भाभी की चूत को फाड़ डाला
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और में दिल्ली में रहता हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है, जिसको में आज आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ. मेरी उम्र 26 साल, दिखने में ठीकठाक हूँ और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है. मुझे बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ने का बहुत शौक है और पिछले कुछ सालों में मैंने अब तक बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है और उनको पढ़कर में बहुत बार मुठ मारकर अपने लंड को शांत करता हूँ और ऐसा करने में मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है और मुझे बहुत अच्छा लगता है.
अब में आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी आज की कहानी पर आता हूँ, जिसको में बहुत सोच समझकर बड़ी मेहनत करके यहाँ पर पहुंचाया है. दोस्तों में एक प्राइवेट कंपनी में इंजिनियर हूँ और मेरी कंपनी में बहुत सारे लोग काम करते थे, लेकिन उनमें से एक था दिनेश. दोस्तों उसने मुझसे अपना मेल जोल बढ़ाने की बहुत कोशिश की, वो मुझसे बात करने के बहाने ढूंढता रहता था और मुझे अपने काम से खुश करने की कोशिश किया करता था और में भी धीरे धीरे उससे थोड़ा खुलकर बातें हंसी मजाक करने लगा था. वैसे वो मन का बहुत साफ इंसान था, इसलिए मेरा उसके लिए व्यहवार बहुत अच्छा था.
एक दिन उसने मुझे उसके बेटे के जन्मदिन पर अपने घर पर बुला लिया और में जब उसके घर पर पहुंचा तो उसकी बीवी ने दरवाजा खोला, वो बहुत ही सुंदर लग रही थी और उसका फिगर करीब 32 -28 -34 होगा. उसने उस समय साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें वो बहुत ही हॉट सेक्सी लग रही थी और उसको देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया, वो बहुत ही गोरी थी.
मैंने उससे दिनेश के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वो अंदर ही है. तभी उसका पति बाहर आ गया और उसने मेरा परिचय अपनी सेक्सी पत्नी से करवाया. उसके बाद हम सभी अंदर चले गये और कुछ देर बाद हमने खाना खाया और कुछ इधर उधर की बातें भी की.
लेकिन दोस्तों सच पूछो तो मेरा पूरा ध्यान कहीं दूसरी तरफ था, में बार बार अपनी चोर नजर से भाभी की गांड और बूब्स को ही देख रहा था और उन्होंने एक दो बार मुझे उनको घूर घूरकर देखते हुए गौर भी किया, लेकिन उनका व्यहवार मेरे लिए तब भी वैसा ही था और उन्होंने मेरी हर एक बात का हंसकर मुस्कुराकर जवाब दिया, शायद उनको मेरे देखने की बात से किसी भी तरह की कोई भी आपत्ति नहीं थी, इसलिए मैंने भी सब कुछ अनदेखा करके देखना घूरना जारी रखा.
दोस्तों थोड़ी देर के बाद जब मैंने उन्हें घर जाने के लिए बाय बोला तो उस समय मेरा मन उनसे दूर जाने की बात से थोड़ा सा उदास था, लेकिन फिर भी ना चाहते हुए में उनसे विदा लेकर अपने फ्लेट पर आ गया.
दोस्तों यह मेरी उस सेक्सी भाभी से पहली मुलाकात थी और घर पर पहुंचने के बाद भी में दिन भर उसी के बारे में सोचता रहता था. वो अनुभव बहुत अच्छा था और कुछ दिन बाद उसके पति ने मेरी कंपनी से काम छोड़ दिया, क्योंकि उसकी हिमाचल में किसी दूसरी कंपनी में नयी नौकरी मिल गई थी और उसको वहाँ पर अकेले ही जाना था, इसलिए दिनेश अकेला हिमाचल चला गया और अपनी नौकरी करने लगा.
एक दिन शाम को दिनेश का मेरे पास कॉल आ गया और उसने मुझे बताया कि उसकी पत्नी की तबियत कुछ खराब है और उसने मुझसे उसके घर पर जाने के लिए कहा.
मैंने उससे जाने के लिए हाँ कह दिया और अब में उससे बात खत्म करके तुरंत उसके घर के लिए निकल पड़ा, वैसे उसका घर मेरे फ्लेट से बस 20 मिनट की दूरी पर ही था. मैंने रास्ते में रुककर भाभी के लिए फ्रूट जूस और दिनेश के बच्चो के लिए कुछ चोकलेट खरीद ली और उसके घर पर जाकर मैंने भाभी का हाल चाल पूछा, उन्हें सर दर्द था और हल्का सा बुखार भी था.
भाभी ने उस समय लाल कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. सबसे पहले में पास के एक मेडिकल स्टोर पर जाकर उनके लिए दवाई ले आया और फिर मैंने उन्हें दे दी, उस दवाई को खाने के थोड़ी देर बाद उन्हें अब कुछ आराम महसूस हो रहा था. में उनके पास बैठा हुआ था और टी.वी. देख रहा था और मेरे साथ साथ उनके बच्चे भी टी.वी. देख रहे थे, लेकिन वो तो कुछ देर बाद देखते देखते वहीं पर सो गये. अब उन्होंने मेरी मदद से बच्चों को उठाकर पास वाले उनके रूम में सुला दिया और इस बीच मेरा हाथ बहुत बार उनके सेक्सी गोरे बदन से छुआ तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
अब भाभी और में फिर से साथ में बैठकर टी.वी. देखने लगे, लेकिन दोस्तों में टी.वी. को कम और भाभी को ज्यादा देख रहा था. उनका वो सुंदर गोल गोरा चेहरा, उभरी हुई छाती, गोरी बाहें मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी, जिनको देखकर में एकदम पागल हो चुका था.
कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी से कहा कि अगर आप कहें तो में आपका सर दबा देता हूँ, उससे आपको बहुत आराम मिलेगा. अब भाभी कुछ देर मुझसे आनाकानी करते हुए बाद में मान गई.
दोस्तों भाभी अब मेरे कहने पर सोफे पर लेटी हुई थी और मैंने हल्के हाथों से उनका सर दबाना शुरू किया तो उन्होंने कुछ ही देर बाद अपनी आखों को बंद कर लिया था और अब में उनके बदन को घूर घूरकर देख रहा था. मैंने ध्यान से देखा कि उनके बूब्स की निप्पल उठी हुई थी और मुझे उनकी गोरे गोरे पैर भी दिख रहे थे. यह सब कुछ देखकर पेंट के अंदर मेरा लंड अब फनफना रहा था, मेरा लंड उस समय पूरे जोश में तनकर खड़ा था.
दोस्तों भाभी के सर को दबाते दबाते हुए में अब उनकी पतली सुराही जेसी गर्दन तक पहुंच गया था और अब में उनके कंधे भी दबाने लगा था, जिसकी वजह से भाभी को अब बहुत अच्छा लगने लगा था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके चुपचाप लेटी हुई थी, वो शायद बहुत अच्छा महसूस कर रही थी, लेकिन दोस्तों मैंने अब उनको चोदने का मन बना लिया था, इसलिए अब में उनके कंधो से नीचे उनकी छाती की तरफ आगे बढ़ना चाह रहा था.
मैंने थोड़ा सा डरते हुए भाभी के एक बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और दूसरे हाथ से सर को सहलाता रहा, लेकिन भाभी ने मेरी इस हरकत का कोई भी विरोध नहीं किया और वो मेरा हाथ अपनी छाती पर महसूस करने के बाद भी एकदम चुपचाप लेटी रही. अब में तुरंत समझ गया कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है और अब मुझे उनकी तरफ से एक ग्रीन सिग्नल मिल चुका था और अब तो मेरा लंड पेंट से बाहर आने के लिए तड़प रहा था.
मैंने किसी भी बात की परवाह ना करते हुए भाभी के दोनों बूब्स को अब सहलाना शुरू कर दिया और मैंने महसूस किया कि उनके बूब्स बहुत बड़े आकार के और बहुत मुलायम भी थे, वो मेरे साथ अपनी दोनों आँखें बंद करके पूरे पूरे मज़े ले रही थी और कुछ देर बाद मैंने उनके दोनों बूब्स को बहुत कसकर पकड़ लिया और फिर उनके नरम गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रखकर में उनको किस करने लगा.
कुछ देर बाद भाभी ने किस्सिंग करने में मेरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे अब ज्यादा मज़ा आने लगा था और फिर मैंने अचानक से उनकी मेक्सी में हाथ डालकर उनके दोनों बूब्स को पकड़ लिया और अब में दोनों को बारी बारी से दबाने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो अब मोन करने लगी. दोस्तों मैंने भाभी के साथ करीब 7-8 मिनट किस किया और उसके बाद में उनकी गर्दन पर किस करने लगा, जिसकी वजह से वो एक एकदम मदहोश हो रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.
तभी मैंने उनकी मेक्सी को उतारकर दूर फेंक दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी. मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए और में सिर्फ़ अंडरवियर में उनके ऊपर लेट गया और मैंने उनको उल्टा लेटा दिया था और अब में उनकी गोरी, चमकीली कमर पर किस करने लगा था और मुझे उनको चूमने में बहुत मज़ा आ रहा था. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनके ऊपर लेटे होने की वजह से मेरा खड़ा लंड उनके दोनों कूल्हों के बीच में रगड़ रहा था और उन्हें बहुत मज़ा आ रह था.
में थोड़ी देर तक अपनी अंडरवियर के अंदर से ही लंड को उनकी मोटी गांड पर रगड़ता रहा, जिसकी वजह से वो धीरे धीरे बहुत कामुक हो रही थी और अपने दोनों हाथों से सोफे को नोच रही थी. फिर मैंने उनके दोनों कंधो को चूमा और उसके बाद मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोलकर उनको बिल्कुल सीधा लेटाकर उनके बूब्स को अपने मुहं में ले लिए और अब में एक बूब्स को चूसने लगा तो दूसरे को अपनी पूरी ताकत से निचोड़ने दबाने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम से तड़पने लगी और अह्ह्ह्हह्ह आईईईईई प्लीज थोड़ा आराम से करो, उफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ में मर गई कर रही थी.
दोस्तों कुछ देर उनके दोनों बूब्स को निचोड़ने के बाद मैंने सही मौका देखकर उनकी पेंटी को भी उतार दिया और अब मैंने उनको अपने सामने बिल्कुल नंगा कर दिया था. में उनकी गोरी बड़े आकार की उभरी हुई चूत को देखकर अपने होश बिल्कुल खो बैठा था.
अब मैंने उनको सर से लेकर पैर तक लगातर चूमा और मेरे हर एक चुंबन पर वो मचल रही थी. सोफे पर हमें अब अच्छा महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और उनको अंदर बेड पर ले जाकर लेटा दिया और अब में उनकी गोरी गदराई जाँघो पर किस करने लगा और किस करते करते में उनकी चूत को सहला रहा था और अपनी एक उंगली से उनकी चूत का दाना भी मसल रहा था, जिसकी वजह से वो ज़ोर ज़ोर से आह्ह्हहह अह्ह्हह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी.
फिर में करीब पांच मिनट तक उनका दाना मसलता रहा और वो उस दर्द से तड़प रही थी. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी अंडरवियर में अपना एक हाथ डालकर झट से मेरा गरम लंड पकड़ लिया और अब वो मुझसे बोली कि प्लीज मुझे और मत तड़पाओ, डाल दो इसको मेरे अंदर. में कब से इसको अपने अंदर लेने, छूने और इससे अपनी चुदाई के सपने देख रही हूँ, प्लीज मुझे अब जल्दी से चोदकर आज आप अपना बना लो और मेरी प्यास को बुझा दो उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह, लेकिन मुझे तो अभी उनकी चूत को चाटना था, इसलिए में बिना कुछ सुने अपना मुहं उनके दोनों पैरों के बीच में ले आया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब उनके मुहं के एकदम सामने था.
फिर मैंने उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिसकी वजह से चूत पूरी खुल गई और मेरा उनकी गुलाबी, गीली चूत को चाटना अब और भी आसान हो गया था, क्योंकि वो अब पूरी खुल गई थी.
मैंने तुरंत अपना मुहं चूत पर रख दिया और अपनी जीभ से दाने को टटोलने लगा ,जिसकी वजह से वो एकदम तिलमिला उठी और ज़ोर ज़ोर से उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह माँ में मर गई प्लीज थोड़ा और अंदर डाल दो कहती हुई मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी. दोस्तों कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे और जैसे मैंने उसके दाने को ज़ोर ज़ोर से चाटना चूसना शुरू किया, उसने भी तुरंत मेरा मोटा, खड़ा लंड अपने मुहं में भर लिया और अब वो लोलीपोप की तरह लंड को चूसने लगी, वो किसी बहुत अनुभवी बरसों से प्यासी की तरफ मेरा लंड चूस रही थी.
दोस्तों हम दोनों ने कुछ देर बाद मुखमैथुन से एक दूसरे को शांत कर दिया और मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं में निकाल दिया, जिसको उसने मज़े ले लेकर अपने गले से नीचे गटक लिया और वो लगातार लंड को चाटती चूसती रही, जिसकी वजह से कुछ देर बाद एक बार फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में डालने वाला था, उससे पहले मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया और लगा दिया, जिसकी वजह से चूत कुछ ज्यादा ही उभर गई, वो लंड के ठीक एकदम सही निशाने पर थी और अब मैंने उसके दोनों पैर फैलाकर उनके बीच में बैठकर सही पोज़िशन ले ली और मैंने अपना लंड उसकी चूत के दाने पर रगड़ना शुरू किया, जिसकी वजह से वो मचलने लगी और अब भाभी लंड को अपनी चूत के अंदर लेने के लिए तड़प रही थी.
मैंने चूत के छेद पर लंड को रखकर एक जोरदार धक्का मार दिया और लंड को चूत अंदर पूरा डाल दिया और वहीं पर रुक गया, लेकिन लंड के अंदर जाते ही वो मुझसे कसकर लिपट गई और वो मुझे लगातार चूमने लगी और दर्द की वजह से ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी. अब मैंने भी उनको कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और कुछ देर रुकने के बाद मैंने हल्के, लेकिन लगातार धक्के मारना शुरू किया, जिसकी वजह से उनको बहुत मज़ा आ रहा था और वो चिल्ला चिल्लाकर कह रही थी, आह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया आज तो में कब से इस सुख के लिए तड़प रही थी, हाँ जाने दो पूरा लंड अंदर उईईईइ हाँ दो.
दोस्तों जब में धक्के मार रहा था तो पूरे रूम में हमारे नंगे बदन के टकराने की वजह से लगातार पट्ट पट्ट फच फच की आवाज़ आ रही थी और भाभी अपनी कमर को उछाल उछालकर मेरा लंड पूरा अंदर तक ले रही थी और में उनको चोदते हुए उनके बूब्स को भी पी रहा था, लेकिन कुछ देर बाद वो मुझसे बस बस करने लगी, शायद अब उनकी चूत का पानी निकल गया था. फिर मैंने भी अपने धक्के मारने की स्पीड को बढ़ा दिया, क्योंकि मेरा भी अब झड़ने का समय आ गया था और थोड़ी देर धक्के देने के बाद मैंने अपना सारा माल उनकी चूत के अंदर छोड़ दिया और अब में उनके ऊपर लेटा रहा.
अब मैंने उनसे पूछा कि कैसा उन्हें मेरे साथ यह सब करके कैसा लगा. तब उन्होंने मुझे बताया कि मुझसे चुदकर उन्हें बहुत अच्छा लगा और उन्हें बहुत दिनों के बाद ऐसा अहसास वो संतुष्टि मिली है, जिसको पाने के लिए वो पागल हुई जा रही थी और थोड़ी देर बाद हम उठकर बाथरूम में चले गये और हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया और हम दोनों ने लिपटकर नहाने का मज़ा लिया और अब मेरा लंड उसके बदन की गरमी से फिर से खड़ा हो गया. मैंने भी पानी के साथ उसके बदन को चाट चाटकर दोबारा गरम कर दिया और फिर उसने अपने घुटनो के बल बैठकर मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया, वो बहुत अच्छी तरह लंड चूसना जानती थी.
कुछ देर बाद मैंने उसको आगे की तरफ झुकने के लिए कहा और जैसे ही वो झुकी तो में उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया और अब मैंने अपना लंड पीछे से उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, वो अपनी कमर को धीरे धीरे पीछे करने लगी और लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाह रही थी.
मैंने ज़ोर का धक्का देकर लंड को उसकी चूत में डाल दिया और लंड फिसलकर पूरा अंदर चला गया और अब में उसकी कमर को पकड़कर लगातार धक्के मारने लगा, जिसकी वजह से उसे एक बार फिर से बहुत मज़ा आने लगा थे और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को हिलाने लगी और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह वाह मज़ा आ गया, हाँ जाने दो उफ्फ्फफ्फ्फ़ पूरा अंदर आईईईई हाँ डाल दो घुसा दो निकल रहा था और में जोश में आकर लगातार धक्के देकर चोदता रहा और बाथरूम से फच फच फक फक की आवाजे आने लगी थी.
कुछ देर धक्के देने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैंने अपना पूरा गरम वीर्य धक्को के साथ चूत के अंदर जाने दिया. उसके बाद हम फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आ गए. दोस्तों उस रात को में उनके घर पर ही रुका और हमने एक रात के करीब तीन बार ताबड़तोड़ चुदाई के मज़े लिए और उनको बहुत जमकर चोदा और हमने बहुत दिनों तक ऐसे ही सेक्स किया, लेकिन कुछ दिनों के बाद में वो अपने पति के साथ ही हिमाचल रहने चली गई और में यहाँ पर अकेला हो गया और बाद में हम फोन पर ही बात करने लगे और फोन सेक्स ही करते थे.