भांजे को पटाकर उसका मस्त मोटा लंड चूत में लिया
गीता कपूर आप सभी का में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मै कानपूर की रहने वाली हूँ। जब मै 18 वर्ष की जवानी में आई तो मेरे घर वालो ने मेरी शादी करवा दी। मेरी शादी अखिलेश नाम के लड़के के साथ हुआ। मै दिखने में ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन जब मै जवान थी तब मेरी चुचियाँ सुडौल और एकदम टाइट थी। मेरे ज्यादा गोरी ना होने से लड़के मुझे लाइन नहीं देते थे। मेरे चुदने का सपना तो कॉलेज में नही पूरा हो पाया था। मेरा सपना था कि बड़े मोटे लंड वाला आदमी मुझे चोदे ,लेकिन सायद ये मेरी किस्मत को नही मंजूर था। जब मेरी शादी हुई, तो सुहागरात की रात आई। मैंने सोचा की आज मेरे चुदने का दिन आ गया। रात हुई मेरे कमरे में बेड को अच्छी तरह फूलो से सजाया गया पूरा कमरा फूलो के खुशबू से महक रहा था। रात के 11 बजे थे ,मेरे पति कमरे में आये। मै बेड पर बैठी थी। दिखने में तो मेरे पति 6 फुट लंबे बॉडी के थे। मैंने सोच की बॉडी की तरह ही इनका लोडा भी 8 इंच का होगा। जब वो आकर बेड पर बैठे तो मै समझ नही पा रही थी कुछ बोलूं या ना बोलूं । मै तो चुप ही रही फिर कुछ देर बाद मेरे पति ने अपने हाथो से मेरा घुघट उठाया और एक सोने अंगूठी दी, मेरे हाथो को पकड़ा और मेरी अनामिका में पहना दी। मै खुश हो गई फिर थोड़ी देर तक हम दोनों ने बातें की। बातें करते करते 11:30 बज गये । मेरे पति ने मुझसे खूब रोमांटिक बातें कर रहें थे। बातें करते करते उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथो पर रख दिया। मुझे पता चल गया था की अब मेरे पति का मुझे चोदने का मन कर रहा है। उन्होंने अपने हाथो को मेरे हाथो पर सहलाना शुरू कर दिया। हाथो के सहलाने से मै भी जोश में आने लगी थी।
जब अखिलेश को लगा की मै भी जोश में आने लगी हूँ ,तो अखिलेश ने अपना सिर मेरे सिर की तरफ बढ़ने लगा। मुझे पता चल गया की अब ये मुझे किस करने वाला है, यो मैंने भी अपना सिर अखिलेश को ओर बढ़ा दिया हम दोनों का होठ एक दूसरे के होठ में छु गया। जैसे ही होठ छुआ अखिलेश ने अपने हाथो से मेरा सिर पकड़ा ओर मेरे होठो को चूसने लगा। वो मेरे होठो को चूस रहा था ,ओर मै भी उसके होठो को चूस रही थी। कभी उसका होठ मेरे मुह में ओर कभी मेरा होठ उसके मुह में। हमने लगभग 15 तक किस किया। किस करते करते अखिलेश ने अपने हाथो को मेरी गर्दन से नीचे उतारने लगा ओर मेरी चूची को दबाने लगा। पहले तो उसने बिना कपडे को उतारे मेरी चूची को दबाता रहा ओर मुझे किस करता रहा। कुछ देर ऐसे चलता रहा फिर अखिलेश ने अपना शर्ट ओर मझे भी कपडे उतारने को कहा ,मुझे थोड़ी शर्म लग रही थी लेकिन मैंने धीरे से अपने लाल रंग की ब्लाउस को निकाल दिया। ब्लाउस के अंदर मैंने सफ़ेद रंग का ब्रा पहना था। फिर मैंने अपनी साडी भी उतार दी ,अब मै केवल सफ़ेद रंग के ब्रा और और काले रंग के पेटीकोट में थी। मै मन ही मन बहुत खुश थी आज मै पहली बार चुदूंगी। अखीलेश ने अपना पैंट उतार दिया उसने आसमानी रंग का अंडरवेअर पहना था। उसका लंड ऊपर से ही दिख रहा था। हमने कपडे उतार दिए फिर अखिलेश ने मुझे बेड पर लेटा दिया ओर मेरी सफ़ेद रंग के ब्रा को निकाल दिया। मेरी चूची को पीने लगा वो मेरी एक चूची को पी रहा था ओर एक हाथ से मेरी दूसरी चूची को दबा भी रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मै एकदम जोश में थी उसने बहुत देर तक मेरी चूची को पिया । फिर उसने मेरी कमर को पीते –पीते मेरी चूत तक पहुच गया। अब तो हद ही हो गयी अखिलेश तो सेक्स वीडियो की तरह मेरी चूत को पीने लगा। जब वो अपनी जीभ से मेरी चूत के उपरी भाग में जीभ हिलाता तो जैसे मेरी बॉडी में करंट सा लग रहा था। मेरी चूत की अभी तक सील भी नहीं टूटी थी ,इसलिए उसका जीभ मेरी चूत में ज्यादा नही घुस रहा था। लेकिन अखिलेश मेरी चुत को बहुत अच्छी तरह से पी रहा था। मुझे भी मजा आ रहा था। कुछ देर तक उसने मेरी चुत को पिया।
फिर अखिलेश ने अपने लोड को बाहर निकालने लगा ,मैंने सोचा की कम से कम 8 इंच का होगा ही ,लेकिन जब उसने अपना लंड निकाला तो मुझे उसका लंड देखने में छोटा लग रहा था। अखिलेश ने अपने हाथ में अपना लंड पकड़ा ओर मेरी चूत पर सहलाने लगा, धीरे –धीरे उसने अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा। मेरी चूत की अभी तक सील नही टूटी थी ,इसलिए अखिलेश को थोडा दम लगाना पड़ रहा था। लेकिन फिर भी उसका लंड मेरी चूत में नही जा रहा था। अखिलेश ने थोडा ओर जोर लगा कर उसने अपना लोडे को मेरी चूत में डाल दिया। जैसे ही उसका लंड मेरी चूत में गया मेरे मुह से चीख निकाल पड़ी ओर मेरी चूत से खून भी निकाल पड़ी। जब पहली बार उसका लंड मेरी घुस गया तब ,अखिलेश ने मुझको जोरो चोदना शुरू किया ,लेकिन उसका लंड काफी छोटा था इसलिए मुझे ज्यादा मजा नही आ रहा था। लेकिन फिर भी ये मेरी पहली चुदाई थी, इसलिए ठीक ही थी। अखिलेश मेरी चुदाई बहुत तेजी से कर रहा था और मेरे मुह से “….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….”की आवाज़ निकाल रही था । बहुत देर तक उसने मुझे चोदा जब उसका मन मेरी चूत को चोदने से भर गया तो उसने मुझसे कहा कि तुम कुतिया कि तरह हो सकती हो। मै कुत्तिया के पोस में हो गई। उसने अपने लंड में थोडा सा थूक लगाया ओर मेरी गांड मारना शुरू कर दिया । वो अपने लंड को बड़ी तेजी मेरी गांड में घुसाता ओर निकालता। जितनी तेज वो मेरी गांड मरता मेरी मुह से उतनी ही आह आह आह आह आह ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….की आवाज़ निकाल रही थी। लगातार वो मेरी गांड मार रहा था।
कुछ समय बाद जब वो थोडा थक गया तो उसने मेरी गांड मारना बंद कर दिया। अखिलेश ने अब अपना लंड पकड़ा और अपने हाथो से मुठ मारने लगा। सायद अब वो झड़ने वाला था। वो बड़ी तेजी से मुठ मार रहा था। और अब उसके लंड से सफ़ेद माल निकलने लगा और उसके मुह से आह की आवाज़ निकाल रही थी। फिर अखिलेश ने एक कपडे से अपना लंड साफ किया। इसके बाद वो मेरी बगल में आकर बैठा और मुझे फिर से किस करने लगा। कुछ देर तक उसने मुझे किस किया, उसके बाद थोड़ी देर तक हमने बातें की। हम सोने के लिए लेट गये। अखिलेश तो सो गया लेकिन मै यही सोच रही थी की मेरी पहली चूदाई तो हो गयी ,लेकिन मुझे ज्यादा मजा नही आया क्योकि उसका लंड छोटा था। इस तरह से मेरी पहली चुदाई हुई। मुझे अखिलेश के लंड से संतुष्टी नही थी, मै और बड़े ओर मोटे लंड से चुदना चाहती थी।
धीरे धीरे समय बीता। हमारी शादी के 1 साल हो गया। लेकिन रोज वही छोटा और पतले लंड से चुद चुद कर थक चुकी थी मै। मै मोटा लंड चाहती थी, इसलिए भगवान ने मेरी इच्छा पूरी कर दी। गर्मियों का दिन था। गर्मी की छुट्टी में बहुत से लोग अपने रिश्तेदारों के घर घूमने जाते है। मेरा भांजा अशोक भी अपने मामा के घर पर घूमने आया था। मेरा उससे मामी और भांजे का रिश्ता था। उसकी उम्र लगभग 19 होगी। कद लगभग 6 फीट होगा। मैंने तो सोचा ही नही था कि मै अपने भांजे से चुदजाउंगी। जब अशोक आया तो उसने मेरे पैर छुए मैंने भी आशीर्वाद दिया। अशोक लगभग 10 दिनों के लिए के लिए आया था। पहले दिन तो कुछ खास बात नही हुई, वो मुझ से थोडा शर्मा रहा था। लेकिन दूसरे दिन से वो मुझसे थोड़ी बातें करने लगा। दिन के समय घर पा को रहता नही था। सारे कम खत्म करके दिन के समय मै और अशोक बातें करते।
एक दिन अशोक टॉयलेट में मुठ मार रहा था और मेरे यहाँ टॉयलेट में कुण्डी टूट गयी थी, मुझे पेशाब लगी थी। मै जल्दी से टॉयलेट में घुसी तो मैंने देखा कि अशोक अपने 8 इंक के मोटे लोडे को पकड़ कर मुठ मार रहा था। मुझे देख कर अशोक सरमा गया, मै वहां बाहर चली आई। कुछ देर बाद अशोक बाहर आया सिर नीचे करके वहां से चला गया। मै उसके लंड को देख कर दीवानी हो गई , मैंने सोच लिया था की मुझे अशोक से एक बार चुदना है। इसलिए मैंने अशोक को लाइन देना शुरू कर दिया। अशोक मुस्कुराने लगा ,मै जान गई कि ये मेरी बातों पर गोर कर रहा है ।
हर रोज की तरह अशोक के मामा सुबह काम पर चले जातें थे। उस दिन अशोक खाना खाकर लेटा था, मै उसके बगल में जाकर बैठ गई। मैंने अशोक से पूछा क्या सोने जा रहा है, अशोक ने सिर हिलाते हुए कहा नही बस थोडा आराम कर रहा हूँ। मैंने बातों ही बातों में अपना हाथ अशोक की जांघ रख दिया। मेरे हाथ रखते ही अशोक भी जान गया की मामी के इरादे ठीक नही है। मै अशोक से बात करती और अपने हाथो को उसके जांघ पर सहलाया भी रही थी। अशोक का भी मूड बनने लगा था। उसका लंड खड़ा हो रहा था जोकि उसके लोवर के ऊपर से दिख रहा था। मैंने अपने हाथ को उसके जांघ से थोडा ऊपर खिसकाने लगी और धीरे धीरे मेरा हाथ उसके लंड के पास पहुच गया।
अंत में मैंने अपना हाथ अशोक के लंड पर रख दिया। अशोक ने कहा की मामी आप ये क्या कर रही है , मैंने बिना शरमाते कहा “अशोक क्या तुम मुझे चोदना चाहोगे?? अशोक ने कहा क्यों मामा नही चोदते है क्या?? मैंने कहा की तुम्हारे मामा का लंड बहुत छोटा है ओर मुझे बिल्कुल मजा नही आता है। मैंने तुम्हारा लंड देखा है काफी बड़ा है। क्या तुम मुझे चोदोगे?? मैंने किसी तरह से अशोक को चोदने के लिए मना लिया और दरवाजा बंद कर दिया। सबसे पहले अशोक ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मझे किस करने लगा। वो मेरे होठो को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई रसीला आम चूस रहा हो । मै भी उसके होठो को चूसने लगी।
अशोक मेरी होठो को पीते पीते मेरी चूची भी दबा रहा था। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। अशोक किस करते हुए मेरी काले रंग की ब्लाउस की बटन को खोलने लगा। ब्लाउस की बटन खोलने के बाद उसने मुझे किस करना बंद कर दिया। मैंने उस दिन ब्रा नही पहनी थी। अब अशोक मेरी चूची को पीने लगा। वो अपनी जीभ से मेरी चूची को सहला रहा था। अशोक मेरी चूची को इस तरह से पी रहा था की जैसे कोई भूखा बच्चा अपने माँ का दूध पी रहा हो। अशोक एक हाथ से मेरी एक चूची को मसल रहा रहा और साथ साथ मेरी दूसरी चूची को पी भी रहा था। रसीली सुडौल और गोल मम्मो को पीने के बाद अशोक ने अपना लौड़ा निकाला और मेरे मुंह की तरह बढ़ाने लगा। मैंने अशोक के 8 इंक के लोडे को पकड़ा और अपने मुह में डाल लिया। मै अशोक के बड़े और मोटे लोडे को चूसने लगी ,मुझे बड़ा मजा आ रहा था क्योकि मेरा सपना था की कोई मोटा और बड़े लंड से मेरी चुदाई हो। मै उसके लंड को चूसते हुए अपने हाथो से उसके गोली को सहला रही थी।
बहुत देर तक मै अशोक के लोडे को चूसती रही। मेरे चूसने के बाद अशोक ने मुझे फिर से बेड पर लेटाया और बिना साडी खोले उसने साडी को उठा दिया। मेरी लाल चड्डी को अपने हाथो से निकाल दिया। मैंने अशोक से कहा कि क्या तुम मुझे चोदने से पहले मेरी चूत नही पिओगे। अशोक मेरी चूत तो पीना नही चाहता था, लेकिन मेरे कहने पर उसने मेरी चूत पीना शुरू कर दिया। जब अशोक मेरी चूत पी रहा था,तो मै तो एकदम से तड़प रही थी। अशोक ने अचानक से मेरी चूत से मुंह हटा लिया। मैंने पूछा क्या हुआ लेकिन अशोक ने कुछ नही कहा और मेरी चूत पीने लगा ।
बहुत देर तक चूत पीने के बाद अशोक ने मुझे चोदने के लिए अपने लोडे को मेरी चूत में डालने लगा। अशोक मुझे इतनी जोर लगा कर चोद रहा था कि मेरे मुंह से
केवल “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” की ही आवाज़ निकल रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। अशोक के चोदने की स्पीड बहुत तेज थी। चोदते हुए वो रुकने का नाम ही नही ले रहा था। मेरी तो चूत फटी जा रही थी और मेरे मुह से केवल आह आह आह कि चीख निकाल रही थी। उसका 8 इंक लंबा और मोटा लंड कभी मेरी चूत के अंदर तो कभी बाहर। अशोक इतनी तेजी से मुझे चोद रहा थी कि उसके माथे से पसीना गिरने लगा था। उसकी चोदने कि स्पीड बढ़ने लगी वो और जोर लगा कर मुझे चोदने लगा। सायद अब उसका गिरने वाला था तो उसने अपने लंड को निकाल कर मेरी दोनों चूचियों के बीच में रख कर पेलने लगा। अशोक बड़ी तेजी से मेरी दोनों को सटाए हुए पेल रहा था थोड़ी देर में उसके लंड कि महीन से छेद में से उसका माल निकने लगा और मेरे गले पर गिर रहा था। थोड़ी देर में अशोक का लंड सूख गया। अशोक ने एक कपडे से मेरा गला साफ किया और अपना लोडा भी। चुदाई खत्म होने के बाद अशोक ने कुछ देर तक मुझे किस किया। हमने बातें की। मै अशोक के पास से चली आई। इस तरह से मेरे मोटे, बड़े और लम्बे लंड से चुदने का सपना पूरा हुआ। कहानी आपको कैसे लगी
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