भाभी के साथ अधूरी कहानी
हैल्लो दोस्तों.. में सेक्स कहानियों का पुराना पाठक हूँ और मुझे इसकी सभी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. में कई दिनों से सोच रहा था कि अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखूं.. लेकिन दिल नहीं कर रहा था.. लेकिन आखिरकार मैंने अपनी कहानी लिखने का फैसला किया. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है इसलिए मुझे इसमें कोई गलती हो तो मुझे माफ करें और खैर अब में थोड़ा अपने बारे में भी बता देता हूँ. मेरा नाम पटेल राज है और में सूरत गुजरात का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 24 साल है.. मेरी हाईट 5.10 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है. दोस्तों में झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है.
अब आप लोगों को ज़्यादा बोर ना करते हुआ में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरे चचेरे भाई की वाईफ मतलब मेरी भाभी की है.. उसका नाम टीना है और उसकी उम्र 32 साल है और वो दिखने में एकदम सेक्सी है और गोरी बहुत है.. लेकिन उसका फिगर कुछ खास नहीं है जिसको देखते ही लंड खड़ा हो जाए. वो दिखने में पतली है और उनकी हाईट कुछ 5.4 इंच होगी. उसके बूब्स ठीक ठाक साईज़ के है और गांड थोड़ी बड़ी है.
में जब भी टीना भाभी को देखता तो मेरा मन उसे चोदने को करता था और मैंने कई बार सोचा लेकिन मेरे कुछ समझ में नहीं रहा था कि कैसे करूं और क्या करूं? फिर आख़िर में एक दिन थोड़ी बहुत हिम्मत जुटाकर दोपहर के 2 बजे उसके घर पर गया.. क्योंकि मुझे पता था कि उस टाईम पर मेरा कज़िन यानी उसका पति ऑफिस गया होगा और उसका बेटा स्कूल गया होगा. तो मैंने उसके घर का दरवाजा बजाया और जब उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि आज वो कुछ अलग ही दिख रही थी और अब धीरे धीरे उसके जिस्म की भाषा बदल गई थी वो पहले से कहीं अच्छी दिखने लगी थी या फिर मेरा देखने का नज़रिया ही बदल गया था? मुझे वो तो पता नहीं.. लेकिन वो उस दिन कुछ हटकर ही दिख रही थी.
तो उसने मुझे घर के अंदर बुलाया और में सोफे पर बैठ गया.. तो वो किचन की तरफ चली गई और थोड़ी ही देर में मेरे लिए पानी लेकर आई. उस दिन उसने काले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और दोनों हाथों में मेहंदी लगाई थी शायद वो कोई शादी में गयी होगी.. लेकिन उस वक़्त मेरा ध्यान उसके हाथ की जगह उसके बूब्स और गांड पर ज़्यादा था और में मन ही मन सोच रहा था कि उसको कैसे पटाऊँ और ऐसा क्या किया जाए? वैसे तो वो जब भी मुझे हमारे किसी परिवार के कार्यक्रम या कोई त्यौहार पर मिलती थी तो मुझे यहाँ वहाँ पर छूकर मुझे गर्माहट देती रहती थी और मेरे पूछने पर हमेशा हंसकर बोलती थी कि तुम मेरे देवर हो तो इतना तो मेरा हक़ बनता ही है कि में तुम्हारे साथ मस्ती करूं और शायद यही वजह थी कि में उसे चोदना चाहता था. तो उस मस्ती मस्ती में कभी उसका हाथ मेरे लंड को भी छू लेता था और कभी कभी मेरा हाथ उसके बूब्स और गांड को छू जाता था. फिर हम लोगो ने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और बाद में टीना ने मुझसे पूछा कि इस वक़्त यहाँ पर कैसे आना हुआ? तो मैंने बोला कि में इस साईड से गुज़र रहा था तो मैंने सोचा कि क्यों ना तुमसे मिलता चलूं?
तो वो बोली कि ठीक है और बाद में वो दरवाजा बंद करने के बहाने उठी और दरवाजा बंद करके वापस आकर सोफे पर मेरे साथ सटकर बैठ गई. तो उस टाईम मुझे अंदर से थोड़ा जोश भरा अहसास आना शुरू हो गया और मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद आज मेरी बात बन जाएगी. फिर उसने मुझे कहा कि आज आपको चाय या कॉफी नहीं मिल सकती क्योंकि आज घर में दूध नहीं है. तो मैंने भी ऐसे ही मज़ाक मज़ाक में बोल दिया कि क्या बात करती हो भाभी आपके पास तो दो दो दूध की दुकान है? तो उसने पूछा कि कहाँ है? तो मैंने उसके बूब्स की और इशारा कर दिया. तो वो बोली कि तुम बहुत शरारती हो गये हो.. लेकिन यह दूध चाय या कॉफी बनाने के काम नहीं आ सकता. फिर मैंने उसको मेरे मोबाईल में मेरे भतीजे के जन्मदिन के फोटो थे वो दिखाए और मोबाईल मेरे हाथ में था और उसने मेरे हाथ को पकड़ रखा था.
तो उसमे मेरे भतीजे का एक नंगी फोटो (वो एक साल का है और उसको नहलाते टाईम मैंने फोटो ली थी) आई तो भाभी बोली कि आपकी भी ऐसी ही एक दो फोटो निकाल लेते. तो मैंने बोला कि अगर आपको देखनी हो तो मेरे पास कोई फोटो तो नहीं है.. लेकिन वीडियो है मुठ मारते हुए. तो वो झटसे बोली कि अच्छा तो फिर दिखाओ ना ज़रा. फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए मेरी वो वीडियो दिखाई और वो उसे बहुत ध्यान से देखने लगी. तब तक मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और शायद वो भी गरम हो गयी थी. फिर वो बोली कि यह तुम्हारा वीडियो नहीं है.. तो मैंने कहा कि चाहो तो आप खुद देखकर मालूम कर लो. तभी उसने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड हाथ में ले लिया और मसलने लगी और फिर में भी उसको पकड़ कर होंठ पर किस करने लगा और अब तक हम दोनों गरम हो गये थे. तो वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही मसल रही थी और में उसके होंठ को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स सहलाने शुरू कर दिए और पूरे जोश से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
तो वो अपने होंठो को अलग करते हुए बोली कि ज़रा धीरे मुझे बहुत दबाओ दर्द हो रहा है. तो में उसके पेट और उसके कूल्हे और उसकी गर्दन पर हाथ घुमाने लगा और किस करने लगा और मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा और ब्रा के ऊपर से ही सक करने लगा.. वो अभी तक मेरा लंड पेंट के ऊपर से ही मसल रही थी. फिर मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और उसके ऊपर चड़ गया और उसके पूरे चहरे पर और गर्दन पर और बूब्स पर पागलों की तरह किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और मुझे किस कर रही थी. तभी वो मुझसे बोली कि चलो बेडरूम में चलते है और हम लोग बेड में चले गये वहाँ पर जाकर मैंने पेंटी को छोड़कर उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ़ अंडरवियर को छोड़कर और हम लोग बेड पर लेट गये. वो नीचे थी और मे उसके ऊपर फिर कभी रोल होकर वो मेरे ऊपर आ जाती.. में उसके बूब्स दबाने लगा और उसकी निप्पल को मुहं में लेकर सक करने लगा. उसको भी मज़ा आने लगा था और वो भी मस्त होने लगी थी और धीरे धीरे बोल रही थी और सक करो और सक करो और वो मेरे सर को उसके बूब्स के ऊपर दबा रही थी.
तो में पूरा उसके ऊपर चढ़ गया और उसको लिप किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मेरी पीठ पर हल्के हल्के नाख़ून मार रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत हल्की सी काले रंग की थी और उसमे से पानी निकल रहा था. तभी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी वो उछल पड़ी और बोलने लगी कि हाँ और ज़ोर से चूसो. तो में अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा और वो मज़ा लेने लगी और वो मेरे सर को अपनी चूत पर अपने दोनों हाथों से पूरा दबाव बनाकर दबा रही थी और एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और उछल रही थी और सिसकियाँ ले रही थी. तो मैंने उसे एक लिप किस किया और उसके बूब्स को दबाता हुआ उसके पास में लेट गया.. तब उसने मुझे बताया कि उसको चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है.. लेकिन उसका पति कभी उसकी चूत नहीं चाटता. तो में उसे अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा और धीरे से मैंने एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. तो वो और जोश में आ गई और धीरे धीरे मोन करने लगी और फिर से मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और एक ऊँगली से उसकी चूत को भी चोदता रहा और करीब 8 से 9 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा.. वो झड़ गयी और उसकी चूत का रस पूरा मेरे हाथ में आ गया.
फिर उसने मेरा अंडरवियर निकाला और मेरा लंड बाहर आकर एकदम तनकर खड़ा था.. उसने धीरे से मुझे किस किया और मेरा लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी और थोड़ी देर बाद वो मेरे लंड की तरफ झुकी और लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी.. वो मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी.. उसने करीब पांच मिनट तक मेरे लंड को चूसा.. लेकिन तभी उसी टाईम उसके मोबाईल पर फोन आया. तो उसने फोन उठाकर देखा तो वो फोन मेरे भाई का था और उसने भाभी को बोला कि तुम तैयार हो जाओ हम लोगों को बाहर जाना है और वो 15 मिनट में घर पर आ रहा था. तो भाभी झट से मेरे लंड को मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया.. भाभी सारा माल पी गयी और मेरे लंड को चाटकर साफ कर दिया. फिर में वहाँ से कपड़े पहनकर जल्दी से निकल गया. तो दोस्तों यह था मेरा अधूरा सेक्स अनुभव.. लेकिन उसके बाद से लेकर आज तक हम लोगों ने कई बार सेक्स किया है ..
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