मुँहबोली बहन की चूत हुई चमन
दीक्षा हमारे पड़ोस में रहती थी उसकी मम्मी मेरे पापा को और दीक्षा जिसका घर का नाम डिक्की था वो मुझे और मेरे छोटे भाई को राखी बांधती थी, डिक्की ज़्यादातर हमारे घर में ही क्यूँकी उसके पापा पास के ही सीमेंट प्लांट में जॉब करते थे और उसकी मम्मी उसी सीमेंट प्लांट के ट्रस्ट के स्कूल में प्रिंसिपल थी. डिक्की को हम सभी अपने घर का सदस्य ही समझते थे, लेकिन डिक्की के मन में क्या क्या चलता था ये जब उसने मुझे बताया तो मेरे तोते उड़ गए. हुआ यूँ कि एक दिन जब मैं अपने रूम में बैठा इंटरव्यू की तैयारी कर रहा था तो वो डिक्की मेरे कमरे में आई और बोली “संजू भैया, मुझे आपका रेजर चाहिए, मैंने पूछा “क्यूँ चाहिए” तो वो शर्मा गई.
मैं बेमन से उठा और उसे अपना मैक थ्री रेजर दे दिया, वो रेजर ले कर चली गई, मैंने उस पर ध्यान दिया तो वो डाइनिंग रूम के पास बने बाथरूम में गई थी. उस दिन मेरे मम्मी पापा भी घर पर नहीं थे सो मैंने रेजर की उत्सुकतावश पीछे वाले वाशिंग एरिया में जा कर उस बाथरूम में झाँक कर देखने का प्लान बनाया. मैं बिना चप्पल ही वहां पहुँचा और देखा की डिक्की मग्न हो कर अपनी चूत से बाल साफ़ कर रही थी और ये सब करते समय उसने एक भी कपडा नहीं पहना था. उसकी पतली कमर, संतरे जैसे कसे हुए चूचे और मदमस्त गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं जिस गमले पर खड़ा हो कर ये सब रौशनदान से झाँक कर देख रहा था वो टूट गया और उसकी आवाज़ से डिक्की को पता चल गया की कोई उसे देख रहा है.
मैं घबरा कर अपने कमरे में आ गया और पढने बैठ गया, हालाँकि मेरा अब पढने में मन नहीं लग रहा था लेकिन फिर भी मैंने चुपचाप किताब में सर घुसाए रखा. थोड़ी देर में डिक्की वापस मेरा रेजर देने आई तो मेरे हाथ रेजर लेते समय कांप रहे थे, उसने मुझसे कहा “चोरी से देखने पर डर लगता है ना”. मैंने घबरा कर कहा “क्या देखने में” तो वो मुस्कुरा कर बोली “मुझे नंगा देख रहे थे ना आप” मैं पसीने पसीने हो गया लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ कर कहा “आप चिंता मत करो जब आप लैपटॉप पर पोर्न देख कर अपना लंड हिलाते हो तो मैं भी आपको छुप छुप के देखती हूँ”.
अब मुझे काटो तो खून नहीं लेकिन मैंने संभल कर कहा “अब क्या चाहती हो” तो वो मेरे बिलकुल करीब आकर बोली “जो आप वेस्ट कर रहे हो वो मुझे दे दो और जो मैं देना चाहती हूँ वो आप ले लो”. मैंने कहा “शर्म कर तू मुझे राखी बांधती है” तो बोली “आप भी शर्म करो बहन को नंगा देखते हो”. मैंने उसे अपनी बाँहों में भींच लिया और उसके जूड़े को पकड़ कर उसका मुंह अपनी तरफ खींचकर कहा “अब शर्म मिट ही गई है तो आजा बेशर्म हो जाते हैं”. और ये कह कर मैंने डिक्की के नर्म मुलायम होंठों को चूमना शुरू कर दिया, डिक्की भी मेरे होंठों को किसी ट्रेंड पोर्नस्टार की तरह पैशनेटली चूम रही थी.
मेरा लंड तन कर पजामे में से दिखने लगा था और डिक्की के चुचे भी उभर कर उसके टी शर्ट में से नज़र आने लगे थे, वो अपनी ब्रा पहले से ही उतार कर आई थी. डिक्की मुझे चूमने के साथ साथ मेरे लंड को भी मसल रही थी और जैसे ही मैंने उसके चूचों को छुआ तो उसकी एक ज़ोरदार सिसकारी निकल गई और वो बोली “संजू भैया, इ लव योर टच, प्लीज़ मेरे चूचे पियो ना”. मैंने उसकी टी शर्ट उतार कर उसके संतरे जैसे टाइट चूचों को अपने मुंह में ले कर गुबलाना शुरू किया मेरी इस हरकत से डिक्की की सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं थी, मैंने डिक्की के निप्पल्स को अपनी जीभ से इतना छेड़ा की वो और तन कर टाइट हो गए थे.
डिक्की को ले कर मैं बेड पर गिर पड़ा और मैंने जैसे जैसे उसके निप्प्लस को चाट और चूस रहा था वो अपनी कमर उछाल उछाल कर सिसकारियाँ लेने लगी थी, अचानक डिक्की ने कहा “प्लीज़ संजू भैया, गेट इनसाइड मी” और मैंने उसका और अपना लोअर उतार कर उसकी चूत पर अपना लंड टिकाने को हुआ ही था कि डिक्की चीख पड़ी और बोली “ये तो मेरी चूत को फाड़ देगा”. मैंने हँसा और बोला “तू चिंता मत कर मेरी प्यारी बहना तुझे धीरे धीरे इसकी आदत पड़ जाएगी” और ये कहकर मैंने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत में बेरहमी से पेल दिया.
डिक्की ने एक ज़बरदस्त चीख मारी और वो बोली “नहीं भैया मैं मरर जाऊँगी, प्लीज़ बाहर निकाल लो” मैंने उसके एक थप्पड़ लगाया और कहा “ये तुझे पहले सोचना था” और ये कहकर मैंने अपना पूरा लंड उसकी गरमा गरम चूत में घुसा कर चार पांच ज़ोरदार झटके दिए. डिक्की चीखे जा रही थी तो मैंने अपना अंडरवियर उसके मुंह में फँसा दिया और चोदने लगा अब उसके आँसू निकल रहे थे लेकिन उसने विरोध करना बंद कर दिया था तो मैंने उसके मुंह में से अपना अंडरवियर निकाल लिया. डिक्की को भी अब मज़ा आने लगा था और वो लगातार “ऊऊह भैया, संजू भैया फक मी बैंग मी लाइक अ स्लट, ओह्ह्ह्हह माँ, संजू भैया यू आर ओसम”.
मैंने अपने धक्के तेज़ किए तो उसने भी अपने डायलॉग्स और सिसकारियाँ तेज़ कर दी और फाइनली मैं और डिक्की एक साथ ही झड़ गए. मैंने उसकी चूत से जैसे ही लंड निकाला तो डिक्की किसी कुतिया की तरह मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड से बचे खुशे माल को चूस चूस के पी गई, अब तो उस पर एक दफे और चुदने का जूनून सवार था सो उसने मेरे लंड को मिनट भर ममें ही चूस चूस के खड़ा कर दिया. मैंने डिक्की को घोड़ी बनाकर बेडरूम में, मेरे बाथरूम में और ड्राइंग रूम में अलग अलग तरीकों से चोदा. डिक्की मेरे लंड से इतनी प्रभावित हुई की उसने मेरे लंड की गुलामी करनी शुरू कर दी थी और वो मेरे लंड को मालिक बुलाने लगी थी, मेरी शादी के बाद भी डिक्की अक्सर मुझसे चुदती रही और आज भी वक़्त मिलने पर मैंने उसे अपने लंड का प्रसाद दे ही देता हूँ.
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