मेरी चुदाई दो लंडो से…..
मेरा नाम सपना है, मैं आपको अपनी sexstory सुनाने जा रही हूँ| मैंने नया नया कालेज जाना शुरू किया था. आजादी और लडको-लडकियो को घूमते देख कर मेरा मन भी मचलने लगा, और मैंने भी किसी लड़के के साथ दोस्ती करनी की थान ली, कुछ ही दिनों में सबी स्टूडेंट अपनी क्लास लगाने लगे, और मेरी दोस्ती एक श्लोक नाम के लड़के के साथ होई, मेरे लिए तो बॉय फ्रेंड बनाना सिर्फ आज़ादी से घूमना और बातें करना ही था, मगर मुझे क्या पता था कि बॉय फ्रेंड ऐसा गजब है जो जिन्दगी को खुशियो से भर देता है | जिसे पाकर कोई भी लड़की यही कहेगी कि बॉय फ्रेंड बिना जिन्दगी अधूरी सी है |
अब्ब मैं आपको हमारी इस दोस्ती के बारे में बताती हूँ | मैं और श्लोक एक ही क्लास में थे, धीरे धीरे हम में बात चीत होने लगी, मैं उसके सेक्सी बदन की दीवानी थी | वो भी मेरे सेक्सी बदन का दीवाना था, और उसने एक दिन मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड बन्ने के लिए बोला, और मैंने भी झट से हाँ कर दी, हम फ़ोन पर बात करने लगे ऐसे ही कुछ दिन बीत गये फ़ोन पर सेक्सी बातें करने लगे, और फिर एक दुसरे को मिलने के लिए बेताब होने लगे | फिर हमने मिलने की योजना बनाई, जिसके लिए श्लोक ने अपने किसी फ्रेंड को बोला कि हम शिमले घुमने चलते हैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ घुमने, उसके दोस्त ने भी हाँ में हाँ मिला दी | कालेज से छुट्टिया हो गयी थी | तो अगले ही दिन हम शिमला की और निकल पड़े, श्लोक रेड टी शर्ट में बहुत ही सेक्सी लग रहा था, उन्होनों ने मुझे कार में बैठाया और हम सबी शिमला की और निकल पड़े, फिर हमने एक होटल से कुछ खाने पीने का समान लिया, कार में श्लोक, मैं और उसका दोस्त अबे और उसकी गर्ल फ्रेंड थे, सबी खूब मजे ले रहे थे और मस्ती रहे थे, मैं और श्लोक पिछली सीट पर बैठे हुए थे, श्लोक से अब रहा नही जा रहा था, उसने मेरे होंटो पर किस करना शुरू कर दिया |
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था यह हमारी पहली किस थी, जिसने शरीर में आग सी लगा दी | अब्ब मैं भी उसको चूमने लगी | अबे शीशे से यह सब देख रहा था, उसने भी अपनी गर्ल फ्रेंड को किस की, और सबी आपस में सेक्सी बातें करने लगे मगर मुझे को अजीब लगा कि किस तरह एक दुसरे से खुलेआम बात कर रहे हैं मगर मुझे क्या पता था आगे क्या होना वाला है, हम सब कुछ टाइम के लिए चुप हो गये, हम शिमले पहुंच चुके थे, सफ़र काफी होने के कारण सबी थक चुके थे, हम एक होटल मैं दाखिल हुए और श्लोक ने रूम बुक करवाया, तब तक अबे भी कार पार्किंग में लगा आया था | सबी रूम में दाखिल हुए हाथ मुह पानी से साफ किया,मैं कुछ आराम करना चाहती थी मगर श्लोक साहिब कहा टिकने वाले थे | मौका देखते ही उन्होनों ने मुझे बेड पर लिटा दिया और होंटो को चूसने लगा, जान में तुम बिन नहीं रह सकता, में तुम्हे जिन्दगी की हर ख़ुशी दूंगा फिर श्लोक ने मेरे गालो पर किस किया और मैं भी उसको किस करने लगी | देखते ही देखते श्लोक ने मेरे शरीर से मेरा टॉप अलग कर दिया, अब मरे शरीर पर बरा और पेंट थी मैं शर्माती होई उसको खुद से अलग कर दिया, मुझे अबे और उसकी गर्ल फ्रेंड से शर्म आ रही थी | तभी अबे ने अपनी गर्ल फ्रेंड को बेड पर धकेल दिया और उसको दांतों से कांटने लगा यह सब देख कर मैं दंग रह गयी |
तभी श्लोक ने अपने कपडे उतार दिए, उसने सिर्फ एक अंडरविउर पहनी हुई थी उसने मुझे दीवार के साथ लगा लिया मेरी एक बाजु को उपर उठाकर मेरे चेहरे पर किस करने लगा | जान कैसा लग रहा है मेरे साथ किस करके में शर्माते हुए बोली अप पास हो और क्या चाहिए, कुछ ही देर में उसने मेरी बरा भी उतार दी, और बोला जान आज मत रोकना क्योकि अब तुम पर सिर्फ मेरा हक्क है और मेरी नैक पर किस करने लगा, जिससे मेरे जिस्म में हलचल सी होने लगी, श्लोक धीरे धीरे से किस कर रहा था और वो मेरे बूब्स को अपनी जीब से सहला रहा था, जान बूब्स तो एकदम संग्तरे जैसे है आज इनको खा कर ही रहुगा, में शर्मा कर बोली अब सबी कुछ आपका है जो दिल चाहे कर सकते हो, श्लोक ने मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया , मेरा शरीर कुछ तडप पकड़ने लगा, श्लोक ने मेरे बूब्स को अपनी जीब से चूमना शुरू किया और कभी होंटो पर किस करता, फिर से बूब्स को अपने हाथ से सहला रहा था मुझे भी बहुत मजा आ रहा था दूसरी और अबे ने रितिका को नंगा कर डाला था और एक दुसरे को चाट रहे थे |
तभी श्लोक ने मेरी पेंट उतारनी शुरू कर दी मुझे बहुत शर्म आ रही थी, उसने बोला शर्मा मत वो देख किस तरह सेक्स मैं मस्त हैं, मुझे डर भी लग रहा था क्योकि मई यह सब पहली बार कर रही थी | श्लोक ने मेरी पेंटी भी उतार दी और अपना हाथ मेरी चूत की और ले जा रहा था | मेरी जान शर्मा मत अब मेरा लंड तेरा हो चूका है, मैं और भी शर्मा रही थी, दूसरी और अबे रितिका के मुह पर बैठ कर अपना लंड चुसवा रहा था, श्लोक ने धीरे से मेरी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मुझे किस करने लगा अब्ब हम गरम से होने लगे, श्लोक ने अपनी अंडरवियर उतार दी और अपना लंड मेरे पेट पर घुसाने लगा, और कबी नीचे की और फेरता एक हाथ से बूब्स को दबाता, अब श्लोक मेरी चूत पर रख कर लंड को घुमाने लगा जिस से हम दोनों मदहोश हो रहे थे | तभी श्लोक का लंड भी पूरी तरह से तन गया था और मेरी चूत के अन्दर घुसने के लिए बेताब था | श्लोक ने मुझे गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया |
अब श्लोक से भी और सहा नही जा रहा था, जान में अपना लंड तेरी चूत को सोंप रहा हु, उसने धीरे से लंड को मेरी चूत में डालने की कोसिस की मगर चूत कहा हार मानने वाली थी, वो श्लोक को अन्दर आने की इजाजत ही नही दे रही थी | ऐसा इस लिए था क्योकि मैंने पहले कभी किसी से सेक्स नही किया था | तब श्लोक ने मेरे अपने लंड पर आयल लगाया, और मुज से लिपट कर किस करने लगा और अपने लंड को मेरे चूत पर फिर से घुमाने लगा, और धीरे से धक्के देने लगा मुझे दर्द का अहसास होने लगा तब श्लोक ने मेरे जीब को अपने मुह में लेकर चुसना शुरू किया और नीचे हलके हलके धक्के दे रहा था जिस से मुझे और दर्द होना शुरू हुआ, मगर रितिका को कोई दर्द का अहसास नहीं था क्योकि वो पहले भी अबे से सेक्स कर चुकी थी | अबे ने रितिका को अपने लंड पर बैठाया और उसको जोर जोर से झटके दे रहा था वो खूब मजे ले रहे थे | अबे कभी उसके बूब्स को अपने दांतों से काटता और कबी उसकी चूत को बहुत जोर से धक्के देता, उनको देख कर श्लोक का मन भी ऐसा ही करना चाहा, उसने मेरे होंटो पर एक चोकलेट रख दी और उसे चूसने लगा और मेरे होंटो को काटने लगा फिर उसने चोकलेट मेरे मुह में डाल दी और मेरी जीब को अपने दांतों के नीचे जकड ली, और लंड को मेरी चूत मैं घुसाने लगा मुझे दर्द हो रहा था मगर अब्ब मैं श्लोक के नीचे थी इसलिए कुछ न कर पाई खुद को बचाने के लिए, मगर श्लोक का लंड अब मेरी चूत को फाड़ देना चाहता था, श्लोक ने एक जोर से धक्का लगाया और थोडा सा लंड मेरी चूत में घुस गया जिसके कारण में दर्द से चिला उठी मगर श्लोक ने मुझे पहले से ही अपनी जकड में पकड़ रखा था |
उसने धीरे धीरे और धक्के देने शुरू किये में दर्द से चिला रही थी मगर अब श्लोक कहा छोड़ने वाला था मेरा दर्द तेजी से बड रहा था तब श्लोक ने कुछ देर लिए लंड को चूत में ही रखा और दर्द से कुछ रहत मिलने लगी तब श्लोक ने मेरी जीब को भी आजाद कर दिया, में बोली अपनी जान के साथ ऐसा कोई करता है क्या, श्लोक मेरी जान बस थोडा सा दर्द सेहन कर लो फिर तुम्हे खूब मजे दूंगा, मेरा दर्द कम हो चूका था, तब श्लोक ने मुझे टेढ़ा लेटाया और मगर से अपने लंड को मेरी चूत में घुसाया और मेरे होंटो को अपने अपने होंटो के नीचे दबा लिया | और जोर जोर से झटके मरने लगा, ऐसा लग रहा था जैसे चूत ही फाड़ डाली हो, श्लोक ने पुरे जोश के साथ लंड को अन्दर बाहर किया, मेरी आँखों से आँसो बह रहे थे, और में पानी छोड़ चुकी थी मगर श्लोक अपना लंड अन्दर बाहर फेरता रहा | कभी होंट चूसता और कभी बूब्स. जोर जोर से लंड चूत में घूम रहा था अब श्लोक भी झड़ने ही वाला था, जान क्या में पानी अंदर ही छोड़ दू? सपना तुमने तो मेरी चूत को फाड़ डाला है, अब क्या पूछ रहे हो जहाँ छोड़ना है पानी छोड़ दो, श्लोक जान नाराज क्यों हो रही हो तुमको तो मैंने एक कली से फूल बनाया है जो सिर्फ मेरे लिए है | पानी छोडते होए श्लोक मुज से चिपक गया और बोला जान मुझे बहुत मजा आया अब की बार तुम्हे भी और मजा दूंगा जब मैंने उठकर देखा तो खून से हम दोनों गंदे हो चुके थे| मैंने उठना चाहा मगर इतनी हिम्मत नही रही थी कि चल पाती तभी श्लोक ने मुझे उठाकर बाथरूम में नहाया और बेड पर लेटा दिया और मुज को किस करने लगा |
तब श्लोक का ध्यान अबे की गया | और श्लोक उठकर अबे के पास गया और बोला अगर चाहो में भी आपकी मदद करू तो रितिका ने झट से कहा हां क्यों नही तुम भी आ जाओ, श्लोक और अबे अपने लंड लिए हुए रितिका के मुह की और बड़े और रितिका इन दोनों को देख कर बोली बाह क्या बात है आज दो दो लंड मिल रहे है और मुह में लेकर चूसने लगी, रितिका बोली मेरे बदन में लगी आग को क्या ये दोनों बुझा सकते है ? तभी श्लोक बोला चल उठ इसको अपने होंटो से छु कर एक बार रॉड जैसा बना दे फिर फाड़ता हु तेरी इस तडपती चूत को अबे बोला हम दोनों तुमे एक साथ चोदे गे जिससे त्रि चूत और गांड को किसी के लायक नही छोड़ेगे, तो रितिका बोली मैंने भी तुम जैसे बहुत से लोंडो को चूत को फाड़ने का मौका दिया है मगर ऐसा कोई नही कर पाया, तो अबे देर किस बात की साली को एक साथ चोदते है वो भी बिना रुके , ओके रितिका तयार हो हा रे में तयार हूँ कही तुम्हारे लंड मेरी चूत में जाकर जवाब न दे दे ? तब अबे और श्लोक ने रितिका को खड़ा किया और श्लोक ने उसकी चूत में एक ही झटके से लंड अंदर डाल दिया और अबे ने पीछे से उसकी गांड में लंड डाला और दोनों जोर जोर से झटके मरने लगे और बोले अब बोल रंडी तेरी चूत क्या मांग रही है को दर्द हो रहा था और चिला रही थी अबे सालो मत मारो ऐसे झटके अब क्या मेरी चूत और गांड को फाड़ कर सांस लोगे | उनकी रफ़्तार और भी बड गयी रितिका की दर्द भरी आवाज़ पुरे रूम में गूँज रही थी और रितिका दो बार अपना पानी श्लोक के लंड पर छोड़ चुकी थी, अब अबे और श्लोक भी पानी छोड़ने ही वाले थे दोनों ने रितिका की गांड और चूत को पानी से भर दिया और लंड निकल कर उसके मुह में डाल दिए रितिका को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी और लंड को एक साथ चाट रही थी | फिर अबे ने रितिका को बेड पर लेटा दिया और आप दोनों नहाने चले गये तब श्लोक वापिस मेरे साथ आ कर लेट गया और मुज को ढेर सारा प्यार करने लगे, सब पूरी तरह थक चुके थे और किसी को पता ही नही चला कब नींद आ गयी |
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