मामा जी मेरे कॉलेज प्रोफेसर
हाय दोस्तों मेरा नाम ज्योति मे अमृतसर मे रहती हूँ. में बीकॉम सेकेंड ईयर मे पड़ रही हूँ. मेरी हाईट 5.4 है. मेरा रंग लाइट है वैसे मेरे दोस्त मुझे बहुत सेक्सी कहते है. मेरा फिगर 36,28,34 है. मुझे ब्रा पहनने की आदत नहीं क्योंकि मेरे बूब्स बहुत ही टाइट है. मेरा बदन गोल मटोल है. मेरी गांड बहुत ही भारी है. तो अब मे स्टोरी पर आती हूँ. बात उस समय की है जब मे कालेज मे पड़ती थी. वो दिन मेरी जिन्दगी के बहुत अच्छे दिन थे. मेरी दो दोस्त मेरे साथ रहती थी. उन दोनो के बॉयफ्रेंड थे. जो कि उनको हफ्ते मे दो या तीन बार चोद देते थे. चुदाई के लिये मैंने मेरी मोसी के बेटे से बात की लेकिन काफी दूर रहने के कारण मे उसके साथ कुछ नही कर सकती थी. मुझे बॉयफ्रेंड बनाने का शोक नहीं था. मुझे सेक्स के बारे मे उन दोनों से ही पता लग गया था.
मेरी फ्रेंड अक्सर बाते करती रहती थी. मेरे मामा जी जो की कॉलेज के प्रोफेसर थे. जिनकी उम्र 38 थी लेकिन कोई कह नही सकता था. उँचे लंबे थे और रंग साफ था. वो हमें लास्ट मे एक लेक्चर देते थे क्लास को एक महीना हो गया था. मेरी फ्रेंड डेली सेक्सी सेक्सी ड्रेस डालकर क्लास मे आती थी. सब लड़को का उनको देख कर लंड तंन जाता था. लेकिन मे अनदेखा कर देती थी. मैंने एक दिन ये नोट किया की मेरे मामा जी मुझे देखते रहते है. मामाजी मुझे देखते है मैने ये आज से पहले कभी भी नोट नही किया था. एक दिन में जब एक शोर्ट और टाइट टीशर्ट डाल कर क्लास में बैठी तो मेरे मामा जी मेरी चिकनी टांगो को देख रहे थे. और उसके बाद उन्होने अपनी नज़र उपर ऊठाई और मेरे बूब्स को देखा और इसके बाद उन्होने मेरी तरफ देखा. और हल्की सी स्माइल दी मैने भी स्माइल दे दी अंजाने मे फिर एक दिन मामा जी घर आए. और वो माँ से बाते कर रहे थे. अचानक मे वहाँ आ गयी. और वो माँ को कहने लगे कि आपकी लड़की जवान हो गयी है. तो माँ ने कहा की इसकी पड़ाई पूरी होने के बाद ही इसका कुछ सोचेंगे.
उस दिन मामाजी मुझे कुछ हवस की निगाहो से देख रहे थे. मुझे अब सब कुछ समझ मे आ गया था. मेरे मामाजी मुझे चोदना चाहते है. ये सोच कर मुझे बहुत ही खुश हुई की मेरे अपने मामा जिन्होने मुझे गोद मे सुलाया है. अब वही मामाजी मुझे चोदना चाहते है. मुझे तो उस दिन पूरी रात नींद ही नही आ रही थी. तो अगले दिन मुझसे मेरी फ्रेंड मिली और मुझे बताने लगी की कैसे वो अपने बॉयफ्रेंड से चुदी और मेरा हंस कर मेरा मज़ाक उड़ाने लगी की मे अभी तक किसी से भी नहीं चुदी.
तभी मेरे मन मे भी आया की मे भी किसी से चुदवाऊ लेकिन समझ मे ये नही आ रहा था की में किस से चुदवाऊ लेकिन दिल डर जाता था कि कही बदनामी हो गई तो कही मुहं दिखाने लायक नही रहूंगी. मेरे ऐसे ही सोचते सोचते पूरा साल निकल गया. मामाजी मुझे ऐसे ही घूरते रहते थे. और मुझसे मज़ाक करते रहते थे. अब मेरे पेपर आने वाले थे तो उपस्थिती लग रही थी. तो मैने पता करवाया की मेरी सब मे उपस्थिती अच्छी लगी है.
उस दिन सभी लडके मुझे मुड़ मुड़ कर देख रहे थे. और वहाँ मेरी फ्रेंड मुझसे मिली और मुझे देख कर बोली की अगर आज लड़को का बस चला तो सारे लंड तेरी चूत मे एक साथ डाल दे. मैने उसे चुप कहा और वो हंस पड़ी उसने मुझे प्रोफेसर का केबिन दिखाया तो में केबिन के अंदर गई मैने देखा की प्रोफेसर तो मेरे मामा जी ही है. और मे ये देख बहुत शॉक हो गई थी. और वो भी देख कर तड़प उठे उन्होने मुझे उपर से नीचे की तरफ देखा था. और एक हवस भरी स्माइल भी मारी और मे भी हंस पड़ी उन्हें वहाँ देख कर. उन्होने मुझे कुर्सी पर बैठने को कहा मे जा कर बैठ गई मेरी सारी नर्वस टूट गई तो मैने कहा की मामाजी मेरी उपस्थिती कम लगी हुई है.
तो मामाजी मुस्कुराए और कहा की चेंज तो में कर सकता हूँ. लेकिन मेरी भी मेहनत लगेगी तुम्हे कुछ देना होगा. तभी वो मेरे पास आकर बैठ गये और मेरे कंधे पर हाथ डाल कर मुझे सहलाने लगे. और कहने लगे की तुम्हे कितने नंबर चाहिए. तभी मैने हँसते हुए कहा की फुल नंबर चाहिए. तो उन्होने अपना हाथ मेरी गर्दन के पीछे से सहला शुरू कर दिया. तभी मे थोड़ा साईड मे हो गई. और फिर हम बाते करने लगे. बाते करते करते मुझे अपनी फ्रेंड की बाते याद आने लगी. जिसमे कि उन्होने मेरे चुदने का मज़ाक बनाया था. आज वो बाते मेरे दिमाग़ मे बार बार आ रही थी. और मुझे जोश आ गया लेकिन मे पहल नही कर सकती थी. तो मामाजी ने एक बार दोबारा से मुझे छुआ. मामाजी ने फिर से मेरी गर्दन के पीछे सहलाना शुरू कर दिया. लेकिन इस बार मैने उन्हे कुछ नही कहा और फिर मेरे हाथ पर हाथ रख दिया मैने तब भी कुछ नही कहा.
तो मामाजी उठे और बाहर खड़े चपड़ासी को 100 का नोट दिया. और उसने केबिन को बाहर से लॉक कर दिया. और सब से कहा की प्रोफेसर अभी नही आए. और उन्होने गेट के आगे पर्दा कर दिया जिससे कुछ भी पता नही चला. बस अब में और मामाजी ही केबिन मे थे. तभी मैने घबराते हुए उनको बोली की मामाजी ये सब कुछ ठीक नही है. तो उन्होने कहा की कुछ भी नही होता जान कभी हमारा ख्याल भी किया करो. तुम्हारे जैसे हसीन को देख कर मे तो दुनिया को ही भूल जाता हूँ. तभी मे हंसी और मैने भी पूरा मूड बना लिया था.
और मैने मामाजी से कहा की ये सब मम्मी को पता नही लगना चाहिए. तो उन्होने कहा कि इसकी चिंता तुम ना करो जानू तो मैने हँसते हुए पूछा की मेरी उपस्थिती तो उन्होंने कहा की मे तुम्हे पेपर मे भी फुल नंबर दूँगा मेरी जानू तो वो मेरे पास आए. और मुझे टेबल पर लिटा दिया अब वो मेरे पास आए और मुझे किस करने लगे उन्होंने किस करने के साथ अपना हाथ मेरी स्कर्ट मे डाल कर मेरी चूत पर अपना हाथ फेरने लगे. तभी वो मेरी स्कर्ट के बटन को खोलने लगे. मेरे टाइट बूब्स देखकर उन्हें जोश आया और उनके मुहं मे पानी आ गया.
और वो पागलो की तरह मेरे बूब्स चाटने लगे. कभी उन्हे दबाते कभी उन्हे चूसते मुझे अपने बूब्स उनसे चुसवा कर बहुत मज़ा आ रहा था. ये सब उन्होने अपने केबिन पर ही मुझे लिटा कर किया था. और अब वो मेरी स्कर्ट का हुक खोलकर मेरी चूत पर किस करने लगे. और धीरे धीरे मेरी पेंटी की और बड़े उन्होने मेरी पेंटी भी उतार दी. और मेरी टॅंगो को फेला दिया जिससे मेरी चूत उन्हे साफ साफ नज़र आ रही थी. मेरी बिना बालो वाली चूत देख कर उनका लंड चूत फाड़ने को तैयार हो गया था. उन्होने अपने सारे कड़े उतार दिये.
उन्होंने मेरी रस से भरी चूत को अपनी जीभ से छुआ. तभी मेरे तो पूरे बदन मे करंट सा लगने लगा. और उसने अपनी जीभ से मेरी ज़ीभ को छुआ तो मेरे तो मज़े का ठिकाना ना रहा. फिर उसने अपनी छोटी ऊँगली मेरी चूत मे डाल दी. मेरे तो मुहं से चीख निकल गई. और वो चूत में जोरो से उंगली को आगे पीछे करने लगा. और साथ मेरे बूब्स को दबाने लगा. मेरी चूत ने एक दम से पानी छोड़ दिया. और उन्होने वो पानी पी लिया. उसके बाद फिर मामाजी कुर्सी पर बैठ गये. और मे उनके सामने घुटनो के बल बैठ कर उनके लंड को सहलाने लगी.
अब में लंड को चूसने लगी मेने उनका लंड निगलने की कोशिश की. उनका लंड बहुत बड़ा था. फिर भी मैने लंड को पूरा मुहं में ले लिया था. लंड को चूस चूस कर मैने उसे और टाईट कर दिया था. मामाजी मज़े से सिसकारियां भरने लगे कुछ देर ऐसा ही चलता रहा फिर उन्होने मुझे एक दम से मुझे जमीन पर लिटा दिया. मे सीधी लेट गई और उसने अपना लंड मेरी चूत पर धीरे से रगड़ा मुझे मज़ा आ रहा था.
फिर उन्होने अपना लंड मेरी चूत में रख कर एक जोर का धक्का लगाया. मेरे मुहं से आआआहह. निकल गई. और उनका आधा लंड मेरी चूत मे समा गया था. लंड अंदर जाते ही मुझे अहसास हुआ की सही में उनका लंड बहुत ही लंबा और मोटा था. फिर उन्होने दोबारा ज़ोर से धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दिया. अब तो मेरी आँखों से पानी और मेरी चीख दोनों निकल गई मुझे बहुत दर्द हो रहा था. ये मेरी पहली चुदाई थी मुझे दर्द के साथ मजा भी आ रहा था. उनका लंड मेरी चूत मे टाईट समा रहा था. उन्होने लंड थोड़ा आगे पीछे किया और चोदना शुरू किया.
अब मुझे हल्का हल्का दर्द हो रहा था. लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था. उनका लंड मेरी चूत के अंदर मेरे पेट मे लग रहा था. जिससे ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर उन्होने ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. चोदो और जोर से फाड़ दो उफफफ्फ़ मर गई मे ऐसे अवाज़े निकालने लगी. मज़े से और मामाजी पूरे जोश से आ आहह कर रहे थे. चुदाई ज़ोरो से चल रही थी. फिर उन्होने पैर चेंज करने को कहा फिर मैने एक घुटना टेबल पर रखा और एक कुर्सी पर चूत हवा मे थी. और फिर उन्होंने पीछे से चोदना शुरू किया. मेरी कमर को अपने हाथ से पकड़ कर उन्होंने बहुत जोर से झटके मारे में पूरी कि पूरी हिल गई थी.
करीब 15 मिनट ऐसे ही चलता रहा. तभी उन्होंने कहा की ज्योति बेटा मेरा वीर्य निकालने वाला है. तो मैने कहा चूत में वीर्य ना डालना नही तो दिक्कत हो जाएगी. तो उन्होने कहा की फिर कहा गिराऊ मैने कहा मेरे मुहं में मैने कहा तो उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर मेरे मुहं मे दे दिया.
और अपना सारा वीर्य मेरे मुहं मे डाल दिया. और मे उस नमकीन रस को पी गई. कुछ देर तक हम एक दुसरे की बाँहों मे बाहें डाल बैठे रहे. मामाजी ने मुझे कहा की आज मेरी इच्छा पूरी हो चुकी है. और मैने कहा की मेरी भी तो वो हंस पड़े उसके बाद मैने अपने सारे कपड़े पहने पहले जैसे हो गई जैसे कि कुछ ना हुआ हो. और मामाजी ने भी अपने कपड़े पहन लिये थे. फिर चपरासी को इशारा किया उसने बताया की रास्ता साफ है. बाहर आ जाओ तभी मे और मामाजी केबिन से बाहर निकल गये. आज मे थर्ड ईयर मे हूँ. और जब भी मेरा जी करता है सेक्स करने का तो मे मामाजी के केबिन में चली जाती हूँ. और खूब मज़े लेती हूँ. उन्होंने मेरे घर पर आकर भी मुझे घर मे बहुत बार चोदा है..!