रिश्तेदार की चूत फिर से चोदी
हैल्लो दोस्तों, में बहुत मजाकिया किस्म का हूँ और मुझे कोई भी खेल खेलना गिटार बजाना, गाने गाना और खास तौर पर लड़कियों को देखना बहुत अच्छा लगता है और अब तो मेरी एक और रूचि है. आज में आप लोगों को अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी एक दूर की रिश्तेदार के साथ उसकी चुदाई के मज़े लिए. दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी. कहानी शुरू करने से पहले में थोड़ा अपने बारे में भी बता देता हूँ.
दोस्तों मेरी लम्बाई 5.10 इंच और मेरा गोरा रंग और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है. वैसे इतनी लम्बाई किसी भी प्यासी चूत को शांत करने के लिए बहुत है. दोस्तों यह घटना मेरे साथ सितंबर 2016 में घटित हुई. तब तक में बहुत समय से एकदम अकेला था और वर्जिन भी. दोस्तों मेरे बहुत समय तक अकेले रहने की वजह से मेरे सेक्स हॉर्मोन्स कुछ ज़्यादा ही उबाल मार रहे थे.
मेरी एक बहुत दूर की चचेरी बहन है जिसका नाम हर्षिता है उसकी लम्बाई मेरे कंधे से थोड़ी ऊपर है और उसके बूब्स इतने बड़े आकार के है कि एक हाथ में भी उसका एक बूब्स नहीं आता है और गांड भी बहुत अच्छे आकार की है. उसका बहुत अच्छा फिगर है और उसका गोरा रंग भी है.
दोस्तों मैंने उसे बचपन में ही देखा होगा, क्योंकि उसके बाद फिर हम लोग मेरे पापा की नौकरी हमारी पढ़ाई की वजह से दूसरे शहर में रहने चले गये और वो उसी जगह पर रह गई. दोस्तों वैसे वो मुझसे उम्र में बड़ी है उसकी उम्र करीब 24-25 की होगी और फिर ऐसे ही समय निकलता चला गया में बच्चे से थोड़ा बड़ा हो गया और कॉलेज के दूसरे साल में आकर अपनी पढ़ाई करने लगा.
मैंने जिम में जाना अपने कॉलेज में जाने के पहले साल से ही शुरू कर दिया था तो इसलिए मेरा बदन दिखने में पहले थोड़ा ठीक ठाक था, लेकिन अब मेरा शरीर कुछ ज्यादा ही उभरा हुआ नजर आने लगा था. फिर वो समय आ गया जब हम दोनों हमारे एक रिश्तेदार की शादी पार्टी में बहुत समय के बाद मिले और मैंने तो उसे देखकर बिल्कुल भी नहीं पहचाना, लेकिन उसने मुझे एक बार देखते ही पहचानकर आवाज लगाकर मुझसे कहा रोहित तू?
में : हाँ में लेकिन आप कौन? प्लीज आप मुझे माफ़ करना, लेकिन मुझे बिल्कुल भी ध्यान नहीं आ रहा है कि हम पहले भी कहीं मिले है या फिर में आपको जानता हूँ?
हर्षिता : अच्छा तो तू अब मुझे भूल भी गया? हाँ हमें एक दूसरे से मिले हुए समय भी तो बहुत हो गया. तू तब बहुत छोटा था और जब हम आखरी बार मिले थे तब तूने मुझे जरुर देखा होगा, थोड़ा अपने दिमाग पर ज़ोर दे.
में : हाँ मैंने आपको अब भी नहीं पहचाना, मुझे नहीं लगता कि हम पहले भी कभी मिले है.
फिर उसने मुझे बताया कि वो कौन है तो तब जाकर मुझे थोड़ा सा ध्यान आ गया, क्योंकि उम दोनों बहुत सालों के बाद एक दूसरे के चेहरे को देख रहे थे, इसलिए में उसको नहीं पहचाना. दोस्तों वो उस समय शादी में बहुत अच्छी लग रही थी और अब वो अपने उस उभरे हुए फिगर के साथ पहले से भी बहुत ज्यादा सेक्सी आकर्षक लग रही थी जिसकी वजह से मेरी नजर बार बार उस पर ही जा रही थी.
मुझे उसका मुस्कुराकर बातें करना उसके गुलाबी होंठ, गोरा आकर्षक चेहरा, उसका वो सेक्सी गदराया हुआ बदन बहुत अच्छा लग रहा था जिसकी वजह से में उसकी तरफ झुकता जा रहा था. तभी उसने मुझसे कहा कि तू बहुत बड़ा हो गया है और अच्छा भी दिखने लगा है. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी इतनी तारीफ करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. फिर हमने अपने नंबर एक्सचेंज किये.
उसके बाद शादी खत्म हुई और हम घर पर चले गए. फिर उसके अगले दिन मुझे फोन पर हर्षिता का देर रात को मैसेज आ रहे थे क्योंकि में रात को उसके नाम की मुठ मारकर सोया इसलिए में सोया नहीं था. फिर मैंने देखकर उससे हाए करते हुए अपनी तरफ से मैसेज भेज दिया. फिर उसके बाद से हमारी बातें शुरू हो गई वो एक हॉस्टल में रहती थी और कभी कभी अपने घर पर आती थी. हम व्हाटसप पर आए फिर वहां से हम आगे बढ़कर विडियो कॉलिंग पर आ गए. फिर वो एक रात को मुझसे बोली कि रोहित मुझे तुम्हे देखने का बहुत मन हो रहा है, प्लीज एक बार विडियो कॉलिंग पर आ जाओ.
फिर में उसके कहने पर आ जाता था और तब हमारी सिर्फ़ फोन पर घंटो तक बातें ही होती थी. में अब उससे वैसी बातें करने में थोड़ा सा कतरा रहा था, क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरे घर परिवार का मामला है, लेकिन यह बातें इस नीचे लटकी हुई मिसाइल को कौन समझाए? फिर एक दिन थोड़ी हिम्मत करके मैंने उससे फोन पर बात करते समय उससे पूछ लिया.
में : क्या तुम वर्जिन हो?
हर्षिता : नहीं
हर्षिता : क्या तू है?
में : हाँ, मैंने अब तक ऐसा कुछ भी नहीं किया.
हर्षिता ? हाहहाहा इसका मतलब तू अब तक बच्चा है तू छोटा बच्चा है.
में : बच्चा नहीं हूँ मैंने अब तक खुद जानबूझ कर नहीं किया, वरना में कहीं से बच्चा नहीं हूँ.
हर्षिता : चल तू मुझे इस बात का सबूत दिखा.
में : नहीं पहले तुम दिखाओ और फिर में तुम्हे अपनी बात का सबूत दिखाऊंगा.
हर्षिता : लेकिन, में तुम्हे ऐसा क्या दिखाऊँ?
में : ठीक है चलो में अपने शरीर का जो भी हिस्सा तुम्हे दिखाऊंगा वो तुम्हे भी मुझे तुम्हारे शरीर का दिखाना होगा, बोलो तैयार हो.
हर्षिता : हाँ ठीक है, लेकिन पहले तू व्हाटसप पर आ फिर में कुछ दिखाऊंगी.
फिर मैंने अपने ऊपर के कपड़े उतारकर कांच के सामने खड़े होकर अपनी एक फोटो खींचकर उसको भेज दी. फिर उसने मेरी वो फोटो देखकर अपनी तरफ से किस करने की आकृति भेज दी और वो मुझसे बोली कि वाह यह फोटो तो बहुत हॉट लग रहा है.
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम्हारी बारी है. तुम भी मेरी तरह अपने ऊपर से पूरे कपड़े उतारकर नंगी होकर अपना एक फोटो मुझे भेज दो दोस्तों उसने पहले थोड़ी सी आनाकानी की, लेकिन फिर वो मान गई और उसके वैसे ही जैसे मैंने उससे कहा मुझे अपना एक फोटो भेज दिया, जिसमें उसके बूब्स बहुत अच्छे आकार में लग रहे थे और उनको देखकर मेरा मन कर रहा था कि में उसके बूब्स को दबाकर चूसता रहूँ.
फिर तब तक में बहुत गरम हो गया था और तभी उसने मुझसे पूछा कि क्यों क्या और कुछ भेजोगे? अब मैंने बिना शरमाये अपने लंड की एक फोटो खींचकर उसको भेज दी. दोस्तों थोड़ी देर तक में इंतजार करता रहा, लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया, लेकिन फिर आया और उसमें लिखा था कि यह भी एकदम तुम्हारे जैसा ही हॉट है.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम एक बार इसकी गरमी को बाहर निकल दो और वो मेरी बात को सुनकर हंसने लगी. उसके बाद हमारे बीच फोन सेक्स पर चुदाई होती गई और ऐसे ही समय गुजर गया. फिर सितम्बर के समय वो हॉस्टल से अपने घर पर आ गई और उन दिनों उसके सभी घर वाले सात दिनों के लिए कहीं बाहर किसी काम से जाने वाले थे तो उसने मुझे फोन करके दो दिन पहले ही मुझे बता दिया था. फिर सुबह 11 से लेकर शाम के 5 बजे तक उसका घर पूरा खाली था. अब मुझे मेट्रो ट्रेन से वहां तक जाने में एक बज गए और उसके बाद मैंने स्टेशन से एक पर्सनल ऑटो किया और में उसके घर के पते पर पहुंच गया और अब करीब दो बजने वाले थे.
मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो उसने तुरंत दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा तो उसने एक डेनिम शॉर्ट्स और गुलाबी कलर की टी-शर्ट पहन रही थी वो उस समय बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी उसको देखकर अब मेरा लंड तनकर खड़ा होने लगा था.
हर्षिता : क्यों तुम्हे अब बहुत भूख लगी होगी ना?
में : हाँ हवस की भी और सही में पेट की भी.
हर्षिता : चल बैठ जा में अभी खाना लाती हूँ.
फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और कॉफी पी और तब तक करीब दो बज गये थे. उनके घर में एक नन्हा सा लेबरा डॉग भी था, वो उसे अपनी गोदी में लेकर उसके साथ खेल रही थी और तब मैंने घड़ी की तरफ देखा.
में : तो फिर आ जाओ ना, अब शुरू करें.
हर्षिता : हाँ लेकिन यहाँ पर नहीं, यहाँ हमे (पालतू कुत्ता) भी देखेगा ना हमें वो सब करते हुए.
में : अरे यहाँ पर ही सब ठीक है वो एक कुत्ता है और उसे कुछ भी समझ नहीं आएगा कि हम क्या कर रहे है.
हर्षिता : हाहाहा अच्छा ठीक है.
में : इसका मतलब क्या हुआ, अब आ क्यों नहीं रहे, क्या शरम आ रही है कि कौन पहले शुरुवात करे?
हर्षिता : हाँ क्या में तुझे टाइट से हग कर लूँ?
में : क्या इसमे भी कोई पूछने की बात है? हाँ आ जाओ.
फिर उसने मुझे हग करके उसने मुझे किस करने के लिए अपने होंठ आगे बढ़ाए और में उसको किस करते करते उसका एक बूब्स दबाने लगा और फिर मैंने उससे कहा कि तुम इन्हे भी अब बाहर निकालो, तो उसने बिल्कुल भी देर नहीं की और एक बार में अपनी शर्ट, ब्रा और पेंटी को तुरंत उतार दिया. तब उसने मेरी तरफ देखते हुए मुझसे कहा कि तुम क्या ऐसे ही रहोगे क्या?
फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि तुम मेरी मदद करो और फिर उसने मेरी शर्ट उतारी और फिर मैंने अपनी जीन्स को खुद ही उतार लिया. फिर किस करते करते उसके मुलायम मुलायम बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था. वो मेरे नीचे थी और वो अब मुझे पागलों की तरह स्मूच कर रही थी मेरे मन में था कि आज मुझे इसको पूरी तरह से संतुष्ट करना है और में यह बात अपने घर से ही सोचकर आया था कि मुझे आज इसकी चुदाई कौन कौन सी स्टाईल में करनी है.
फिर मैंने उसने कहा कि तुम अब सीधी लेट जाओ और मेरे वो मेरी तरफ आ गई और उसने मेरे बिना कुछ कहे लंड को पकड़ा और चूसने लगी. मैंने हाथ उसके सर पर हाथ रखकर सहला रहा था. मैंने उससे कहा कि दांत मत मारो और नीचे तक चूसो तो उसने वैसे ही चूसा और वो मेरे लंड को ऊपर, नीचे, इधर, उधर चाटने लगी.
फिर मैंने उसके घर पर आने से पहले ही अपने लंड के पूरे बाल साफ किए थे, इसलिए वो एकदम चिकना हो रहा था. फिर उसने मेरे आंड भी चूसे, जिसकी वजह से मुझे बहुत गुदगुदी सी होने लगी थी और मुझे हंसी आ गई.
फिर वो भी मुझे हंसता हुआ देखकर हंस पड़ी और अब बिना कुछ बोले में उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. फिर मेरे कुछ देर चूत चाटते हुए वो अचानक से झड़ गई. तभी मैंने तुरंत अपना मुहं पीछे हटा लिया और फिर में उसकी चूत को अपने हाथ से घिसने लगा और फिर से थोड़ी देर किसिंग और बूब्स दबाए.
फिर उसी पुराने तरीके से मैंने अपना लंड पकड़ा और चूत पर सेट करके धक्का दिया तो लंड उसकी चिकनी चूत से एक तरफ फिसल गया. अब उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर चूत के मुहं पर सेट किया और मैंने थोड़ा सा दम लगाया और अपने लंड को उसकी चूत अंदर आधा डाल दिया और तभी उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज बाहर आई आह्ह्ह्हह्ह माँ में मर गई उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसके कहने पर बहुत आराम से धीरे धीरे धक्के देकर अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया और में हल्के हल्के लगाने लगा उसने मेरी कमर पर अपने दोनों हाथ रख दिए और वो आअहहहह सस्शह ऊँईईईईईई माँ आह्ह्ह्ह ऐसी आवाजे करने लगी में धक्के देकर चुदाई करते हुए उसके चेहरे को देख रहा था और मैंने देखा कि उसकी दोनों आँखे बंद थी. वो लगातार मोन कर रही थी. फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उसके कान के पास अपना मुहं ले जाकर हल्की आवाज से उससे पूछा कि क्यों तुम्हे कैसा लग रहा है? तो उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारे साथ यह सब करने में बहुत मजा आ रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर तक जाने दे, हाँ बस तू मुझे ऐसे ही चोदता रह रोहित आअहह उउउंम आहहस्स.
दोस्तों वो मेरे धक्कों के साथ साथ लगातार मोन कर रही थी उसको चोदते हुए अब शायद मुझे करीब आधा घंटा हो गया था और में बहुत चकित था क्योंकि में अभी तक एक बार भी नहीं झड़ा था.
फिर मैंने उससे बोला कि अब मुझे नहाते हुए चुदाई करनी है, तो बाथरूम में जाकर मैंने पानी चालू किया और मैंने उसे दीवार से लगा दिया और पागलों की तरह में उसको किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसका बूब्स दबा रहा था. दीवार से चिपके हुए ही मैंने उसका एक पैर उठा दिया जिसकी वजह से उसकी चूत फैल गई और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. में अब उसे धक्के देकर चोदने लगा और उसका एक हाथ मेरे कंधे पर था और में उसके चेहरे को देखकर धक्के देकर उसकी चुदाई किए जा रहा था.
फिर थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने पानी को बंद किया और फिर में उसको गोद में उठाकर चोदने लगा. कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब लेट जाओ, तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्या यहीं पर? और फिर मैंने उससे कहा कि हाँ यहीं पर, उसने कहा कि में एक बार फिर से गीली हो जाउंगी हम अंदर बेड पर चलते है इसके बाद में बाकी मज़े कमरे में चलकर लेते है, प्लीज चलो ना.
दोस्तों उसके कहने पर मैंने उसको तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और पास के कमरे में बेड पर ले गया. उसको लेटा दिया, लेकिन इस बार मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़कर उसको खींचकर उसकी चूत को बेड के एकदम किनारे पर रखा और में खुद ज़मीन पर नीचे खड़ा हो गया.
मैंने उसके दोनों पैरों को अंदर की तरफ घुमाकर दबाकर पकड़ लिए, जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और मैंने लंड को चूत के मुहं पर टिकाकर एक ज़ोर का धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया फिर मैंने उसको धक्के देकर चोदना शुरू किया और इस बार मेरे धक्के बहुत स्पीड में थे और उस पूरे रूम में उसकी आहहह्ह्ह अईईईईईई और फच फच उफ्फ्फ माँ मर गई की आवाजें आ रही थी. में इतनी तेज़ धक्कों से चोद रहा था कि मुझे वो नशीलापन हर्षिता की आँखो में साफ साफ दिखाई दे रहा था. जब जब वो मुझे देख रही थी मुझे उसके चेहरे से संतुष्टि नजर आ रही थी, जिसको देखकर में बहुत खुश था.
कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ तुम बताओ में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तब उसने मुझसे कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो. में उसकी गरमी को अपनी चूत में महसूस करना चाहती हूँ और उसका भी मज़ा लेना चाहती हूँ और फिर मैंने उसके कहने पर तेज़ी से धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और फिर में कुछ देर उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा.
फिर कुछ देर बाद उसने लंड को अपनी चूत से बाहर निकालकर अपने मुहं के पास लाकर उसको अपने नरम गुलाबी होंठो से लगाया और अब उसने लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया. में जल्दी कर रहा था, क्योंकि समय मेरे पास समय बहुत कम था और मुझे एक बार उसको डॉगी की तरह भी बैठकर उसकी चूत मारनी थी.
मैंने कुछ देर बाद जब उसने मेरे लंड को दोबारा चुदाई के लिए तैयार कर दिया तब मैंने उससे डॉगी बनने के लिए कहा और उसने ठीक वैसा ही किया और मैंने अपने लंड को अंदर सरकाकर उसकी चूत मारी दोस्तों इस पूरे सेक्स में वो तीन बारी झड़ गई थी. मैंने उसे एक लंबा सा किस किया. तो उसने मुझसे कहा कि काश तू आज यहीं पर रुक पाता तो मुझे तेरा साथ कुछ और समय तक मिलता.
हम दोनों उस बीच बहुत मज़े करते. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे जाना तो जरुर पड़ेगा वरना तुम्हारे घरवालों ने मुझे देख लिया तो कहीं वो लोग भी मुझे यहीं पर ना रोक ले. फिर मैंने हम दोनों की साथ में एक पूरी नंगी फोटो ली और उसके बाद में अपने कपड़े पहनकर उसको किस करके वहां से चला गया. दोस्तों में वहां से पांच बजे निकला वो मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट भी थी और मुझे क्या चाहिए था? उसके बाद में अपने घर पर पहुंचकर भी अब बस उसकी चुदाई के बारे में सोचता रहा. दोस्तों वो सेक्स अनुभव मुझे आज तक भी अच्छी तरह से याद है.
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