मेरी चूत गाड़ रानी
हेलो दोस्तों मेरा नाम पंकज है मैं कानपुर का रहने वाला हूँ और फिलहाल दिल्ली मैं रहता हूँ | मुझे लड़कियो की चूत और गाड़ बहुत पसंद है| मैं 28 साल का युवक हूँ वैसे मैं बहुत शर्मिला किस्म का हूँ लकिन बीस्तर पर मैं हवान् से कम नही| आज की डेट तक मैं कई लड़कियो और भाभियो की चूत और गांड मारी हैं | लेकिन इसके पीछे भी कुछ वज़ह है मैं शुरू मैं बहुत शर्मीला और अपने मैं रहता था | मैं वो घटना सुनाता हूँ जिसके वजह से मैं ठरकी हो गया और सिर्फ चूत गांड चाटने को मन करता है |
बात उस समय के है जब मैं १२ क्लास मैं था मेरा लंड कही भी खड़ा हो जाता था इसलिए मैं हर दूसरे तीसरे दिन मुठ मरता रहता था लेकिन मुझे एक चीज़ बहुत परेशान करते थे वो थी आखिर लड़कियों के टांग के बीच में क्या होता है और कैसा दीखता है उनकी चूची कैसे होते है उसमें हड्डिया होती है की नहीं| इसी चक्कर में मैं अपने दीदी जब नहाने जाते थी तो मैं झुक के फाटक के नीचे से देखने के कोशिश करता रहा था लकिन कुछ दीखता नही था क्योकि मरे दीदी की चूत के बाल बहुत घने थे | जब वो कही चली जाती थीं तो उसकी पैंटी ब्रा सुंगता था और तकिया को पैंटी पहना के चुदाई करता था| मरे मन में अपने दीदी को लेकर कभी गलत इरादे नही थे लेकिन मैं हिलाने के लिए कुछ भी कर सकता था | शायद मैंने इस लिए आपको अपने दीदी के बारे में नही बताया | मुझे आज भी सेक्स पसंद हैं लेकिन रिस्तो से दूर और आपसी सहमति से ही |
दिन बीतते गए और मैं ग्रेजुएशन मैं अड्मिशन हुआ फिर मैंने ब्लू फ्लिम देखे | मुखे सेक्स का भुखार चढ़ने लगा हमेशा मैं अब दीदी को ड्रेस बदलते देखना चाहता था वो मूतती कैसे है देखना चाहता था |मुझपे सुरूर ऐसा चढ़ा था की मैं जब दीदी ड्रेस चेंज करने जाती थीं तो चारपाई के नीचे पहले से छुप जाता था और चूत के दर्शन करना चाहता था और वही हिला लेता था| इसी बीच मेरे किरायदार चेंज हो गए और कुछ महीनो बाद नए किरायदार आये | उनकी अभी दो साल पहले शादी हुए थी कोई बच्चा नहीं था | आंटी बहुत सेक्सी थी मेरे आकर्षण उनकी तरफ होने लगा धीरे धीरे मैं उनकी चूत दर्शन कैसे होगा सोंचने लगा | मैं छत पर से उनकी पैंटी चुरा लेता था और सुंगता था कभी कभी पहन के हिलता भी लेता था | मैं उनकी करीब ६ से ज्यादा पैंटी चुराई थी | एक दिन जब मेरे घर मैं कोई नहीं था मम्मी दीदी ,बुआ के घर शादी पे गयी थी और मेरा एग्जाम नज़दीक होने के करण मुझे घर पर रुकना पड़ा और मम्मी ने आंटी से बोल दिया देखने के लिए |
मुझे तो आंटी की चूत देखनी थी सो मैं खुश था | अगले दिन सुबह जब आंटी दूध लेन गयी थी तब मैं ऊपर जा के उनकी बाथरूम जो सीढियों से थी चाकू से छेद बना दिया और इंतज़ार करने लगा |आंटी आई और मुझे खाना दिया और खुद नहाने चली गयी | मैं भी थोड़े देर बाद पीछे पीछे चल दिया और दरवाजे से झाकने लगा वह नज़ारा आज भी नही भूल सकता हूँ एकदम छोटे छोटे बाल और उसके बीच में चूत |आंटी तभी दरवाज़े के तरफ हुईं और खड़े खड़े मुत्तना शुरू कर दी |
मैं एकदम गरम हो गया ऐसा लग रहा था भुखार हो गया है नीचे आकर दीदी की पैंटी निकली और तीन बार मुठ मारा |शाम को उसके हस्बैंड आये मुझे थोड़ी खलबली मचने लगी | क्योकि अंकल कुछ दिन बाद आये थे तोह चुदाई तो होगी ही| आंटी कैसे चुदेंगी क्या वो लंड चूसेंगी | ये प्रश्न मुझे परेशान कर रहा था शाम भर यही सोंचता रहा क्या करू क्या करू कैसे चुदाई देखू | रात हुआ आंटी नोर्मल्ली लाइट ऑफ कर के सोती है लेकिन उस दिन लाइट जल रहा था मैंने झाकने की कोशिश की सुनने की कोशिश की लकिन सब नाकाम रहा | अंत में मैं अपने आप को ये समझाया की कल तो चूत देखेगा न और कल कुछ आईडिया कर लेना चुदाई देखने के लिए| सुबहः हुआ और उसका पति काम पे चला गया | आंटी मुझसे बात की और खाना खिलाई | मैं इंतज़ार करने लगा की कब चूत रानी को देखने को मिलेगा |जैसे ही वो नहाने गयी मैं जल्दी से दरवाज़े से झाकने लगा| लकिन मेरी किस्मत ख़राब निकली आंटी ने झट से दरवाज़ा खोल दिया | और मैं वहां खड़ा मिला | मैं भागने लगा लेकिन आंटी ने मेरे बल पकड़ के चार थपड मारा , मैं बहुत दर गया था सर से ले के पाव तक काँप रहा था | आंटी मुझे रूम मैं ले गयी और नीचे बैठा के पूछे बोली ये सब कबसे चल रहा है तेरी माँ से बोलू आवारा साले| वो मेरा बाल पड़ते हुए निचे मेरे रूम मैं ले गयी और कुछ ढूंढने लगी अलमारी में| मैं सर झुका के बैठा था तभी वो मेरे तरफ आई और बोले ये क्या है उनकी हाथ में उनकी पैंटी थी जो मैंने चोरे की थी| मादरचोद बहनचोद मेरे पैंटी चुराता है रुक तेरी गांड मरते हैं हम | मुझे तो सु सु आ ने लगी डर के मारे |मैं उनके पैर पड गया और भीख मांगने लगा लेकिन वो लात से मारना शुरू कर दी | उसने बोला बता सब कुछ सही सही नहीं तो पुलिस में कम्प्लेन करूंगी | मैंने सब कुछ बता दिया | मैंने ये भी बता दिया की सिर्फ में देखने की कोशिश करता था और कुछ नहीं | देखना हैं न तुझे अब चल , वो मुझे बाथरूम ले गयी और बैठा दी और अपने सलवार उतार दी मैंने कहा ये क्या आप मत करिये प्लीज ये गलत है | लेकिन वो एक नही मानी , उसने धमकाते हुए कहा या तो पुलिस या तो ये , में भी मान गया मुझे भी तो चूत मरने का पहला मौका मिला था सो ठीक है मैंने कह दिया | लेकिन वो मादरचोद रंडी साली कुछ और चाहते थी उसने अपना चूत मेरे मुह पर ला दिया मुझे लगा चाटना है लेकिन देखते ही देखते वो मूतना स्टार्ट कर दी | उसने बाल से ले कर मुह और पुरे शरीर पे मूत दिया | मुझे गुस्सा होने के बजाय अजीब सा लग रहा था | मूत खत्म होते हो वो बोली चाट मरे चूत को | मैंने चाटना शुरू कर दिया | थोड़े देर बाद वो बोले नहा के नंगे रूम पे आ | में खुश ,मुझे लगा अब साली को मरे लंड की याद आई | मैँ नंगे ही उसके रूम में गया मेरा लंड तन के सात इंच हो गया इतना तन गया की दर्द होने लगा | मैँ उसके बगल में जाके बैठ गया | इतने में वो और तमतमा गयी और बोली साले मादरचोद निचे बैठ | मैं चुप चाप बैठ गया | वो सिक की झाड़ू से एक सीक निकली और बोली खड़े हो कमीने | मैं जैसे ही खड़ा हुआ वो मुझे सिक से गांड पर मारना शुरू कर दी | मैं दर्द से कराहने लगा और मेरा लंड छोटा हो गया | उसने बोला क्यों रे लंड अब खड़ा नहीं करेगा , ले मेरी चूत देख साले मादरचोद पैंटी चुराता है झक के देखता है रंडा दोगला | आज तेरा गांड मारूंगी | मैं दर्द से चुप खड़ा था | फिर वो चिर पे बैठ गयी और बोले चूत चाट लकिन खड़ा हुआ तो फिर मारूंगी और चूतडो को लाल कर दूंगी | मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू बस जो कह रही थी वो कर रहा था | मैं चूत चाटना शुरू कर दिया थोड़ी देर में मेरा फिर खड़ा होने लगा | वो बोली साले मानेगा नहीं रुक और मुझे पीटना शुरू कर दिया मैं एकदम परेशान हो गया | थोड़े देर बाद वो बोली अपना मुंह खोल मुझे टॉयलेट करना है | उसने मरे मुंह मैं टॉयलेट कर दिया | मैं थूक के जब आया तो वो बोले चल आब गांड चाट , मैं आना काने करने लगा तो वो बोली चल तू अपने हाथ से मेरा गांड साबुन से धो ले लेकिन चाटेगा तो तू ही | मैंने उसके गांड साबुन से साफ़ किया और फिर चाटना शुरू किया करीब आधे घंटे तब मैंने उसकी गांड को जीभ से चाटे शायद मुझे आचा लगने लगा था | इसके बाद उसने मुझसे कहा आज के लिए इतना ठीक है | जब मैं बुलाऊ आ जाना | मैं ठीक है कह के चला गया | नीचे जा के कुछ देर बाद मैं हिलाया और सो गया |इस तरह अगले १० दिन तक तो उसने मुझपर खूब पेशाब किये और पिलाया , चूत गांड चटवाई| फिर जब मम्मी और दीदी आ गयी तो वो मुझे कम आर्डर दे पाती थी पर जब भी मौका मिलता जरूर करवाती थे | कभी कभी वो सोई रहती थे में उसके आर्डर पे साड़ी उठा के गांड मालिश और चाटना शुरू कर देता था | लकिन मुझे चुदाई नहीं करने दी | इसी बीच मैंने अपने दीदी की गांड देखनी शुरू हो गया |मैंने रात में एक बार उसकी चूत में ऊँगली डालते देखा था वो खूब मज़े ले रही थी मैं खिड़की के ऊपर चढ़ के लंड हिला रहा था | मैंने मौसी के लड़की और जीजाजी के ठुकाई भी देखी और खूब हिलाया | इस तर एक साल हो गया | मेरा ग्रेजुएशन खत्म हो गया | इन सबके करण मेरा लड़कियों और औरतो को देखने का नजरिया बदल गया | मैं हर लड़की भाभी की गांड चूत देखता था और सोचता था कैसे चाटूंगा | कुछ दिनों बाद वो किरायदार जाने लगी | तब उसने मुझसे माफी मांगी और उसने कहा तुम्हे जो कुछ करना है कर लो| | चोदना ही होता तो कई लोगो को मैं अपने बिस्तर पे ल देता | मैं तो अपने सेक्सुअलिटी को ठीक तरीके से उजागर होने देना चाहता था| रंडी ऑन्टी की जबरजस्त चुदाई अगले पार्ट में
शहर बदल गया और मैं चुदाई मैं रम गया | मैं अब गांड देख के बता सकता हूँ किस लड़की या भाभी को किस पोजीशन मैं सबसे मज़ा आएगा |
आगे के कहने अगले पार्ट में| [email protected]
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