Ganne Ke Juice Wali Lalita Aunty

 
loading...

सभी देसी कहानी पढ़ने वाले हरामी लड़कों और हरामण लौंडियों को दिलवाला राहुल का सलाम, ये मेरी नई कहानी है जो एक गन्ने का जूस बेचने वाले बिहारी की बीवी “ललीता” के बारे में हैं..

आप सभी को आपकी होने वाली बीवी की चूत या होने वाले पति के लण्ड की कसम है कि कहानी पूरी पढ़ने के बाद ही सभी “ललीता” के नाम का गन्ने का रस छोड़ना.

मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र 28 साल है, बदन गठीला, लंबा चौड़ा, लण्ड का साइज-6 इंच लंबा, 5 इंच मोटा, छाती में काले लंबे लंबे बाल जो पेट तक फैलें हुए हैं..

कुल मिलाकर मेरे शरीर की बनावट ऐसी है कि किसी भी औरत का मुझ से चुदने का मन हो जाये. मैं जब अपने ऑफिस के लिए निकलता हूँ तो दफ्तर जाते वक्त एक गन्ने के जूस की ठेली मिलती है, जहाँ एक गरीब सा 55-60 साल की उम्र का आदमी, शारिरिक रूप से कमजोर, गाल पिचके हुए, हाथ कांपते हुए जैसे किसी रोग से पीड़ित हो गन्ने का जूस बेचता है तो मैं कभी कभी उसकी ठेली से गन्ने का जूस पी लेता हूँ..

उसका हाथ उसकी बिवी बंटाती है, जिसकी उम्र लगभग 48-50 साल होगी. दिखने में उसकी बिवी भी कमजोर है, गाल पिचके हुए हैं, हाथ पतले पतले, गले की हड्डियां साफ दिखाई दे रही हैं, आँखें अंदर धसी हुयी हैं, बूब्स लटके हुए जैसे उनका सारा रस उसकी जवानी में कोई पी गया हो, रंग काला, कूल्हे भी छोटे से, पूरी कुपोषण की शिकार लग रही है..

ऐसा लग रहा है जैसे किसी गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो, लेकिन उसकी ये हालत गरीबी के कारण थी. ऐसी औरत किसी को भी पसंद न आये लेकिन मैं बहुत ही हवसी किस्म का हूँ, मुझे लगा एक बार इसका अनुभव लेना चाहिए.

एक दिन मैं उसी की गन्ने की ठेली में जूस पीने रुका, उस दिन उसका पति नहीं था, वो ही जूस निकाल रही थी, उस दिन उसने एक हरी रंग की साड़ी पहनी हुयी थी जिसमे उसके साथ उसने हरे रंग ब्लाउज पहना था..

उसकी सफेद ब्रा ब्लाउज के बाहर से नजर आ रही थी, पतले पतले हाथ में उसने कुछ चूड़ियाँ पहनी हुई थी जो पुरानी थी, मेने उसके पैर देखे वो काले गंदे फटे हुए थे जिसमे उसने पुरानी पजेब पहन रखी थी..

ढीला सा बदन, ढीले से स्तन, ढीली साड़ी पहने हुए वो मेरे लिए गन्ने का जूस निकाल रही थी, उसमे से कोई आकर्षण नही झलक रहा था लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों मेरा लण्ड उसे देखकर खड़ा था और मेने प्रतिज्ञा ली हुयी थी की इसे पटाकर जरूर चोदूंगा, उसने मुझे गन्ने का जूस दिया.

मैं- आज अंकल नही है, कहीं गए हैं क्या?

गन्ने के जूस वाली- हाँ आज मजदूरी में गए हैं.

मैं- नाम क्या है तेरा?

गन्ने के जूस वाली- ललीता, क्यूँ पूछ रहा है?

मैं- मन किया पूछने का, नाम नहीं पूछ सकता क्या?

ललीता- तुझे क्या मतलब, तू जूस पी बस.

मैं- गुस्सा क्यों होती है आंटी. जूस बड़ा मस्त बनाया है तूने, अंकल तो बेकार बनाते हैं, तेरे हाथ से अच्छा निकला जूस.

ललीता- ठीक है, 20 रु दे दे अब.

मैं- एक गिलास और पिला दे आंटी.

ललीता- रुक जा इंतज़ार कर, जूस निकलना पड़ेगा.

मैं- ठीक है आंटी, मेरे पास टाइम ही टाइम है, तू आराम से निकाल. एक बात तो बता, रहती कहाँ है तू?

ललीता- तुझ से मतलब, जहाँ भी रहती हूँ, तुझे क्या करना है जानकार?

मैं- पता होना चाहिए इतना मस्त जूस निकलने वाली का क्या पता है, कभी ठेली न लगी तो घर में जूस पीने आ जाऊंगा.

ललीता- घर में नहीं निकालते हम, यहीं पीना है तो पी ले.

मैं- कोई बेटा या बेटी भी है तेरी?

ललीता- ज्यादा सवाल मत पूछ, जूस पी और घर जा, एक बेटा है मेरा तेरे बराबर. आम बेचता है वो मंडी में. यहाँ से 2 किलोमीटर दूर नाला बस्ती में रहते हैं हम.

मैं- तेरी हालत ऐसी क्यूँ हो रखी है आंटी, बीमार सी लगती है तू.

ललीता- बीमार नहीं हूँ, गरीबी ने ऐसा बना दिया है.

मैं- चल मैं 1 गिलास जूस के आज से 40 रु दूंगा तुझे रोज.

ललीता- ऐसा क्यों रे, मेरा आदमी गुस्सा करेगा, वो बहुत खुद्दार आदमी है.

मैं- तेरे आदमी को थोड़े ही दूंगा, तुझे दूंगा, तू उसे बताइयो मत, चुपके से छिपा लियो.

ललीता- ध्यान से देना लेकिन, उसे पता चलेगा तो मुझे पीटेगा वो. वैसे भी रोज दारु पीने के बाद रात में मुझे मारता है वो.

मैं- इतना हरामी है क्या, चल आंटी वादा रहा तुझ से, आज से वो नहीं पिटेगा तुझे.

ललीता- वो कैसे?

मैं- मैं सबक सीखा दूंगा उसे.

ललीता- ऐसा मत करना रे, उसे पता चल जायेगा. नाम क्या है तेरा बेटा?

मैं- मेरा नाम राहुल है आंटी. आंटी मैं अंकल को अपने तरीके से सबक सिखाऊंगा तू परेशान न हो.

ललीता- ठीक है, लेकिन बेटा तू मेरे लिए ये सब क्यों कर रहा है?

मैं- मुझे तुझ पर दया आ गयी आंटी, मैं गरीबों की मदद करता हूँ, तभी तुझ से तेरे घर का पता पूछा ताकि कभी पैसे देने हो तो दे दूँ.

ललीता- हाँ, नाला बस्ती में आ जाना पूछ लेना किसी से भी कि ललिता का झोपडा कहाँ है कोई भी बता देगा.

मैं- ठीक है आंटी, मैं चलता हूँ, तू ख्याल रख अपना और कुछ खा पी, बहुत कमजोर हो गयी है. कल आता हूँ.

ललिता- ठीक है बेटा, कल पक्का आना.

(और मैं ललिता को आँख मारकर वहां से चला जाता हूँ जिससे वो सकपका जाती है लेकिन एक मुस्कान भी देती है जो शर्म से भरी हुयी थी)

(रात के समय मैं नाला बस्ती के पास ललिता के बूढ़े पति का इंतज़ार कर रहा था, अचानक लड़खड़ा कर वो विक्रम से उतरा, उसने दारु पी रखी थी, जैसे ही वो अपने घर की गली की ओर मुड़ा, मेने उसे पीटना शुरू कर दिया, उसको लात और घूसों से पीटता रहा, वो रोने लगा, माफ़ी मांगने लगा)

गन्ने के जूस वाला- माफ़ कर दे मुझे , मत मार, छोड़ दे मुझे, बस कर भाई.

मैं- तेरी माँ का भोसड़ा, भेन के लौड़े, ललिता को मारता है रोज़ दारु पीकर, आज मर्द से पाला पड़ा तो माफी मांग रहा है, हिजड़े, भेनचोद, बोल मारेगा अब ललिता को??

गन्ने के जूस वाला- आज से कभी हाथ नहीं लगाउँगा बेटा, माफ कर दे इस बूढ़े को, जाने दे घर बेटा, आज से कभी नहीं मारूँगा उसे.

मैं- और सुन बेवड़े, अगर उसे बताया की मेने तुझे मारा है तो कल फिर मार खायेगा भोसडीके. सुन लिया?

गन्ने के जूस वाला- हाँ सुन लिया बेटा. माफ़ कर दे अब.

मैं- निकल मादरचोद यहाँ से अब, बहिनचोद साला हरामी.

(और ललिता का पति घर चला जाता है, अगले दिन जब मैं गन्ने के जूस की ठेली पर जाता हूँ तो ललिता काफी खुश दिख रही थी, उसका पति भी उसी के साथ था)

मैं- अंकल एक गिलास जूस देना.

(मैं और ललिता आँखों ही आँखों से इशारा कर रहे थे, मैंने चुपके से उसे आँख मार दी, और वो मुस्कुराने लगी, मेने उसे इशारे में कहा कि थोड़ा आगे की तरफ मिलना, वो समझ गयी)

(गन्ने का जूस पीने के बाद मेने बाइक स्टार्ट करी और आगे चला गया और ललिता का इंतज़ार करने लगा, ललिता आई उसने लाल रंग की साड़ी, लाल रंग का ब्लाउज पहना हुआ था, आज काली ब्रा पहनी थी जो उसके कन्धों पर दिख रही थी, होंठों में लिपस्टिक भी लगायी हुयी थी, मैं समझ गया की उसने ये सब श्रृंगार मेरे लिए किया है, वो मेरे पास आई)

ललिता- जूस पी लेता हूँ, उसका हाथकिया बुड्ढे को, उसने मारा नहीं मुझे, और अभी क्या काम है?? बुड्ढे को बोलकर आई हूँ कि थोड़ी देर आती हूँ, जल्दी बता क्या काम है??

मैं- तुझे पैसे देने थे कुछ, और सुन आज घर कब जायेगी, और घर में अकेले कब रहेगी, बता?

ललिता- क्यों क्या करना है घर में?

मैं- पैसे देने है तुझे.

ललिता- अभी दे दे, घर में 5 बजे जाउंगी, बुड्ढा 9 बजे आता है.

मैं- अभी नहीं आंटी, घर में दूंगा तुझे, सुन पीछे बैठ, तुझे घुमा कर लाता हूँ.

ललिता- अभी टाइम नहीं है, बुड्ढा इंतज़ार कर रहा है.

मैं- कुछ ना होता, अगर कुछ बोलेगा तो मैं समझा दूंगा उसे, तू बैठ पीछे.

(ललिता बाइक में बैठ जाती है और मैं उसे घुमाता हूँ, मैं उसे उसकी गन्ने की ठेली के आगे से ले जाता हूँ, ताकि उसका पति उसे एक बार मेरे साथ देख ले, वो बहुत मना करती है लेकिन मैं जबरदस्ती वहीँ से जता हूँ, वो साड़ी के पल्लू से अपना मुह छिपा लेती है, लेकिन बुड्ढे की नज़र उस पर पड़ जाती है और मैं बुड्ढे को सलाम ठोकता हूँ, बुड्ढा समझ जाता है कि कल रात मेने ही उसका सुतान किया था, ललिता मेरे पीछे छुपी रहती है और मैं गन्ने के जूस की ठेली में बाइक रोकता हूँ)

मैं- अंकल 2 गिलास जूस बनाना.

अंकल- बेटा ये पीछे कौन है तुम्हारे साथ?

मैं- ऐसे पूछते हैं भेनचोद किसी की बीवी के बारे में, मेरी बीवी है ये पीछे, तू जूस बना भेन के लौड़े, वरना यहीं मारूँगा.

अंकल- माफ करदे बेटा, गलती हो गयी.

(और ललिता और मैं जूस पीते हैं, ललिता ने पल्लू से अपना मुह ढका हुआ था जिस वजह से उसका चेहरा दिख नहीं रहा था, जूस पिने के बाद मैं बाइक 80 की स्पीड से चलकर वहां से ललिता को लेकर निकल जता हूँ)

ललिता- ये क्या पागलपन है बेटा, मुझे फसा दिया तूने, अब बुड्ढा क्या बोलेगा.

मैं- कुछ नहीं बोलेगा आंटी, मैं समझा दूंगा उसे.

ललिता- और तू गाली क्यों दे रहा था उन्हें, जो भी हों, मेरे पति है वो.

मैं- तू क्यों घबराती है इतना आंटी, चुपचाप बैठे रह, तुझे घूमाता हूँ मैं.

(मैं उसे बाइक में एक सुनसान जगह लेकर गया)

ललिता- यहाँ जंगल में क्यों लाया तू, यहाँ तो कोई भी नहीं है, मुझे वापस मेरी ठेली में छोड़ दे तू बेटा.

मैं- रुक तो आंटी, तू बहुत घबराती है, इतना मत डरा कर.

(मैं बाइक को झाड़ियों के बीच में रोक देता हूँ, जहाँ हमे कोई नहीं देख सकता और आंटी को पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठो से दबोच लेता हूँ, वो एक दम से मुझ से अलग हो जाती है और उसके होंट से खून निकलने लगता है)

ललिता- हरामी, साले, ये क्या कर रहा है, मुझे वापस ठेली में छोड़ वरना मैं चिल्लाऊंगी.

मैं- ललिता सुन तो सही, तू बहुत मस्त लगती है मुझे कसम से, एक बार करने दे, तुझे भी मजा आएगा जानेमन.

ललिता- ये क्या बोल रहा है, शर्म नहीं आती तुझे, मेरी उम्र तेरी माँ की उम्र के बराबर है, तेरे से बड़ा तो मेरा बेटा है, ये गलत है मुझे वापस छोड़ तू वरना अच्छा नहीं होगा.

(मैं ललिता के बदन को अपनी बाँहों में दबोच लेता हूँ, वो छुटने का बहुत प्रयत्न करती है लेकिन मेरी भुजाओं की शक्ति के सामने उस हड्डीमल आंटी की ताकत असफल हो जाती है, और मैं उसकी साड़ी को और ब्लाउज को उसके मरियल कमजोर बदन से अलग कर देता हूँ..

अब वो काली ब्रा में थी और निचे उसने कुछ नहीं पहना था, उसके शरीर में कमजोरी की हड्डियां चमक रही थी, बूब्स बिलकुल मुरझाये हुए थे जिनमे काले खड़े निप्पल ही अच्छे लग रहे थे, गले में मंगलसूत्र हाथों में चूड़ियाँ, गंदे फटे पैरों में पुरानी पजेब पहने हुए कमजोर शरीर वाली 50 साल की ललिता मेरे सामने नंगी थी और रो रही थी..

अचानक उसने चिल्लाना शुरू किया, मुझे गुस्सा आया और मेने उसके गाल पर 4 थप्पड़ जड़ दिए जिससे वो सुन्न हो गयी और उसके गले से एक भी आवाज़ नहीं निकली)

मैं- भेन की लोड़ी अगर अब चिल्लाई, यहीं जंगल में मार के फैंक दूंगा तुझे.

ललिता(रोते हुए)- बेटा ऐसा मत कर, मैं तेरी माँ के समान हूँ, बेटा छोड़ दे मुझे, बख्श दे मुझे, मुझे वापस छोड़ दे बेटा, ऐसा मत कर…

मैं- चुप हो जा रांड, मजे लेने दे बस उसके बाद छोड़ दूंगा तुझे, और अगर ज्यादा होसियारी दिखाई तो नंगा ही छोड़ दूँगा जंगल में, समझी चिनाल साली सुकड़ीमल….हड्डियों का ढांचा.

ललिता- इस पतली बीमार बूढी औरत में क्या मिलेगा तुझे बेटा, मत कर ये पाप, तूने ऐसा क्या देखा मुझ पर.

मैं- कुछ नहीं देखा, बस में ऐसी घटिया औरत का भी अनुभव लेना चाहता हूँ, देखना चाहता हूँ इन हड्डीयो के ढाँचे में कितना दम है.

(और मैं अपना लौड़ा अपनी पेंट से बाहर निकलता हूँ, जिसे देखकर ललिता घबरा जाती है और मैं लौड़ा उसकी मुरझाई हुयी बालों से भरी चूत में लगाता हूँ और जोरदार धक्का मारता हूँ, जिससे ललिता की चीख निकल जाती है और मेरा लण्ड बूढी चूत के अंदर समा जाता है)

ललिता- अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह… उईईईईई… गईईईईईईई मैं बेटा…. मार दिया रेरेरेरेरे… रहम कररररररर…. अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ

(और मैं लण्ड अंदर बाहर करके चुदाई करने लगता हूँ, शुरू से ही तेज़ रफ़्तार से मैं चुदाई करता हूँ, ललिता बेहोश होने वाली होती है, वो सिसकारियाँ भरते हुए गिड़गिड़ाती है, मैं उसकी चुच्चियां अपने दोनों हाथों से मसलता हूँ)

ललिता- बेटा, दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ ओहो ह्ह्ह्ह्ह…

मैं- अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्… ओये होये, आंटी, अह्ह्ह्ह…गजब अह्ह्ह्ह… चूत अह्ह्ह… है अह्ह्ह… तेरी अह्ह्ह्ह…

(लगभग 15 मिनट तक लगातार चूत चुदाई के बाद ललिता बेहोश हो जाती है, कमजोर बदन की ललिता कमजोरी के चलते मेरे लण्ड को सहन नहीं कर पाती और बेहोश हो जाती है, उसकी बेहोशी के 15 मिनट बाद तक मैं उसकी चुदाई करते हुए उसकी चूत में निढाल हो जाता हूँ, और चूत के अंदर ही झड़ जाता हूँ)

(थोड़ी देर बाद ललिता के मुह में पानी फेंकता हूँ तो उसे होश आता है)

मैं- कैसी हो जान, दर्द कैसा है? मेने अपना माल तेरी चूत के अंदर ही छोड़ दिया, कितनी कमजोर है तू, मेरा लण्ड सहन नही कर पायी.

ललिता- हाये अम्मा, अह्ह्ह्ह्ह दर्द होता है, चूत के अंदर क्यों छोड़ा तूने रे, अब पेट से हो जाउंगी तो?

मैं- होने दे जान, मैं पाल लूंगा तेरे बच्चे को.

(मैं उसे उसका मुह खोलने को बोलता हूँ, ललिता जैसे ही मुह खोलती है, मैं अपना लण्ड उसके मुह में डाल देता हूँ)

मैं- इसे चूस, इसमें और माल है उसे भी निकाल अपने मुह में मेरी रांड.

(और मैं लण्ड को उसके मुह में अंदर बाहर करते हुए उसकी मुह चुदाई करता हूँ, गले तक उसका लण्ड भरते हुए मैं झड़ने वाला होता हूँ)

मैं- मैं झड़ने वाला हूँ ललिता… अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ऊईईईई अयायायाया…. मैं आया तेरे मुह में मेरी रानी…

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।



loading...

और कहानिया

loading...



kamukta audio sexसेकसकि HOT फोटोsexi anuti titti khani uncle kiantaravasnasexstory.comरियल मराठीत and हिंदी xxx six video xxx a bf फोटो काहानीsix khane hinde kamukta bhai bhansagi bhai bahan sagar aur shalini sex storyसटोरी मसत बरीwww hot bangali rndi sadri cay bgansex kahane hede comFaltu mai sale ne chut chod di meri desi porn videoचूत कि कथासे शादी कर चुत मरीIndia gf ku chud ke bf ne blood nikala xxxसिस्टर कह सैट सेक्स हिन्दे व्chudel sexkahani.comरिस्तो मी अदला बदली सेक्स स्टोरीजक्सक्सक्स हिंदी कहानी बाई बहिन सदीponam xxx kahani hindi meBUR KE CHUDAI HINDEhindi me bhin babhi kixxx ki sex kahaniyaरंडी से शादी की फिर भी चुदाईसिस्टर की सील उर्दू कहानीx khaniwww मराठी चावट कथा.comjiji ne 15 sal ke bhai se chudai karai ki kahanikahaneesexमामी रात को चुदाई काहनीयाSamohik xxx photo samundarचाची ने चुदवाया xxx ईसटोरीलड़की।को जमकर।चोदाकामुकता डाट काम माँ ने सौतेले डरा के चुदाई कहानीSAKX KAHANEYAwww.ko chode ga pic fb.xxx gandi boly kahaniaशेकशि लडँGaram garam boto galiyo ki sexy story xxx stori hindianter vasna अधे जेठ कीXnx anty desi kapra phankar chhudiXXX STORIRiyal badar and sisatar xxx bad usaka babi kahani hidi jwan bhabhi Ko khub chusa fuks Hindi audio video antiyon ke xxx cuhudai kahaniyan ful hinde mhindi nangi photo sas bahu ki sex kahani.comxxx istori hindibhai ne thuka kamukta silipAr mebehan ki chudai with photoxxx porn story on kamuktaरिश्ते में अनमोल 2019 की चुदाई की कहानियाँमे चूदी अपने नाबलिक भातिजे सेdido ko chudai with pics desibessलंड खाकर मैं मोटी हो गईमारवाङी भाभी जानु जाटनी XXX विडीयोBahan Ki Sahayta Se Ma Chudaixxxkhani bhsi bhan kiजानवर से चुदाई करवाने वाली लड़कियोँ कि सेक्स कहानीयाँ हिन्दी मेdadi bahen ma ki cudyi ki kahninxxx ladki ki jins me ubhari chutxxx chhat pe kahahniChachi ke chudi rt mrisexy auntiyo ki gurp chudai ki kahanibur kahani dog semaa ko chodaparty me stori hinduजंगल कि sexy कहाणीयाँMami ki sudai Hindi kaniaya kamuktahot mast antar vasna stori hindichoda chodi sex kahanibahen ko bra penty gift Kiya chudai kahaniKarachi Mein behan aur bhanji ki chudai sex storidesikahanixxghutno kaje pagal sex videosexy chut land kamakutamausi ki beti ke sath sex story hindigandu parivarsex storynand ko bhai se chudaidesi land ghusaxxxchutkahaniटैरन मे पटाकर चुदाई की ?कहानकhindichudaikahaniya.comek man apni patni ka pallu hataya and xxxचुदाईPORN CHODAI BHABI NA SIKHYA HINDI NEW KHANI KOI DEK MASTRAM चोद बहन को ट्रक वालाHindi sex stori jagal me audio youtube comTreem me behn ko bhoda our chodwaya khaniसैकसी फूदी से निकले पानी कि फोटोमाँ और बेटादादा की सेक्स कहानीninnd cchodai xxx kahannibahen ki chudai rajai ke andarxxxx story new 2019 hindi archiveshindesixe.combhan or bhabi ki chot ki sill todi khaniघरेले xxx indanसेक्सी कहानियाभाभी ने देवर को मुंह पर चढ़कर ब** च****** चोदाbhaii.na.sister koo.jabarjast.seel.tore.xxx