तमन्ना भाभी की चुदाई
हाई फ्रेंड्स, मैं राजेश. आपके सामने हाज़िर हु अपनी स्टोरी लेकर. वैसे तो मैं अम्बाला से हु. बट आजकल गुडगाँव में जॉब करता हु. अब मैं स्टोरी पर आता हु. आजकल ज्यादातर कहानिया पढ़ने में ही फेक लगती है. पहली बार में, जबरदस्त लंड चुसना और फिर माल भो छोड़ देना मुह में. लड़की, भाभी या आंटी का उसे चाट जाना.. सब झूठ लगता है. मैं ये सच्ची स्टोरी लाया हु. पढ़कर अपने विचार जरुर देना. बात अप्रैल की है. जब मैं कंपनी ज्वाइन की थी. तो मैंने यहाँ रहने के लिए रूम रेंट पर ले लिया था. मैंने अपने फ्रेंड के साथ रह रहा था. हम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे. लेकिन हम लोगो की शिफ्ट अलग – अलग होती थी. तो हम में से एक बार में कोई एक ही रूम पर होता था. सिर्फ सन्डे को होते थे हम साथ – साथ. हमारे रूम के साथ में एक रूम और था. उसमे एक कपल रहने के लिए आ गया था. हस्बैंड का नाम था अमित एंड भाभी का नाम तमन्ना.
दोनों देखने में काफी अच्छे कपल लगते थे. भाभी का फिगर एकदम मस्त था ३४ – ३० – ३६. बूब्स और गांड तो एकदम मस्त थी उनकी. तो एकदिन मैं रूम पर था और अमित भैया अपनी जॉब पर गये हुए थे. भाभी बाहर कपड़े सुखाने के लिए आई और मैं भी बाहर ही खड़ा था बालकनी में. तो कपड़े डाल कर अचानक से उनको चक्कर आ गया और वो गिर गयी. मैंने एकदम से उनको उठाया और उनको उनके रूम में ले जाके पानी की छींटे मार कर उनको उठाया. फिर मैं डॉक्टर को बुला कर ले आया और उनके हस्बैंड को भी फ़ोन कर दिया. वो भी ये सुनकर जल्दी से घर आ गए और उन्होंने घर आकर मुझे थैंक्स बोला. मैंने भी बोल दिया – भैया, ये तो मेरा फ़र्ज़ था. अगर आप मेरे बड़े भाई होते और ये भाभी होती. तो भी मैं हेल्प करता ना. उसदिन से हम आपस में अच्छे दोस्त हो गये थे. भाभी भी मेरे साथ फ्रेंक हो गयी. हम मार्किट साथ जाने लगे और एक साथ बैठ कर गप्पे मारते.
एक दिन अचानक भैया को ३ – ४ दिन के लिए आउट ऑफ़ स्टेशन जाना पड़ गया. उनकी कंपनी उनको भेज रही थी और प्रोग्राम भी उसी दिन बना. बट वो वाइफ को नहीं ले सकते थे. तो उन्होंने हमे बोल दिया, कि भाभी का ख्याल रखे. मैंने बोला – आप टेंशन ना लो. हम है यहाँ पर. हम में से एक ना एक तो रहेगा ही रूम पर. हम भाभी का ख्याल रख लेंगे. वो चले गये और अब हम भाभी के साथ थे. मेरी दिन की शिफ्ट थी, तो मैं नाईट में भाभी के साथ ही था. मैंने भाभी को बोला, कि अगर नाईट में कोई प्रॉब्लम आये, तो मुझे फ़ोन कर देना. बट भाभी ने बोला, कि तुम अपने रूम को लॉक कर दो और आज रात हमारे रूम में ही सो जाओ. मैंने उनकी बात मान ली और वहीँ सो गया. उस रात कुछ भी नहीं हुआ. नेक्स्ट डे मैं ड्यूटी पर गया और इवनिंग में वापस आया. उस दिन बहुत बारिश हो रही थी. भाभी ने मेरे लिए चाय बनायीं और हम साथ में चाय पी रहे थे. कि अचानक भाभी को एक कोकरोच दिख गया और वो एकदम से उछल कर मेरे ऊपर गिर पड़ी. मेरे सारे कपड़े गन्दे हो गये चाय गिरने की वजह से.
उन्होंने मुझे सॉरी बोला और मुझे कपड़े उतारने को बोला. मेरा लोअर और टीशर्ट गीली हो गयी थी. मैं बाथरूम में जाकर चेंज करने लगा. तो मैंने कपड़े निकाल दिए. चाय लोअर के अंदर से मेरे अंडरवियर पर भी गिरी थी. तो मैंने उसे भी उतार दिया. मेरा ध्यान ही नहीं रहा, कि डोर लॉक नहीं किया हुआ था. तभी भाभी टॉवल लेकर अन्दर आ गयी और उन्होंने मुझे नंगा देख लिया. मेरा लंड उनको देख कर खड़ा होने लगा. मेरा लंड ७ इंच का है. उसने मुझे सॉरी बोला और टॉवल देकर चली गयी. मैंने भी बाहर आके उनको सॉरी बोला. मैंने कहा – मेरा अंडरवियर भी गन्दा हो गया था. इसलिए मैंने उतार दिया था और मैंने ध्यान नहीं दिया, कि दरवाजा लॉक नहीं है. उन्होंने कहा – इट्स ओके. फिर हम दोनों ने रात का डिनर साथ किया और फिर सोने लगे. बारिश की वजह से रात को ठण्ड बड़ने लगी थी. तो पता नहीं, कब मैं भाभी के साथ टच हो गया. भाभी का मुह दूसरी तरफ था और उनकी गांड मेरी तरफ थी. उनकी गांड ३६ की खूब सेक्सी लग रही थी. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. अब मेरा मन बदलने लगा था और मैं मन उनके साथ सेक्स करने का करने लगा था.
मैंने अपना लंड उसकी गांड के साथ लगा दिया और ऐसे ही लेटा रहा. मैं नींद में होने का नाटक कर रहा था. कुछ देर वेट किया, लेकिन भाभी का कुछ रेपोंस नहीं था. फिर मैंने अपने लंड का थोड़ा सा दबाव बनाया और लंड को उनकी गांड में दबा दिया. फिर मैं ऐसे ही लेटा रहा. भाभी ने अभी भी कुछ भी रियेक्ट नहीं किया और मेरी हिम्मत अब बड़ने लगी थी. मैंने उनके थोड़ा सा और पास चले गया. फिर मैंने अपने लंड को अंडरवियर से निकाल लिया बाहर और लोअर के अन्दर ही न्यूड हो गया. मैंने फिर अपने लंड को उनकी गांड की दरार में डाल कर टाइट करके दबा दिया. भाभी अभी भी नहीं उठी. अब मैंने अपने लंड को ऐसे ही अन्दर – बाहर करना शुरू कर दिया. अब मैंने थोड़ा सा जोर लगाया और भी की गांड को अपने लंड से आगे की तरफ सरका दिया. अब मैं समझ गया, कि भाभी उठ चुकी है और कुछ भी नहीं बोल रही है. अब मैंने अपना हाथ उनकी गांड पर रख दिया. फिर मैंने उनकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया. क्या मुलायम गांड थी उनकी.
मैंने उठ कर उनका नाडा खोल दिया और वो अभी भी उठी हुई थी. मैंने उनकी सलवार को थोड़ा नीचे कर दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उनकी चूत को टच किया. तो वो बहुत ही गीली थी. दोस्तों एक दम क्लीन शेव थी वो. शायद शाम को ही साफ़ किये थे. गीली चूत में समझ गया, कि वो भी गरम हो चुकी है. अब मैंने उनको सीधा किया और उनकी लेग्स को ओपन कर दिया, फिर मैंने अपना मुह उनकी चूत में घुसा दिया और उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. नमकीन गाड़ा रस पीने लगा. जैसे ही मैंने उनकी चूत को चाटा. उनकी आवाज़ निकल गयी अहहाह अहः अहः अहः अहः… उनकी आवाज़ सुनते ही, मैंने उनकी सलवार भी उतार दी और उसकी लेग्स को खोल कर पागलो की तरह से चाटने लगा. वो बस मोअनिंग कर रही थी.. अहः अहः अहः श्श्शश्स श्श्श्श स्सिसिसिसी सिसिसिस श्श्सिसिसी सीसीसी अहहः अहहाह. मैं उनकी चूत को चूसता रहा. थोड़ी देर में, उनकी बॉडी अकड़ने लगी और वो मेरे मुह में ही झड गयी.
क्या मस्त चूत थी यारो उसकी.. अब मैं उठा और लाइट ओन कर दी. भाभी शरमाने लगी. मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और पूरा नंगा हो गया और भाभी को भी नंगा कर दिया. उनके बूब्स का दूध पीने लगा. कभी लेफ्ट वाले का, कभी राईट वाले का. अपने हाथो से उनके बूब्स को दबाने लगा और दूध भी पी रहा था. अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. तो मैं उनकी टांगो के बीच में आ गया और मैंने उसकी टाँगे उठाई और अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी चूत के मुह पर अपने लंड को रख कर, एक जोर का धक्का मार दिया. उनके मुह से चीख निकल गयी और मैंने एकदम से अपने होठो को उनके होठो पर रख दिया और उनको किस करने लगा. और फिर एक और झटका मारा और मेरा लंड हाफ उनकी चूत में चले गया. फिर एक झटका और मारा और पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया. मैं थोड़ी देर रुका और जब वो नार्मल हुई, तो अपने लंड को अन्दर – बाहर करने लगा.
वो अहहाह अहः अहः अहः अहः श्श्श अहहाह अहहाह अहहाह श्श्श्स अहहाह ओहोहोहोहोह कर रही थी. उसकी आँखे बंद हो चुकी थी. मैं जोर – जोर से शॉट लगा रहा था. और उनके मुह से मधुर मधुर आवाज़े आ रही थी. हाहाह अहः अहः श्श्श्स अहहाह अहहाह आराम से करो मेरी चुदाई… फक मी…फक मी हार्ड… चोदो मुझे… जोर से चोदो… मस्त लंड है तुम्हारा… उनकी आवाज़े पुरे रूम में गूंज रही थी. मैं उनकी आवाज़े सुनकर और भी जोश में आ रहा था और उनको मस्ती में चोदे जा रहा था. वो भी अपनी गांड को उठा – उठा कर मेरा साथ दे रही थी. पुरे २० मिनट की चुदाई के बाद, मैं झड़ने वाला था. मैंने अपना माल उनकी कोमल और नाजुक चूत में निकाल दिया. फिर मैं उनक ऊपर ही सो गया. उसने मुझे कस कर अपने गले से लगा लिया. हम ऐसे ही लेटे रहे. इस पूरी चुदाई में हमने कोई बात नहीं की और ना ही मैंने उसको अपने लंड को चुस्वाया. ये ही सच्ची घटना है और आजकल जो सब लिखते है, कि लड़की ने लंड को चूसा और अपना माल मुह के अन्दर चोदा.. वो सब फेक और बकवास है. तो दोस्तों, आप मेरी इस सच्ची घटना को पढ़ने के बाद, मुझे बताना जरुर, कि आप को मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी. मुझे आप लोगो के कमेंट का इंतज़ार जरुर रहेगा.
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