हेल्लो मेरा नाम नविन हैं और मैं मुंबई से हूँ. मेरी एज २४ साल हैं और मैं इस साईट का बड़ा फेन हूँ. मेरी यह कहानी मेरी सिस्टर की एंगेज के बाद स्टार्ट हुई. उस वक्त मेरी एज २० साल की थी. घर में बड़ा होने की वजह से सभी अरेंजमेंट मेरे पास ही था. लड़केवाले हमारे घर आये हुए थे और मैं काम में लगा हुआ था.
काम खत्म कर के मैं नहाने के लिए अपने कमरे में चला गया. कमरे का दरवाजा खुला था और मैं बाथरूम में नाहा रहा था. नाहा के मैं बहार आया और देखते ही चौंक पड़ा. एक लेडी मेरे कमरे में कपडे चेंज कर रही थी. उस वक्त वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. क्या मस्त फिगर था उसका! मैंने भी सिर्फ तोवेल लपेटा हुआ था बदन के चारोतरफ. उसे इस स्थिति में देख के मेरा लंड फट से खड़ा हो गया. उसने मेरी और देखा और मैं फट से वापस बाथरूम में घुस गया. अन्दर से ही मैंने आवाज लगाईं की आप का हो जाएँ तो मुझे बताना.
थोड़ी देर में उन्होंने आवाज दी और मैं बहार आया. अभी वो एक सेक्सी गुलाबी साडी में थी. इस साडी में तो वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. वो मेरी और देख के मस्त स्माइल दे के चली गई. मैंने उन्हें पहले नहीं देखा था लेकिन आगे से मैं उन्हें देखता तो देखता ही रहता. जिस जिस फंक्शन में वो होती मैं उनके आगे पीछे ही रहने की कोशिश करता था. उन्हें भी पता था की मैं उनके इर्दगिर्द रहता हूँ.
जब वो लोग जा रहे थे तो मेरी मौसी ने हम दोनों की पहचान करवाई. वो मेरी बहन की चचेरी ननंद थी और उसका नाम अनुराधा था.
कुछ ही दिन के बाद दीदी की शादी फिक्स हुई थी और अनुराधा एक दिन किसी काम से हमारे घर आई थी. काम निपटा के जब उनको जाना हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कहा की नवीन बेटा इन्हें छोड़ आ तो जरा. मैंने अपना बाइक निकाला. मेरे घर से उनका घर करीब १५ किलोमीटर जितना दूर था. वो मेरी पीछे बैठ गई और मैं धीरे से बाइक को उनके घर की और भगाया.
रस्ते में मैंने उनसे कहा की उस दिन के लिए सोरी.
उसने हंस के कहा, गलती मेरी और सोरी तुम क्यों बोल रहे हो? मुझे ही रूम में आने से पहले पूछना चाहिए था.
मैंने जानबूझ कर ब्रेक लगाया एक खड्डे के सामने और उनका एकक बूब मेरे कमर को टच कर गया. वाऊ क्या मस्त मुलायम चुन्ची थी वो. मेरा लोडा एक सेकंड में ही खड़ा हो गया. पुरे रस्ते में मैंने कई बार चांस मारा. शायद वो भी जानती थी की मैं बार बार ब्रेक क्यों लगा रहा था.
फिर मैंने कहा, अगर आप बुरा ना माने तो आप से एक बात कहूँ?
उसने पूछा, क्या?
मैंने कहा, मैंने आप के जैसा फिगर नहीं देखा कभी पहले कसम से. आप को उपरवाले ने बड़ी ही फुर्सत से बनाया होगा.
उन्होंने मेरी कमर पर एक हाथ मारा और बोली, आप की मम्मी को बताऊँ यह सब!
मैंने कहा, देखा आप तो बुरा मान गई. मैंने पहले ही कहा था की अगर आप बुरा ना माने तो कुछ कहूँ.
उसने हंस के कहा, बाते अच्छी करते हो तुम वैसे.
फिर उन्होंने जो कहा उसका तो मुझे अंदाजा ही नहीं था.
उसने धीरे से पूछा, तुम कल मुझे मेरे घर आ के मिल सकते हो दोपहर में?
मैंने कहा, क्यूँ कुछ काम हैं.
उसने नजाकत से हंस के कहा, बड़ा जरुरी काम हैं.
मेरे मन में तो लड्डू फुट रहे थे. उसे मेरे से चुदाई के अलावा और क्या काम हो सकता था! मैंने उन्हें घर ड्राप कर दिया और वो घर में जा रही थी तो मैं उनके बड़ी कुलहो को इधर से उधर मटकते हुए देखने लगा. उन्होंने पीछे मुड के मुझे स्माइल दी और मैं बाइक की किक मार के घर की और निकल पड़ा.
दुसरे दिन २ बजे मैं उनके घर पहुंचा. उनके हसबंड जॉब पर गए हुए थे और वो घर में अकेली ही थी. उन्होंने दरवाजा खोला. मैंने देखा तो उन्होंने ब्ल्यू कलर की नाईटी पहनी हुई थी जिसके अन्दर ब्रा पेंटी शायद नहीं पहनी थी क्यूंकि बदन के उभार एकदम साफ़ दिख रहे थे नाइटी में. मैंने सोफे में बैठा और वो मेरी बगल में आके बैठ गई. मैं उन्हें देख रहा था तो वो बोली, मैं पहले दिन से ही तुम्हे जान गई थी. और जब तुमने मेरे फिगर का तारीफ़ किया तब तो मुझे पक्का यकीन हो गया.
मैंने भोले बनते हुए पूछा, किस चीज का यकीन?
उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और मेरे शर्ट का कोलर पकड के मुझे अपनी और खिंच के मेरे होंठो के ऊपर किस कर लिया. मैंने भी एक भी पल गवाएं बिना सीधे ही उनके बूब्स को हाथ में ले लिया. ब्रा नहीं थी अन्दर सच में और वो सॉफ्ट बूब्स दबाने का बड़ा मजा आ रहा था!
फिर मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर कर के निकाल फेंकी. सच में उसका गोरा बदन बड़ा ही क़यामत लग रहा था. मेरे होंठो से अब मैं चुन्चियो को चाटने लगा था. उनकी सिसकियाँ निकल रही थी..हम्म्म्म हम्म्म्म अआह्ह्ह आआआआआ….!
मेरा दूसरा हाथ अब धीरे से उनकी चूत की और बढ़ गया और मैं चूत को सहलाने लगा था. चूत एकदम लिसी थी और उसके होंठो पर चिकना पानी निकल चूका था जिसने चूत को चिकनी बना दिया था. अब उस से रहा नहीं गया और उसने हाथ लंबा कर के मेरे लोडे को अपने हाथ में ले के दबाया. मेरा लोडा तो एकदम टाईट हो चुका था. मैं इस चिकनी चूत को चाटने का मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहता था.
उनकी टांगो को सोफे के हेंडल पर रख के मैंने अपना मुहं चूत में डाला. चूत की गुलाब के पंखड़ियों जैसे होंठो को मैं अपने मुहं में डाल के चाटने लगा था अब! उसकी सिसकियाँ बढती ही जा रही थी और वो मेरे माथे को अपनी और खिंच रही थी. चूत से पसीने की बास आ रही थी और मैंने और भी जोर से उसे चाटने लगा था. एक मिनिट में ही उनकी चूत से पानी निकल गया जिसे मैंने पी लिया. फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं के सामने रख दिया. यह अनुभवी भाभी ने मुह को खोल के लोडे को सीधा ही लपक लिया. कुछ देर तक मेरे लोडे को मस्त चूसने के बाद उन्होंने लंड को निकाल दिया. अब हम दोनों किस कर रहे थे और वो मेरे बालों को अपने हाथो से मसल रही थी. अब वो चुदने के लिए एकदम तैयार थी.
मैंने सोफे के निचे उतर के उनकी दो टांगो के बिच में जगह बनाई. अपना लंड उसकी चूत पर रख के मैंने एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में कर दिया. वो मुझ से लिपट गई और मैं उसकी चूत में लोडे को अन्दर बहार करने लगा. उसकी चूत बड़ी ही हॉट और गीली थी मेरा लोडा बिना किसी परेशानी के अन्दर बहार हो रहा था. वो मुझे पूरा सपोर्ट कर रही थी और अपने बदन को हिला के मेरे साथ मजे ले भी रही थी. हालांकि उसको दर्द ही हो रहा था जो उसकी सिसकियों से साफ़ पता चलता था!
अब मैंने अपना स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से चोदने लगा तो वो भी जोर जोर से आह आह ओह ओह ऊऊह ऊह्ह्ह्ह ऊऊउ करने लगी. २ मिनिट की और चुदाई में तो उसकी योनी झड़ गई और मेरे लोडे को गिला कर गई.
लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था. मैंने उसके बूब्स को चूसता हुआ अपने लोडे को अभी भी ठोके जा रहा था. उसकी साँसे फुल गई थी और पसीना निकलने लगा था. वो मुझे गले लगा के अपनी तरफ से मेरा लोडा खाली करने के लिए पूरा प्रयत्न कर रही थी. मैंने भी झड़ने के लिए अपनी स्पीड एकदम तेज कर दी थी और लंड जैसे की मख्खन में छुरी होती हैं ऐसे बिना किसी रुकावट के हिल रहा था.
बस दो मिनिट और मैंने उसे चोदा था की मुझे लगा की बदन का सारा लहू लोडे की और बढ़ रहा हैं. बदन में एक झटका लगा और लंड के मुहं से पेशाब के जैसे ही एक धार निकल पड़ी. १०-१५ मिलीलिटर वीर्य उसकी ढीली चूत में निकला जिसमे से कुछ बुँदे बहार भी टपक पड़ी. उसने बड़े ही प्यार से मुझे गले लगाया और किस करने लगी. दो मिनिट तक मैंने लंड को बहार नहीं निकाला और हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर जब मैंने लंड बहार खिंचा तो उसने निचे झुक के लोडे के ऊपर से सारा माल चाट लिया.
उसने खड़े हो के फिर मुझे चुम्मा लिया और बोली की आज बहुत दिनों के बाद उसे पूरा सुख मिला था. मेरे लिए अपनेआप प् गर्व करनेवाली ही बात थी. मैंने कपडे पहने और फिर उससे आगे मिलने का वादा कर के मैं निकल पड़ा.
फिर तो दीदी की शादी के पहले मैं उसके पास बिलकुल जा नहीं सका था. शादी में भी हम एक दुसरे से बहुत बार मिले लेकिन चुदाई का जुगाड़ नहीं हुआ, लेकिन दीदी की शादी के बाद उसकी यह हॉट ननंद का चूत चोदन कार्यक्रम अभी भी चालु हैं. हमारे सबंध से उसको एक बेटी भी हुई हैं, और वो कहती हैं की उसकी नाक बिलकुल मेरे जैसे ही है!