Dosto mera naam rahul h m aapko apni kahani btane ja raha hun kahan h bhabhi and meri m bca ka Student tha aur apni padhai par bhut Focus karta tha ek din ki baat h bhabhi ka achanak mujhpe phone aaya aur m toh khus hi hogya ki aaj achanak phone kaise aagya m khusi se pagal ho gya maine receive kiya toh bhabhi mere hal chal puchne lagi aur boli ab toh tum apne bhai ke pass ghumne bhi nhi aate ho toh m bola exam h aaunga aur thodi der baat karke phone kat diya maine exam dene ke baad wahan jane ka plan bnaya tab m wahan phuncha toh bhai ka chera khil gya aur woh mujhe pyar se dekhne…
संजीव मेहरा सुबह का अखबार पढ़ रहे थे, सामने मेज़ पर गर्म चाय की प्याली रखी हुई थी, व चाय की चुस्की के साथ-साथ अखबार भी पढ़ रहे थे । तभी उनके कानों में आवाज आई- “सर, आपका फोन !” उन्होंने अखबार से नजर उठाई, सामने सफेद शर्ट, काली पैन्ट में उनका नौकर खड़ा था । “किसका फोन है सोहन?” “सर, सक्सेना सर का फोन है ।” “इस वक्त? इतनी सुबह?… हैलो, हां सक्सेना ! बोलो, इतनी सुबह-सुबह? क्या हो गया भई ?” मेहरा साहब बात करते हुए- “अच्छा अच्छा ! हम्म ! यह कब की बात है? … फिर तुमने क्या किया? … चलो अभी कुछ भी करने की जरुरत नहीं है, मैं आता हूं थोड़ी देर में और जब तक मैं न…
Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai Garmi ki us dopahar me sar par tapta sooraj meri pariksha le raha tha manjil abhi bhi door thi pyaas se gala sookh raha tha par pani bhi nahi tha mere pass pichle chaar dino se safar jari tha mera anjana safar aur anjani manjil thi raasta puri tarah se sunsaan pada tha bus garam loo hi thi jo saiy saiy karte huve kahar dha rahi thi mai aas laga raha tha ki kuch saadhan mil jaye to safar aasan ho jaye par aaj is raah ka mai eklota musafir hi tha
बात उन दिनों की है जब मैं अपने दोस्त के साथ इवेंट कंपनी चलाता था और हम नए थे तो हमें क्लाइंट्स की सख्त ज़रुरत थी, आए दिन नई मीटिंग्स और नए चेलेन्जेस मिलते थे. लेकिन कनिका ने जो चेलेंज दिया था उसकी बात ही कुछ और थी, दरअसल कनिका हमारे एक क्लाइंट की मार्केटिंग मेनेजर थी और उसके ऑफिस से हमें बड़ी डील के साथ साल भर बिज़नस मिलने वाला था पर कनिका जो कि सुपर फ़्लर्ट थी हमें इस धंधे को ले कर डरा रही थी कि रेट्स ज्यादा हैं, कम्पटीशन हमें अच्छी रेट दे रहा है वगेरह वगेरह. मेरे दोस्त नमन ने मुझे कहा “यार ये कनिका को कुछ और चाहिए” मैंने पूछा “कुछ और मतलब” तो उसने बोला “एक काम…
मैंने अपनी कजिन निक्की की पहली चुदाई की कहानी कुछ वक़्त पहले आपसे शेयर की थी, बस उसी कजिन ने अपनी शादी के बाद भी मेरा लंड लेना बंद नहीं किया और तो और एक रोज़ वो एक नई प्रॉब्लम ले कर आई. अब चूँकि उसकी लाइफ का सबसे बड़ा प्रॉब्लम सॉल्वर होने के कारण उसकी इस प्रॉब्लम का निवारण भी मुझे ही करना था. एक्चुअली निक्की की शादी के बाद उसकी ननंद जिग्ना की भी शादी हुई थी और उसकी ननंद पर प्रेशर था प्रेग्नेंट होने का जिसका एक रीज़न उसका अपना पति भी था, दरअसल रोहन बस चूत में लंड डाल कर धक्के लगाने को ही सेक्स समझता था और इसी कारण वो जल्दी भी झड़ जाता था. जिग्ना पूरी तरह ना…
दीक्षा हमारे पड़ोस में रहती थी उसकी मम्मी मेरे पापा को और दीक्षा जिसका घर का नाम डिक्की था वो मुझे और मेरे छोटे भाई को राखी बांधती थी, डिक्की ज़्यादातर हमारे घर में ही क्यूँकी उसके पापा पास के ही सीमेंट प्लांट में जॉब करते थे और उसकी मम्मी उसी सीमेंट प्लांट के ट्रस्ट के स्कूल में प्रिंसिपल थी. डिक्की को हम सभी अपने घर का सदस्य ही समझते थे, लेकिन डिक्की के मन में क्या क्या चलता था ये जब उसने मुझे बताया तो मेरे तोते उड़ गए. हुआ यूँ कि एक दिन जब मैं अपने रूम में बैठा इंटरव्यू की तैयारी कर रहा था तो वो डिक्की मेरे कमरे में आई और बोली “संजू भैया, मुझे आपका रेजर चाहिए, मैंने पूछा…
मेरे घर में कभी भी कामवाली बाई रखने की ज़रुरत नहीं पड़ी थी क्यूंकि मैं सारा काम खुद ही कर लेता था, लेकिन एक दफे जब बीमार पड़ा तो मकान मालकिन ने फ़ोर्स कर के अपनी कामवाली बाई को भेज दिया. वैसे मैंने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन जब वो मेरे घर रोज़ काम करने आने लगी तो उस से बातचीत भी होती थी और वो मुझ बीमार की बातें बड़े ध्यान से सुनती और मेरा ख़याल भी रखती थी. उसका नाम चंचल था और उम्र कुछ इक्कीस बाईस बरस, छरहरे बदन और साँवले रंग की मालकिन चंचल बड़ा मटक मटक के काम करती थी और मुझसे हँस हँस के बातें करती थी.
मैं नया नया जवान हुआ था और दोस्तों में बँटते नम्बर्स पर मैं भी बकचोदी का मज़ा लेता था लेकिन सिर्फ फ़ोन पर चुदाई की बातें सुन कर मुठ मारना मेरे लिए अब कठिन होता जा रहा था क्यूंकि मुझे सच में कोई सेक्स पार्टनर चाहिए था ना की मेरा अपना हाथ. मेरे दोस्त बब्बू नए मुझे एक नम्बर दिया जो की सुनीता का था, सुनीता भी कमाल का फ़ोन सेक्स करती थी और इतना उत्तेजित कर देती थी की इकसठ बासठ तक पहुचने से पहले ही मेरा मुठ निकल आता था. मैंने एक दिन सुनीता से कहा कि मैं उसे सच में चोदना चाहता हूँ तो उसने साफ़ इनकार कर दिया, मैं हालाँकि दुखी तो हुआ लेकिन मैंने हार नहीं मानी.
कोमल हमारे पी जी के बाजु वाले घर में रहती थी मैं तब इंजीनियरिंग कर रहा था और वो गर्ल्स कॉलेज से पी जी कर रही थी, मेरा और कोमल का नैन मटक्का तो काफी टाइम से चल रहा था लेकिन कभी उसके साथ सेक्स का मौका नहीं मिला था. एक दिन हमारे पी जी वाले अंकल आंटी किसी यात्रा पर जा रहे थे और बाकि सब होली की छुट्टियों में गाँव गए थे, मैं और मेस वाला बहादुर ही बाकि बचे थे. मैंने कोमल को उस दिन चुपके से एक परचा छत से पकड़ा दिया जिसे पढ़ कर वो मुस्कुराई और उसी के पीछे हाँ लिख कर दे दिया. शाम को अँधेरा होते ही कोमल छत पर आई और पड़ोसियों का ध्यान रखते…
मेरी एक्स गर्ल फ्रेंड गिन्नु मेरा सच्चा प्यार था लेकिन उसको पढ़ने के लिए यूं एस जाना था और मैं यहीं रह गया, लेकिन जाते जाते गिन्नु नए मुझे वो सुख दिया जो कोई और गर्ल फ्रेंड मुझे नहीं दे पाई. जब गिन्नु नए मुझे बताया कि उसका एडमिशन यूं एस में कन्फर्म हो गया है और वो अगले हफ्ते चली जाएगी तो मैं मायूस सा बैठा अपनी कॉफ़ी के झाग से खेल रहा था, गिन्नु मेरे मन की बात समझ गयी थी सो उसने मुझे कहा “तुम चिंता मत करो हम लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप भी तो रख सकते हैं न” पर मेरा मन नहीं माना क्यूंकि मेरा मन्ना है कि शहर से दूर दिल से दूर. गिन्नु का फ़ोन बजा और वो मेरे…