भाभी का बुखार उतारा
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम जिग्नेश है और मेरी उम्र 25 साल है और में राजकोट गुजरात का रहने वाला हूँ.. में दिखने में बहुत अच्छा हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है। यह मेरी पहली कहानी है लेकिन प्लीज मुझसे कोई ग़लती हो तो माफ़ करना। मैंने इस साईट पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत पसंद आई। दोस्तों जैसा कि मैंने अभी अभी आप सभी को बताया कि में राजकोट में रहता हूँ और यह बात 10 दिन पहले की है.. जब में अहमदाबाद अपने भाई के घर गया था.. मेरा भाई सुमित, भाभी और उसका 9 साल का एक बेटा वहां फ्लेट में रहते थे। मेरा भाई एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करता था। मेरी भाभी बहुत गोरी है और उनकी उम्र 36 साल है। 34-28-38 का मस्त माल थी और में पिछले दो साल से उसका दीवाना था.. लेकिन कुछ नहीं कर सकता था। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।
फिर हुआ यूँ कि में नया साल मानने के लिए उसके घर 24 तारीख को गया.. मेरी मेरे भतीजे के साथ बहुत बनती है और भाभी भी मुझसे बहुत खुली हुई है और में कई बार उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड को घूरता हूँ तो वो मुझे घूरते हुए पकड़ लेती है और वो सिर्फ़ एक स्माईल देती है और बोलती है कि अब जल्द ही शादी करनी पड़ेगी। हम सब 25 तारीख क्रिस्मस वाले दिन बहुत घूमे फिरे और मज़ा किया। उसके बाद भैया को कोई अर्जेंट काम आ गया और वो 26 को सुबह ही दो दिन के लिए दिल्ली चले गये। अब घर पर में और भाभी ही थे। तभी भाभी की थोड़ी तबियत खराब हो गयी। उसे थोड़ा बुखार हो गया तो में मेडिकल स्टोर से दवाई ले आया और मैंने पूरा दिन भाभी का बहुत ख्याल रखा.. उसे कुछ काम करने नहीं दिया और रात को डिनर के बाद मेरा भतीजा सो गया। भाभी भी आराम कर रही थी और में टीवी देख रहा था। वो बहुत ठंड का मौसम था।
तभी भाभी ने मुझे पास बुलाया और कहा कि उसे बहुत ठंड लग रही है तो मैंने उसे 2 रज़ाई ओढ़ाकर लेटा दिया और थोड़ी देर बाद में फिर से चेक करने गया क्योंकि भाभी को बुखार था और जब मैंने पूछा तो उसने बोला कि उसे अभी भी ठंड लग रही हैं और फिर मैंने डॉक्टर को घर बुलाने की बात कही तो उसने मना किया। फिर में थोड़ा परेशान हो गया तभी मेरे मन का शैतान जाग उठा.. उस वक़्त भाभी ने नाईट गाउन पहना था और मैंने उसे बताया कि ठंड हाथ और पाँव की हथेली से शरीर में घुसा करती है और धीरे से पूछा कि आपको बुरा ना लगे तो में थोड़ा घिसकर मालिश कर दूँ? तभी उसने कहा कि तुम्हे जो करना है करो पर प्लीज मेरी ठंड खत्म करो। फिर में उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसकी हथेली घिसने लगा और उसे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर क्या मेरी किस्मत चमकने लगी। तभी थोड़ी देर बाद उसकी पाव की हथेली और पंजो पर भी में मालिश करने लगा जिससे उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
तभी धीरे धीरे वो सोने लगी लेकिन मेरे मन का शैतान जग गया और दरसल वो सोने का नाटक कर रही थी। जब में उसके पैर की मालिश कर रहा था तब मुझे उसकी जाँघ साफ दिख रही थी और मेरा लंड कड़क होने लगा। तभी थोड़ी देर बाद उन्होंने फिर से नींद में कहा कि मुझे बहुत ठंड लग रही है और बोली कि प्लीज कुछ करो में घबरा गया और मैंने बहुत कोशिश की लेकिन सब नाकाम और भाभी की ठंड बढ़ती ही जा रही थी लेकिन वास्तव में वो नाटक कर रही थी। वो मुझे बाद में पता चला। तभी उसके बाद मैंने एक बोल्ड फ़ैसला किया और में उसकी रज़ाई में जाकर उससे चिपक गया.. मेरी सोच कोई खराब नहीं थी.. में सिर्फ़ उसकी ठंड मिटाना चाहता था और धीरे धीरे उसे अच्छा लगने लगा.. लेकिन मेरा शैतान जाग गया और उस पर दवाइयों का असर होने लगा अब वो गहरी नींद में थी।
तभी मैंने मौके पर चौका मारते हुए उसके गाउन के ऊपर से उसके बूब्स पर हाथ रखा और वो गहरी नींद में थी। मैंने धीरे धीरे एक बटन खोला.. लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं हिली और बाद में क्या था.. मैंने सारे बटन एक एक करके खोल दिए। अब वो सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में ही थी और मैंने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके। में सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और उसके चिपक कर सो गया। मुझे कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला और सुबह मेरी नींद 9 बजे खुली। जब मैंने देखा तो में भाभी के बेड पर था लेकिन वहाँ पर भाभी नहीं थी। में तुरंत बाहर गया तो वो किचन में थी.. मैंने फ़ौरन वहाँ पर जाकर उसे सॉरी बोला और रात की सारी बात बताई.. लेकिन बहुत समझाने के बाद वो मान गई और बोली कि चलो ठीक है। फिर हमने साथ में बैठकर नाश्ता किया और आज उसकी थोड़ी तबियत ठीक थी.. लेकिन में उससे आँख नहीं मिला पा रहा था।
फिर दोपहर को जब मेरा भतीजा कोचिंग पड़ने गया तो उसके बाद हमने साथ में लंच किया और बाद में वो बोली कि में नहाने जा रही हूँ। तभी में फिर से गरम हो गया और नहाने के बाद वो नाईट गाउन में बाहर आई। में उसके रूम में था तो में उठकर बाहर जाने लगा लेकिन वो बोली कि कहाँ जा रहे हो? तभी मैंने कहा कि आपको चेंज करना होगा ना। तो उसने कहा कि हाँ.. में चेंज कर लूँगी प्लीज तुम यहीं पर रहो वैसे भी कल रात तुमने सब देख ही लिया है और उसने बिना मेरा जवाब सुने अपना गाउन निकाल दिया। तभी उसका ब्लाउज मेरे पास ही बेड पर पड़ा था तो वो मुझसे बोली कि प्लीज वो ब्लाउज देना। में उसे देखता ही रह गया और मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था। फिर क्या था मैंने उसे ब्लाउज देने के बहाने से उसके भीगे हाथ को छुआ और उसके सेक्सी बदन को देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या घूर घूर कर देख रहे हो? फिर मैंने कहा कि में एक बात कहूँ अगर आप बुरा ना मानो तो?
वो बोली कि हाँ कहो ना। तभी मैंने कहा कि आप सेक्सी और सुंदर हो और यह बात सुनते ही उसके चेहरे पर मुस्कान थी और मैंने तभी उसे अपनी और खींचा और अपनी बाँहों में ले लिया और मैंने जैसे उसे लिप किस करने की कोशिश की तो उसने थोड़ी देर पतिव्रता होने का नाटक किया और उसने बोला कि नहीं यह सब ग़लत हैं। 10 मिनट समझाने के बाद वो पिघल गयी। फिर मैंने पहले 10 मिनट लिप किस किया और फिर धीरे धीरे वो मेरा साथ देने लगी.. वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में ही थी मैंने उसके गाल और गर्दन को बहुत देर तक चूमा और दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाए.. क्योंकि मुझे धीरे धीरे सेक्स पसंद हैं। तभी मैंने फिर उसकी नाभि को चूसा और चाटा इतनी देर में उसने मेरे सारे कपड़े उतार फेंके थे। जब की वो अभी भी ब्रा पेंटी में ही थी। फिर मैंने उसकी पीठ बहुत देर तक चाटी। तभी मैंने ब्रा और पेंटी उतार फेंकी और एक एक करके उसके शरीर के सब हिस्से को बहुत चाटा। फिर उसको अपना लंड मुहं में लेने को बोला तो उसने मना कर दिया।
तभी मैंने कहा कि ठीक है और मैंने अपना मुहं उसकी चूत पर लगा दिया जिससे वो करहा उठी और उसे बहुत मज़ा आया। वो आनंदित होकर तरह तरह की आवाज़े निकालने लगी और मैंने अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया और फिर उसने उसको उसकी चूत में घुसेड़ लिया और मुझ पर सवार हो गयी.. 20 मिनट में हम दोनों झड़ गये और सो गये। फिर शाम को 5 बजे नींद खुली और मैंने दूसरा राउंड लिया और उस रात को मैंने उसे जबरदस्त तरीके से चोदा ।।