड़े को आंटी के सेक्सी बुर में डाल के मैं धक्के लगाने लगा. आंटी भी बिना लगाम की घोड़ी के जैसे अपनी गांड को हिला रही थी. इस पोस में मेरा पूरा लंड आंटी की बुर में घुस रहा था. मेरे लौड़े के शाफ्ट के ऊपर आंटी की चूत से निकल रहा गाढ़ा पानी साफ़ दिख रहा था. उसका एक बार और हो गया था. लेकिन वीर्य की लालच में वो और भी जोर जोर से अपनी गांड हिला के चुदवाती गई.
मैंने अपने हाथ से आंटी की गांड को साइड से पकड़ा था. उसके बाद मैंने लंड को बहार निकाला. लंड एकदम लाल हो चुका था. मैंने थोड़ा थूंक लगा के वापस उसे चूत में डाल दिया. आंटी बोली, “अब बिना रुके जोर जोर से चोदो मुझे और पानी की एक बूंद भी बहार ना निकले!”
मैंने आंटी के बूब्स पकड लिए और एकदम फास्ट चोदने लगा आंटी को.
आंटी ने बुर को कस लिया और वो आह्ह अहह करते हुए जोर जोर से झटके देते हुए चुदवाने लगी.
10 मिनिट और चुदाई के बाद मेरे लंड का पानी निकलने को था. मैंने कस के एक बड़ा झटका दिया और आंटी की बुर की गहराई में अपनी गर्म गर्म पिचकारियाँ छोड़ी. उसे भी बड़ा मज़ा आ गया वीर्य की गर्मी का अहसास कर के. आंटी ने बुर को कस के ही रख. एक मिनिट के बाद मेरे लंड के अन्दर सिकुडन चालु हो गई. मैंने कहा, “निकाल रहा हूँ बहार.”
वो बोली, “धीरे से निकालना, झटका ना लगे और जल्दी से एक तकिया मेरी गांड के निचे लगा दो.”
मैंने धीरे से अपने लंड को बहार निकाला और फिर आंटी की गांड के निचे तकिया लगा दिया. आंटी ने अपनी गांड धीरे से तकिये पर रखी और वो लेट गई सीधी हो के. फिर उसने कहा, “मेरी दोनों टांगो को जितनी ऊपर कर सकते हो करो.” दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैंने आंटी के दोनों लेग्स को पकड के ऊपर कर दिया. और इस पोस में मैंने आंटी को पूछा, “आंटी ये कैसा सेक्स?”
आंटी हंस के बोली, “मजनू ये सेक्स नहीं हे ये कसरत हे बच्चे के लिए.”
मैंने कहा, “कसरत?”
वो बोली, “हाँ ऐसे ऊपर लेग्स लेने से वीर्य चूत के अन्दर बना रहता हे और प्रेग्नन्सी की चान्सिस बढ़ जाती हे.”
दो मिनिट आंटी को ऐसे रख के मैंने निचे उतार दिया. वो बोली, “जाओ तुम अपने घर जा के नाहा लो मैं नहीं नहाउंगी.”
मैंने आंटी के माथे के ऊपर एक किस दिया और उसे थेंक यु कहा. फिर मैं निकल गया आंटी के घर से. घर जा के नाहा के मुझे आज बड़ी सुकून की नींद आई.
इस चुदाई के डेढ़ महीने के बाद आंटी ने मुझे कॉल कर के अपने घर पर बुलाया. वो बड़ी खुश थी. आंटी ने मुझे मिठाई खिलाई और बोली, “आज मैं बहुत सालो के बाद प्रेग्नेंट हुई हूँ!”
लेकिन मुझे थोडा डर लगाने लगा की कही अंकल शक न करने लगे की अचानक से ये प्रेग्नेंट कैसे हो गई मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मैंने आंटी को समझाने की कोशिश की आंटी पहले तो मान नहीं रही थी फिर मैंने उन्हें किसी तरह से मना के दवा लाके दिया और आंटी को खाए को बोल के चला गया. आंटी ने रात को अंकल को ये बात बता दी की वो प्रेग्नेंट है और दवा नहीं खाई. अंकल को पता नहीं कैसे उन्होंने यकीं दिला दिया की ये उन्ही का बच्चा है दोनों बेहद खुस थे. आज उन्हें एक लड़की हुई है जो की बिलकुल आंटी की तरह ही मस्त लगटी है. किसी को इस बात का शक भी नहीं हुआ और अब उन्ती मुझसे चुद्वाती भी है और अंकल को भी खुस रखती है.
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