ये कहानी जब की है तब मै 18 साल का था मैंने आठवी कक्षा पास कर ली थी, उस समय गर्मियों की चुटिया थी, गर्मी की वजह से मै सुबह शाम दो बार नहाता था | सुबह तो मै घर पर ही नहाता था पर शाम के समय मै खेत मै जाकर नहाता था, खेत मै १ बड़ा होड़ था वहा मै शाम को दो तिन गंटे तक होड़ मै नहाता रहता था,
मेरा एक दोस्त था श्रवण वो भी शाम को वहा नहाने आता था, वो और मै दोनों होड़ मै पकड़ा पकड़ी खेलते थे और खूब मज़ा करते थे, हम दोनों १ दुसरे की फुनकी (लंड ) को हिलाते थे और आनन्द को महसूस करते थे,कभी कभी मै फुनकी को उसके पीछे जाके उसकी गांड पे रगड़ता था तो वो भी अपनी गांड को हिलाता था, इस करने से बहुत मज़ा आता था इस तरह से हम दोनों के दिन गुजर रहे थे, एक दिन मै पाली से एक ब्लू पोस्टर की किताब लेके आया, रत को श्रवण के घर चला गया, श्रवण के घर पे एक कमरा और है वहा श्रवण पढाई करता है, मै ऊपर चला आया | फिर मै और श्रवण मिलके वो फोटो देखने लगे, फोटो देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने हाथ लगाकर देखा तो श्रवण लंड भी फुदाके मर रहा था मेरा मतलब उसका भी कड़क हो गया था, फोटो देखते हम दोनों ने एक दुसरे कपडे उतर दिए और एक दुसरे चूमा चुम्मी करने लगे, एक फोटो मै एक लड़की एक लड़के लंड अपने मै ले रही थी तो मैंने श्रवण को भी ऐसे ही करने को कहा तो वो राजी हो गया, मैंने मेरा लंड श्रवण के मुह मै डाल दिया, श्रवण मेरे लंड को चूसने लगा, शायद उसे भी मज़ा आ रहा था, उसने थोड़ी देर ऐसे मुह मै लंड को हिलाया तो मेरे लंड मै से कुछ निकला, उस समय हमे पता नही था की ये क्या होता बाद मै पता चला की इसे वीर्य कहते है और इसे चूत मै डालने पर इससे बच्चे होते है | उस दिन श्रवण ने पूरा वीर्य पि लिया फिर मै श्रवण के लंड को मुह मै लेकर चूसने लगा और थोड़ी देर मै उसके लंड से भी पानी निकल गया,
हम फिर से वो पोस्टर वाली किताब मै फोटो देखने लग गए थोड़ी देर बाद हम दोनों का फिर खड़ा हो गया, इस बार मैंने श्रवण को उल्टा लेटने को कहा और मै अपने लंड को पीछे से उसकी गांड मै गुसने की कोशिस करने लगा परन्तु बहुत कोशिस करने के बाद भी मेरा लंड श्रवण की गांड मै नही गुसा, फिर मैंने लंड के चुपाड़े ऊपर किया और उसके ऊपर बहुत सारा थूक लगाया और थोडा थूक श्रवण की गांड पर लगाया फिर एक ऊँगली गांड मै गुसाई तो आराम से अन्दर घुस गई, मै फिर लंड के चुपाड़े को गांड छेद पर रख के थोडा जोर लगया तो आधा लंड श्रवण की गांड मै घुस गया लेकिन तभी उसी समय मुझे धक्का देखर उठ खड़ा हुआ और अपनी गांड पे हाथ रखकर मुझे गाली दी मरचोद धीरे डालना मेरी गांड फट जाएगी, बहुत दर्द हो रहा है,
मैंने उसको कहा अब धीरे धीरे डालूँगा इस बार उसको घोड़ी बना दिया तभी मुझे डाबर आलमंड ओइल की सीसी दिखाई दी, मैंने बहुत सारा तेल लंड पे लगा दिया और बहुत सारा श्रवण की गांड के ऊपर लगाया फिर लंड गांड के छेद पर रख के धीरे जोर लगाया तो पूरा लंड गांड मै गुस गया और इस बार श्रवण को दर्द भी नही हुआ, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था , फिर मै लंड को धीरे धीरे उसकी गांड मै हिलाने लगा, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, पहले तो मैंने धीरे अन्दर बाहर किया फिर मैंने लंड की स्पीड बड़ा दी कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया और मेरे लंड श्रवण की गांड मै ही वीर्य छोड़ दिया, श्रवण का भी लंड निचे पानी छोड़ चूका था, उस दिन पहली बार मैंने मेरी जिंदगी मै सेक्स का मज़ा लिया था, उस दिन के तीन बाद वापस श्रवण और मै मिले तो श्रवण बोला यार अर्जुन गांड अभी दुःख रही है और गांड से डाबर आलमंड ओइल की खुसबू आ रही है,,,,, मैंने कहा गांड को अच्च्ची तरह से साबुन से धोना सब ठीक हो जायेगा | श्रवण बोला अब मैंने गांड मरा दी अबकी बार तेरी बारी है, अब तुम निचे सोना और मै फुनकी को तेरी गांड मै डालूँगा, मैंने हा भर के अपने घर आ गया |
पहली बार होने के कारन मेरे लंड मै भी सुजन आ गई थी और बहुत दर्द हो था, उसके बाद जब भी हम मिलते थे मौका देककर हम दोनों एक दुसरे की गांड मरते थे और मज़ा करते थे, ये सिलसिला आज शादी होने २ साल बाद तक जारी है, उसकी भी शादी हो गई है और एक बेटी भी है, उसके बाद मैंने श्रवण की बीवी को किस तरह से छोड़ा वो मै आपको बाद मै बताऊंगा
मेरी ये सत्य कहानी आपको कैसे लगी आप अपनी प्रतिकिर्या मेरी