नेता जी की बीवी की चुत प्यासी तड़प रही थी – मेने कहा पैसे दो तो तुजे चोदू – उसने जल्दी पैसे देकर चुदवाया

 
loading...

किस्मत कभी-कभी आपको किसी पराये के इतना करीब ला देगी यह आपको इस कहनी में पता चलेगा। और अगर आपको ये कहानी पसंद आती है तो मुझे [email protected] रेस्पोंस दे

अन्तर्वासना यूजर के मेल चेक करने के दौरान मुझे किसी सुनीता नाम से मेल मिला उन्होंने अपना पता दिया और कहा- इस जगह पर आ जाना, 5000 दूंगी।और मेरी एक पुरानी मित्र रश्मि का रेफरेंस दिया।
आप यकीन नहीं मानोगे वो पता मेरे घर के पास रहने वाली सुनीता भाभी का था, सुनीता एक शादी शुदा और दो बच्चो की माँ है और किसी जनकल्याण संस्था में काम करती है, मुझसे करीब दस साल बड़ी यानि 33-34 साल की… लेकिन उसे देखकर लगता है कि उनकी कमर 26-28 की होगी, गोरा रंग, 34-30-36 का फिगर, उनके बाल लंबे हैं, कूल्हों तक आते हैं, खुले बाल लेकर जब वो कूल्हे मटकते हुए चलती है तो आग सी लग जाती है या खुले शब्दों में यों कहो क़यामत साथ चलती है…

मुझे उनकी नज़रों से हमेशा लगता था कि वो मुझे चाहती है। मेरे सामने उनकी हरकतें बड़ी मादक होती थी, छेड़छाड़ और मज़ाक वगैरह, कभी कभी वयस्क चुटकले भी, लेकिन मुझे मोहल्ले में रहना था और उनके पति राजनीतिक आदमी थे, भला मैं क्यों अपनी हद पार करता। पर अब उस मेल आने के बाद मैंने तय किया कि चलो इनके पास भी जाकर चूत का रसपान किया जाये, और यदि शिकार खुद आ रहा है तो शिकारी को हर्ज ही क्या है।

तभी मैंने सोचा इनके घर पर कैसे इन्होंने बुलाया, कहीं पिटाई तो नहीं करवाएगी?

उस दिन मैंने सुबह देखा कि सुनीता भाभी के पति सामान पैक करके अपने दोनों बच्चों और उनकी माताजी के साथ कहीं जा रहे थे, साथ में अपने लाव लश्कर को भी ले जा रहे थे।

मैं ठीक समय पर उनके घर पर गया, उनका घर दोमंजिला है, मैं वहाँ पहुँचा तो आवाज़ दी- भाभी…!!

कोई आवाज़ नहीं आई..

फ़िर दरवाज़ा खटखटाया.. तब हल्की सी आवाज़ आई- रुको, मैं आती हूँ।

थोड़ी देर में दरवाजा खुला.. उफ़ ! भाभी के बाल थोड़े बिखरे हुए उनके चहरे पर आ गए थे और सीने पर दुपट्टा नहीं.. क्या मस्त चूचियाँ हैं…

मेरे कुछ बोलने से पहले ही वो बोली- तुम्हारे भाई साहब तो 4-5 दिन के लिए किसी सम्मेलन में गए हैं, ज्यादा जरुरत हो तो उनको कॉल कर लो।

मैंने कहा- नहीं, वो दरअसल मुझे आपसे ही काम है।

उन्होंने कहा- मुझसे क्या काम है?

तब मैंने उनको अपना असली नाम बताया और मेल वाली कहानी बताई तो कुछ देर के लिए तो वो शरमा गई और मुझे नजरें नहीं मिला पाई थी।

करीब 5 मिनट बाद वो खुलकर सामने आई और कहा- तो आप ही असली आदमी हो जो महीने भर से जानते हुए भी जताया तक नहीं और मेरे घर के पास रह रहे हो? खैर मैंने तुम्हारा वो देख रखा है, तुम्हारी फेसबुक की आईडी पर है और मुझे रश्मि ने सब कुछ बता दिया है। चलो अब अन्दर चलो, मैं चाय बनाती हूँ..

अब सुनीता का रंग बदला-बदला सा लग रहा था। मैं चुप रहा और उन्हें देखता रहा !

चाय पीने के बाद सुनीता ने ब्लू फिल्म लगा दी और आकर बिस्तर पर बैठ गई, करीब 15-20 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के बदन को रह-रह कर नोचते रहे।

मैंने हाथों से उनकी चूचियाँ जोर से दबाई तो उनकी आवाज निकली- आआह्ह्ह धीईरे !

यह सुन कर मैं समझ गया कि सुनीता चुदवाना तो बहुत चाहती है… लेकिन बड़े आराम से ! किसी भी प्रकार की कोई जल्दबाजी नहीं..

इधर मैं पूरे उफान पर था।

मैंने उसे अपनी गोदी में खींच लिया, वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी।

मैंने उनकी कमीज़ के अंदर पीछे से हाथ डाल दिया.. नर्म बोबों से होता हुआ मेरा हाथ सीधे ब्रा के हूक पर गया।

मैंने उसे जोर से खींचा तो वो टूट गया…

“इतनी जल्दी है क्या…?”

और वो घूम गई, मैंने इस मौक़े का फ़ायदा उठाया और एकदम उनका चेहरा पास आया तो उनके रसीले लाल होंटों पर अपने होंट चिपका दिये.. वो लम्बा चुम्बन .. गीला… ऊ ओह .. और भाभी मुझसे दूर हटने लगी..

मैंने फ़िर भी नहीं छोड़ा उन्हें और अब उनकी गांड जोर से पकड़ कर खींची.. मेरा लंड उनके पेट पर लगा… उनके हाथ झटके से मेरे गले पर आ गए.. फ़िर एक बोसा…

इस बार गांड दबाते हुये और उन्होंने मुँह मेरे मुँह से नहीं हटाया…

मैंने उनके कमीज़ को ऊपर करना शुरू किया और गले तक ले आया, उनके हाथ ऊपर किये और निकाल दिया…

“क्या कर रहे हो?”

“प्यार, भाभी !”

“क्या कोई काल बॉय इतना भी प्यार करता है?”

मैंने कहा- मैं तो करता हूँ, दूसरों का नहीं पता !

“लेकिन दूसरे तो सिर्फ चोदना शुरू कर देते हैं…!”

मैंने कहा- मेरा अंदाज कुछ अलग है… आप तो संतुष्ट हो ही जाएँगी…साथ में मैं भी तो संतुष्ट हो जाऊँगा…

उन्होंने मेरे शर्ट निकाल फेंका…

मैंने सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई..

मैंने भी हौले-हौले उनके एक-एक कपड़े को उनके बदन से अलग कर दिया।

मखमली कमर और छोटी पर बहुत कम चुदी हुई गुलाबी बिना बाल की चूत… शायद किसी को पहली नजर में घायल कर दे…

मैंने देर नहीं की, झपट करके उन्हें पकड़ा और निप्पल पर मुँह लगाया..

“आआह्ह हा आदित्य आह्ह्ह्ह्…”

लेकिन मेरा सिर उन्होंने अपनी छाती पर दबा लिया। ऊऊफ़्फ़ धीरे ! इतने ज़ोर से मत दबा !”

मैंने कुछ सुना नहीं, बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे…

मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा… . भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दिया..

आअह्ह ह्ह.. मत कर… वो उछल पडी… क्या गोरी और चिकनी गांड थी उनकी।

अब उन्होंने मुझे भी निर्वस्त्र कर दिया… आअह्ह ऊओ इतना बड़ा और मोटा… बाप रे… तभी तो रश्मि को दो-तीन दिन तक दर्द हुआ…

“उनकी बात छोड़ दो भाभी ! लेकिन आपको तो यह अच्छा लगेगा।” मैंने फ़िर से उन्हें दबोच लिया.. अब मेरा लंड उनके पेट के पास था… मैंने उनकी चूचियाँ ज़ोर ज़ोर से मसलनी शुरू की और उनके होंट चूमने लगा… इस बार वो सिर्फ आ आह ही नहीं बल्कि साथ में मुझसे लिपटी जा रही थी…

मेरे लंड का पानी उनके पूरे पेट को गीला कर रहा था।

मैंने उनसे कहा- इसे पकड़ो ना…

और उनका हाथ लंड पर लगाया..

उन्होंने बदमाशी की और उसे पकड़ के जोर से दबा दिया..

“आह भाभी… प्यार से सहलाओ !”

उन्होंने कहा- अरे, मैंने तो सुना था कि मर्द को दर्द नहीं होता…? तुम्हारा बहुत लम्बा और मोटा है… तुम आज मुझे बर्बाद करके छोड़ोगे…

मैंने कुछ नहीं कहा और उनके गोरे पेट को सहलाते हुए जीभ से गीला करने लगा.. भाभी मुझे धकेल रही थी लेकिन उन्होंने मेरा लंड नहीं छोड़ा…

मैंने अब उनके पैर फैला दिये, मुँह जांघों के बीच रखा और चूमा…आआअ अहहछ..

“वहाँ क्यों मुँह लगा रहे हो? वो गन्दी जगह है।”

“भाभी, अभी आप कुछ मत कहो।”

मेरी जीभ चूत के अंदर दाखिल हो गई और अंदर गोल गोल नचाने लगा…

“आह्ह अम मैं पागल हो रही हूँ, ऊ ये मत कर !”

लेकिन मुझे अब उनकी गुलाबी चूत और उनके अंदर का नमकीन पानी ही भा रहा था.. मैंने तेजी से चाटना शुरू किया.. भाभी अपनी गांड उछालने लगी थी… अ..मम…हई.. आअह्ह ! भाभी का बदन अकड़ने लगा था, उनका पानी निकलने वाला है यह मैं समझ गया… मैंने अपनी एक उंगली उनके मुँह में डाली, उन्होंने काट ली, फ़िर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू किया..

मैंने अवस्था बदली, उन्हें नीचे बैठाया और मैं बिस्तर के किनारे पर बैठ गया..

उन्होंने पूछा- क्यों?

“आओ तो !”

वो नीचे हुई, मेरा लंड उनके मुँह के सामने था… वो तो तड़प रही थी फ़िर भी वो बैठी रही, मैंने लंड को उनके गालों पर रगड़ा… फ़िर होंटों पर रख कर कहा- इसकी चुम्मी लो !

वो मेरी तरफ देखने लगी… मैंने उनके सिर को पकड़ा और लंड को होटों पर रगड़ा.. चाहती तो वो भी थी…उन्होंने पहले थोड़ा चाटा जीभ से, फ़िर होटों को खोला और लंड का सुपारा मुँह में लिया… मैंने देखा कि उनके छोटे मुँह में लंड नहीं जा रहा था.. बहुत मोटा जो है..

मैंने सिर को कस के पकड़ा और दबाया- बहुत दिनों से तड़पा रही हो अपनी चूची और चूतड़ दिखा-दिखा कर..

अब उन्होंने चूसना शुरू किया, मैं तो जन्नत में पहुँच गया था- ऊऊ ओह मज़ा आ रहा है..

थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मेरे गोटियों में हलचल हो रही है, मेरा हो जाएगा… मैंने भाभी को उठाया और बेड पर लिटा दिया।

पैर नीचे लटक रहे थे… पैरों को उठाया और पैरों को फैलाया अपने कंधे पर रखा… लंड को चूत के ऊपर रगड़ना शुरू किया…

“भाभी कैसा लग रहा है?”

वो बोली- आदित्य, मैंने चार बार काल बाय को बुलाया पर जितना तुमने मजा दिया शायद किसी ने नहीं दिया। तभी तो रश्मि कह रही थी कि तुम पेशेवर नहीं हो, बस तुम भूख मिटाते हो ! तुम्हें जो चाहिए मैं दूंगी, बस मुझे तृप्त कर दो…”

यह सुन कर मुझे तो जोश आ गया और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा, रगड़ता रहा, भाभी को छटपटाता देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था !!

फ़िर मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा !!

वो बोली- बस यार आदी, कितना तड़पाएगा?

मैं हंसा और अपना लंड उनके छेद पर रख कर दबाया।

भाभी तड़प उठी- …ऊओह ह्ह मर गई निकाल्ल निकाल्ल. … बहोत मोटा है, मैं मर जाऊँगीई…”

मैं रूक गया और लंड को बाहर खींच लिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

भाभी ने आँखें खोली और पूछा- अब क्या हुआ?

मैंने कहा- आपने कहा कि निकाल तो इसलिए निकाल लिया।

” क्यों तड़पा रहा है… कर ना…”

मैंने आव देखा ना ताव और लंड को चूत पर रख कर जोर का झटका मारा… भाभी का पूरा बदन ऐंठ गया- आअ आआह्ह्ह ह्हछ मार डालाआअ रे… ये आदमी का है या घोड़े का, रश्मि की क्या हालत करी होगी तुमने? हाय, ऊफ़ पूरी भर गई मेरी…

मैं अब थोड़ा थोड़ा आगे पीछे करने लगा और भाभी को चूमने लगा… निप्पल चूसने लगा.. वो थोड़ा सामान्य हुई और उनकी चूत ने भी अब फ़िर से पानी छोड़ा…

मैंने आधा लंड बाहर निकाल कर इस बार तूफानी शॉट मारा और … बिल्कुल धोनी की सिक्सर की स्पीड से लंड पूरा भाभी की चूत में पेल दिया।

“आअ उईइ ईई माआआ तुम अब से पहले क्यों नहीं मिले रे…”

मैंने उनके बगल के नीचे से हाथ डालकर उनके कंधों को पकड़ा जिससे वो हिल नहीं पाए और फ़िर मैंने अपनी आदित्य वाली स्टाइल से शुरू की…

वो उफ़ उफ्फ आआह् अह्ह्छ कर रही थी, चूत से पानी की धार लग गई उनकी गांड तक बहने लगी और नीचे चादर भी गीली हो रही थी… मेरी स्पीड जोर की थी.. भाभी के मुँह से निकला-… वाह मेरे आदी !! यह कौन सा स्टाइल है जो न तो आज तक मैंने नेट पर देखा है न किसी ब्लू फिल्म में… वाह, आज मुझे पहली बार इतना मजा आया ऊऊ.. आज मेरी मुराद पूरी हो गई… ऊह् ऊओह् मेरा होने वालाआ है ! और ज़ोर से !

मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था, काट रहा था.. उनके लंबे नाखून मेरी पीठ में गड़ रहे थे।

“फाड़ दे… मेरी फाड़ दे आआह्ह !”

उन्होंने मुझे कस के पकड़ा और वो झड़ने लगी… करीब दो मिनट वो झड़ती रही.. इधर मेरा भी होने वाला था।

उस तूफानी स्पीड में मैंने कहा- भाभी, मेरा झड़ने वाला है, मैं कहाँ निकालूँ?

“मेरे अंदर डाल दो.. आह !”

“लो ये लो !” और मैंने लंड को उनकी चूत के एकदम अंदर मुँह पर टिका दिया और मेरी पिचकारी शुरू हो गई।दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ा था.. इसी तरह हम करीब दस मिनट रहे, फ़िर उन्होंने मुझे धकेला और मेरी तरफ देखा- कर दिया ना भाभी को खराब..! और मुझे धकेला। मैंने उनकी चूत से लंड बाहर खींचा, वो मासूम भाभी और मेरे पानी से लिपटा हुआ था..

उसे देख कर भाभी ने कहा- देखो, कैसे मासूम लग रहा है !

उन्होंने नीचे देखा… उनकी चूत फ़ूल गई थी, उन्होंने हाथ लगाया और सिहर उठी- देखो, क्या हालत की तुमने… छोटी सी थी.. कितना सूज गई है.. और कितना दर्द हो रहा है…

उनकी चूत से मेरा सफ़ेद पानी और उनका पानी बह रहा था, चूत का मुँह भी खुल गया था…

वो उठ भी नहीं पा रही थी, किसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया..

एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गई थी.. इस उमर में इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी, यह उन्होने सोचा भी नहीं था.. लेकिन मुझे भी उनका वो गदराया बदन काफी मुरादों के बाद मिला.. मैंने जम कर चोदा…

एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गई थी.. इस उमर में इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी, यह उन्होने सोचा भी नहीं था.. लेकिन मुझे भी उनका वो गदराया बदन काफी मुरादों के बाद मिला.. मैंने जम कर चोदा..

भाभी की चूत भी मुँह खोले हुए पूरी लाल दिख रही थी.. बाथरूम साथ में था !!!!

मैंने देखा भाभी ठीक से उठ भी नहीं पा रही है… मैंने उन्हें हाथ पकड़ के उठाया …और हम दोनों बाथरूम में ही चालू हो गए…

सुनीता ने शावर चालू कर दिया और मेरे बदन पर साबुन लगाने लगी और कुछ अपना दर्द मुझसे बाँटने लगी…

मैं अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा… चूत में से पानी अब भी टपक रहा था.. तभी भाभी से नहीं रहा गया और खुद मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपने चूत के दाने पर रगड़ने लगी… मैं तो बेकाबू होने लगा, वहीं दीवार पर उनकी पीठ टिका दी और उनके पैर खुद ही फ़ैल गए लंड को रास्ता देने के लिये…

ऊउफ़्फ़ कितना पानी निकाल रही थी भाभी..

लगता है सालों से चूत को लंड नसीब नहीं हुआ था।. मैंने वैसे ही खड़े-खड़े अपना लंड सेट किया और क़मर हिला कर धक्का मारा।

भाभी- आअह्ह ह ! धीरे कर ना ! अपनी बीवी की चूत समझी है क्या? एकाध महीने में पति को भी दर्शन करवाने पड़ते हैं…

मैं- बीवी की नहीं मेरी सेक्सी भाभी की गदराई चूत है इसीलिये तो !

भाभी- अरे अभी तक दर्द हो रहा है.. आअह्ह ह्ह !

उन्होंने हाथ लगाकर देखा.. अभी तो इतना बहार है.. मैं तो मर जाऊँगी…

“आपको दर्द है तो मैं बाहर निकाल लेता हूँ !” मैंने उन्हें तड़पाने के लिए कहा।

भाभी- अरे ..अब इतना डाल के बाहर निकालेगा… और अब उन्होंने खुद चूत को लंड पर दबाया…

“कितना मोटा है..!”

मैं अब क़मर हिला के आगे पीछे कर रहा था…

भाभी की चूत ने इतना पानी छोड़ दिया कि अब लंड आराम से जा रहा था और मैंने भी अब सनसना कर धक्का मारा और पूरा लण्ड अंदर !

मर गई ईई… ! सच में मर्द हो… आज मुझे लगा कि असली मर्द क्या होता है… लव यू आदी… चोदो मुझे ज़ोर से चोदओ ! फाड़ दो मेरी !

मैं धक्के लगाते हुए और उनके निप्प्ल काटते हुये)- क्या फाड़ दूँ भाभी?

भाभी- जो फोड़ रहे हो…

मैं- उनका नाम बोलो..

भाभी- अपना काम करो !

मैं- अभी तो एक जगह और बची है उसे भी फाड़ना है… सबसे सेक्सी तो वो ही है तुम्हारे पास !

भाभी- क्या?

मैंने भाभी के चूतड़ों पर हाथ लगाया और उनकी गांड के छेद में उंगली डाल कर बोला- ये वाली फाड़नी है।

भाभी- आआह्ह हह नहीं वो नहीइ.. वो तो मैंने किसी को भी नहीं दी और मुझसे रश्मि ने साफ़ कहा है कि आदी को पिछवाड़ा मत देना…

मैं- तो क्या हुआ.. मुझे बहुत पसंद है।

भाभी- नहीं नहीं..

मेरे धक्के चालू थे.. मैंने देखा भाभी का बदन अकड़ने लगा है… पैर सिकोड़ कर लंड को कस रही थी और मेरे कंधे पर दांतों से काटने लगी… नाख़ून मेरे पीठ को नोच रहे है…

“यह क्या किया.. आह्ह ! मैं गईई ईइ मेरा हो गया अऊओ ऊओह्ह्ह !”

और भाभी की चूत का पानी निकल गया। मैं रूक गया.. मैंने अब उन्हें दीवार से हटाया और बाथटब के अंदर ले गया, उसमे पानी और साबुन भरने लगा..

मैंने चूत पर भी साबुन लगाया..और उसे साफ करने लगा..

जब चूत पूरी साफ हो गई मैंने गर्म पानी से धोया…मेरा हाथ बार बार उनके दाने से लग रहा था… इधर मेरा अभी तक छुटा नहीं था।

भाभी मेरे लंड को सहला रही थी, कभी मुँह में लेकर काट रही थी तो कभी अपने कानों और बालों को मेरे लंड से सहला रही थी !!!

मैं उनके मुँह के पास लंड को ले गया.. उन्होंने कुछ नहीं किया… मैंने उनकी चूत को देखा.. दोनों जांघों के बीच एक लकीर.. लग रहा था कि एक शर्माई हुई मुनिया.. मैंने हाथ फेरा… लकीर के बीच उंगली डाली.. फ़िर से गीली, लबालब पानी..

मुझसे अब रहा नहीं गया, मैंने भाभी के पेट को चूमना शुरू किया और दोनों पैर भाभी के दोनों तरफ डाले और उनकी चूत पर मुँह रख दिया..

मैंने जबरदस्ती पैरों को फैलाया और उनका रस चाटने लगा.. जीभ को दाने पर रगड़ा… मेरा लंड उनके मुँह के पास लटक रहा था, भाभी से रहा नहीं गया, उन्होंने उसे हाथ में पकड़ा, मैंने क़मर और नीचे की और उसे ठीक उनके होटों पर टिका दिया… थोड़ी देर तो उन्होने कुछ नहीं किया लेकीन फ़िर अचानक उसे जीभ से चाटा और होंट खोलकर अंदर लिया…

मैंने सिहरन सी महसूस की- आअह भाभी चूसो मेरी जान… अआः मजा आ रहा है !

मैं तो उनके गरम होटों के स्पर्श से पागल हो रहा था… अब वो भी पूरी मस्ती में उसे मुँह में ले रही थी.. अचानक मैंने थोड़ा अंदर दबाया.. लंड एकदम उनके हलक तक पहुँच गया। उन्होने तड़प कर उसे बाहर निकाला और कहा- अब क्या मार डालोगे.. इतना लम्बा और मोटा गले के अंदर डाल रहे हो.. मेरी तो सांस रुक जाएगी…

मैं- ओह ! आप इतना अच्छा चूस रही हो..

इधर भाभी की हालत फ़िर खराब होने लगी, मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर पूरी सैर कर रही थी.. भाभी ने फ़िर से पानी छोड़ दिया.. उनकी गांड तक बह रहा था.. गांड के छेद तक ! मैंने पूरा चाट लिया, जीभ से पूरा चाटा.. इधर मुझे लग रहा था कि मेरा भी पानी भाभी के मुँह में निकल जाएगा… मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया, लण्ड उनके थूक से गीला हो कर चमक रहा था और भी मोटा हो गया था, मैं उठ कर कमोड पर बैठ गया और भाभी को अपने पास खींचा…

भाभी- अब क्या कर रहे हो?

मैं- आओ ना, दोनों पैर फ़ैला कर लण्ड पर बैठ जाओ और सवारी करो।

भाभी- मुझसे नहीं होगा..

मैंने उन्हें पकड़ के पोजिशन में लिया, और लंड के ऊपर चूत को सेट किया और कहा- बैठो…

उन्होंने कोशिश की- आआह ! नहीं होगा..

मैंने उनके चूतड़ों पर हाथ रखे और नीचे से धक्का किया.. आधा लंड गप्प से अंदर।

अब मैंने उन्हें कहा- धीरे-धीरे इस पर बैठो…

वो बैठने लगी.. चूत चिकनी तो थी.. अंदर घुसने लगा। फ़िर वो रूक गई.. अभी भी थोड़ा बाहर था..

मैंने उनकी चूची और निप्प्ल चूसना शुरू किया… और पीछे से उनकी गांड के सुराख में उंगली डाली।

“उईईईई….!”

और मैंने उन्हें जोर से अपने ऊपर बैठा लिया… पूरा लंड अंदर और भाभी की चीख निकल गई- आअह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह मर गई ऊओह…!

अभी तक दो बार चुदने के बाद भी चूत इतनी कसी लग रही थी, मुझे मज़ा और जोश दोनों आ रहा था… भाभी मेरे सीने से चिपटी रही.. फ़िर थोड़ी देर बाद वो खुद ही मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगी… मैं भी नीचे से धक्के मार रहा था।

भाभी बड़बड़ाने लगी- आ आह तुमने मुझे जिन्दगी का मज़ा दे दिया अह्ह्ह्ह.. और उनके उछलने की स्पीड बढ़ गई।

“अह आआह.. … मेरे आदी इतने दिन क्यों नहीं किया.. आआअह्ह मेरा होने वाला है… !’

और ऐसे ही उछलते हुये उनका पानी निकल गया.. वो मेरे सीने से लिपट गई, मैं उन्हें चूमने लगा..

अब मैंने भाभी को खड़ा किया..

मेरे दिमाग में एक नया आसन आया ! कमोद के ऊपर मैंने भाभी को झुकाया दोनों हाथ कमोड के ऊपर रखवाए…

भाभी- यह क्या कर रहे हो?

मैं- मैं तुम्हें और मजा दूंगा जानेमन..

मैं पीछे आ गया.. ऊओह क्या मस्त उभरे हुये चूतड़.. और ऐसे में उनकी चूत का छेद एकदम गीला… और गांड का गुलाबी छेद… मैंने पीछे से लंड को उनके चूतड़ों पर घुमाया… …और गांड के छेद पर लगाया…वो एकदम उछल कर खड़ी हो गई.. नईई वहाँ नहीईईईइ…

“नहीं डार्लिंग ! मैं सही जगह डालूँगा !” और फ़िर से उन्हें झुकाया… चूतड़ और ऊपर किये ताकि चूत ऊपर हो जाए…

और फ़िर..

भाभी- अह्ह धीरे…आआ अह्ह !

मेरा लंड अंदर जा रहा था, लेकिन मैंने उसे बाहर खींचा और एक झटके में पूरा अंदर डाला..

वो तो चिल्ला पडी- अरे मार डालोगे क्या??

मैंने उनके चूतड़ सहलाये और आगे हाथ बढ़ा कर उनकी चूचियाँ दोनों बगलों से दबाने लगा… करीब 3-4 मिनट में भाभी फ़िर पानी छोड़ने लगी.. मैंने उनका एक पैर कमोड के ऊपर रखवाया… और फ़िर तो मैंने भी राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड से चोदना शुरू किया।

भाभी उफ़ उफ़ आह अह्ह्ह कर रही थी।

मैंने उनके कानों के पास चूमा- जानू.. मजा आ रहा है ना?

भाभी- बहुत.. और जोर से करो…

अब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है… एक घंटे से ऊपर हो गया था.. मेरे अंडों में प्रेशर आ रहा था.. मैंने भाभी को बाथ टब के अंदर लिया और लिटाया.. दोनों पैर फैलाये.. घुटनों से ऊपर मोड़ कर एक झटके में अंदर डाला… उनकी आंखें फ़िर बड़ी बड़ी हो गई लेकिन मैंने कुछ देखा नहीं और फ़िर उफ्फ ! वो धक्के लगाए कि भाभी की साँस फूलने लगी, वो सिर्फ अआः इश्ह इश्ह्ह्ह्ह आआः कर रही थी।

मेरा पूर्वानुमान गलत था कि वो बहु चुदी हैं, वो तो सेक्स की बहुत भूखी हैं !

मैं- जानू ऊऊऊ मेरा निकलने वाला है.. अंदर डालूँन या बाहर…?

भाभी- एक बार तो अंदर डाल दिया है, अब बाहर क्यूँ? डाल अंदर !

1-2-3-4-5-5-6-7 ! कितनी पिचकारी मारी, मैं भूल गया और उनके ऊपर लेट गया..

करीब दस मिनट हम ऐसे ही पड़े रहे.. मैंने फ़िर उठकर उन्हें चूमा तो उन्होंने आँखें खोली..

मैंने धीरे से पूछा- जानेमन, कैसा लगा?

वो कुछ बोली नहीं.. सिर्फ मुस्कुरा दी..

फ़िर हम दोनों ने एक दूसरे को रगड़ रगड़ कर नहलाया।

मेरा फ़िर खड़ा होने लगा था.. लेकिन भाभी जल्दी से तौलिया लपेट कर बाहर निकल गई..

मैंने कहा- बस हो गया…?

“बस फ़िलहाल यहीं तक ! अगर जरुरत लगेगी तो मैं बुला लूँगी ! तुम रहते कितनी दूर हो…!”

उन्होंने मुझे पैसे देने चाहे तो मैंने अपनी एक दिन की सेलेरी ली क्यूंकि उस दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ली थी।

मैं वापिस अपने कमरे में आ गया।

दोस्तों आपको ये कहानी केसी लगी कोई लड़की आंटी मुझसे बात करना चाहे तो मेल कीजिये बात गुप्त रहेगी [email protected] पे मेल करे



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. April 16, 2017 |


balatkar chodai kahaniसेक्सी स्टोरी पति ने जोरदार चुत के चुदाई की स्टोरी हिंदी मेंरङी लङकियो कि Fb id मां का सेक्स स्टोरीस धंधा marathi hindi muslim aunty ki chudai kahani hindikhule.men.blatkar.ke.sexe.khaniyapani chod xxxmomsindian pink pussy imagesjija meri chuchi chusne lageजबरि सैकसीbhabhi ki chodai rum kapde lene gyiHindi videoXXXX बरसात की रातchutphotokahaniBhabhi ki bur jabrdasti xxxx hat jabrdasti bachao muceantarvasnaSexkhanihindeएकता पाहूजा ओर उसकी मम्मी से सेक्स करता हूँhindi kahani xxx newvideo bhabi ko saitoribhaihindexxxmama ki sadi mai ladki ko choda ki khanichoudha chodai with suhagratbachpan mein pariwar mein chudayidesi xxx sexy kahani hindi bhabhi kakasix khani cudwa cudwa kar fadwa diyaxxxhendestoresexy hindi kahanymom ka shat sex story hindi khat maरितू भाभी की चुदाई हिंदी ओडियोमोटे लनड से चूदाई रो पडी बीडीओxxx hinde kahaniaxxx sex antanwasna.combadla behan se se storyxxx kahani hindimummy beti uncle groupsexstoryKamukta.com majburi ma randikhanaxxx nures jo ladka chup ka muth marta h aur neres dekhte hwww.behen ne ki bhai ka body malish xxx storyhandisaxystorymomलोडिंग ट्रक में चुत मरी वीडियोनौकरानी की चुदाईpadosi ko padhane ki bhane ki chudai storyxxx mausi muth in fielddidi ko chodkar beta paida kiya hindi kahaniमैं चुद गईchudai ki hindi khaniलंड सेचुत मारतेदादा ने भोसी मारीkaam wasana xxx hdnde khaneysex histori bhabi or beti merit ki cudaexxx.story.hindimote antai kechaudaimammy ko mulle ne ghodi banakar choda.comsexi kakiya chudai khaniyaxxx hindi storyBIBI.KIXXXXXXma ko chuda ti pakda kahand xxxsaxy khani bfसेकसी कहानी जबरजती की चाची की हिदी मे 2018 comxxx maa beta kahani hindi sex utopसगी माँ क सात ग्रुप सेक्स क्या माँ की चूत फडी क्सक्सक्स स्टोरीxxxbalu dadi pota chudi kaniDesi kahani meri chut fadi merr bhai ne pesabkamuktaनौकर और नौकरानी की हाट सेकसी चोद फाड़bahnoi.aur.mai.hot.hindi.kahani.com.थूक लगाकर. xxx hd. BP kandomhindipornkahani.comporn khaniyadesi chudai dukan me bulaa kar karwaiचुत केxxx kumarey chudae hinde estore.skamuktamastram kahanihandisaxystorymomचुतचुदाई कहानी