हम सब उसे कुत्ते की तरह चोदते रहे सात घंटे लगातार वो मजे लेती रही चिल्लाती रही

 
loading...

सामूहिक चुदाई कुत्ते कुतिया जैसी

मेरा नाम रानी है, मैं 22 साल की हूँ. अभी शादी नहीं हुई है। करीब डेढ़ साल पहले की है, मैं अपने दीदी और जीजाजी के पास गई हुई थी। एक रात की बात है, मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं जा कर बाल्कनी में खड़ी हो गई और नीचे सड़क पर देखने लगी। तभी वहाँ, पे एक कुतिया और उसके पीछे 5-6 कुत्ते वहीं गली में आ गए।

कुतिया बैठ गई तो कुत्ते भी उसके आस पास बैठ गए। तभी पास वाली दूसरी बाल्कनी में दीदी और जीजाजी आकर खड़े हो गए।मैं एकदम से पीछे हट गई।

जीजाजी बोले- वो देख, यह साली हरामज़ादी इन सब कुत्तों से चुदवाएगी।

तो दीदी ने मज़ाक में कहा- आप क्यों पीछे रहते हो आप भी चले जाओ।

जीजाजी बोले- मेरे लिए तुम हो न चलो आओ, आज तुझे कुतिया बना के चोदूँगा।

दीदी खिलखिला के हंस पड़ी और दोनों अंदर चले गए।

मैं बड़ी हैरान हुई कि कैसे एक कुतिया 6-6 कुत्तों से चुदवा सकती है।
मैं वहीं बैठ गई यह देखने के लिए कि कैसे होता है।

थोड़ी देर बाद कुतिया उठी और वो कम्पाउण्ड में जहाँ भी जाती कुत्ते उसके पीछे पीछे।

आखिर एक कुत्ते ने उसको पीछे से पकड़ा और सामूहिक चुदाई शुरू कर दिया।

उनकी सामूहिक चुदाई देख के तो मैं भी गर्म हो गई।
नीचे कुत्ता कुतिया को चोद रहा था, अंदर कमरे जीजाजी मेरी दीदी को और मैं अपने लोअर में हाथ डाल के अपनी चूत का दाना मसल रही थी।

थोड़ी देर बाद ऐसे ही चूत सहलाते सहलाते मेरा तो पानी छुट गया और नीचे कुतिया ने कुत्ते का लण्ड अपनी चूत में जकड़ लिया और उस कुत्ते के नीचे ही लटक गई।
‘हाय…’ मेरी तो जान ही निकाल गई, मेरा तो दिल कर रहा था कि नीचे जाऊँ और किसी भी कुत्ते के सामने अपनी चूत कर दूँ कि ले मादरचोद, इसे भी चोद, या फिर दीदी ही मुझे पे मेहरबान हो जाएँ और कहें ‘ले रानी, आज की रात मेरा पति पूरा तेरा…’

पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
मुझे सारी रात नींद नहीं आई और मैं सारी रात बाल्कनी में बैठी उस कुतिया को देखती रही, जिसने एक ही रात में चार अलग अलग कुत्तों से चुदवाया और जितनी बार अलग कुत्तों ने उसे चोदा, उतनी बार मैंने उन्हें देख कर हस्तमैथुन किया और अपना पानी छुड़वाया।
मगर मेरी आग बुझने की बजाय और भड़क गई।

खैर कुछ दिन बाद मैं वापिस अपने घर आ गई, मगर उस कुतिया वाला ख्याल मेरे दिल में घर कर गया और मैं भी चाहने लगी कि कोई 4-5 लड़के हों और मुझे कुतिया की तरह सामूहिक चुदाई करे.

अक्सर मैं इस खयाल को दिल में लेकर हस्तमैथुन करती, मगर मेरे मन की तृप्ति नहीं होती।

फिर मैंने इस सामूहिक चुदाई को सच करने के लिए अपनी क्लास के, पड़ोस के और जहाँ कहीं भी मौका मिलता, मैं लड़कों को लाईन देने लगी।
थोड़े ही दिनों में एक लड़के तुषार से मेरी सेटिंग हो गई।

सेटिंग के अगले ही दिन हम दोनों शाम को एक रेस्तरां में गए, जहाँ तुषार ने मुझे पहले बार किस किया।
मैंने कोई विरोध नहीं किया और उसका पूरा साथ दिया।

जब वो मुझे वापिस घर छोड़ने आया तो कार से उतारने से पहले उसने मुझे गुड नाईट किस करने को कहा, मैंने हाँ कर दी।

वो एक बहुत ही लंबा किस था, करीब डेढ़ दो मिनट तक तुषार ने मेरे और मैंने तुषार के होंठ चूसे।

होंठ चूसते चूसते तुषार ने मेरे बूब्स भी दबाये, जिसका मैंने कोई विरोध नहीं किया।

उसने मेरी टी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर मेरी ब्रा ऊपर उठा दी और दोनों हाथों से खूब दबा दबा कर मेरे बूब्स को मसला, मेरे दोनों निप्ल्स को उँगलियों से मसला।

सच कहूँ मुझे बहुत मज़ा आया, मेरा दिल चाह रहा था कि तुषार मुझे यही गाड़ी में ही चोद दे।
मगर वो सब्र वाला लड़का था।

मैंने अपने कपड़े ठीक किए और घर वापिस आ गई, मगर एक बात मुझे लग रही थी के अगली बार जब भी हम मिलेंगे तुषार पक्का मुझसे सेक्स करेगा।

इसी गुलाबी ख्यालों में मैंने तुषार के नाम का हस्तमैथुन किया और सो गई।

करीब 2-3 महीने हमारा प्यार ऐसे ही चलता रहा।

एक दिन हम मूवी देखने गए, उस दिन सिनेमा में तुषार ने अपना लण्ड निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ाया।

मैं अंधेरे में उसे गौर से देखने की कोशिश करने लगी तो तुषार ने मेरा सिर नीचे को दबाया और अपना लण्ड मेरे मुँह से लगा दिया।
मैंने बड़े आराम से उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया और जैसे जैसे तुषार कहता गया, वैसे वैसे मैं उसका लण्ड चूसती रही।

करीब 10-12 मिनट मैंने उसका लण्ड चूसा, वो एक मोटा और लंबा लण्ड था, मेरा तो मुँह दुखने लगा, मैंने तुषार से कहा- बस करो तुषार, मुँह दुखने लगा है।

वो बोला- फिर ऐसे करते हैं, किसी दिन कमरे में चलते हैं, वहाँ आराम से एंजॉय करेंगे।

मैंने कहा-ठीक है, वैसे भी यहाँ इतना मज़ा नहीं आ रहा।

खैर अब तो सेक्स पक्का ही था।

तय दिन को हम दोनों चल पड़े।

तुषार अपनी गाड़ी में बैठा कर मुझे अपने किसी दोस्त के घर ले गया, जब हम उसके घर पहुँचे तो अमन (तुषार का दोस्त) के घर पे उसके दो दोस्त पहले से ही आए बैठे थे।
मुझे बेडरूम में बैठा कर तुषार उनसे बात करने लगा।

थोड़ी देर में तुषार वापिस आया और बोला- यार थोड़ी प्रोब्लेम हो गई, अमन के दो कज़िन भी हैं, हम सब दोस्त इककट्ठे ही खाने पीने का प्रोग्राम बनाते हैं, अगर तुम्हें कोई ऐतराज न हो तो हम अलग बेडरूम में अपना हनीमून मना लेते हैं, ये सब दूसरे कमरे में अपना पेग शेग का प्रोग्राम कर लेंगे।

मैंने बिना संकोच हाँ कर दी पर मन में सोचा, अबे सालो यहाँ एक शानदार आइटम तुम सब से चुदने को तैयार है और तुम साले दारू के पीछे पड़े हो।

खैर वो तीनों दूसरे कमरे में चले गए और तुषार मुझे एक बेडरूम में ले गया।

अंदर जाते ही उसने मुझे बाहों में कस लिया, मैं तो खुद ही मरी जा रही थी तो मैंने खुद ही अपने होंठ तुषार के होंठों पे रख दिये।

होंठ चूसते चूसते तुषार मुझे बेड तक घसीट कर ले गया और जाते जाते ही उसने मेरा टॉप उतार दिया और ब्रा की हुक भी खोल दी। तो मैंने भी तुषार की टी शर्ट उतार दी।

अगर तुषार ने गर्मी दिखाई तो कम मैं भी नहीं थी।

तुषार ने मुझे बेड पे धक्का दे के गिरा दिया और मेरी ब्रा नोच के दूर फेंक दी और मेरे बूब्स पे टूट पड़ा, दोनों बूब्स को अपने हाथों में पकड़ के खूब दबाया और मुँह में लेकर चूसा।

मैं उसके सर में हाथ फेर रही थी, अपने मम्मे चुसवाने का मज़ा ले रही थी।

तुषार ने मेरी गर्दन, छाती और चेहरा सब को बारी बारी से चूमा, चाटा और जी भर के चूसा।

फिर वो उठा और उसने मेरी जीन्स और पेंटी दोनों एक साथ ही उतार दी।

मेरी शेव की हुई चूत देख कर बोला- साली पूरी तैयारी के साथ आई है, क्या चिकनी चूत निकाली है शेव करके।

मैंने भी आँखें मटका कर उसको जवाब दिया।
फिर उसने अपने पैंट उतारी।
उसकी जोकी की चड्डी में उसका तना हुआ लण्ड साफ दिख रहा था।
मेरी आँखें तो उसके दीदार की प्यासी थी।

तुषार बेड पर आया और मेरी छाती पर बैठ गया- ले निकाल बाहर अपने यार को और जी भर के प्यार कर इसे!

मैंने उसकी पेंटी नीचे की, लोहे की सलाख जैसा कड़क लण्ड मेरी आँखों के सामने झूल गया।

उसने भी अपने लण्ड के आस पास पूरी तरह से शेव कर रखी थी।

मैंने उसके लण्ड को अपने हाथों में पकड़ा और बिना उसके कहे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

अभी मैं चूस ही रही थी के दरवाजा खोल कर अमन अंदर आया और बोला- अरे तुषार तू कब तक फ्री होगा, तेरा भी पेग बनाऊँ क्या?
बहाना तो वो तुषार से बात करने का कर रहा था मगर ताड़ वो मेरे नंगे बदन को रहा था।

मैंने भी कोई शर्म नहीं की, मैं अपने बड़े आराम से तुषार का लण्ड चूसती रही।

फिर अमन मुझसे बोला- अरे रानी, तुम पेग लेती हो?

मैंने लण्ड मुँह से निकले बगैर सिर हिला कर हामी भरी।

मैं तो खुद चाहती थी इन सबको पता चल जाए कि मैं यहाँ सिर्फ एक से चुदने नहीं आई।

मेरी हाँ देख कर अमन बिल्कुल मेरे पास आया और आँख मार कर बोला- ऐसी टेस्टी चीज़ के बाद पेग की ज़रूरत है?

मैंने भी लण्ड मुँह से निकाल कर कहा- अगर है तभी तो हाँ कही है।

वो तो जैसे उछलता हुआ बाहर गया।

उसके बाद तुषार ने मेरी टाँगें फैलाई और अपना लण्ड मेरी चूत पे सेट किया।

मैंने नीचे से अपनी कमर हिला कर उसे सही से बैठाया और अगले ही धक्के में तुषार के लण्ड का सुपारा मेरी कुँवारी चूत में घुस गया।
हालांकि मैं अक्सर अपनी दो दो तीन तीन उंगलियाँ और कभी कभी तो गाजर मूली जैसी चीज़ें अपनी चूत में लेती रहती थी पर लण्ड घुसने का अपना ही आनन्द है।
मुझे कोई खास दर्द भी नहीं हुआ और धीरे धीरे बड़े ही प्यार से तुषार ने अपना सारा लण्ड मेरी चूत में उतार दिया।

हम दोनों काम के सागर में डूब गए, तुषार मुझे धड़ाधड़ पेल रहा था।

उधर खुले दरवाजे से तुषार के तीनों दोस्त बारी बारी से मुझे चुदते हुए देख गए थे मगर मुझे किसी की परवाह नहीं थी।

हम दोनों के होंठ आपस में बड़ी ज़ोर से चिपके हुए थे, दोनों अपनी अपनी जीभ एक दूसरे के मुँह के अंदर और बाहर घूमा रहे थे।

10-12 मिनट यह खेल पहले धीरे धीरे और फिर पूरी रफ्तार से चला।

तुषार के सख्त लण्ड की रगड़ से मैं तो 7-8 मिनट में ही झड़ गई।
सच कहूँ तो जो मज़ा आज मुझे लण्ड से चुदवा कर झड़ने में आया, वो इससे पहले और किसी भी तरह से झड़ कर नहीं आया था।

जब मेरा हो गया तो मैं निढाल सी होकर लेट गई, उसके बाद तुषार ने अपना पूरा ज़ोर लगा दिया।

बेशक मैं झड़ चुकी थी पर इसके बाद भी चुदवाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

फिर तुषार का भी हो गया, उसने अपना ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में ही छुड़वा दिया और मेरे ऊपर ही लेट गया।

कुछ देर वो लेटा रहा फिर बोला- पेग लगाने चलें?

मैंने कहा- चलो।

जब मैं उठ कर कपड़े पहनने लगी तो बोला- अरे, इसकी क्या ज़रूरत है, ऐसे ही चलते हैं।

मैं हंस कर बोली- ऐसे ही, नंगे?

‘हाँ, तो क्या हुआ?’ वो बोला।

‘देख लो तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ, अगर मेरे साथ कुछ भी हुआ तो तुम ज़िम्मेवार होगे?’ मैंने उसे चेतावनी दी।

‘अरे डरो मत, तुम चलो तो सही…’ उसने मेरा हाथ पकड़ा और दूसरे कमरे में ले गया।

जब हम कमरे में गए तो देखा के वो सब तो पहले से चड्डियों में बैठे थे।

मुझे देख कर सबने खड़े हो कर मेरा अभिवादन किया- आइये आइये, हुस्नों की सरकार पधार रही हैं, सब सलामी देंगे, सलामी दो…

इतना कहते ही सब ने अपने अपने लण्ड अपनी चड्डियों से बाहर निकाले और ऊपर की उठा कर मुझे सलामी दी।

‘बाई गॉड…’ एक साथ तीन चार लण्ड देख कर तो मेरा मन खुशी से भर गया, मैं मन ही मन में सोचने लगी, क्या आज ये सभी मुझे उसे कुतिया की तरह चोदेंगे।

मैंने मन बना लिया के ओके अगर ऐसा है तो कोई बात नहीं मैं आज सबके लण्ड का स्वाद चख कर ही जाऊँगी।

पहले सब एक एक पेग बनाया, हम सबने पिया, मेरा पहली बार था, बहुत कड़वा स्वाद था मगर पीने के थोड़ी देर बाद ही मुझे सुरूर सा चढ़ गया जो बहुत ही अच्छा लगा।

इसी सुरूर में मैं पीछे को लुढ़क गई।

मेरे बेड पे लेटते ही सब अपना खाना पीना छोड़ के मेरे चारों तरफ आ गए।

मुझे नहीं पता लगा कि किसने मुझे उल्टा किया और बोला- आज साली की घोड़ी बना के लूँगा।

दूसरा कोई बोला- अरे नहीं, आज तो इसे कुतिया बनाएँगे और हम सब कुत्ते बन कर इसे एक साथ चोदेंगे।

सब हंस पड़े और मन ही मन में मैं भी।

उसके बाद मुझे नहीं पता के कौन पहले मुझ पर चढ़ा, एक ने पीछे से चूत में लण्ड घुसाया तो कोई होंठ चूस रहा, कोई छातियाँ दबा रहा था, कोई निप्पल चूस रहा था।
किसी ने इस बात की भी परवाह नहीं की, अभी मेरे मुँह में किसी का लण्ड था और दूसरे ही पल किसी की जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी।
इसी दौरान उन्होने मुझे एक पेग और पिला दिया, अब तो मेरे रही सही सुध बुध भी जाती रही, सब मुझ पे पिल पड़े।

एक घंटे से भी ज़्यादा मेरी चुदाई चली, मुझे नहीं पता इस दौरान मैं कितनी बार स्खलित हुई पर उन सब ने अपना वीर्य मेरी चूत में ही छुड़वाया।

मेरी चूत उन सब के वीर्य से भरी पड़ी थी और मुझे नहीं मालूम किस किस का वीर्य मेरी चूत में था।
मेरी टाँगें और हाथ एक घंटे से कुतिया बने हुये कारण दुखने लगे थे।
जब सबका हो गया तो सबने फिर से खुशी में एक एक पेग और लगाया।

मैं उनके सामने ही बेड पर बिल्कुल नंगी गिरी पड़ी थी। मुझे आधी अधूरी होश थी, शराब का नशा पूरा चढ़ा हुआ था।
मैं देख सुन सब सकती थी, मगर एक लंबी सामूहिक चुदाई और नशे के कारण हिलने तक की ताकत मुझमें नहीं थी।

थोड़ी देर बाद सब के सब फिर उठ कर मेरे आस पास आ गए और इस बार उन्होंने मुझे सीधा लिटाया और फिर से मेरी चुदाई शुरू हो गई।

अमन बोला- इस बार भाई कोई इस कुतिया के अंदर नहीं छुड़वाएगा, सब इसको अपने वीर्य से नहलाएंगे।

सबने हामी भरी।

उसके बाद तो जिसका भी छुटता, वो लण्ड बाहर निकालता और और मेरे मुँह पे, छातियों पे पेट पे अपने वीर्य के फव्वारे छुड़वाता।

मेरा सारा बदन उन चारों कुत्तों के वीर्यपान से भीग गया।

सुबह 10 बजे शुरू हुई मेरी सामूहिक चुदाई दोपहर बाद करीब 4 बजे खत्म हुई।

थोड़ा संभलने पर मैं उठ कर खड़ी हुई और बाथरूम में जाकर नहाई।

जब नहा रही थी तब भी वो चारों मेरे साथ ही नहाये और सबने मेरे बदन को खूब नोचा।

मेरे बूब्स पे, पेट पे, पीठ पे, जांघों पे और बड़ा गांड पे उन सब के दाँतों के काटने के निशान थे।

नहा कर बाहर निकली तो सब ने मिलकर मेरे बदन को तौलिये से साफ किया और मुझे अपने हाथों से कपड़े पहनाए।
उसके बाद मुझे घर छोड़ा।

रात को मुझे नहीं पता चला कि मैं सो रही थी या मर गई थी।

अगली सुबह उठी तो सारा बदन दर्द कर रहा था, चूत तो ऐसे लग रही थी जैसे किसी ने पत्थर से रगड़ कर छील दी हो।

छुट्टी होने के कारण मैं सारा दिन अपने कमरे से नहीं निकली।

जब नहाते हुये मैंने अपना नंगा बदन शीशे में देखा तो हैरान रह गई, ज़ालिमो ने एक इंच भी जगह ऐसी नहीं छोड़ी थी जहाँ काटा न हो।
मगर मैं फिर भी खुश थी कि जैसी चुदाई मैं चाहती थी, उससे भी बढ़िया उन लोगों ने मुझे चोदा था।

दोपहर को तुषार का फोन आया और मेरे हाल चाल पूछा।

बातों बातों में अगले प्रोग्राम के बारे में पूछा तो मैंने कहा- इस बार तू चार थे, अगली बार छह लेकर आना।



loading...

और कहानिया

loading...



bhu sss sasur moosi ki gandi sex bur land ki story freekamukta majbor karke chudaiहिनदि मे बोलने वाला परोन विडियोjaporn.ooo/search.php?search=%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A5%82+%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%88+%E0%A4%95%E0%A5%80+%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81&action=searchदीदी को छोड़ा गेम खेलकरxxx chudai kahani hindiचुदासी कहानीmai jabardasti chudai sexy storyहिदि सेकसि वडिवो जगल नागपुरdidi.hot.bf.kahani.prity sex ghar ke bagal chudai storysoye huye hot bhan ko bhai kis tarh xxx karta haichut chudaiki kahamiya com/hindi-font/archiveकामकुता चुत बहन कीsasu dex damad imagesबहान।चूत।लड।डालjanwr.se.xxx.sax.khani.hindihimachli hidexxx videoक्सक्सक्स इंडियन पति बेचारा हिंदी कहानियांmaa.ko,nisa-me?chudae,hindekahanemaa ko chudi dekha.comhat khani vabi ka barish me bigha badan hat khani xxxसविता भाभी लंड सहलाना पसंद करती हैbas karo mere pati aane vale hai hindi sex story in group sexसेक्सी स्टोरी मोअन्तर्वासना सविता भाभी पीडीऍफ़ photo ke santhkamina sasu ne bahu ko choda kahani.comदुकान की बची की xvideos indianbhut small ladi ki seal todi condom seMasoom Mummy Ko Uncles Ne Milkar Jamkar Chudai Kariसेक्सी मचलती बहेन वीडियोmaakichu koski storyरात की रानी की चोदयी कहानीwww.xxx.bihari.bahabi.ki.chodi.kahani.video.commaa maimona ki cudai माँ की adla badli krke choddabhilai lavda chusne ka video audio downXxx sui chit me sekshimami ne cut dediसर सेचूदवाई चुतua xvideo combehan ka doodh piya storiesहिंदी xxx कहानियाँMami ki massug ki chudai ki kahanihindu chutai pahtan land se khaniyanonvegsexstory.comसबीता आड़ीयो सेक्सी हिन्दीbahu ne sasur se kaha candom lagakr meri choot me daloशीमेल मम्मी गीली बुरnokar aur sasur ji ne meri chuchi dabaya sarri me masti kiNanad bhabhi ki samuhik chudai ghar me hindi kahani mazedarghar ke chodai khanesaveta dade sexe kaneychuti ladki ki xxx gishki koi chodi na hisबेचारा पति antarvasnkiray ke badle chudai storyBhai ne Bahan ki chut ka pani piya xxx www dot com videoचची की चुदाई देखीuncle kaa sathold moti vidhwa granny Indian lund ki pyasi hindi sex storyहिन्दी माँ बेटा sexBaBa net स्टौरी.comwww.momandsonxxxstory.comantervsna sex comhindi xxx move bhabi bacho ke bichbro.sis.xxx.rep.kahbni.hindi.newdilhi clg video hd sery hostel xxxxhendi bap bati sex sturijanvr sex khani hindiindian चुदाई क्लिप कई लोगों कीmaa ko condom laga ke choda antarvasnaki ko cota xxx kahane hindePhale kapare phara phir chudai keenangi nanad sexy kahani