मेरी चुदाई की दास्तान कार में चुदाई

 
loading...

मैं अपने प्रेमी का इंतज़ार कर रही थी. जैसा की मैंने पिछले भाग में लिखा था की मैं अपने चोदु चाचा के साथ ITALY जाने वा ली थी और मेरा प्रेमी रमेश भी देल्ली जाने वाला था क्यों की वहां उस की नौकरी लग गई थी.

कुछ दिनों के लिए अलग होने से पहले हम ने एक लम्बी drive पर जाने का फैसला किया था. आप तो जानतें है की इसका मतलब क्या है.

वो बरसात का मौसम था और रुक रुक कर बरसात हो रही थी. मैंने समय देखा तो उस वक़्त दोपहर के ३.३० बजे थे. रमेश के आने में अभी भी एक घंटे की देर थी. मैं तो चुदाई के लिए इतनी बेचैन थी की एक घंटे पहले ही तैयार हो गई थी. मैं जीन और टॉप पहने हुए थी. मैंने अपने आप को आईने में देखा. भगवान ने मुझे बहुत ही सुन्दर बनाया है. मेरा बदन सेक्सी और फिगर तो मर्दों की जान लेने वाला है. मेरा नाप ३४ – २६ – ३६ है. गोल चेहरा, गोरा रंग, काले बाल और नीली आँखें. मैंने देखा है की लोग, चाहे मर्द हो या औरत, मैं जब भी बाहर जाती हूँ, मुझको ही देखतें रहतें हैं. मुझे पता है की जब भी मैं चलती हूँ, मेरी गोल गोल गांड बहुत ही प्यारे सेक्सी अंदाज़ में मटकती है और मेरी तानी हुई चूचियां तो सोने पर सुहागा है जो किसी भी मर्द को पागल बना देने के काबिल है. और सब से खास बात, मैं हमेशा ही अच्छे, मेरे सेक्सी बदन को सूट करने वाले कपडे पहनती हूँ. मैं अपना बदन ज्यादा नहीं दिखाती, पर जितना भी दिखता है, आप समझ सकतें है की क्या होता होगा. मैं मन ही मन मुस्करा देती हूँ जब मर्द लोग चुदाई की भूख अपनी आँखों में लिए और लड़कियां, औरतें जलन से मुझको देखती हैं. मैं भगवान को हमेशा बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ की उस ने मुझे इतना सुन्दर बनाया और मैं हमेशा अपने शरीर का ध्यान रखती हूँ. मैं रोज़ योग करती हूँ और जरूरी कसरत करती हूँ ताकि मेरा बदन हमेशा ऐसा ही रहे. बहुत से लोग, मेरे परिवार वाले भी और दोस्त लोग कहतें हैं की मैं फिल्मों में काम कर सकती हूँ पर मुझे कोई interest नहीं है फ़िल्मी हीरोइन बनने में. मैं तो अपने चाचा की और अपने प्रेमी की असली हीरोइन हूँ.

खैर, मैं अपनी सुन्दरता का वर्णन ज्यादा न करके, असली कहानी पर आती हूँ.

रमेश के आने में अभी वक़्त था तो मैं टाइम पास करने के लिए अपने घर की छत पर आ गई. छत का एक भाग छप्पर बना कर कवर कि या हुआ था ताकि बरसात और धूप से बच कर वहां बैठा जा सके. मैं एक कुर्सी पर बैठ गई और मैंने इधर उधर देखा. हमारा घर आस पास के सारे घरों से ऊंचा है और हमारी छत से हम दूर तक देख सकते थे. अचानक मेरी नजर पड़ोस के घर की तरफ गई. वो एक डॉक्टर का घर था. अपनी पत्नी के गुजर जाने के बाद डॉक्टर वहां अकेला रहता था. उस का लड़का विदेश में पढता था. डॉक्टर की उम्र उस समय करीब ४५/५० की होगी. वो २ बजे तक अपनी क्लिनिक में बैठता था जो की उस के घर के आगे के हिस्से में थी. एक सुन्दर और जवान औरत दिन में वहां आती थी जो की डॉक्टर के लिए खाना बनती थी, घर का दूसरा काम करती थी. मैं हमेशा सोचती थी की वो औरत केवल डॉक्टर का घर ही नहीं संभालती थी, बल्कि डॉक्टर को भी संभालती थी. मतलब, वो औरत बिना पत्नी के डॉक्टर से जरूर ही चुदवाती होगी.

मैंने दोनों को, डॉक्टर को और कामवाली औरत उनके घर के अन्दर के कमरे में देखा जिसका दरवाजा खुला था और मुझे सब साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. डॉक्टर कुर्सी पर बैठा कुछ पढ़ रहा था और कामवाली कमरे की सफाई कर रही थी. डॉक्टर ने उसको कुछ कहा तो वो काम छोड़ कर आलमारी की तरफ गई और मैंने देखा की उस के हाथ में कुछ कपडे थे. उन कपड़ों को लेकर वो कमरे के अन्दर ही बाथरूम में चली गई. जब वो थोड़ी देर बाद वापस आई तो मैंने देखा की वो एक बहुत सुन्दर, गुलाबी रंग की ब्रा और चड्डी पहने हुए थी. शायद ये डॉक्टर की तरफ से कामवाली को तोहफा था और जरूर ही डॉक्टर ने उसको पहन कर दिखने को कहा था. वो एक टक उस को देख रहा था. जैसा की मैंने लिखा है की कामवाली सुन्दर थी, उस की भरी भरी चूचियां और भारी गांड उस गुलाबी रंग की ब्रा और चड्डी में बहुत सेक्सी लग रही थी. वो बातें कर रहे थे और वो डॉक्टर की तरफ बढ़ी. दोनों आपस में होठों का चुम्बन करने लगे और मेरा सोचना ठीक था की दोनों में चुदाई का रिश्ता था. मेरे लिए उन को देखना टाइम पास करने का अच्छा साधन था. वो दोनों अलग हुए और उस ने फिर से कमरे की सफाई करनी शुरू करदी. मैंने सोचा की शायद इतना ही होगा, पर मैं गलत थी. हलकी हलकी बरसात फिर से शुरू हो गई थी. वो अपनी सेक्सी कामवाली को ब्रा और चड्डी पहने काम करते देखता रहा और वो बातें करते रहे. जब वो उस के करीब से गुजरी तो डॉक्टर ने उस की भरी भरी चुचियों को दबा दिया. वो हंस पड़ी. अब डॉक्टर ने उस के पैरों के बीच हाथ डाल कर कुछ किया तो वो हवा में उछल पड़ी. जरूर डॉक्टर ने कामवाली की चूत में या गांड में ऊँगली की थी. वो उसकी तरफ देखती हुई फिर से हंस पड़ी. वो उस के पास आ कर खड़ी हुई तो डॉक्टर ने बैठे बैठे उस को कस कर पकड़ लिया. वो खड़ी थी वो प्यार से डॉक्टर के सिर के बालों में हाथ फिरा रही थी. डॉक्टर का सिर उस की भरी भरी चुचियों के बीच था और वो अपना चेहरा उस की चुचियों पर ब्रा के ऊपर से रगड़ रहा था. उस के हाथ उस की मोटी गांड को दबा रहे थे. उसने अपने हाथ से अभी अभी कामवाली को तोहफे में दी गई ब्रा की दोनों पट्टियाँ, बिना हुक खोले, उस के कंधे से नीचे करदी. कामवाली ने अपने हाथ नीचे करके ब्रा की पट्टियों से निकाल लिए और डॉक्टर ने उसकी ब्रा को नीचे पेट की तरफ करके उस की चुचियों को नंगा कर दिया. उस की गुलाबी ब्रा उसकी गुलाबी चड्डी से मिल रही थी और उस की बड़ी बड़ी चूचियां डॉक्टर के सामने थी डॉक्टर कामवाली की नंगी चुचियों पर अपना चेहरा रगड़ रहा था और उस ने उसकी एक निप्पल अपने मुंह में ले ली. उन लोगों की गर्मी मुझ में भी आने लगी. मेरी चूत में भी उन को देख कर हलचल मचने लगी. वो एक के बाद कामवाली की चूचियां और निप्पल किसी भूखे की तरह चूसता जा रहा था. कामवाली का सिर भी चूचियां चुसवाते हुए आनंद से आगे पीछे हिल raha था. मैं उन को देख कर मज़ा ले रही थी और आप तो जानतें ही है के मैं कितनी सेक्सी हूँ और जो मैं देख रही थी वो मुझे उत्तेजित करने के लिए काफी था. मेरी जीन के अन्दर मेरी चड्डी गीली होने लगी और अपने आप ही मेरी उँगलियाँ मेरी जीन के ऊपर से ही जहाँ मेरी चूत थी, वहां पर फिरने लगी.

वो दोनों कुछ ऐसी पोजीसन में थे की मैं कामवाली का चेहरा नहीं देख पा रही थी. डॉक्टर कुर्सी पर दरवाजे की तरफ मुंह करके बैठा हुआ था और मैं डॉक्टर का मुंह और कामवाली की गांड देख पा रही थी. अब कामवाली नीचे बैठ गई थी और डॉक्टर ने अपनी पेंट की जिप खोली तो कामवाली ने अपने हाथ से उसका लौड़ा पकड़ कर बाहर निकाल लिया. मैं इतनी दूर थी, फिर भी मैंने साफ़ साफ़ देखा की डॉक्टर का लंड काफी बड़ा था और उस के चरों तरफ काले काले बाल थे. कामवाली अपने हाथों से उस की झांटों को पीछे कर रही थी ताकि वो उसके काम के बीच में न आयें. कामवाली ने डॉक्टर के काले और बड़े लौड़े को चूमा और उस को धीरे धीरे हिलाने लगी. डॉक्टर अपनी कुर्सी पर पीछे सिर टिका कर बैठ गया और अपने लंड पर कामवाली के कमाल का मज़ा लेने लगा. थोड़ी देर उसका लंड हिलाने के बाद उस ने लंड का सुपाडा अपने मुंह में ले कर कुछ देर टक चूसा. फिर, वो उस के लंड को पकड़ कर मुठिया मारने लगी जब की डॉक्टर के लौड़े का सुपाडा उस के मुंह में ही था. मुझे पता चल चुका था की वहां शायद लंड और चूत की चुदाई नहीं होने वाली है, सिर्फ हाथ का कमाल ही होगा.

मैंने भी अपनी जीन की जिप खोल ली और चड्डी के किनारे से अपनी बीच की ऊँगली, अपने पैर चौड़े करके अपनी चूत टक ले गई. मैंने जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली अपनी चूत के दाने पर फिरानी चालू की ताकि मैं जल्दी से झड़ सकूँ. और वहां, कामवाली तेजी से, डॉक्टर का लौड़ा चूसते हुए मुठ मार रही थी. मेरी ऊँगली की रफ़्तार भी मेरी चूत में बढ़ गई थी.

मैंने देखा की डॉक्टर की गांड कुर्सी से ऊपर हो रही है और अचानक ही उस ने कामवाली का सिर पकड़ कर अपने लंड पर दबा लिया. जरूर की उस के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया था. कामवाली मज़े से डॉक्टर के लंड रस को पी रही थी. मेरी चूत पर मेरी ऊँगली के काम से मैं भी अब झड़ने के करीब थी. मैंने अपनी ऊँगली तेजी से अपनी गीली फुद्दी पर हिलानी शुरू करदी और मैं भी अपनी मंजिल पर पहुँच गयी. मेरी चड्डी मेरे चूत रस से और भी गीली हो गई. मैंने एक शानदार काम, चूत में ऊँगली करने का ख़तम किया. मेरी आँखें आनंद और स्वयं संतुस्ती से बंद हो गई.

जब मैंने आँखें खोली तो देखा की कामवाली डॉक्टर का लंड, अपना मुंह, अपनी गर्दन और अपनी चूचियां कपडे से साफ़ कर रही थी. शायद डॉक्टर के लंड का पानी उस के बदन पर भी फ़ैल गया था.

तभी मैंने रमेश की नीली जेन को अपने घर की तरफ आने वाली सड़क पर देखा. बरसात अब रुक चुकी थी. मैं खड़ी हुई और अपने कमरे की तरफ दौड़ी. मैंने दूसरी चड्डी ली और अपनी गीली चूत tissue पेपर से साफ़ करने के बाद उस को पहन लिया.

मैं जल्दी से अपने प्रेमी का स्वागत करने नीचे आई. वो अपनी कार पार्क करने के बाद घर के अन्दर आया तो मेरी माँ भी आ गई थी. हम सब ने साथ साथ शाम की चाय पी और हल्का नाश्ता किया. वो ज्यादातर मेरी माँ से ही बात करता रहा और करीब ५.०० बजे हम अपने बनाये हुए प्रोग्राम पर रवाना हुए.

हम गोवा – मुंबई हाइवे पर थे और फिर से बरसात शुरू हो गई थी, इस बार जोर से. तेज बरसात के कारण बाहर अँधेरा हो गया था. मैं अपना सिर उसके कंधे पर रख कर बैठी हुई थी और बाहर हो रही बरसात मुझे सेक्सी बना रही थी, गरम कर रही थी. वो बहुत सावधानी से कार चला रहा था. रस्ते पर बहुत कम वाहन थे,

उस ने मेरे गाल पर चुम्बन लिया तो मैं अपना आपा खोने लगी. मैंने भी उस के गाल को चूमा. गाडी चलते हुए उस ने मेरी चुचियों को दबाया. मैं जो चाहती थी, वो हो रहा था. उस ने फिर एक बार मेरी चुचियों को दबाया और मसला, इस बार जरा जोर से. चलती गाडी में जितना संभव था, उतना मैं उस से चिपक गई. अब मेरी चूचियां उस के हाथ पर रगड़ खा रही थी. मैंने उस के शर्ट के ऊपर का बटन खोल दिया. मेरी उँगलियाँ उस की चौड़ी, बालों भरी छाती पर, उस की मर्दाना निप्पल पर घूमने लगी. मैंने महसूस किया की उसकी निप्पल मेरे सेक्सी तरीके के कारण कड़क हो गई थी. मैंने एक के बाद एक, उसकी दोनों निप्पलों को मसला तो उसको मज़ा आया. मैंने नीचे देखा तो पाया की उस की पेंट के नीचे हलचल हो रही थी. मैंने मुस्कराते हुए उस की निप्पल को छोड़ कर अपना हाथ नीचे ले गई. मेरा एक हाथ उस की गर्दन के पीछे था और मेरी चूचियां अभी भी उसके हाथ पर रगड़ खा रही थी. मेरा दूसरा हाथ उस की पेंट के ऊपर, उसके तने हुए लंड पर था. उस ने अपने परों की पोजीसन ऐसी बना ली की वो कार चलता रहे और मैं उस के लौड़े से खेलती रहूँ. मैं उस का खड़ा हुआ लंड मसल रही थी और उस को बाहर निकालना चाहती थी. मैंने उस की जिप खोली तो उस ने भी अपने खड़े हुए लंड को चड्डी से बाहर निकालने में मेरी मदद की.

कितना सुन्दर लंड है मेरे प्रेमी का. गहरे भूरे रंग का, करीब 7 / 7.5 इंच लम्बा, 3 इंच मोटा और कड़क लंड. ( मैंने उस के लंड को नापा था जब हम एक बार अलग अलग तरीके ले लौडों के बारे में बात कर रहे थे. इसीलिए मुझे उस के लंड का नाप मालुम है.) गरम, शख्त और मज़बूत. उस के लंड के सुपाड़े पर चमड़ी है और और सुपाड़े पर छेद बहुत प्यारा लगता है. मुझे हमेश ही उसके मर्दानगी भरे लंड को देखना अच्छा लगता है. मैं बहुत भग्यशाली हूँ की मुझे ऐसा प्रेमी मिला है जो मेरी तरह हमेशा, कहीं भी, कभी भी, प्यार और चुदाई का खेल खेलने को तैयार रहता है. उस लंड की ऊपर की चमड़ी बहुत आसानी से नीचे हो जाती है, जब मैं उस के खड़े लंड को पकड़ कर नीचे दबाती हूँ. उस का गुलाबी सुपाडा मेरी आँखों के सामने आ जाता है. उस के लंड के सुपाड़े पर, छेद पर पानी की एक बूँद आ गई थी जो की आप जानतें है ये चुदाई के पहले का पानी है. उस ने भी कार चलते हुए मेरी चूत पर मेरी जीन के ऊपर से ही हाथ फिराया जिस से मेरी गर्मी बढ़ने लगी और हमेश की तरह मेरी चूत ने भी रस निकालना चालू कर दिया. मुझे पता है की रमेश का कार चलाने पर बहुत अच्छा नियंत्रण होता है और वो कार चलाने में बहुत ही माहिर है. इसलिए मैं चलती कार में उसके साथ चुदाई का खेल खेलते समय चिंता नहीं करती जब वो कार चला रहा होता है. मैंने धीरे से उस के खड़े लंड को पकड़ कर हिलाया, जैसे वो कामवाली डॉक्टर का हिला रही थी. मेरे छूने से उस का कड़क लौड़ा और भी सख्त हो गया. बाहर हो रही बरसात हमारी भावनाओं को भड़का रही थी और हम चलती कार में हमारा पसंदीदा काम करने लगे. मैंने रमेश की आँखों में देखा तो उन में मेरे लिए प्यार के सिवाय कुछ और नहीं था. मैंने उस के लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करना शुरू किया. कुछ समय बाद मैंने अपना सिर नीचे करके उस के तनतनाते हुए लंड को अपने मुंह में लिया. मैं अपनी जीभ उस के लंड मुंड पर घुमा कर उस के पानी का स्वाद लिया. उस का लंड चूसते हुए भी, चलती कार में मेरा मुठ मारना लगातार चालू था. मुझे पक्का था की कोई भी बाहर से नहीं देख सकता था की अन्दर चलती कार में हम क्या कर रहें है. कार के शीशे गहरे रंग के थे और बाहर बरसात होने की वजह से वैसे भी अँधेरा था. बाहर बरसात और तेज होने लगी थी जो कार में हम दोने को गरम, और गरम, सेक्सी बना रही थी. मैं एक बार तो घर पर डॉक्टर और उसकी कामवाली को देख कर अपनी चूत अपनी ही ऊँगली से चोद चुकी थी, और अब मैं चाहती थी की लंड और चूत के मिलन से पहले उस के लंड को भी हिला हिला कर, मुठ मार कर उसके लंड का रस भी निकाल दूँ. कार की छोटी जगह में झुक कर उस के लंड को चूसने में तकलीफ हो रही थी क्यों की हिलने जगह बहुत ही कम थी. उस ने भी इस बात को समझा और मैं सीधी हो कर बैठ गई. उस ने फिर मेरी चुचियों को मसला और दबाया, मेरी चूत पर हाथ फिराया. मैंने बैठे बैठे उस के लंड को कस कर पकड़ा और शुरू हो गई जोर जोर से मुठ मारने का काम करने को. वो भी बार बार मेरी चुचियों से खेल रहा था, दबा रहा था, मसल रहा था और मेरी चूत पर भी हाथ फिरा रहा था. चुदाई की, सेक्स की गर्मी बढती गई. हम दोनों को ही मज़ा आ रहा था. मैं सोच रही थी की उस के लंड का पानी जब निकलेगा, तब कार में, उस के कपड़ों पर फ़ैल जाएगा. मुझे पता है की उस का लंड, बहुत दूर तक, बहुत तेजी से और बहुत सारा पानी निकालता है. मैं अपना मुठ मारने का काम कर रही थी और उस ने कार में पड़ा छोटा तौलिया अपने हाथ में ले लिया. मैं समझ चुकी थी की ये लंड से निकलने वाले पानी को फैलने से रोकने के लिए है. वो कार चला रहा था और मैं उस के लंड पर मुठ मार रही थी. मुठ मारते मारते मैंने उस के लंड में और ज्यादा शाख्ती महसूस की तो मुझे पता चल गया की उस का पानी निकलने वाला है. एक हाथ से वो ड्राइव कर रहा था और एक हाथ में अपने लंड के पास तौलिया पकड़े हुए था.

अचनक उसके मुंह से निकला “ऊऊह जुलीईईईईईए” और उसने तौलिया अपने लंड के मुंह पर रखा. मैंने जल्दी से तौलिया पकड़ कर उस के लंड पर लपेट दिया और फिर से उस के लंड को तौलिये के ऊपर से पकड़ लिया. उस का लंड पानी छोड़ने लगा जो तौलिये में जमा होता जा रहा था. पानी निकालते हुए उस का लंड मेरे हाथ में नाच रहा था. मैं उस के लंड को टाईट पकड़े रही. उस के चेहरे पर संतोष के भाव थे और मैं खुस थी की मैंने अच्छी तरह से मुठ मार कर उस के लंड को शांत किया था. मैंने तौलिये से उस के लंड को साफ़ किया और फिर उसने अपने लंड के पानी से भीगा हुआ तौलिया चलती कार से बाहर गीली सड़क पर, थोड़ी से खिड़की खोल कर फ़ेंक दिया. जब उसने खिड़की खोली थी तो पानी की कुछ बूँदें अन्दर आई, हमें अच्छा लगा. उस का लंड अभी भी आधा खड़ा, आधा बैठा था. न ज्यादा कड़क, न ज्यादा नरम. आप जानतें है की हमेशा ही खड़े लंड को थोड़ी कोशिश के बाद चड्डी और पेंट से बाहर निकाला जा सकता है, पर खड़े लंड को वापस चड्डी और पेंट में डालना मुश्किल है. नरम लंड को आसानी से वापस कपड़ों के अन्दर डाला जा सकता है. उस ने वापस अपना नरम लंड अपनी जिप के अन्दर, पेंट में, चड्डी में डाल लिया.

करीब 6.30 हो चुके थे और हम हमारे घर से करीब १०० KM दूर थे. अभी भी भारी बरसात हो रही थी और बहार बहुत अँधेरा हो गया था और हमारी कार चली जा रही थी. मैंने रमेश से पूछा की क्या प्रोग्राम है तो उस ने बताया की कोई 30 की.मी. आगे एक रेसोर्ट है और उस का प्रोग्रामे वहां जाने का था पर अब, जबकि मौसम ऐसा है तो क्यों न कार में ही चुदाई की जाए.

मैं मान गई कार में चुदवाने को क्यों की मैंने कभी कार में नहीं चुदवाया था. भी कार में चुदवाने का अनुभव लेना चाहती थी. मुझे हमेशा अलग अलग पोजीसन में, अलग अलग जगह में चुदवाने में बहुत मज़ा आता है. मैंने उस से पूछा की कैसे हम हाइवे पर कार में चुदाई कर सकतें है तो उसने मुस्करा कर जवाब दिया ” अगर मैं तुम को हाइवे पर कार में चोदूंगा तो इस मौसम और अँधेरे में कोई मेरी कार की पीछे से गांड मार देगा.” मैं उसकी बात सुन कर हंस पड़ी.

कोई 2 / 3 किमी आगे आने के बाद उस ने कार हाइवे से नीचे उतार कर पेड़ों के झुण्ड की तरफ बधाई. आखिर उस ने कार वहां खड़ी की जहाँ चारों तरफ घने पेड़ थे. मैंने देखा की हमारी कार दो बड़े पेड़ों के बीच खड़ी थी. हम हाइवे से ज्यादा दूर भी नहीं थे. बाहर चारों तरफ पानी भरा था. बड़े बड़े पेड़ों के बीच हमारी ब्लू रंग की कार को इस मौसम में और अँधेरे में हाइवे से देख पाना संभव नहीं था. ये एक बहुत महफूज़ जगह थी पहली बार कार में चुदाई करने के लिए. भारी बरसात लगातार हो रही थी और हम बड़ी बड़ी पानी की बूंदों को हमारी कार की छत पर गिरते हुए सुन सकते थे.

रमेश मेरी तरफ घूमा और बोला ” डार्लिंग! क्या तुम इस सेक्सी मौसम में कुछ बीअर पीना चाहोगी? ”

” जरूर. क्या कार में है बीअर ?.” मैंने पुछा.

उस ने पिछली सीट से एक थैली उठाई जिसमे कुछ FOSTER BEER CANS थे. उस ने एक कैन खोल कर मुझे दिया और एक अपने लिए खोल लिया.

“चीअर्स” हम ने एक साथ बोला और धीरे धीरे बीअर पीने लगे.

मैं – कार में कैसे करेंगे ? पिछली सीट पर?

रमेश – पिछली सीट पर कर सकतें है पर इस छोटी कार में जगह बहुत कम है. मैं सोच रहा हूँ की क्यों न आगे की सीट पर किया जाए जिस पर तुम बैठी हो. हम सीट को पीछे करके जगह बना सकतें है.

मैं – इस सीट पर? कैसे होगा इतनी कम जगह में?

रमेश – ठीक है. हम यहाँ शुरू करतें है. अगर जरूरत हुई तो पिछली सीट पर चले जायेंगे. मैं कुछ बता नहीं सकता क्यों की मैंने कार में कभी नहीं किया है. आज पहली बार है.

मैं – मेरा भी तो पहली बार है. ठीक है. हम पहली बार ट्राई करतें हैं साथ साथ.

हम बीअर पी रहे थे और बाहर का बरसाती मौसम हमारे तन बदन में आग लगा रहा था. एक तो हम दोनों वैसे ही स्वभाव से सेक्सी है और ऊपर से ये मौसम. हम दोनों ही जानते है की समय और जगह कैसे सही इस्तेमाल किया जाता है. हम लोग सेक्सी बातें कर रहे थे और कार में, हाइवे के पास और बरसात के मौसम में एक मजेदार चुदाई के लिए तैयार हो रहे थे. वहां, पेड़ों के बीच कार में बैठे बैठे हम को हाइवे पर आती जाती गाड़ियों की रौशनी दिखाई दे रही थी पर हमें पता था की कोई भी हम को देख नहीं पायेगा. हमने बीअर का एक एक कैन ख़तम किया और फैसला किया की चुदाई होने के बाद, वापस जाते समय बीअर पीने का दूसरा दौर चलाएंगे. जगह बनाने के लिए उस ने मुझे मेरी सीट पीछे करने को कहा. मैंने सीट पेचे की तो वो करीब करीब पीछे की सीट को छू गई. अब मेरी सीट के सामने काफी जगह हो गई थी. मैं अभी भी सोच रही थी की इस सीट पर वो मुझे कैसे चोदेगा. अब मैंने सीट की पीठ को पीछे धकेला तो मैं अधलेटी पोजीसन में हो गई.

वो बोला – डार्लिंग! हम केवल अपने नीचे के कपड़े ही उतारेंगे ताकि हम आराम से चुदाई कर सकें. अगर अचानक कोई आ गया तो ऊपर के कपड़े पहने होने की वजह से हम नंगे नहीं दिखेंगे.

मैं उस की बात समझ कर मान गई, हालांकि चुदवाते समय मुझे शरीर पर कपड़े बिलकुल भी पसंद नहीं है. पर मैं मौके की नजाकत को समझ रही थी, इस लिए ऊपर के कपड़े बदन पर रख कर चुदवाने को राज़ी हो गई.

उसने अपनी पेंट और चड्डी उतार कर पिछली सीट पर फ़ेंक दी. अब केवल वो अपनी शर्ट पहने हुए था. मैंने देखा की उस का लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था जैसे उस में हवा भरी जा रही थी. उसका लंड लम्बा होता जा रहा था, मोटा होता जा रहा था और ऊपर की और उठ रहा था. मैंने भी अपनी जीन और चड्डी उतार कर पिछली सीट पर उस के कपड़ों पर फ़ेंक दिए. अब मैं भी ऊपर केवल अपना टॉप पहने हुए थी और नीचे से हम दोनों नंगे थे. उसने कार की ड्राइविंग सीट भी पीछे करदी ताकि थोड़ी और जगह हो जाए. मेरा बहुत मन हो रहा था की वो मेरी चुचियों को चूसे, पर मैं समझ रही थी की हम किसी बंद कमरे में नहीं है. और मैं अपनी चूत, अपनी गांड और अपनी चूचियां किसी और को नहीं दिखाना चाहती थी.

उस ने शायद मेरी आँखों को पढ़ लिया था. वो बोला – ” जूली ! एक काम करो. मैं जिस तरह चुदाई करने की सोच रहा हूँ, उस में मैं तुम्हारी चूचियां चोदते वक़्त नहीं चूस पाऊँगा. पर मैं तुम को चुदाई का पूरा पूरा मज़ा देना चाहता हूँ और साथ ही खुद भी पूरा मज़ा लेना चाहता हूँ. तुम अपनी ब्रा का हुक खोल लो और अपने टॉप के नीचे के दो बटन भी खोल लो. इस तरह तुम्हारी चूचियां नंगी भी रहेगे और ढकी हुई भी रहेंगी. मौके का फायदा उठा लेंगे. ”

मैं उस की बात सुन कर खुस हो गई. हम दोनों ही जानते है की चुदवाते समय मुझे अपनी चूचियां और निप्पल चुस्वाना बहुत पसंद है. मैंने वैसा ही किया जैसा उस ने कहा. मेरी चूचियां अब मेरे टॉप के नीचे से चुसवाने को तैयार थी.

अब टक उसका गरम लंड पूरी तरह तन कर चूत से मिलने को तैयार हो गया था. मैं जानती थी की मेरी चुदाई बहुत देर टक होने वाली है क्यों की चाचा की तरह रमेश भी चुदाई के मामले में बहुत मज़बूत है और बहुत देर चोदने के बाद उस के लंड का पानी निकलता है. और ऊपर से मैंने अभी कुछ देर पहले मुठ मार कर एक बार उसके लंड रस को निकाल दिया था तो और भी ज्यादा वक़्त टक चोदने वाला है मुझे.

खैर, अब वक़्त आ गया था असली चुदाई का. मैंने उस के खड़े हुए लंड को पकड़ा तो वो हमेशा की तरह बहुत गरम था. मैं बहुत भाग्यशाली हूँ की मेरे प्रेमी का लौड़ा इतना मज़बूत, इतना लम्बा, इतना मोटा और इतना गरम है. मैं तो कहती हूँ की ये लौड़ा नहीं, चोदने की मशीन है. चुदाई की शुरुआत हमने हूथों के चुम्बन से की. हम एक दुसरे के गरम, रसीले होंठ चूसने लगे. होठों के चुम्बन से चुदाई की आग और भी भड़क गई. उस ने मुझे अपने ऊपर खींच तो मेरे हाथ उस की गर्दन के पीछे और उस के हाथ मेरी गोल गोल, कड़क गांड पर फिरने लगे. मेरी चूत में खुजली होने लगी और वो गीली होने लगी. वो मेरी गंद दबा रहा था और अपनी उँगलियाँ मेरी गांड की गोलियों के बीच की दरार में घुमा रहा था. मैं और भी गरम होने लगी. रमेश ये अच्छी तरह जानता है की कम समय में मुझे कैसे गरम किया जाता है और वो वही काम एक बार फिर कर रहा था. मेरी जीभ को अपने मुंह में ले कर उसने आइस क्रीम की तरह चूसा, चुभलाया. उस के हाथ लगातार मेरी नंगी गांड पर घूम रहे थे. उसकी उन्ग्की मेरी गांड पर घुमती हुई थोड़ी से मेरी गांड में घुसी तो मैं उछल पड़ी. जब उस ने अपनी ऊँगली मेरी गांड में अन्दर बहर हिलाई तो मज़ा ही आ गया. हाइवे पर गाड़ियाँ आ जा रही थी और कोई भी हम को देख नहीं सकता था. हमारी कार पेड़ों के बीच में थी और हम दो जवान प्रेमी उसमे चुदाई का मज़ा ले रहे थे, बिना किसी की नज़र में आये. आप जानतें है की इस से पहले मैंने कई बार चलती हुई कार में अपने हाथ और मुंह का कमाल उसके लंड पर दिखाया था, बिना किसी की नज़र में आये और ये पहला मौका था जब हम पूरी चुदाई कार में करने वाले थे, उसी तरह, बिना नज़र में आये. मैंने उस का तना हुआ, चुदाई के लिए तैयार लंड पकड़ कर उसके मुंह की चमड़ी नीचे की तो उसके लौड़े का गुलाबी सुपाडा बाहर आ कर चमक उठा. हमने चुम्बन ख़तम किया और मैं अपनी सीट पर बैठ कर लम्बी लम्बी साँसे लगी. us के हाथ पकड़ कर मैंने उनको अपनी चुचियों पर रखा तो वो मेरी चुचियों को मेरे टॉप के ऊपर से दबाने लगा. उस का लंड अभी भी मेरी पकड़ में था. उस ने अपना मुंह मेरी चुचियों टक लाने के लिए अपनी पोजीसन बदली और मेरे टॉप के नीचे का भाग ऊपर किया तो मेरी तनी हुई दोनों सेक्सी चूचियां उस के चेहरे के सामने थी. मेरी गहरे भूरे रंग की निप्पल तन कर खड़ी थी, एक निप्पल को उस ने अपने मुंह में लिया और दूसरी को अपनी उँगलियों के बीच में. मेरी एक निप्पल को किसी भूखे बच्चे को तरह चूस रहा था और दूसरी निप्पल को किसी शैतान बच्चे की तरह मसल रहा था. मेरी फुद्दी अब टक पूरी गीली हो चुकी थी और उस में चुदवाने के लिए खुजली हो रही थी. इस पोजीसन में मैं उस के लौड़े को देख नहीं पा रही थी पर वो अभी भी मेरे हाथ में था और मैंने उस को भी थोड़ा पानी छोड़ते हुए महसूस किया. यानि वो भी मेरी चूत में घुसने के लिए मरा जा रहा था. हम अपने अलग ही, चुदाई के संसार में थे और हमारा पूरा धयान चुदाई पर ही था, हम चुदाई में ही मगन थे. उस ने मेरी दूसरी चूची को चूसने के लिए फिर अपनी पोजीसन बदली. जो निप्पल पहले मसली जा रही थी वो अब चुसी जा रही थी और जो पहले चुसी जा चुकी थी वो अब मसली जा रही थी. उस छोटी सी कार में चुदाई का तूफ़ान उठ रहा था और बाहर बरसात हो रही थी. किसी को पता नहीं था की वहां एक कार है और कार में हम चुदी चुदी खेल रहे थे.

उस का एक हाथ मेरे पैरों के जोड़ की तरफ बढ़ा तो मैंने अपने पैर थोड़े चौड़े कर लिए ताकि वो मेरी सफाचट, चिकनी चूत पर आराम से हाथ फिरा सके. हात फिराते फिराते उस की बीच की ऊँगली मेरी गीली फुद्दी के बीच की दरार में घुस गई. वो अपनी ऊँगली मेरी चूत के बीच में ऊपर नीचे मेरी चूत के दाने को मसलता हुआ घुमा रहा था. चूची चुसवाने से और चूत में ऊँगली करवाने से मेरे मुंह से सेक्सी आवाजें निकलने लगी. उस के मुंह में मेरी निप्पल और मेरे हाथ में उस का लंड, दोनों और कड़क हो गए. मैं भी उस का लंड चुसना चाहती थी और 69 पोजीसन के बारे में सोचा मगर कार में ये संभव नहीं था. मेरी चूत में उस की ऊँगली लगातार घूम रही थी और मैं संतुष्टि के स्टेशन की तरफ बढ़ने लगी. उस की ऊँगली अब मेरी चूत में घुस कर चुदाई कर रही थी. मेरी फुद्दी को उसकी ऊँगली चोद रही थी. जैसे ही उस को पता चला की मैं पहुँचने वाली हूँ, उस ने मेरी चूत की चुदाई अपनी ऊँगली से जोर जोर से करनी शुरू करदी. वो मेरी चूत को अपनी ऊँगली से इतनी अच्छी तरह से, सेक्सी अंदाज़ में चोद रहा था की मैं झड़ने वाली थी और मरी नंगी गांड अपने आप ही हिलने लगी. मेरे मुंह से जोर से संतुष्टि की आवाज निकली और मैं झड़ गई. मैंने उसकी ऊँगली को अपने पैर, गांड और चूत टाईट करके अपनी चूत में ही जकड़ लिया और झड़ने का मज़ा लेने लगी.

आखिर मैंने उस से कह दिया की मैं उस के गरम लंड को चखना चाहती हूँ. मैं उस को इतना गरम करना चाहती की उस के लंड का पानी मेरी चूत में जल्दी ही बरस जाए. मैं उसको भी अपने अगले झड़ने के साथ झाड़ना चाहती थी. इस के लिए जरूरी था के मैं उस को चुदाई के आधे रास्ते पर चूत की चुदाई शुरू करने के पहले ही ले जाऊं.

हम ने फिर अपनी पोजीसन बदली और वो कार की पेसेंजर सीट पर अधलेटा हो गया और मैं ड्राइविंग सीट पर आ गई. उस का गरम, लम्बा, मोटा और पूरी तरह तना हुआ चुदाई का सामान लंड कार की छत की तरफ मुंह कर के खड़ा हुआ था जिस का नीचे का भाग मैंने अपने हथेली में पकड़ा. उस के लंड का सुपाडा पहले से ही बाहर था जिस को मैंने सीधे अपने मुंह में ले कर चुसना शुरू कर दिया. हे भगवान्, कितना गरम लंड है उसका. मैंने उस के लंड से बाहर आते पानी को चखा और अपनी जीभ उस के लंड के सुपाड़े पर घुमाने लगी. मेरा हाथ उस के लंड को पकड़ कर धीरे ऊपर नीचे होने लगा. मैं ड्राईवर सीट पर अपने घुटनों के बल बैठ कर, झुक कर उस के लंड को चूस रही थी, और मेरी नंगी गांड ऊपर हो गई थी. ये उस को खुला निमंत्रण था. उस ने अपना हाथ मेरी गोल नंगी गांड पर घुमाते हुए फिर से मेरी टाईट गांड में अपनी ऊँगली डाल दी. मैं उस को उस को उस का लौड़ा चूस कर, मुठ मार कर गरम कर रही थी और वो मुझे मेरी गांड में अपनी ऊँगली धीरे धीरे अन्दर बाहर कर के गरम कर रहा था. रमेश को गांड मारना पसंद नहीं था पर मेरी गांड में ऊँगली करना उस को हमेशा अच्छा लगता था, और सच कहूँ तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता था. उस की मेरी गांड में घूमती ऊँगली मुझे चुदवाने के लिए बेचैन कर रही थी. रमेश एक बहुत अच्छा चुद्दकद है और मैं खुश हूँ की वो मेरा होने वाला पति है.

मेरी उस के लंड की धीरे धीरे चुसाई और धीरे धीरे मुठ मारे अब तेज हो चली थी. मेरी दोनों चूचियां हवा में लटक रही थी और आगे पीछे हिल रही थी, मेरी गांड में उसकी ऊँगली भी बराबर घूम रही थी.

जब मैंने महसूस किया की मैं उस को उसके लंड की चुसाई से और मुठ मार कर आधे रास्ते टक ले आई हूँ और अब चूत और लंड की चुदाई में हम साथ साथ झड़ सकतें है, तो मैंने उस के तनतनाते हुए लंड को अपने मुंह से बाहर निकाला.

वो पेसेंजर सीट पर उसी तरह अधलेटा था और उस ने मुझे उसी पोजीसन में अपने ऊपर आने को कहा. मैं उस पर लेट गई. मेरी पीठ उस की छाती पर थी और उस का खड़ा हुआ चुदाई का औजार, उस का लंड मेरी गांड के नीचे था. उस के दोनों परों को मैंने अपने दोनों परों के बीच में ले कर चुदाई की पोजीसन बनाई. एक हात से मैंने मैंने कार के दरवाजे के ऊपर के हँडल का सहारा और saport लिया और मेरा दूसरा हाथ ड्राईवर सीट के ऊपर था. मैं अब उस के लंड पर सवारी करने को तैयार थी. अपने दोनों हाथो के support से मैंने अपनी गांड ऊपर की तो उस का लंड राजा मेरी गीली, गरम और चिकनी चूत के नीचे आ गया.

हम इस तरह की अधलेटी पोजीसन में पहली बार चुदाई करने जा रहे थे और वो भी कार में. ये एक यादगार चुदाई होने वाली थी. उस के लम्बे



loading...

और कहानिया

loading...



bahbi ka xxxxxxx kahani mp3sax girl chut mt kro jardasti liPanjbi anty Cudai kartye darad huwaantarvasna.sex.story.nudevideo Sis sex krne boy gya pta lga uski bhen rand hchudai storiJeja aaj mugha chodo aaj me akle hi hindi odio xxxMis ko jam kar chodaDidi ki rape karne ki kahaaniबड़ी बहन की चुदाई कहानियाँhindi sex comicsचाचा ne bhteeje की bahoo की choot मारी सेक्स कहानियाँभाई के साथ बीबी बदल कर चुदाई कीjawan beti ki massage sex kahaniyaxxx kahanixxx chachi naiti par payasidog sex khaneytahnd me sali ko coda sex porn kahanino1 sex kahanixxxWw.e.larkiyo.ke.xxxPahale tum Meri chut apna land phir bataugi ka videoआंटिसेकसmarevahri xxx vedeowww.momandsonxxxstory.comkar me maidam ka jabardhasti xnxx videos 3gpMaa chudi anty ke ghr pr pickutte ke sath chudai ki kahanimaa ko jabardshti choda kheto me kahaniदेवर ने भाभी की चूत चाती सेक्स storyमहाशिव रातीरि चुत चुदाई कहानियाँUski choot ka dhakkan khola bheed ne desi khanixx com bete ne mummy ko pregnet kiya hindi kahaniya reading onlyxxx video nahaJabrdasti bur mar le xxxxc hindi momhindi kahani sexy chudail ruh but burसेकसी चूदाई कार चून बडे लीक कीxxx kahani school me bhai or teacher hindi meantarvasnaxxxx hOKndighindisaxyvf vhae behen xxx kahaneeHidi Ledikika sexxxxxxxx vidios jise dekha ja sake fuck karte huebehan.comki.comexam.comsex.comstoryhenade sakse khaneya ma or batakeMom ko papa aur uncle ne chodaIndian gang ki chudaisexy.inlila ki chhudai sexNaqli doctor sex kahaniapati apni ptni ko pelte hi bur phar diyaXnx devar bhabi vidava storyसेक्सी रिश्ते में चुदाई।hindi sex story nashte main chootबुर मे लनद चौदा रो परीbudhdhe or ladhkiyo ki sexye puri kahane hindde mai padhne kowww sex khani buri ki hindi me mjedar nyakamuktaमै और मेरी प्यारी दीदीxxx gruop जंगल में मंगलxxx.3g.vidios.jbrdati.rapsal15जानवर।की।चूदाईhinde sexe khaneyavidwa bhan se sex kiyasasur ne jamke chodaLambi Hindi kahania sexy sekh aur Pathan ke sathलङी पुलिस कि चुत मारनीland se khod dali bur xxx storyनाईट ड्रेस में चुदाई हिन्दी सेक्स कहानीxxx video muta dene wala sexyसेकस कथा चिञxxx jabardasti ladki ko choda sheel fat gai hindi pure sex xxx .comsexy babhi k bub imagaचाची के कहने पर उसकी बेटी को चोदा Hindi sex storymakeup bra me chudwane ki antarvasnamaa bata zavazavi khanisasu ki chdaixxxDally babhi aru sonu ke bic sex kitab kamukta saxxi story.comeक्रिश्चन सुहागरात चुतcaci ka cudai ka niam hindi maywww hind sex stroyदिदी की शील तोडा कुता ने xxx chudai storisoni didi ke fati salwerचाची को बाथरूम मे चोदा sexyy non veg kahaniya apne naukar ke sath kiye majeSANDAS KERTE HUE AUNTY SEXY RTORYdidi ko choda pikanik me antrvasna hindi sexadhuri hasrate chudai ki kahaniyabehan ki mast jawani sex kahaniईडियन बुर चोदना हैread hindi kamukatasex stories.compadosan k sat x storiantervasna in hindipoti ki kamvasna mitai dada ji neऔरत पेलमगर्लफ्रेंड की गांड़ चोदा गाली देकरgndi gndi story devr bhabhi jbrdsti new khani hindirishto chudisexystoria hindi