पड़ोसन भाभी की गांड चुदाई
एल्लो दोस्तों मेरा नाम जय है और में गुजुरात का रहने वाला हू. यह सेक्स स्टोरी मेरी और एक भाभी कि है. मेरी उम्र २५ साल है और में एक ऍम अन सी में जॉब करता हु. . मेरे लंड का साइज़ ६.५ इंच है. और वो २ इंच मोटा है. मुझे गांड सेक्स करने का और मटकती गांड को देखने का बड़ा पसंद हैं.
मेरी ये कहानी आज से २ साल पहले कि है जब में २३ साल का था और मैंने अपनी पढाई ख़तम कर के घर आया था. वैसे तो सब दिन नार्मल बीत रहे थे लेकिन जब एक दिन में बाज़ार से घर आ रहा था तो मैंने देखा कि एक लड़की जो बहुत खुबसूरत है, मेरी मम्मी से बात कर रही थी.
उनको देखते ही मुह में पानी आ गया. क्या माल थी वो. उनकी उम्र करीब २८ साल थी और उनका फिगर ३६- ३०- ३६ था, उनके बड़े बड़े बूब्स को देख कर मेरे मुह में पानी आ गया था. मैं तो उनको देखता ही रह गया और थोड़ी देर बाद वो चली गयी.
उसके जाने के बाद मैंने मम्मी से पुछा कि कोन थी वो?
तो मम्मी ने बताया कि अपने पड़ोस में रहने आई है उनके पति किसी बैंक में जॉब करते है. उस दिन मैंने उनकी याद में २ बार मुठ मारी और सो गया.
फिर जब मैं अगली सुबह उठा तो मैंने देखा कि वो अपनी बालकनी में कपडे सुखा रही थी. तो में फटाफट उठा और अपनी बालकनी से उनको देखने लगा. और जब वो कुछ लेने नीचे झुकी तो मैंने उनके बूब्स को भी देखा और इतना देख कर हे में गरम हो गया और मुझे एक बार फिर से मुठ मारनी पड़ी.
फिर सब नार्मल चल रहा था. में रोज़ सुबह उठ कर उनको अपनी बालकनी में से देखता और अब उनको भी पता चल गया था कि में उनको देखने के लिए बालकनी में खड़ा रहता हु.
एक दिन में बालकनी में खड़ा तो मैंने देखा कि वो बहुत सारा सामान लेकर ऑटो से उतर रही थी. तभी मुझे याद आया कि लिफ्ट तो ख़राब है इसलिए चल नहीं रही. तो मैंने झट से नीचे उतर कर उनको पूछा कि में आपकी हेल्प कर सकता हु.
तो उसने हाँ कहा और मैं उनके बैग लेके उनके घर पर चोद दिए और में जब सामान लेकर निकल रहा था कि उसने कहा रुको में कुछ ठंडा लेकर आती हु, फिर उसने मेरे लिए जूस बनाया और मुझे पीने के लिए दिया और फिर मुझ से बात करने लगी कि क्या करते हो.
मैंने कहा जॉब ढूंढ रहा हु और फिर बातो को सिलसिला इसी तरह चलता रहा. फिर मैंने उससे उसका नाम पुछा तो उसने अपना नाम कविता बताया, जब हम बात कर रहे थे तब मेरे ध्यान बार बार उनके बूब्स पर जा रहा था, और उनको यह बात पता चल गयी थी. फिर में वह से निकला और घर जा कर सीधे बाथरूम में मुठ मरने लगा.
फिर एक दिन शाम को मैं घर वापिस आया तो मम्मी ने बताया कविता भाभी को कंप्यूटर अ कुछ है मेरे से इसलिए मुझे घर बुलाया है. तो में फ्रेश हो कर घर से निकला और सीधे उनके घर पहुच गया और देखा कि उनका डोर लॉक था. तो मैंने डोर बेल बजायी और कविता भाभी ने दरवाज़ा खोला.
मिने उनको देखा तो देखता हे रह गया क्यूंकि उस टाइम उन्होंने ब्लैक नेट वाला गाउन पहना हुआ था जिसमे से उनके बूब्स का उभार साफ़ दिख रहा था, उसने मुझे अन्दर बुलाया.
तो मैंने कहा क्या काम है आपको?
तो उसने कहा मेरे कंप्यूटर में नेट नहीं चल रहा तो प्लीज ठीक कर दीजिये.
मैंने उनका कंप्यूटर स्टार्ट किया और नेट कोन्न्क्ट करने लगा. तो वो मेरे पास में बैठी थी, तो मुझ से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था और मैं बार बार उनके बूब्स को देख रहा था.
तो उसने पूछा क्या देख रहे हो?
तो मैंने कहा कुछ नहीं.
और फिर उसने अचानक मुझ से पूछा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने कहा नहीं तो.
उसने कहा इतने हैण्डसम हो फिर भी कि गर्लफ्रेंड नहीं.
मैंने कहा आप जैसी कोई मिली नहीं अभी तक.
उसने कहा ऐसा क्या है मुझ में?
तो मैं कुछ नहीं बोला और उनके बूब्स कि और देखने लगा.
तो वो शर्मा गयी और वह से किचन में जाने लगी पर मैंने उनको पीछे से पकड़ कर उनके गले पे किस करना शुरू कर दिया. वो अपने आप को छुड़ाने कि कोशिश करने लगी लेकिन छुड़ा नहीं पाई. फिर मैंने उनको आगे किया और उनके होठो पे किस करने लगे.
अब वो धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी और मुझे किस करने लगी. मैंने उन्हें जोए से किस करना स्टार्ट किया तो वो भी पूरा जोर लगाने लगी. फिर में उनको उठा कर उनके बेडरूम में ले गया. और बीएड पर लिटा के उनको किस करने लगा.
अब वो पूरी तरह से तैयार थी, तो मैंने उनके बूब्स को दबाना स्टार्ट किया, वो जोर जोर से सिसकिया लेने लगी. मैंने उनके गाउन को निकलना स्टार्ट किया और उनके बूब्स को दबाने लगा. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. तो मैंने उनके बूब्स ब्रा के ऊपर से दबाने स्टार्ट किये और धीरे धीरे उनकी ब्रा भी खोल दी, तो उनके बूब्स और भी मजेदार लग रहे थे.
फिर में एक हाथ से उनके बूब्स दबा रहा था और एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ रहा था, वो जोर जोर से अह्ह्ह… अह्ह्ह्ह… कि सिसकिया ले रही थी.. मैंने उनकी पेंटी निकल दी और जोर जोर से उनकी चूत को रगड़ने लगा. उनकी चूत पूरी गीली हो गयी थी.
मैंने उनकी चूत को चाटना स्टार्ट किया तो वो मजे से उछल राही थी और मजे ले रही थी और उनकी सिसकिया.. स्स्स्ससी…. स्श्ह्ह…. अह्ह्ह्हह….. उह्ह्ह्ह….. कर के पुरे रूम में गूंज रही थी.
फिर मैं लेट गया और उसने मेरी पेंट निकल ली और मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी और बाईट करने लगी. फिर उसने मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को उसने लगी, थोड़ी देर बाद हम दोनों झड गए.
उसने मेरा सारा पानी मुह में लिया और पिने लगी और मेरे लंड को जोर जोर से चूस कर फिर फिर से तैयार कर दिया. फिर हम हम दोनों ६९ कि पोजीशन में आ गए. मुझे चूत का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था और वो तो ऐसे लंड चूस रही थी जैसे बहुत दिन से भूखी हो.
फिर वो बोली अब नहीं रहा जाता तो मैंने उनको लिटा दिया और उनके ऊपर जाकर मेरे लंड को उनकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. तो वो जोर जोर से आह्ह्ह्ह…. आस्स्स्स…. आह्ह्ह… सिसकिय लेने लगी. फिर मैंने जोर से एक धक्का मारा कि आधा लंड उनकी चूत में चला गया और वो जोर से चीख पड़ी, पर मैंने फिर धीरे धीरे स्टार्ट किया.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया तो मैंने जोर जोर से चोदना शुरू किया और वो जोर जोर से चीखने लगी और मजे लेने लगी. फिर मैं नीचे चला गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर उछल कर चुद रही थी और बोल रही थी और जोर से चोदो और जोर से चोदो और सिसकिय ले रही थी.
करीब १५ मिनट बाद हम साथ में झड गए और फिर ३० मिनट बाद मैंने उनके बूब्स को रब करना स्टार्ट किया और उसने भी मेरे लंड को सहलाना स्टार्ट किया और फिर से मैंने उनके ऊपर जाकर उनको चोदने लगा.
इस बार ३० मिनट तक अलग अलग पोजीशन में चोदा और डौगी स्टाइल में भी चोदा, फिर भी नहीं निकला तो मैंने उनको कहा कि मुझे गांड मारनी है. पर वो मन करने लगी. फीर थोडा समझाने के बाद वो मान गयी और बॉडी लोशन लेकर आई और मेरे लंड के ऊपर लगाया और उनकी गांड में भी थोडा लगाया.
फिर वो डौगी स्टाइल में हो गयी और मैंने अपना लंड उनकी गांड पर रखा और जोर से धक्का मारा तो वो चीख पड़ी और फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही रहे. फिर धीरे धीरे स्टार्ट किया और फिर उसे मजे आने लगा तो वो भी आगे पीछे हो कर चुदने लगी.
फिर हम दोनों साथ में झड गए. और मैंने अपना सारा पानी उनकी गांड में छोड दिया.
फिर जब हमे मोका मिलता हम सेक्स करते थे और मैंने कई बार उनकी गांड भी मारी.
इस कहानी को पढने के बाद अपने विचार मुझे जरुर भेजे….