हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत हैं मेरी अपनी भी चुदाई की कहानी में, आज मैं आपको अपनी बहूत ही हॉट और सेक्सी कहानी सुनाने जा रही हु, आशा करती हु की आपको मेरी ये कहानी बहूत ही ज्यादा सेक्सी और हॉट लगेगी, मेरा नाम अपूर्वी है. मैं अभी मुम्बई में रह रही हूँ, कॉलेज में पढ़ती हूँ. मैं एक गरीब परिवार से समबंध रखती हूँ. मेरे पापा फल बेचने का काम करते है. रेडी पर वो फल बेचते है. जिस बस्ती में मैं रहती हूँ वो मुंबई की गरीब बस्तियों में गिनी जाती जाती है. यहाँ पर जादातर छोटे मोटे काम करने वाले रहते थे और किसी तरह अपनी जिन्दगी गुजर बसर करते है. मैंने अभी 21 की उम्र में कदम रखा है पर मैं पूरी तरह से जवान और सेक्सी लड़की दिखती हूँ. मेरी बस्ती के कितने लड़के मुझे लाइन देते है और मेरे को बार बार गुलाब का फूल देकर प्रपोस करते है. वो सब मेरे को “आई लव यू अपुर्वी!!!” बोलते है. पर मैं अच्छी तरह से जानती हूँ की वो मेरे से कम और मेरी चूत से जादा प्यार करते है. वो सब जवान और व्यस्क लड़के मेरे को नंगा करके अपने लंड पर बिठाकर चोदना चाहते है. मैं जानती हूँ.
मदहोश मत करो खुद को किसी का हुस्न देखकर
मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खुदा छेद न बनाता
फ्रेंड्स ये शेर बार बार याद आता है. मेरी कई सहेलियाँ मुझे बता चुकी है की उनके बॉयफ्रेंड उनसे बहोत प्यार करते है पर बात अंत में चुदाई पर आ जाती है. सब लडको को एंड में लड़की की चूत मारना अच्छा लगता है. फ्रेड्स मेरा रंग करीना की तरह गोरा है. मेरा कद 5 फुट 4 इंच है. मैं चाहे सलवार कमीज पहनू या जींस टॉप मैं सबसे सुंदर और हॉट दिखती हूँ. उपर वाले से मुझे सही तरह से बनाया है. मेरा बदन अब पूरी तरह से भर गया है और मेरे बूब्स 34 इंच के होकर बड़े बड़े तन गये है जिससे मैं हमेशा की लड़को को नजर में आ जाती हूँ.
फ्रेंड्स जब मैं सड़क पर चलती हूँ तो मेरे दोनों दूध हिलते है जिसे देखकर जवान लड़को के लंड खड़े हो जाते है. सब मेरे को चोदना चाहते है. मेरा फिगर 34 -30- 32 का है. मैं चलते समय अपने कुल्हे और गांड मटका मटका कर चलती हूँ जिससे मैं बहोत कमाल की सेक्सी माल दिखती हूँ. कई बार तो लड़के मेरी गांड पर हाथ लगाकर जोर से दबा देते है. मैं बिलकुल भी नाराज नही होती हूँ क्यूंकि मैं हूँ की इतनी सेक्सी माल की किसी की नियत फिसल जाए. आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ.
मैं भी जवान होने लगी तो मेरी दोस्ती अब विपुल से होने लगी. विपुल मेरी सबसे अच्छी सहेली अंजना का भाई था. अब वो भी मेरे साथ BA फर्स्ट ईअर में पढ़ रहा था कॉलेज में. पर वो अभी अभी जवान हुआ था और बड़ा हॉट ब्लड था उसका. अक्सर कॉलेज में दूसरे लडकों से मार पीट की खबरे उसके बारे में सुनने को मिलती थी. जब मैं अंजना के घर जाती था विपुल कसरत करता हुआ मिलता था. वो भारी भारी चीजे लेकर शोल्डर पुश अप करता था. वो देखने में किसी हीरो से कम नही लगता था और बड़ा मर्दाना व्यक्तित्व था उसका. हमेशा गुस्से में रहता था और मेरे को एंग्री यंग मैन लगता था. अब मेरे को उससे प्यार हो गया था. पर सबसे बड़ी मुस्किल थी की कैसे मैं उससे बात करती.
मैं: अंजना!! मेरे को तेरा भाई अच्छा लगता है….. भाई से चुदी
एक दिन मैंने बोल दिया.
अंजना: अच्छा लगने से क्या मतलब है??
मैं: मतलब की मैं उसे पसंद करती हूँ. जैसे कोई लड़की किसी लड़के से प्यार करती है उस तरह से
अंजना: ओह्ह !! तो ये बात है. तू मेरे भाई से लव करती है!!
मैं: यार!! तू अपने भाई से मेरे दिल की बात बता दे. उससे कहदे की मैं उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूँ
अंजना: मैं बोल दूंगी. तू फ़िक्र मत कर
उसके बाद मेरी सबसे अच्छी दोस्त ने मेरे दिल की बात अपने भाई विपुल से बोल दी. मैं भी उसे पसंद आ गयी थी. जब भी मैं अंजना के घर जाती थी विपुल मेरे से बहोत अच्छी तरह से बात करता था. उसके बात से मेरे को आईडिया लग गया था की वो मेरे को पसंद करता था. कुछ दिनों बाद जब वेलेंटाइन डे आया तो विपुल ने मेरे को बड़ा सा लव कार्ड गिफ्ट किया. उसने उसने कई तरह की प्यार भरी मोहब्बत वाली कविताएं लिखी थी और मेरे को एक लव लेटर भी लिखा था जिसमे उसने अपने प्यार को दिखाया था. अब मेरी और विपुल की दोस्ती बढने लगी और हम दोनों ने एक दूसरे के फोन नम्बर ले लिए और प्यार मोहब्बत शुरू हो गयी. हम प्यार करने लगे और जल्द की प्यार वासना में बदल गया. कई बार मैं अपनी सहेली अंजना के पास से उठ जाती और विपुल के कमरे में चली जाती.
वहां पर हम दोनों आपस में गले लग जाते है कई तरह से प्यार होने लग जाता. आज तक किसी लड़के ने मेरे को गले से नही लगाया था. पर अब मुझे विपुल रोज की गले से लगा लेता तो मेरा रोम रोम जाग जाता. चुदने और सेक्स करने को मन तडप उठता.
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विपुल मेरे को खड़े खड़े ही गले से चिपका लेता और किस करने लग जाता. जब वो मेरे सेक्सी और गुलाबी होठो को चूसता तो उसके हाथ मेरे दूध पर चले जाते. वो मेरे सूट के उपर से मेरे दोनों 34 इंच के दूध को पकड़ लेता और हाथ से मसलने लग जाता. ऐसा करने से मेरे तन मन बदन में आज सी लग जाती और चुदाने का बड़ा दिल करता. विपुल बड़ी बड़ी देर तक मेरे होठो का चुम्बन लेता और पी लेता. इससे मैं गर्म हो जाती और “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लग जाती. धिरे धीरे चुदाई की आग दोनों तरफ से लग गयी. मैं भी चुदने के मूड में थी और अंजना का भाई विपुल भी मेरे को चोदने के मूड में था. अगले दिन मैं शाम के 8 बजे अंजना के घर गयी तो वो बाहर शोपिंग की गयी थी. विपुल ने मेरा स्वागत किया और मेरे लिए काफी बनाई. घर में सिर्फ विपुल ही था और उसकी माँ की अंजना के साथ शोपिंग को गयी हुई थी.
मैं: क्या घर में और कोई नही है???
विपुल: नही. तुम बोलो तो हम मौके का फायदा उठा सकते है. तुमको सेक्स करना है क्या??
मैं: नही नही. मन तो मेरा भी है पर अभी हम दोनों को और दोस्ती बनानी चाहिए
विपुल मेरे पास आ गया और सोफे पर बैठ गया. मेरे को वो पकड़ने लगा और कुछ ही देर में उसने मेरे को अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे गले के पीछे की साइड किस करने लगा. वो मेरे कंधे और गालो पर किस करने लगा. मैं गर्म होने लगी. मैं चुदने में संकोच कर रही थी.
विपुल: अपुर्वी!! देखो हम दोनों एक दूसरे से बहोत प्यार करते है. अब कितना जानना बाकी रह गया है. अब चलो मेरे को चुत दे दो आज
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बोलकर वो फिर से मेरे दूध कमीज के उपर से दबाने लगा. मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी. कुछ देर बाद विपुल से सोफे पर बैठे बैठे ही मेरी सलवार का नारा खोल दिया और पेंटी के उपर से चूत को घिसने लगा. मैं तडप गयी और पूरी तरह से गर्म होने लगी. विपुल मेरे होठो को चूसने लगा और वो भी चुदासा हो गया. उसने 10 मिनट तक मुझे अपनी गोद में बिठाकर पेंटी के उपर से चूत को घिसा तो मेरी चूत अपना रस चोदने लगी. कुछ देर बाद मेरा पानी छूट गया और पूरी पेंटी चूत के रस से तर हो गयी. मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”करने लगी. विपुल का खून अब खौल गया.
विपुल: अपुर्वी!! तेरी माँ की चूत!! तुजे तेरी माँ की कसम है. आज मेरे को अपनी भीगी चूत पिला दे
तो मैं भी उसको मना नही कर पायी क्यूंकि मेरा भी अंदर से चुदने का दिल था. विपुल से मेरे को सोफे पर लिटा दिया और मेरी सलवार खोल कर पैरो से बाहर निकाल दी.
अब उसने मेरी भीगी पेंटी को उतार दिया. विपुल ने मेरे पैर खोल दिए और चूत के छेद को गौर से देखने लगा. मैं पूरी तरह से कुवारी थी. विपुल ने अपनी ऊँगली से मेरी चूत फैलाई तो गुलाबी चूत की बंद झिल्ली उसे दिख गयी. बंद चूत पाकर उसे काफी अच्छा महसूस हुआ. संतोष का भाव उसके चेहरे पर मैं पढ़ सकती थी.
विपुल: अपुर्वी जान!! मैं हमेशा से जानता था तू कुवारी माल होगी
उसके बाद वो जल्दी जल्दी मेरी चूत का पानी चाटने लगा. अपनी जीभ निकाल निकाल कर वो अच्छे से पिने लगा तो मैं पागल होने लगी. क्यूंकि फ्रेंड्स आज फर्स्ट टाइम मैं किसी को अपनी चूत चटवा रही थी. अब मुझे बुखार सा आ गया था. मेरा बदन जल रहा था. विपुल तो सिर्फ मेरी चूत में घुसा हुआ था. और कुछ नही देख रहा था. उसने मेरे क्लाईटोरिस (चूत के दाने) को हजारो बार दांत से काट लिया जिससे मेरे को सेक्स चढ़ गया.
मैं: विपुल!! मेरे जानम!! आज तुम मेरे को अच्छे से फक करो. मेरे को अच्छे से चोदना
उसके बाद वो पूरी तरह से नंगा हो गया. उसने अपना कच्छा उतार दिया और लौड़ा मेरे चूत के बिल में डालने लगा. फ्रेंड्स आज मैंने अपने बॉयफ्रेंड का लौड़ा देखा. 5.5 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा. मैं समझ गयी की आज वो मेरे को चोद चोदकर खूब मजा देगा. विपुल से मेरे दोनों पैर को उपर उठा दिया और पैर खोल दिए. मेरी चूत की सीलबंद झिल्ली में उसने अपना लौड़ा का सुपाडा रखा. फ्रेंड्स उसका सुपाडा बहोत गुलाबी गुलाबी था और चमक रहा था. फिर वो लौड़े को हाथ से पकड़कर चूत के छेद में डालने लगा. कुछ मिनट की मेहनत के बाद विपुल कामयाब हो गया.
उसके मोटे लौड़े से मेरी झिल्ली को फाड़ दिया और चूत में घुस गया. मैं “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी क्यूंकि मेरे को काफी दर्द हो रहा था. अब मेरा बॉयफ्रेंड विपुल मेरे को जल्दी जल्दी फक (यानी चोदने) करने लगा. मैं तो बेहाल होती जा रही थी. विपुल सिर्फ मेरी चूत की तरह देखे जा रहा था. वो जल्दी जल्दी कमर आगे पीछे करके मेरे को चोद रहा था. इस ठुकाई में मेरा पसीना छूट गया और मैंने दर्द की वजह से आँखें बंद कर ली. अब विपुल मेरे उपर चढ़ गया और मेरी कमीज को उतार दिया. मेरी ब्रा को खोलकर उसने मेरे को नंगा किया और मेरे दोनों 34 इंच के कसे कसे दूध को मुंह में लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगा. अब मेरे को मजा आ रहा था. कुछ देर विपुल मेरे दूध पीता. फिर कुछ देर मेरी चुदाई करता. फिर कुछ देर मेरी निपल्स को दांत से चूसता और चबाता फिर मेरी चूत मारता. एंड में वो झड़ने वाला था.
विपुल: मेरी जान!! बोलो किधर अपने लंड का पानी निकालू
मैं: भगवान के वास्ते मेरी चुत में पानी मत छोड़ना वरना मैं प्रेग्नेंट हो जाउंगी.
तो उसने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला और ठीक मेरे मुंह के सामने आ गया. चुदाई करने की वजह से उसका लंड तमतमाया हुआ और काफी गुस्सैल दिख रहा था. विपुल जल्दी जल्दी हाथ से लंड को फेटने लगा. जल्दी जल्दी मुठ देने लगा. फिर 2 मिनट बाद उसने मेरे पुरे मुंह पर अपना पानी छोड़ दिया. मेरे गाल, आँखों , पलकों और मुंह में सब जगह उसका पानी जाकर चिपक गया. पर मेरे को अच्छा लगा. मैं हाथ से उसकी गाढ़ी मलाई को गालो से छुडाकर मुंह में लेकर चाटने लगी.
विपुल: बहन की लौड़ी!! चल जल्दी से मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूस
वो बोला तो मैं भी काफी सेक्सी हो गयी. उसके लौड़े को हाथ से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी. फिर आगे बढकर मुंह में लेकर चूसने लगी. फ्रेंड्स अंजना का भाई का लौड़ा काफी मोटा था. किसी तरह मुस्किल ने मेरे मुंह में जा सका. फिर मेरे सिर को पकड़कर विपुल से लंड पर दबा दिया. अब उसका लंड मेरे गले में जाकर फस गया. मैंने खूब चूसा और हाथो से उसके लौड़े को काफी देर तक फेटती रही. कुछ देर बाद विपुल से मेरे को सोफे पर कुतिया बना दिया. फिर मेरी गांड में लंड डालकर मेरी गांड चोद डाली.