होने वाली दुल्हन को अगली रात चोद डाला – चिल्लाती रह गयी

 
loading...

उस रात मैंने दो तीन दफे उषा को याद कर के अपने हाथों ही अपनी ठरक मिटाई लेकिन मन तो साला हरामी था माने कैसे. सुबह होते ही मैं छत पर पहुँच गया और उषा के घर के आँगन में बने की तरफ देखने लगा कि शायद कहीं वो नाहा कर निकलती हुई दिख जाए, पर फूटे करम मेरे कि इतने इंतज़ार के बाद बाथरूम से निकली भी तो उसकी माँ. मैं बस मुद कर जाने ही वाला था कि उषा की माँ ने मुझे बुलाया, मैंने सोचा चलो अच्छा हुआ इसने खुद ही बुला लिया अब तो इस बहाने उषा को नज़र भर के देख लूँगा, उसकी पतली कमर भरे हुए कूल्हे और खरबूजे सी छातियाँ जिनके लिए मैं बावला था कही दिख जाएँ या सामान उठाने वगेरह में कहीं छू जाएँ.
मैंने दौड़कर उषा के घर पहुँच तो उसकी माँ ने कहा कि बेटा तेरे अंकल बाज़ार गए हैं तो तू ही ऊपर परछत्ती पर से ये बक्सा उतार दे, हालाँकि सेवा करने में मुझे कोई गुरेज़ नहीं था लेकिन ये बात उषा की माँ कि जगह उषा खुद कहती तो शायद बक्से का बोझ कम लगता. परछत्ती पर चढ़ने के लिए एक दरवाज़े पर पैर रख कर चढ़ना था और उसके लिए किसी को दरवाज़ा पकड़ना भी था.सो मैंने कहा कि आंटी आप किसी को दरवाज़ा पकड़ने के लिए बुला लो नहीं तो मैं गिर जाऊँगा. उषा की माँ ने कुछ सोचा और फिर आवाज़ लगाई “उषा !! अरी ओ उषा, ज़रा दरवाज़ा पकड़ ले भाई को परछत्ती पर से बक्सा उतारना है”. बस अपने लिए भाई का संबोधन सुनकर तो मेरे आग लग गई लेकिन जो नीचे सामान में आग लगी हुई थी वो बुझने के कगार पर पहुँच गई. उषा अपने कमरे से निकल कर आई और आकर दरवाज़ा पकड़ लिया दरवाज़े पर चढ़ने से ले कर बक्सा उतारने और फिर वापस उतरने में जो उसके शरीर को मेरे शरीर ने छुआ तो जैसे मैं सारी थकान भूल गया. पर जब बक्सा उतर गया तो मैंने सोचा कि अब क्या ? मतलब की बस !! इतनी सी छुअन से तो बस एक दो दफे मुठ मारने की यादें जुड़ी हैं मेरे मन में. मन और लालची हो चला था मैं जाने के लिए मुड़ा ही था कि उषा कि माँ ने उषा को कहा, अब ये आ ही गया है तो अपने ब्यूटी पारलर के काम के ले भी इसे ही ले जा.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने मन ही मन अपनी किस्मत को थैंक्स बोला और उषा की माँ से कहा “हाँ जी बिलकुल, वैसे भी मुझे कॉलेज तो जाना ही है तो मैं रस्ते में छोड़ दूंगा”, पर उषा की माँ ने फिर पासा पलट दिया ये बोल कर कि नहीं बेटा ज्यादा देर का काम नहीं है सो तू बस ले जा और वापस भी लेता अईयो अगर तकलीफ ना हो तो. मैंने कहा “जी तकलीफ किस बात की, आखिर मैं नहीं करूँगा तो फिर”. उषा की माँ ने ख़ुश हो कर मेरा माथा चूम लिया, हालाँकि ये चुम्मा तो मुझे उषा से चाहिए था और वो भी अपने होठों पर. खैर उषा की माँ ने मुझे बाइक में पेट्रोल भरवाने के लिए सौ रुपए भी दिए और साथ में ये भी कह ही दिया कि बेटा शादी का घर है जाने कितनी दफे दौड़ना पड़ेगा सो अभी भरवा ही ले एक बार में. इतनी देर में उषा भी कपडे बदल कर आ ही गई, मैंने बाइक निकली और उषा उस पर बैठ गई, कॉलोनी से बाहर निकलते ही अपन तो बाइक को चीते की तरह दौड़ाने लगे मानो पुलिस पीछे पड़ी हो.

अचानक एक गली से निकल कर कुत्ता भगा तो मैंने ब्रेक लगा दिया और उषा के गरमा गर्म खरबूजे मेरी पीठ से टकरा कर दब गए, उषा बोली “धीरे ही चला ले” तो मैंने कहा “धीरे में मज़ा कहाँ आता है” अब ये सुनकर तो वो हँस पड़ी. मैं भी ख़ुश था कि चलो हँसी तो, अब उसने ऐतिहात के चलते मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे पकड़ लिया लेकिन इस से तो और बड़ी प्रॉब्लम हो गई क्यूंकि एक तो मेरा सामान सलामी देने लगा था और दुसरे मैंने अपने लोअर के अन्दर अंडरवियर भी नहीं पहना था. एक और अभागा ब्रेक लगा और उषा का हट सीधे सामान पर चला गया. वो बोली “कर क्या रहा है तू” तो मैंने कहा क्या करूँ आज सारे ही गाय कुत्ते मेरे रस्ते में ही आरहे हैं”. उषा ने कहा “तो डंगरों की तरह तो मत चला” मैं उसके स्पर्श में इतना खोया था कि उसकी कोई बात बुरी नहीं लग रही थी. ब्यूटी पारलर में उषा की डेंटिंग पेंटिंग करवा कर मैंने उसे घर तो छोड़ दिया था लेकिन वो बड़ी अजीब तरह से बैठी थी तो मुझे लगा कि शायद सुहागरात के लिए वैक्सिंग करवा कर आई होगी, और ये सोच कर मैं और दुखी हो गया था क्यूंकि मन बार बार सोच रहा था कि अब तो इसकी बिना बालों वाली मोरनी को इसका पति कैसे कैसे नाच नचाएगा. शाम को भी उषा की माँ ने एक दो और काम मुझसे करवाए और फिर बोली कि बेटा मैं और तेरे अंकल कल इसके मामा को न्योता देने जाएँगे तो इसके एक आध और काम हैं वो भी तू ही साथ जा कर करवा देना.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। रात भर मैं ये सोच सोच कर मुठ मार रहा था कि कल तो उषा और मैं साथ रहेंगे, मैं क्या करूँगा वो क्या करेगी और कहीं उसका भी दिल कर गया तो क्या होगा. बस इसी उधेड़बुन में सामान पर हाथ रखे रखे ही सो गया और सुबह उषा के पापा के खटारा स्कूटर की आवाज़ ने मुझे जगा दिया. मैं तो तुरंत उठ कर बालकनी में गया और देखा कि वो लोग निकल रहे हैं, बस अब तो अपना ही राज था सो मैंने फटाफट ब्रश किया नहाया और तैयार हो कर उषा के घर पहुँच गया. वहां जा कर आवाज़ लगाई तो उषा बाहर आ कर बोली “जैसे कि तुझे पता नहीं कि मम्मी पापा मामा के यहाँ कार्ड देने गए हैं”, उसके इस व्यव्हार से मैं थोडा विचलित तो हुआ लेकिन मैंने हार नहीं मानी और पूछा “आज कहाँ कहाँ जाना है”. इस पर उषा बोली कि हैं एक दो काम और फिर वो नहाने चली गई मैंने जोर से आवाज़ दे कर पूछा “अब कितनी देर लगेगी, आ रही हो या मैं अपने काम निपटा लूँ” इस पर उषा बाथरूम में से ही चिल्लाई “पाँच मिनट बैठ जा ऐसी क्या आग मची है”. अब उसे क्या बताता कि क्या आग मची थी सो मन मार कर वहीँ बैठ गया और पुराने अखबार को पढने का नाटक करने लगा, उषा बाथरूम से बाहर आई तो उसे सिर्फ टॉवल में देख कर मैं अन्दर तक हिल गया था, क्यूंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी ऐसी गोरी चिकनी टाँगें होंगी फिर याद आया कि अच्छा तो पारलर में यही करवाने गई थी.

मैं सोच ही रहा था कि उषा ने मुझे खुद नोटिस करते हुआ देख लिया और बोली “तू चिंता मत कर तेरे लिए नहीं है” मैंने भी पलट के कहा “हाँ तो चाहिए भी नहीं”. इस पर उषा तमक कर बोली “नहीं चाहिए तो रोज़ छत पर से मुझे बाथरूम में घुसते और निकलते क्यूँ देखता था, जान बूझ कर मेरे करीब आने के फंडे क्यूँ लगाता था”. मेरा तो जैसे गला सूख गया और आवाज़ गले से खिसक कर पेट में जा बैठी थी, मैंने मुँह नीचे कर के खड़ा हो गया तो वो मेरे पास आई और बोली “मैं तो जाने कब से सोच रही थी कि अब आएगा अब लाइन मरेगा अब पूछेगा अब मेरी जवानी को चखेगा, लेकिन नहीं तू तो बस छू के चला जाता था और फिर अकेले में हिलाता होगा. बोल हिलाता था कि नहीं”.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने घबरा कर जवाब दिया “हाँ” और बस इसी के साथ उसने मेरे गाल पर चाँटा रखा तो अब तक किस का इंतज़ार कर रहा था मैं यहाँ प्यासी मरी जा रही थी और तुझे सामान हिलाना था, अब तो मेरा ब्याह होने वाला है अब क्या करेगा ? वहां मेरा पति मेरी जवानी का रस पी रहा होगा और तू अपने कमरे में हिलाएगा, क्यूँ सही है न”. मैं गुस्से से बाहर जाने को हुआ तो उस ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मो पर रख दिया और बोली “अरे गधे अब भी जा रहा है, बोल क्यूँ नहीं देता कि तेरे पास कुछ ही नहीं देने को”. मैं घबराया हुआ भी था और ख़ुश भी क्या एक्सप्रेशन दूँ समझ नहीं आरहा था, ऐसे में उषा ने मुझे फिर से उकसाया और मैं उस से लिपट गया जिस से उसका टॉवल खिसक गया और उसका नंगा बदन अब मेरी गिरफ्त में थ, उसके गीले बालों का जूडा खुल कर मेरे कन्धों पर लहरा गया. उसके बदन से आरही भीनी भीनी खुशबु ने मुझे पागल कर दिया, उषा बोली “मेरे हीरो खा जाओ मुझे लेकिन”. “लेकिन क्या” मैंने पूछा तो बोली “लेकिन दरवाज़ा अच्छे से बंद कर दो बस, फिर मेरी जवानी तुम्हारी है”.

मैं हँसा और दौड़कर दरवाज़ा बंद किया, उषा वहीँ उसी हालत में खड़ी थी उसने अपना टॉवल तक नहीं लपेटा था मैं उसे हक्का बक्का देख रहा था और वो मुस्कुरा रही थी, मैंने भाग कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगा. उसका बदन गीला था लेकिन ठंडा नहीं, हो भी कैसे सकता था सेक्स की आग में जल जो रही थी मेरी उषा रानी. अब बस मैं उषा और गर्म गर्म साँसों की आवाज़ तीन ही चीज़ें थी वहाँ, उषा ने मुझसे कहा “अब मुझे वो तो दिखा जिसे मेरी याद में हिला हिलाकर हैरान कर रखा है तूने” मैं शर्मा गया तो उसने मेरी जीन्स को बेल्ट से पकड़ कर अपनी तरफ खींच और अपने घुटनों पर बैठ गई, पहले बेल्ट और फिर बटन खोलकर मेरा सामान पकड़कर मुस्कुरायी और बोली “हम्म ये तो काफी है”. मैं शर्माने लगा तो बोली “अब भी शरमाएगा तो माहौल कैसे गर्माएगा” मैंने उषा से पूछा कि ऐसी भाषा में क्यूँ बात कर रही है तो बोली कि तू भाषा पर नहीं मेरी जवानी पर ध्यान दे और मुझे तेरे सामान की सेवा करने दे”.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। बस इस के बाद तो उसने मुंह में ले ले कर मेरे सामान की ऐसी सेवा की कि मैं तो धन्य ही हो गया, मेरे सामान का टोपा चाट चाट कर लाल कर दिया था उषा ने, अपने मुट्ठी में भींच भींच कर ऐसे हिला रही थी जैसे आज ही सारा रस पिएगी. उषा के मुंह की गर्माहट और उसकी लार में मेरा सामान जैसे निखर ही रहा था कि मेरा रस पिचकारी बन कर उसे मुंह में छूट गया, मैं उषा से दूर हटना चाह रहा था लेकिन उसने मेरी गांड पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरा पूरा का पूरा रस पी गई अब वो चाट चाट कर मेरे सामान को ऐसे साफ़ कर रही थी जैसे कि उसकी प्यास ही ना बुझी हो. मैं मस्त हो कर उसे निहार रहा था और वो थी की चूसे ही जा रही थी, मैंने कहा “अब बस भी कर !! कुछ सेवा मुझे भी करने दे” तो उसने मुझे पकड़ लिया और जा कर सोफे पर बैठ गई अपनी दोनों टाँगें चौड़ी कर के उसने मुझे पास खींचा और मेरा सर पकड़ कर अपनी मेंढकी पर लगा लिया कमाल की मदहोश करने वाली खुशबु थी उसकी मेंढकी की. एक भी बाल नहीं एक भी दाग नहीं और मस्त पाव की तरह फूली हुई मेंढकी पर मेरे होंठ जमे हुए थे.

उषा ने कहा “बस होंठ ही लगाएगा या कुछ जलवा भी दिखाएगा” उसकी ये बात सुनते ही मैंने अपने होंठ खोले और अपनी जीभ का ऐसा जलवा दिखाया कि उसकी मेंढकी पानी पानी हो गई वो मारे ख़ुशी के सिसकारियाँ भरने लगी और रह रह का चिल्ला रही थी “हाँ मेरे हीरो और अच्छे से और अच्छे से सेवा करो आज तुम्हे इस सेवा का अच्छा फल मिलने वाला है”. ना वो रुकी और ना ही मैं और फिर उसकी मेंढकी ने मेरी सेवा के फल के रूप में भर भर के अपनी मलाई से मेरा मुंह पोत दिया वो जैसे ही फारिग हुई सोफे पर ऐसे लेट गई जैसे बस ट्रेन यार्ड में थम गई हो लेकिन अब मेरा जोशीला जवान फिर ऑन ड्यूटी की मुद्रा में खड़ा हो चुका था. मैंने कहा “उषा रानी अब इसका भला कौन करेगा तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली “अरे हीरो असली प्रसाद तो मिलना अभी बाकी है” उसने सोफे पर लेटे लेटे ही मुझे अपने ऊपर खींच लिया मेरा चेहरा पकड़ कर मेरे होंठों को चाटने चूमने और चूसने लगी मैंने भी बराबर उसका साथ दिया, उसने मेरे हाथ अपने मुम्मों पर रखे और बोली “खेलो इनसे मेरे हीरो, चूसो – चाटो – पियो या काटो बस खा जाओ आज इन्हें, अपनी और मेरी प्यास बुझाओ”. उषा के मुम्मों के साथ खेलने में मैं इतना मशगूल हो गया था कि अपने सामान के बारे में भूल ही गया उषा ने मेरा सामान अपनी मेंढकी तक पहुँचाया और मुझे कहा “बस हीरो अब डाल दे अब सहन नहीं हो रहा, कर दे फिटिंग पाइपलाइन की और बुझे दे मेरी आग”.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने कहा “पागल मत बन अभी तो माहौल बनाऊंगा” मैंने अपना सामान उसकी मेंढकी पर टिकाया और पानी से लबरेज़ उस के मुहाने पर हौले हौले रगड़ने लगा, उषा ख़ुशी के मरे चीख रही थी और मेरे सामान को अन्दर लेने के लिए लगातार अपनी मेंढकी आगे खिसका रही थी लेकिन मैं था कि अभी अन्दर डालना ही नहीं चाह रहा था, आखिर परेशान हो कर उषा बोली “तू चिंता मत कर मेरे हीरो अभी हम और खेलेंगे बस एक बार डाल तो सही”. बस ये सुनते ही मैंने एक ही झटके में अपना सामान उसकी मेंढकी के मुंह में भर दिया वो जितनी बाहर से चिकनी और गर्म थी अन्दर से भी उतनी ही ज्यादा भट्टी हो रही थी, काफी देर धक्के लगाने के बाद उषा बोली “पीछे से कर न मुझे ये वाला स्टाइल पसंद है मैंने ब्लू फिल्म में देखा था”. उसकी इच्छानुसार मैं उसे कुतिया की तरह खड़ा किया और पीछे से उस पर सवार हो गया एक हाथ से मैंने उसके खुले बालों को अपनी मुट्ठी में भीचा और दुसरे हाथ से उसके एक मम्मे को दबाते हुए मैंने उसे पीछे से ले रहा था ५ मिनट ऐसे ही लगते रहने के बाद उषा चिल्लाई “बस अब ट्रेन चला दे जोर से.”

मैंने तुरंत उसकी बात मानी और नॉन स्टॉप ट्रेन चलने लगा, उषा की आवाज़ तेज़ होने लगी मेरा भी सब्र का बाँध बस टूटने को ही था कि उसने एक जोर की सिसकारी भरी और मेरा भी छूट गया. मैंने कहा “अरे साली ये तो अन्दर चला गया कहीं तू माँ ना बन जाये” तो वो बोली चिंता मत कर मैंने पढ़ा है एक बार में माँ बने ऐसा ज़रूरी नहीं है और अगर बन भी जाती हूँ तो तुझे क्या, बाप तो मेरा पति ही कहलायेगा तू बस अपनी मेहनत कर” ये कह कर उसने मुझे बाँहों में भर लिया और जी भर के चूमने लगी.आप ये कहानी हिंदी सेक्स की कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने उषा से कहा “तू मेरे साथ भाग जा हम दोनों ऐसे ही साथ रहेंगे” तो बोली “बावला मत बन, एक तो पहले ही मुश्किल से शादी हो रही है और तू बनी बनाई बात बिगाड़ने को कह रहा है” मैंने कहा तो फिर क्या करें “अब तो तेरे बिना रहा ही नहीं जाएगा”. ये सुनकर वो हँस पड़ी और बोली “अरे मेरे मजनूँ परेशान मत हो मैं आती रहूंगी और ऐसी ही तेरी जवानी को मेरी जवानी का प्रसाद देती लेती रहूँगी. इसके बाद तो उषा की शादी होने तक और उसके बाद आज तक जब भी हम मिलते हैं ऐसे ही अपनी अपनी आग शांत करने और सेक्स की मौज लेने लगते हैं.कैसी लगी होने वाली दुल्हन की चुदाई , शेयर करना



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. March 3, 2017 |


hindi sex stories in hindi fontsजेठजी ने बहुत परेशान करने के बाद चुदाई कीऔरत कुते एनीमल सेकस कहानीयाकहानी हिनदी सैकसkamukta.comdehati larki randi cudati bur mote land se storyईडीयन भाभी की चूदाईseax si kahani mp4 kamukta dot kom18 yer girl ko chod ke uska bur phar diya sex comXxx sali ko condam lekar chodadasi saxyi videos katma full hdxxxxxxxx.kahane..marathe.matis Sal ki mami ki sachi kahani sexsi Bhanje suhagrat me muslim lund se chudai ki kahaniSEx भाभी,राजकोट चोदने देशी भाभीदीदी की चुदाईकहानी हिनदी सैकसजंगल कि sexy कहाणीयाँxxx hindi storyaisi chudai kahani jisme soting bhi chalemast Ram ki sex kahani MAMA BenjiApni Behan ko preghnent kiya xxx videoxxxx khani hindi story andhere me knowdasi lagai khet ma chodi xnxकूवारी हशीना क जबरी चूदवाईसोते समय बेटी को चोदा सेकसी वीडीयोwww.xxx.hindi.urdsu.sexstorei.com.xxxx jabr jasti krewala video com hdburkichudaikahaniछोटी लडकीया खुलेमे पेशाब करते हुएxxxx मोटी तीती Vचुत कि सxxx indian ladi fuul fakingmuslaman ko hundi na jabjsti coda videokhanicut kihindix videlnina89.com story mami bhanjahd esx com जबरजती चोदनाचुदासी माँ की चुदास बेटे और शॉपकिपर ने निकाली hindi sex storysonu ke gand xxx storywww.momandsonxxxstory.comKUARI CUT CUDEI AUDIO KAHANI KAMUKTA COM HINDIउर्मिला की बुर चुदाई कहानियाँपतियों की अदला बदली सेक्स कहानीparivarik sex pageReshma ki gane k saat chudhi hd sex video.comHINDISEXSTORIजोगचुत चाट डाट कामचलती टेन मे चुदइपंडित चुदाई कहानीकहानी बड़ी बहन ने छोटी बहन जबर जसती चोदाईमस्त सेक्स कथा विधवा बायाDahi pilaya hindi sex storyrandi banake chudai hui merisex storysmaa bate ke fooking khani.salahaj ko nanga karake choda kahaniलंबे लंड से चूदाईGujarat ma Sasural sex videosbhaibhankisexstoryantaravasana storysex ki kahaniya vigra khila ke group chudaikuaare bahn sax srore hindedebar bhabhi ka xxx kahani kamukta.comantravasana2.comkamukta.compapa ne bhave ko or bhi ne muje choda hinde me six storehindi kamukta sex kahani nude hindisexkahanixxxx भाई बहन रात में चोरी चोरी सेक्स 18 से 19 साल के बीच vidieoANTARVASNA JANWAR KE SATH SEXमा सुधा की चुदाईchudai kahanehindisxestroychudai khani shavita audio dot com vedioओरत चुदाई फोटुtrainme bahan cud gaiChut mai landha darne bala saixxx videoantrvasna trein me chudai bahan or patnixxx hot sexy storiyabivi ne polih se chudvayachudaikikahanihindisaxy bhaibi hd video godi m utha karsex 2050 kahni bap ne beti ko chodamosi xxx kahani hindimujhe nandoi ne jabardasti patakar berahmi se choda sex storekamkuta dot com non veg chudai storyhindistoridesiBhai bahan ki antarwasama story xxxमौसा ने बरसात मे चुदाई किहिनदी लेगवेज सेकसी कहनी विडीsasur ji ki gey gey six kahani