मैं अंजली, आज फिर से एक अपनी लाइफ का मजेदार Stories लेकर आपके सामने हु. मुझे उम्मीद है, कि आपको मेरे पहले लिखे हुए अनुभव अच्छे लगे होंगे. मुझे आप लोगो के कमेंट का हमेशा इंतज़ार रहेगा. ताकि मुझे पता लग सके, कि आप लोग मेरे बारे में क्या सोचते है और मेरे लिए आपके मन में क्या फेंटेसी है. आपके मन की फेंटेसी मुझे गरम करती है और हो सकता हु, कि आपकी फेंटेसी इतनी मजेदार हो; कि वो मुझे इतना गरम कर दे. कि मैं आपसे मिलने के लिए बैचेन हो उठू. अगर मियां – बीवी आपस में खुले हु और एक दुसरे की इच्छाओ की रेस्पेक्ट करते हो. तो लाइफ बहुत आसान हो जाती है. मेरे और मेरे पति रजत के बीच में कुछ छुपा नहीं है और इसी वजह से हम दोनों को कोई मजेदार सेक्स की ओपोर्तुनिटी मिलती है, तो हम उसे मिस नहीं करते है. आज मैं आपको बताती हु, कि किस तरह मेरे पडोसी शर्मा जी के लड़के ने लाइट ना होने का फायदा उठा कर मेरी गांड चाटी और मेरे सारे छेदों की मदमस्त चुदाई की.
दोस्तों, मैंने पहले भी बताया था, कि मेरी उम्र ४३ इयर्स है और मेरा फिगर देख कर अच्छे – अच्छे मर्दों का लंड अपना पानी छोड़ देता है. मेरे बूब्स ३६सी, कमर ३२ और चुतड ३८ इंच के है और मेरी मदमस्त चाल को देख कर मेरी पीठ पीछे आहे भरते है. चाहे वो हमारे पडोसी हो, दूध वाला, सिक्यूरिटी गार्ड या मेरे ऑफिस के मेरे साथ काम करने वाले लोग. मुझे इस बाद का पता था और जब लोग मुझे घुर – घुर कर देखते है, तो मेरे दिल में एक अजीब सी ठंडक महसूस होने लगती है. ये बात ज्यादा पुरानी नहीं है. कुछ महीने पुरानी ही है. रजत अपने ऑफिस की पार्टी में गये हुए थे और रात को देर से आने वाले थे. मैं उस समय अपने फ्लैट में अकेले थी और अचानक से लाइट चली गयी. उस समय रात के १० बजे थे. मुझे कहीं भी कोई इलेक्ट्रिशियन नहीं मिलने वाला था. रजत को फ़ोन किया, तो रजत का फ़ोन नहीं उठा. फिर, मैंने पड़ोस में जाकर शर्मा जी की डोरबेल बजायी. तो दरवाजा उनके बेटे रवि ने खोला. जब मैंने रवि को अपनी परेशानी बताई, तो वो बोला – आंटी, पापा तो सो गये है. मैं देख लेता हु.
रवि बाहर आ गया और मेरे पीछे – पीछे आने लगा. शायद, मेरी मटकती चाल ने उसको मदमस्त कर दिया था. उस समय मैंने एक हलके कपड़े की नाइटी पहनी हुई थी और ऊपर से बस शौल ले लिया था. शौल ने मेरे ऊपर का भाग तो ढक दिया था. लेकिन मेरी गांड नीचे से शायद नहीं ढक पायी थी. उसने अपने घर की रौशनी में शायद मेरी गांड का वो भाग देख लिया था. वो इलेक्ट्रिक बोर्ड के पास गया. तो वो बोला, आंटी शोर्ट सर्किट हो गया है. फेस चेंज कर देता हु. आप वायर और पलास दे दीजिए. मैंने घर में मोमबती जलाई हुई थी. मैंने शौल को कुर्सी पर छोड़ा और चली गयी. जब मैं वापस आई, तो मैं तो एकदम से भौचक्की रह गयी. रवि ने अपने सारे कपड़े उतारे हुए थे और वो सिर्फ अंडरवियर में था और उसका लंड तम्बू बना हुआ था और अपने लंड को अपने एक हाथ से सहला रहा था और उसके आगे के भाग को बेरहमी से खीच रहा था. मुझे देखते ही, उसने मुझे पकड़ लिया और अपनी गोदी में उठा लिया.
मैंने उसको जोर से खीच कर एक थप्पड़ रसीद किया, तो उसने मुझे वहीँ सोफे पर पटक दिया और बाहर जाकर दरवाजा बंद कर आया. वो जब वापस आया, तो मैं डरी और सहमी हुई रजत का फ़ोन लगा रही थी. लेकिन, मेरे हाथ कांप रहे थे. रवि ने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल ले लिया और बोला – नाटक करती है छिनाल. कब तुझे किसने चोदा है. सब जानता हु मैं. बहुत दिनों से मौका ढूंढने के बाद, आज किस्मत से तू हाथ आई है. आज नहीं छोडूंगा. मुझे डर लग रहा था, कि जवान खून है. पता नहीं क्या करेगा? फिर वो मेरे पास आया और एक ही बार में, मेरी नाइटी फाड़ दी और मैं एकदम से नंगी हो गयी. मुझे नाइटी के नीचे ब्रा और पेंटी पहन कर सोने की आदत नहीं है. उस दिन लाइट चले जाने की टेंशन में, मुझे कुछ ध्यान ही रहा. मोमबती में मेरा शरीर सोने के जैसे चमक रहा था. रवि मुस्करा रहा था और उसकी आँखों में एक चमक थी. वो बोला – साली, जिसने भी तुझे चोदा होगा, वो दुनिया का लकी आदमी होगा और आज मैं बन जाऊँगा.
फिर वो मेरे पास आ गया और मेरे बालो को पकड़ कर मेरे मुह को अपने लंड पर अंडरवियर के ऊपर से रगड़ने लगा. उसके लंड से पेशाब की बदबू आ रही थी. उसने मेरे बालो को बहुत जोर से खीचा हुआ था और मुझे लग रहा था, कि कुछ ही देर में मेरे बाल उसके हाथ में निकल जायेंगे. मैंने कहा – रवि, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. रवि हसने लगा और बोला – अभी तो और भी दर्द होगा. अभी तो बस शुरुवात है. फिर वो हसने लगा और मेरे सिर को अपने लंड पर और जोर से दबा दिया और अब वो भी अपनी गांड को हिलाकर मुझे अपनी बदबू सुंघा रहा था. मैं कुछ नहीं कर पा रही थी. बेबस थी उसके आगे. फिर उसने मुझे पीछे कर दिया और एकदम से अपना अंडरवियर उतार दिया और उसका फनफनता हुआ लंड मेरे मुह के आगे लहराने लगा. मुझे नहीं पता था, कि पड़ोस वाले शर्मा के बेटे का लंड इतना बड़ा होगा. देखने में तो वो शरीफ ही लगता था. उसको देख कर मेरी चुदासी आँखों में बिजली कौध गयी और मेरे होठो पर रस आ गया. रवि बोला – मज़ा आया ना, छिनाल देख कर. है ना मस्त और जवान लंड…
सही कह रहा था वो… वो केवल २२ साल था और उसके गोरे रंग के लंड पर हल्का कालापन था. उसने अब अपने लंड मेरे मुह पर हर तरफ फेरना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरे मुह पर हर जगह मेरे होठो पर, मेरी आँखों पर और मेरी नाक पर लग रहा था और अब हलके – हलके मैं भी गरम होने लगी थी और मुझे अपनी चूत पर गीलेपन का अहसास होने लगा था. ,मेरे निप्पल अब कड़क भी होने शुरू हो गये थे. रवि मेरी इस हालत को देख कर बोला, लगता है. छिनाल तेरे भी अरमान जाग गये और हंस पड़ा. अब मेरे चेहरे पर भी हलकी मुस्कान आ गयी थी. मैं एक बहुत पुरानी कहावत को फॉलो करने लगी थी. “अगर आप रेप होने से रोक नहीं सकते हो, तो उसे एन्जॉय करो”. मुझे नहीं लग रहा था, कि मैं रवि को रोक पाउंगी. फिर मैं रवि के लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और उसको मसलने लगी. मेरे हाथ की ताकत और गर्मी पाकर उसके लंड ने और भी जोर से झटके मारने शुरू कर दिए.
रवि अब मस्ती में अपनी गांड चला रहा था और बोल रहा.. अहहाह अहहाह आआआ.. बहुत खूब.. मस्त … आआऊअऊओ ऊऊओह्ह्ह् एस एस … फिर मैंने एकदम से आगे बढकर गप्प से उसके लंड को अपने मुह में ले लिया और मस्ती में उसको चूसने लगी. रवि ने एक हाथ अपनी गांड पर रखा और एक हाथ से मेरे बालो को पकड़ा और अपनी गांड को हिला कर मेरे मुह को चोदने लगा. उसका लंड बहुत ही तेजी से सटास्ट अन्दर – बाहर हो रहा था और कभी – कभी मेरे गले तक पहुच जाता था. मैंने तो पागलो की तरह उसके लंड को हाथ से मसल रही थी और मस्ती में चूस रही थी. अभी १० ही मिनट हुए होंगे, कि उसके लंड ने एक बहुत ही गरम वीर्य की धार मेरे मुह में मार दी. उसका तेज स्पीड से वीर्य झट से मेरे गले से टकराया और मेरे हलक में उतर गया. मैंने उसके लंड को पूरा का पूरा चूस लिया. और फिर मैंने उसके लंड को उगल दिया. रवि के चेहरे से पसीना टपक रहा था. फिर उसने मुझे सोफे से लगा कर उल्टा खड़ा किया, तो मैंने बोला – गांड ही मारने दूंगी. वो बोला – हाँ छिनाल, पलट हो सही.
फिर, वो अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने हाथ से मेरे बट्स को खोलने लगा. मुझे एकदम से दर्द हुआ, तो मैंने अपनी गांड आगे कर ली. उसने फिर से मेरी गांड को पकड़ा और नीचे से आकर अपनी जीभ को मेरी चूत पर रख दिया. ऊऊऊओह्हह्ह ओह…. माय गॉड! ऐसा तो आज तक मैंने किसी भी चुदाई में नहीं देखा था. उसकी जीभ नीचे से सीधे ही मेरी चूत में घुस गयी और ऐसा लगा, कि किसी ने धारदार छुरी नीचे से एकदम से मेरी चूत में घुसा दी हो. मैंने तो मरने ही लगीऔर अपनी गांड हिलाकर अपनी जीभ को बाहर निकालने लगी. पर उसने मेरी जांघो को कसकर पकड़ा हुआ था और मैं ज्यादा हिल नहीं सकती थी. वो अपनी जीभ से मेरी चूत के अन्दर की साईं दीवारों को चाटने में लगा हुआ था. मैं तो बस बावरी हुए जा रही थी. अब मैं ज्यादा देर कण्ट्रोल नहीं कर सकती थी. मैंने उसको कहा – बस रवि, और नहीं.. चोद डालो मुझे अब. बहुत खुजली होने लगी है अब.
रवि ने मुझे इग्नोर कर दिया. लेकिन उसने अपनी जीभ हटा ली. और फिर उसने अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद पर रख दिया और उसको चाटने लगा… ऊऊऊओह्हह्ह क्या मस्त फीलिंग थी और वो मेरी गांड के छेद के आसपास के एरिया को चाट रहा था. फिर साथ ही साथ में उसने अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया. आआऊऊ बाबा.. उसकी जीभ गांड के छेद पर और ऊँगली चूत के छेद पर. मैं तो बस पागल ही हो चुकी थी. मैंने अपने हाथ से अपने चुचे दबाने शुरू कर दिए और निप्पल को खीचना भी शुरू कर दिया. मैंने अपने होठो को अपने दातो से काट रही थी और फिर पागलो की तरह अपनी अपनी गांड को रवि के मुह पर घुमा रही थी. पूरा माहौल में मेरी सिस्कारिया हाहाहा हहह ह्ह्ह ह्ह्ह आआअ अहहाह आआ अहहाह अहहाह आआआ गूंज रही थी और मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी. अचानक से मेरे शरीर ने रगड़ना शुरू कर दिया और मुझे अपनी चूत से अपना गरम माल बाहर बहने का अहसास हुआ. बहुत ही गाड़ा और बहुत सारा. रजत या किसी और साथ, जब मैं बहुत कामुक सेक्स किया था, तब मेरा इतना सारा वीर्य बाहर आया होगा.
मेरा सारा वीर्य उसकी ऊँगली के साथ चूत से बाहर आ गया. अब तो मैं पागल हो चुकी थी और अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था. मैंने एकदम से मुड़कर रवि के बालो को खीचा और उसकी खड़ा कर के उसके लंड को खीचने लगी. वो मुस्कुरा रहा था, मेरी बैचेनी पर. पर क्या करू, वो था ही इतना अच्छा और माहिर. किसी भी लड़की या औरत को एकदम से अपना दीवाना बना दे. आज तक मैंने सेक्स तो कई के साथ किया था, लेकिन प्यार सिर्फ रजत से. लेकिन, आज मुझे फिर से रवि से प्यार होने लगा था. फिर, रवि ने मुझे सोफे के किनारे को पकड़ कर घोड़ी बना दिया और मेरे बूट्स को अपने हाथ से खोलकर उस पर थूक दिया. फिर, थोड़ा थूक अपने हाथ में लेकर अपने लंड को रगड़कर गीला कर दिया और फिर अपने एक हाथ से अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करने लगा और रगड़ने लगा. मैंने बहुत ही ज्यादा बैचेन हो गयी थी और फिर एक जोरदार धक्के के साथ उसने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार था.
मेरी सांस एक दम से अटक गयी. उसने मुझे सँभालने का मौका भी नहीं दिया और फिर से एक और जोरदार धक्का मारा और उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया. मेरे मुह से जोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआआआआ निकल गयी और मैं सोफे के साइड पर गिरने ही वाली थी, कि उसने मुझे थाम कर खड़ा कर दिया और मस्ती में जोर से धक्के मारने लगा. मैंने सोफे को कसकर पकड़ा हुआ था, क्योंकि उसके धक्का का फ़ोर्स बहुत ज्यादा था और मैं बैलेंस नहीं बना पा रही थी. फिर वो पुरे जोश के साथ जोरदार धक्के मार रहा था. मेरे चुचे मस्ती में हवा में झूल रहे थे और मेरे मुह से लार टपक रही थी. मुझे नहीं पता था, कि मैं कितनी बार झड़ चुकी थी. लेकिन १० मिनट के बाद, मैं उसके लंड को और लेने की हालत में नहीं थी. फिर रवि के धक्को की स्पीड बड गयी और अगले ५ मिनट में उसने एक जोर दार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया. बहुत ही गरम था, जैसे की लावा मेरे अन्दर फुट पड़ा हो. वो जवान था, इसलिए उसके वीर्य की गरमी बहुत ज्यादा थी.
उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था और जब उसके लंड ने पूरा का पूरा पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. तब उसके लंड को बाहर निकाल दिया. उसके बाद, मेरी ज्यादा देर खड़ी वाली हालत नहीं थी और अब मुझे डर लगने लगा था. क्योंकि रजत कभी भी आ सकते थे. मैंने रवि को कहा, मैं चल नहीं सकती. प्लीज मुझे कपड़े पहना कर मेरे बेडरूम में पलंग पर लिटा दो. लाइट भी सही कर दो. रजत के पास दूसरी चाभी है. वो अन्दर आ जायेंगे. रवि ने मुझे कपड़े पहनाकर वहीँ बिठाया और लाइफ सही कर दी. फिर रवि ने जगह ठीक थी और मुझे बेडरूम में लिटा कर चले गया. मैंने बहुत थक गयी थी और मुझे नहीं पता चला, कि रजत कब आये. लेकिन, जब मैं सुबह उठी, तो मैं बहुत खुश थी; क्योंकि इतने जवान लंड से इतनी मस्त चुदाई मेरी बहुत टाइम बाद हुई थी.