बच्चे की खातिर

 
loading...
Bacche Ki Khatir
मेरा नाम सुमन सक्सेना है, मैं 29 वर्ष की खूबसूरत स्त्री हूँ, मैंने बी० टेक० किया है, मैं कानपुर की रहने वाली हूँ।

मैंने अपनी पहली नौकरी दिल्ली में प्राप्त की और मैं वहीं दिल्ली में होस्टल में रह कर अपनी नौकरी के मजे ले रही थी कि मेरी जिन्दगी में एक लड़का रवि आया।

मैं और वो एक ही कम्पनी में काम करते थे।
पहले तो हमारी कोई मुलाकात नहीं होती थी पर एक बार काम के सिलसिले में मुझे उससे मदद मांगनी पड़ी।
उसने मेरी मदद की।

फिर हम रोज ही किसी न किसी बहाने मिलने लगे।
वो मुझे बहुत अच्छा लगता था, अगर एक दिन उसे न देखूँ तो मन पागल होने लगता था।

आखिरकार हमने शादी का फैसला ले लिया।

पहले तो हमारे घर वाले नाराज हुए पर बाद में सब मान गये, हमारी शादी हो गई और मैं हॉस्टल छोड़ कर अपने पति रवि के घर चली आई।
मेरे पति रवि को काम के सिलसिले में कई बार घर से बाहर रहना पड़ता था।

मेरी शादी को पांच वर्ष हो गये थे पर हमें सन्तान की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी।

मेरे सास-ससुर और पति देव सभी बेताबी से अपनी अगली पीढ़ी का इन्तज़ार कर रहे थे।

आये दिन मेरे सास ससुर मुझसे पूछते कि ‘बहू पोते का मुखड़ा कब दिखाओगी?’

तो मैं मायूस हो जाती, मैं बहुत दुखी रहने लगी, मुझे अब अपने ही शादी के फैसले से दुःख होने लगा।

मैंने उनकी इच्छा का आदर करते हुए खुद को डॉक्टर को दिखाना उचित समझा और एक दिन अकेली बिना किसी को बताये डॉक्टर को दिखाने चली गई।

डॉक्टर ने कुछ टैस्ट लिख दिए और चार दिन बाद दोबारा आने के लिये कहा।

मैं चार दिन बाद फिर से बिना किसी को बताए काम का बहाना कर घर से निकली और डॉक्टर की क्लिनिक पहुंची।

वहाँ डॉक्टर ने बताया कि मेरी जांच-रिपोर्ट बिल्कुल ठीक हैं, उनमें किसी प्रकार की कोई कमी नहीं नज़र आई।

जब मैंने उनसे बच्चा न होने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया- आपके पति के भी कुछ टैस्ट करने होंगे।

मेरे पति उन दिनों घर से बाहर थे और कुछ दिन बाद आने वाले थे।

उनके आने पर मैंने उनसे इस बारे में बात की और वे भी टैस्ट कराने के लिए राजी हो गये।

मैं अगले दिन उन्हें भी अपने साथ लेकर डॉक्टर के पास पहुँची और डॉक्टर ने उनके टैस्ट करने के बाद चार दिन बाद आने के लिए कहा।

मेरे पति सिर्फ तीन ही दिन के लिए घर आये थे तो उन्होंने बोला- सुमन, तुम ही रिपोर्ट्स ले आना।

चार दिन बाद जब मैं अपने पति क़ी रिपोर्ट लेने पहुँची तो यह सुन कर मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल गई क़ि मेरे पति मुझे सन्तान-सुख दे पाने में असमर्थ हैं।

मैं इतनी बेचैन अपनी जिंदगी में कभी नहीं हुई थी और न जाने मेरा दिमाग उस समय क्या क्या सोचने लगा, मैंने अपना और उनका बहुत इलाज कराया किन्तु मैं बच्चे की माँ न बन सकी।

मेरे मायके में एक शादी के सिलसिले में मुझे अपने घर कानपुर जाना पड़ा।

वहाँ मुझे अपने बचपन की सहेली मिली, मैंने अपना सारा दुःख उसे बताया तो उसने कहा- परेशान मत हो, तुम एक अटैची रख लो।

मैं उसकी इस बात को समझी नहीं तो उसने बताया कि महाभारत में राजा शांतनु की मृत्यु के उपरान्त उनकी बड़ी रानी अम्बिका ने अपनी सास सत्यवती के कहने पर महर्षि वेद व्यास से सम्बन्ध बना कर धृतराष्ट्र को एवं छोटी रानी ने पाण्डु को और नौकरानी ने विदुर को जन्म दिया था। उसी प्रकार तुम अपने किसी नजदीक के रिश्ते से शारीरिक सम्बन्ध बना कर बच्चा प्राप्त कर लो।

पहले तो मुझे ख़राब लगा पर बहुत सोचने के बाद मुझे सहेली की सलाह ठीक लगी।

मुझे पता था क़ि यह समाज इस विषय में हमेशा औरत को ही दुत्कारता है। मैं अपने पति से बहुत प्रेम करती हूँ क्यूँकि वे बेहद अच्छे स्वाभाव के इंसान हैं और मुझे किसी बात पर नहीं रोकते।

यह ही सब सोचते सोचते उसी आप-धापी में मैंने एक ऐसा कदम उठा लिया।

संतान सुख क़ी चाहत और अपने पति को दोषी न बता पाने की कोशिश में मैंने एक ऐसा तरीका सोचा क़ि जिस पर मैं खुद को हालात के आगे मजबूर पाती हूँ।
मेरे ननदोई पंकज जो कानपुर में ही रहते थे, वे काफी आकर्षक शख्सियत के मालिक थे और मेरी शादी वाले दिन भी बारात में सबसे ज्यादा सुन्दर और मोहक वो ही लग रहे थे।

शादी के बाद कई एक बार उनका हमारे घर पर आना जाना हुआ था परन्तु वे कभी भी मेरे पति के पीछे से नहीं आये और उनकी नियत में मुझे कभी भी खोट नज़र नहीं आया।

हालाँकि एक नारी होने के नाते मेरा दिल कई बार उनके बारे में सोचता रहता था पर मैंने कभी भी अपनी हसरतों को पूरा करने का प्रयत्न नहीं किया।

परन्तु न जाने आज क्या सोचते हुए मैंने उनके पास फ़ोन मिला दिया और बोली- रवि कुछ दिनों के लिए टूर पर हैं, मैं एक शादी के सिलसिले में अकेली कानपुर आई हूँ और अचानक रात में तबियत तबीयत बिगड़ गई है क्या आप सुबह यहाँ गोविन्दपुरी आ सकते हैं?

उन्होंने अपनी स्वीकृति दे दी और अपनी कार से सुबह ठीक सात बजे गोविन्दपुरी पहुँच कर मुझे फोन किया।

मैंने उन्हें शादीस्थल का पता बता दिया, वे पाँच मिनट में ही मेरे पास पहुँच गये।

मुझे लेकर वे अपने घर चले आये।
घर पहुँच कर मैंने पाया कि मेरी ननद जो पेशे से टीचर है, अपने स्कूल को जा चुकी थी, घर पर मैं और ननदोई अकेले ही थे।

घर पहुँचकर उन्होंने डाक्टर के पास चलने को कहा तो मैंने बहाना बनाते हुए कहा- कल ही रात को डाक्टर को दिखा कर आई हूँ, अभी मेरी तबियत कुछ ठीक लग रही है तो शाम को दोबारा डाक्टर के पास चलेंगे।

उनका स्वाभाव थोड़ा सा शर्मीला होने के कारण वे एक बार तो हिचके पर मेरी बात मान गये।

मैं उनके लिए चाय बनाने को उठने लगी तो वो बोले- तुम लेट कर आराम करो, मैं चाय बना लाता हूँ।

वो जब चाय ले कर आये तो मैंने कांपते हाथों से चाय खुद पर गिरा ली और बाथरूम में जाने लगी।

बाथरूम में पहुँच कर मैंने अपनी साड़ी उतार दी और केवल ब्रा और अंडरवीयर में रहकर साड़ी पर वहाँ साबुन लगाने लगी जहाँ चाय गिरी थी।
परन्तु मेरे दिमाग में तो कुछ और ही दौड़ रहा था, मैं बेहोशी का बहाना बनाते हुए चीखी और धड़ाम से बाथरूम के फर्श पर गिर गई।
पंकज दौड़ते हुये आये और मुझे इस हालत में देख कर एक बार तो शरमा गये पर जल्दी ही उसने किसी खतरे का अंदेशा होने पर मुझे अपनी बाहों में उठाया और पलंग पर लिटा दिया।

उसने मेरे गालों को थपथपाते हुए मेरा नाम लेकर मुझे पुकारा जैसे क़ि होश में लाने क़ी कोशिश कर रहे हों।

मैंने भी थोड़ा सा होश में आने का नाटक करते हुए उनसे बोला- अब मैं ठीक हूँ, मुझे थोड़े आराम क़ी जरूरत है।
मैंने कहा- मेरे लिए डॉक्टर को बुलाने की जरूरत नहीं है।

यह कह कर मैं सोने का नाटक करने लगी।

जैसा क़ि मुझे अंदाजा था, पंकज मुझे इस रूप में देख कर उत्तेजित हो गये थे, हों भी क्यों न, मेरे वक्ष के उभार मेरी पारदर्शी ब्रा में से साफ़ दिख रहे थे और मेरे शरीर क़ी बनावट तो जो सितम ढा सकती है, उसका तो मुझे पता ही था।

वो बाथरूम में गये और हस्तमैथुन करने लगे।

मैं भी उनके पीछे से बाथरूम में आ गई।

उसने दरवाजा खुला छोड़ रखा था क्यूंकि उन्हें लग रहा था कि मैं तो नींद में हूँ।

मैंने बाथरूम में घुसते ही एक नज़र उनके लिंग पर डाली।

उसका सुडौल लिंग देख कर मैं उतेज्जना से भर गई पर जल्द ही खुद को सँभालते हुए पंकज से बोली- पंकज, मैंने तुमसे कभी कुछ नहीं माँगा पर आज आप को मेरी की ख़ुशी के लिए कुछ देना होगा।

पंकज जो बेहद घबरा गये था, बोले – सुमन, मैं तुम्हारी बात समझा नहीं?

तो मैंने उसे रिपोर्ट्स के बारे में सब बता दिया और उसे विश्वास दिलाया क़ि अगर हम सम्भोग करते हैं तो इसमें बुरा कुछ नहीं होगा क्यूंकि हम यह काम मेरे पति की भलाई के लिए करेंगे।

मैंने उनसे शपथ ली की वह इस बात को किसी को नही बतायेंगे।

जल्दी ही उत्तेजना से भरे पंकज जी सहमत हो गये और बोले- सुमन, जो कुछ भी करना है तुम ही कर लो, मैं तुम्हारा साथ दूँगा पर खुद कोई पहल नही करूँगा।

उसकी स्वीकृति पाते ही मैं उल्लास से भर गई परन्तु उसे इस बात का एहसास नहीं होने दिया।

मैं उसे हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले आई और धीरे धीरे अंडरवीयर को छोड़ कर उनके सारे वस्त्र उतार दिए।

फिर मैंने अपनी ब्रा खोल दी और अपने उरोजों को कैद से मुक्त कर दिया।

मेरे वक्ष क़ी पूरी झलक पाकर पंकज की आँखें फटी क़ी फटी रह गई और उसकी उत्तेजना के बढ़े हुए स्तर को मैंने उनके अंडरवीयर में से झांकते कड़े लिंग को देख कर महसूस किया।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने हौले से उनके हाथों को पकड़ कर अपने उरोजों पर रख दिया और उसने एक लम्बी गहरी सिसकारी ली जैसे क़ि उसका हाथ किसी गरम तवे से छू गया हो।

मैंने उसे बेबस पाते हुए अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और खुद को उनके ऊपर गिरा दिया।

मेरे वक्ष उनके सीने में गड़े जा रहे थे और मैं उसकी बढ़ी हुई धड़कनों को महसूस कर सकती थी।

जल्दी ही उसे न जाने क्या हुआ और उसने अचानक से मुझे नीचे गिराते हुए पूरी उत्तेजना में मुझे चूमना शुरू कर दिया और अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को मसलने लगे।

मुझे भी ऐसा आनन्द पहली बार मिला था और मैं भी उनके होंठों को अपने होंठों से और जोर से कसने लगी।

मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी कच्छी में डाल दिया जो पहले ही मेरी उत्तेजना के कारण गीली हो गई थी।

कुछ देर तक मेरे होंठों और कबूतरों को चूमने के बाद पंकज ने अपना मुँह मेरी पैंटी पर बाहर से लगा दिया।

मेरे योनि रस की खुशबू ने आग में घी का काम किया और उसने दोनों हाथों से मेरी अंडरवीयर को फाड़ दिया और बुरे तरीके से मेरी योनि को चाटने लगे।
उनकी तेज सांसें मेरी योनि से टकरा रही थी और मेरी उत्तेजना को और भी बढ़ा रही थी।

मैंने किसी तरह उसकी पकड़ से खुद को आजाद करते हुए उनहे दूर धकेला और उनके कच्छे को उतार दिया।
मैं उनका लिंग हाथों से जोर जोर से हिलाने लगी।
मैंने उनके लिंग को कुछ ही बार हिलाया था क़ि जैसे एक भूचाल सा आ गया हो, वो आपे से बाहर सा हो गया और उसी के साथ उनके लिंग ने मुझ पर जैसे वीर्य की बारिश सी कर दी।
मेरा पूरा बदन उनके वीर्य से नहा गया था।

स्खलित होने के बाद वो कुछ निढाल से हो गये परन्तु मैंने उनसे कहा- अब मुझे साफ़ तो कर दो।

मैं उन्हें अपने साथ बाथरूम में ले गई और उसे खुद को साबुन से साफ़ करने के लिए कहा।

उसने साबुन उठाया और मेरे बदन पर मलने लगे।

पूरे शरीर पर साबुन लगाने के बाद वो मेरे पीछे खड़े हो गये और अपने दोनों हाथों से मेरे उरोजों और योनि को मसलने लगा।
वो मुझ से सट कर खड़े था और साबुन मसल रहे थे।

कुछ ही मिनट में मैंने अपने नितम्बों पर उनके फिर से कड़े हो चुके लिंग क़ी दबिश महसूस क़ी।

मैं उसकी तरफ मुड़ी और उनके लिंग को देख कर मुस्कुरा कर बोली- चलो, काम पूरा करते हैं।

हम दोनों ने एक दूसरे को तौलिये से पौंछा और फिर से बेडरूम में चले गए।

इस बार मैंने उसे नीचे लिटा दिया और उनके लिंग पर बैठने लगी पर उसका मोटा लिंग जैसे अंदर जाने को तैयार ही नहीं था।

काफी देर हो जाने पर लण्ड पर बैठने की कोशिश करते करते काम बन तो गया पर फिर भी उनका लम्बा लिंग पूरी तरह से अंदर नहीं जा पा रहा था और मेरी चूत में उनके लम्बे लिंग की वजह से मीठा मीठा दर्द भी हो रहा था।

फिर भी मैंने उत्तेजना के कारण कोशिश क़ी और थोड़ी सी कोशिश के बाद उनका पूरा लिंग मेरी योनि में समा गया।

मैं उनके लिंग पर बैठ कर कूदने लगी और कुछ ही देर में उत्तेजना के कारन स्खलित हो गई परन्तु उ्नका लिंग तो इस बार जैसे हार मानने के लिए तैयार ही नहीं था।

मेरे स्खालित होते ही उन्होंने मुझे बाहों में उठा लिया और अपने लिंग को मेरे उरोजों के बीच में रख कर मसलने लगे।

मैंने भी इस काम में उनका साथ दिया और अपने वक्षों से उनके लिंग को सहलाने लगी।

कुछ ही मिनट बाद मैं फिर से तैयार हो गई और बेड के सिरहाने झुक गई।

उन्होंने पीछे से आकर मेरी योनि में अपना लिंग डाला और हाथों से मेरी कमर को पकड़ कर जोर जोर से झटके मारने लगे।

उनके मोटे लिंग की रगड़ से मेरी योनि में हल्के दर्द के साथ मजा बढ़ता जा रहा था और में कुलमुला रही थी।

करीब 5 मिनट तक झटके मारने के बाद वो भी स्खलित हो गये और मेरी योनि उनके गरम वीर्य से भर गई।

मैं बहुत खुश थी क्यूंकि एक तो मुझे संतान सुख की प्राप्ति हो सकेगी और दूसरा इतना मजा मुझे शायद ही कभी आया हो।

पंकज भी स्खलित होने के बाद निढाल से गिर गये।

हम दोनों उसी तरह एक साथ लेटे रहे।

फ़िर मैं उठी और बाथरूम में जाकर अपनी साड़ी पहनी और वापस जाने के लिए तैयारी करने लगी।

थोड़ी देर बाद वे मुझे वापिस पहुँचा आए।

सौभाग्य से मुझे एक ही सम्भोग में गएभ ठहर गया, ठीक नौ माह बाद मैं एक बेटे की माँ बनी।

मेरे पति मेरी सास ससुर मेरी नन्द सभी खुश थे, मेरा माँ बनने का सपना पूरा हो गया था।
अब कोई भी मुझे बाँझ नहीं कह सकता था।



loading...

और कहानिया

loading...



sexrani.com/rep storypati.patni.sex.jabardast.kyon.karte.h....xxx....be.mast.photo.imagevidwa bhan se sex kiyabade land ki diwani padosan kahani hindi mema bahen ki chudai khet me antarvasnaparivarik chudai masaj new xxx kahani hindi photo sahitxxx bda land sya cudaiअतर वासना मराठी ऑडीयो कहाणी नोकराणी मराठी भाषा xxxgarl ferind ki chudai ka riyal kahani hindi me xxxगाँव के खुले मे गुरुप सेक्स कहानी।भाभीकी बालो वाली कांख कहानीhindi sex story bur ka operation story photomaa ki nabhi ko behrami se chodisanaki budhha hindi sex storyantarvasna storiesसेक्स कहानीयाँ भाइ बहन और बिबि के साथchudae sxye khane hendi gurup sxy hot dyseghar ki aurto ki barbadi chudai kahaniबबीता भाभी की पेटी बरा सेकसी कहानीlangote wale uncle se gay sex stori hindixnx antharvasana sex rane kahanemeri chudau suruat ajnabi ne ki kamukta.comsex dever ne bhabhi ko jabadsti boor chudai ki kahani hindi mesister.hot.bf.kahani.didi ki chudai rape sex kahaniyabhopuri chudai gand thukai storykamuktaxxxvrdeexxxxnnnx.chhoti.bahan.villagexxx rep ki kahanihot sex stories. bktrade. ru/hot sex kahaniya com/page no 20 to 38बीवी गैर के नीचे चूदीxxx in hindi sexkamkuta.com60 साल की चुदाई कहानीxxx ki hindi me kitabDOST KI BAHEN PAR RAPE KIYA SEXY KATHA.xxxkhani hhndisexkahanigindi/vidva bahuranisixey cudae ki hot kahani adieo you tarabजिजा ने चोदडाली कहानियांbahen ko bra penty gift Kiya chudai kahanividhwa basana boob kahanibhan की गण्ड की सेक्स स्टोरीsaxe khane hindeबाबा जी ने मॉ को चोदाchudi ki kahaninaked.deshi.hindi.free.sex.stori.comदेसी इंडियन फैमिली मेंबर ग्रुप सेक्स स्टोरी हिंदीmaa nay kamwali Ko mujhsay chudwayaboli roj chod lena chudai kahaniरिश्तों में वाईफ स्वैपिंग राज शर्मा कि सेक्स कहानीclass met की उसी के घर मे bur छुड़ाई की story हिंदी memumbaisexkahaniगांव की गालीया चूदाई कहानीmery shadisuda bahen ki kahanikhanichodaihindi,comभाई को रात में बहिन ने लगे हाथ पकड़ कर चुड़ै बफ वीडियोpahli mc me ilaj ke bahane uncle ne seal todi antarvasna.comsex story bhai bahn mere bhai ne meri gaand or choot mari I am pujaxxx kahani mom and deti jabrdastixxx doodh pataya gahi dina videokhaniy Hindi chudaisuhagrat hatho ko bandh kar sexhot sexy kahaniantravasna hindi kahanibete.ne.ma.ki.gand.mari.xxx.hindi.kahanijiji ne 15 sal ke bhai se chudai karai ki kahaniछोटी बहन को पटाकर चोदाxxx kahani chacha sekamuktahindi sakse kahneमासुम बेटी सेक्स कहानीसासू का BF जवाब के साथmeri kuwari cut risto me cudisadi suda didi ki tait aur piyasi bur choda chodai nonveg storygay chudai kahanihindi xxx kahani repdost ki pariwar ki majburi hindi sex storiesteacher ne maa ko mere samne choda sachi sex kahaniantarvasna bibi ke jaga andhara mama chud jay galti sanokari ke liye choda sx kahanukondam xxxs seal videoसहेली के पति और उसके दोस्तों ने मेरी च** का भर्ता बनायाchudaikikahanihindimsstram office samuhik sex khaniyaanप्यासी दुल्हन सेक्सी वीडियो हिंदी वाली नंगी फोटो चोदने वाला सेक्सी वीडियोchud me 18 inch land sexvxxxchutphotokahaniA2z new xxx chut chatne wala hot hd movie videos kamuktaxxx kahaniमालकिन की कुते से चुदाई की काहनी हिँदी मेअxxx image देवर भाभी का सतन दबाताrandi bankar chudwaya hindi xstorywww.hindi sexsi khaneya ssurji ne coudaxxx hot sexy kahaniya