बैगन वाली भाभी की चूत मे मेरा बैगन
हैल्लो दोस्तों, एक दिन में किसी काम से उनके घर दोपहर को 2 बजे गया था। फिर जब में वहाँ पहुँचा, तो उन्होंने ही दरवाजा खोला और उस वक़्त वो कुछ हांफती सी लग रही थी। फिर उन्होंने मुझे अंदर बैठाया और बोली कि घर पर कोई नहीं है, सब बाहर गये है और कल तक वापस आएँगे। फिर मैंने कहा कि ठीक है में बाद में आ जाऊंगा। फिर उन्होंने कहा कि इतनी भी जल्दी क्या है? बाहर काफ़ी गर्मी है कुछ ठंडा पी जाओ और फिर वो हम दोनों के लिए ठंडा बनाकर ले आई। उस वक़्त वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी और उन्होंने ड्रेस भी कुछ ऐसी पहन रखी थी कि उनके आधे बूब्स बाहर निकालने को बेताब हो रहे थे। फिर मैंने कुछ हिम्मत करके उनसे पूछा कि वो दरवाजा खोलते वक़्त हाँफ क्यों रही थी? तो वो घबरा गयी। फिर तभी मुझे लगा कि कुछ तो गड़बड़ है। फिर उन्होंने कहा कि कोई ख़ास बात नहीं कुछ काम रही थी इसलिए। फिर तभी मैंने उनसे कहा कि मुझे टॉयलेट जाना है, तो उसने बताया कि टॉयलेट उधर है। तो में टॉयलेट में घुसा तो मेरा दिमाग खराब हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया। अब वहाँ लंबे-लंबे कई बैगन पड़े थे और पास ही में उनकी पेंटी और ब्रा पड़ी थी।
अब में समझ गया था कि उन्होंने गाउन के नीचे कुछ नहीं पहन रखा है। फिर में बाहर आया तो वो मुझे अजीब सी नजर सी देख रही थी। फिर मैंने कहा कि सुमन घबराओ मत, मुझे आपके हांफने का कारण समझ में आ गया है और जाकर उनको अपनी बाँहों में उठा लिया और लिप किस करने लगा। अब उस वक़्त वो पहले से ही गर्म थी और अब ज्यादा हो गयी थी। फिर उसके बाद हम बेडरूम में चले गये, तो तभी वो बोली कि कुछ देर रूको, में तैयार हो जाती हूँ। फिर मैंने कहा कि कैसे तैयार हो जाओगी? तो तब वो बोली कि मेरी शादी तो हुई नहीं और ना ही सुहागरात तो कम से कम सुहागदिन तो अच्छी तरह से मना लूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है।
फिर वो ड्रेसिंग रूम में चली गयी और फिर जब 15 मिनट के बाद वो बाहर आई तो वो किसी अप्सरा के जैसी लग रही थी। अब मैंने उनके बाहर निकलते ही उनको अपनी बाँहों में भर लिया था और उन्हें चूमने लगा था। फिर उन्होंने कहा कि कोई जल्दी नहीं है, हम आराम से अपना सुहागदिन मनाएगें। फिर करीब आधे घंटे तक हम एक दूसरे के कपड़े खोलते हुए किसिंग करते रहे। फिर उसके बाद मैंने उनकी चूत को देखा, जो अब तक फूलकर संतरे की फाँक के जैसी हो गयी थी और मेरा लंड अपनी लम्बाई से 1 इंच ज्यादा बड़ा लग रहा था। फिर तभी में उनकी चूत को चाटने लगा और वो मस्त होती गयी, तो इसलिए में अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नहीं रोक सके।
फिर वो बोली कि में ही तुम्हारी वाईफ बन जाती हूँ और मुझे अपनी वाईफ समझो और मेरे साथ सब कुछ करो और फिर उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया। अब वो मेरे लिप्स को बुरी तरह से किस करने लगी थी। अब मैंने उनको खींचकर बेड पर लेटा दिया था और उनकी चूत को किस करने लगा था और फिर 10 मिनट तक उनको चूमता रहा और फिर उनके बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था। अब वो सिर्फ़ आआहह, आह कर रही थी और में उसे चूसता ही रहा।
फिर थोड़ी देर के बाद जब मैंने उनकी चूत की तरफ देखा तो वो गीली हो चुकी थी और सुमन सिसकी मारकर कह रही थी कि तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले? पहले क्यों नहीं आए? में इस दिन के लिए कब से तरस रही थी? आज मुझे पूरी औरत बना दो, प्लीज। अब वो सिसकारी मार रही थी आह, आस्स्स्स्शहस, आआह, सशहस्स्स, आह, आहहहह। अब हम दोनों ही इतने ज्यादा गर्म हो चुके थे कि हम दोनों को ए.सी में भी पसीने आ रहे थे। अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और कसकर दबा रही थी।
मौका देख सगी चाची को चोद दिया
फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपनी कमर को ऊपर उठा लिया और मेरे तने हुए लंड को अपनी जाँघो के बीच में लेकर रगड़ने लगी। अब वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी थी ताकि मेरे लंड को ठीक तरह से पकड़ सके। अब उसकी चूची मेरे मुँह के बिल्कुल पास थी और में उन्हें कस-कसकर दबा रहा था। फिर अचानक से उन्होंने अपनी एक चूची मेरे मुँह में डालते हुए कहा कि इनको अपने मुँह में लेकर चूसो। तो मैंने उनकी लेफ्ट चूची को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।
फिर थोड़ी देर के लिए मैंने उनकी चूची को अपने मुँह से बाहर निकाला और उनकी चूत को चूमने लगा। फिर उन्होंने कहा कि अगर तुम मुझे पहले इशारा कर देते तो हम पता नहीं कितनी बार सुहागदिन और रात मना चुके होते? ख़ैर अब तो में तुम्हारी हूँ ही जब मन करे एक दिन पहले बता देना और फिर मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, जो कि अभी भी बड़ी टाईट थी।
अब में मेरा लंड धीरे-धीरे सुमन की कसी हुई चूत में अंदर-बाहर करने लगा था। फिर उन्होंने स्पीड बढ़ाकर करने को कहा तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा। अब उनको पूरी मस्ती आ रही थी और अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर मेरे हर शॉट का जवाब देने लगी थी। अब उनकी चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुँच गया हूँ। अब जैसे-जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी उसकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी।
अब उन्होंने अपनी टांगो को मेरी कमर पर रखकर मुझे जकड़ लिया था और ज़ोर- ज़ोर से हांफने लगी थी। अब पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज से भरा पड़ा था आह मेरे राजा में मर गयी और जोर से चोदो रे, उईईईईईई में गयी माँ, आह फट गयी। अब इन सब में 45 मिनट निकल चुके थे और अब मेरा निकलने को तैयार था। फिर तभी वो बोली कि में तो गयी और अब में ज्यादा ज़ोर से धक्के देने लगा था।
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फिर करीब 10 मिनट के बाद मेरा भी पानी निकला और मैंने उनकी पूरी चूत को भर दिया। अब हम दोनों हांफने लगे थे और एक दूसरे से चिपक गये थे। फिर जब हम अलग हुए और टाईम देखा तो 7 बज रहे थे। फिर हम दोनों बाथरूम में गये और एक साथ बाथ लिया और कॉफ़ी पी। फिर वो बोली कि आज तुमने मुझे पूरी औरत बना दिया है, बोलो में तुम्हारे लिए क्या करूँ? तो तब तक मुझे थोड़ा-थोड़ा मज़ा वापस आने लगा था तो मैंने कहा कि सुमन पहले थोड़ा आराम लेते है। अब हम दोनों पूरे नंगे थे। तो वो बोली कि तुम आज मेरे साथ ही रुक जाओ, तो में बोला कि हाँ मेरी रानी, अब में तेरी सुहागरात भी मनाउंगा। अब हम दोनों का नंगापन अपने आप एक दूसरे को गर्म करने लगा था। अब हम दोनों प्यार से एक दूसरे के अंगो को छूकर या चूमकर आनंद लेने लगे थे। अब तक हम दोनों वापस चार्ज हो चुके थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे और अब वो मुझे चूमने लगी थी। अब तब तक मुझे भी नशा हो चुका था तो मैंने उनको वही लेटाकर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी दोनों चूचीयों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा और साथ में अपने लंड को उनकी चूत में अंदर और अंदर ले जाने के लिए ज़ोर-ज़ोर से झटके लगा रहा था।
अब इधर सुमन चीखने लगी थी और नहीं आआहह करके कराह रही थी। फिर आधे घंटे तक चुदाई करने के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उनकी चूचीयों को धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया। अब सुमन भी थोड़ी देर में मस्ती में आ गयी थी और अब वो मेरे हर एक झटके के साथ अपने मुँह से उउउहह माँ की आवाज निकाल रही थी। फिर थोड़ी देर में ही हम दोनों एक साथ फ्री हो गये और मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में ही डाल दिया। अब 2 घंटे के बाद हम दोनों फिर से तैयार थे और फिर आप तो जानते ही है कि फिर क्या हुआ होगा? फिर उसके बाद हम दोनों जब कभी भी कोई मौका मिलता तो हम अपना काम कर लेते है। फिर उस दिन के बाद हमें जब कभी भी मौका मिला तो हम दोनों ने जी भरकर चुदाई का सुख पाया और वो भी उछल-उछलकर हर बार मेरा साथ देती रही ।।
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