दिल्ली का गांडू हरियाणा का लण्ड

 
loading...

 कहानी पढ़ने वाले पाठकों को मेरा प्रणाम… प्रस्तुत है मेरी नई कहानी। इस कहानी की ख़ास बात यह है कि इसे मैंने अपने एक फैन के आग्रह पर लिखा है, उसका नाम विक्की है और वो हरियाणा का रहने वाला है, इस कहानी में उसे ही नायक बनाया गया है।
और एक ज़रूरी बात – यह कहानी पूर्णतयः काल्पनिक है। उम्मीद है आप सबको ये कहानी पसंद आएगी। अपनी राय मुझे ज़रूर बताइयेगा।

विक्की हरियाणा के गाँव का एक साधारण जाट लड़का था, उम्र 20 साल, कद 5 फुट 8 इंच, मज़बूत कद-काठी। पढ़ाई करता था और फुर्सत में अपने खेत और बाग-बगीचे में काम करता था।
उसके घर के बगल एक पंजाबी परिवार रहता था।

 

एक बार की बात है, विक्की के पड़ोसियों के घर उनके एक रिश्तेदार का लड़का कुछ दिन के लिए दिल्ली से आया, उम्र बीस साल, दुबला-पतला, कद लगभग 5 फुट दो इंच और गोरा चिट्टा रंग, पतले पतले गुलाबी होंठ, बड़ी बड़ी चमकीली आँखें, तीखे नैन-नक्श। इतना सुन्दर कि अगर मेकअप कर दो और लम्बे बालों वाला विग लगा दो तो बिल्कुल लड़की लगे।

अपना जाट तो उसे देखता ही रह गया, इतना सुन्दर लड़का उसने पहले कभी नहीं देखा था। उसके अंदर उसे चोदने के अरमान जागने लगे।
जब भी वो लड़का विक्की के सामने से गुज़रता या फिर कभी उसकी नज़र उस लड़के पर पड़ती, उसका सात इन्च का मोटा लण्ड तन कर खड़ा हो जाता और फुंफकार मारने लगता, अगर उसका बस चलता तो वो उसे वहीं दबोच कर चोद देता।

एक बार विक्की किसी काम से अपने उन पड़ोसियों के घर गया, उसकी मुलाकात अपने चिकने से हो गई, चिकने का नाम था उत्कर्ष… अभी दिल्ली से ग्रेजुएशन कर रहा था, छुट्टी में अपने रिश्तेदारों के यहाँ आया था।

विक्की का डील-डौल और मर्दाना अंदाज़ उत्कर्ष को बहुत पसन्द आया। दोनों की नज़रें मिलीं और दोनों ने एक दूसरे को पसन्द कर लिया।
दोनों में बातचीत होने लगी।

एक दिन विक्की ने उत्कर्ष को गाँव दिखाने की बात कही।
उत्कर्ष मान गया, वैसे भी वो बोर हो गया था।

बस फिर क्या था, शाम को विक्की उत्कर्ष को अपने साथ घुमाने ले गया। पहले उसने उत्कर्ष को अपना आम का बाग़ दिखाया, फिर नहर जिससे पूरे गाँव के खेत खलिहान सींचे जाते थे।
रास्ते में चलते चलते विक्की ने उत्कर्ष के कन्धों पर अपनी बाँह रख दी, उत्कर्ष भी उससे सट कर चलने लगा।

अब तो विक्की लण्ड बल्लियों उछलने लगा।
‘चलो, तुम्हें अपने गन्ने का खेत दिखाऊँ!’

विक्की उसे अपने गन्ने के खेत में ले गया, पगडण्डियों, खेतों और झाड़ियों के बीच से होते हुए वो विक्की के गन्ने के खेत पहुँचे।
मार्च की शुरुआत थी, खेतों में गन्ने पूरे शबाब पर खड़े लहलहा रहे थे।

विक्की उत्कर्ष का हाथ पकड़ कर उसे खेत के अंदर ले गया।
उत्कर्ष को अपने पास पाकर वो बहुत खुश था और अब तो उसे अकेले में, अपने खेत के अन्दर ले आया था।

उसके मन में ख़ुशी और जोश का फव्वारा फूट रहा था कि वो कैसे उत्कर्ष को दबोचेगा, कैसे उसे किस करेगा, कैसे वो उत्कर्ष से अपना लण्ड चुसवाएगा… यही सब सोच सोच कर उसका लण्ड पूरे उफान पर खड़ा होकर फुंफकार मार रहा था, इतना कि उसकी नेकर में खम्बे जैसा खड़ा हो गया था और साफ़ दिख रहा था।

उत्कर्ष ने भी उसकी निक्कर के तम्बू को देखा, स्वाभाविक है, जब लण्ड पूरा टाइट खड़ा हो तो साफ़ दिखेगा।
उसके मन में भी लडडू फूटने लगे, वो विक्की की नीयत भाँप गया था और उसने उसका तम्बू देख कर विक्की के लण्ड की साइज़ का अंदाज़ा भी लगा लिया था, उसके भी मुँह में पानी आ गया था।

दोनों खेत के अन्दर दाखिल हो गए, हर तरफ ऊँचे ऊँचे गन्ने… अभी भी विक्की उत्कर्ष का हाथ पकड़े था, उसके और करीब आया, उसकी आँखों में देख कर, मुस्कुरा कर बोला- क्यों कैसा लगा मेरा खेत?

उत्कर्ष मुस्कुराया और शरमाते हुए बोला- बहुत अच्छा !

उसकी शर्मीली मुस्कान ने विक्की के दिल पर बिजली गिरा दी और उससे रहा नहीं गया, उसने झट उत्कर्ष को बाँहों में भर लिया- तुम बहुत सुन्दर हो!
उसने उत्कर्ष को उसी तरह आँखों में डालते हुए कहा।

‘यह क्या कर रहे हो?’ उत्कर्ष ने घबराते हुए कहा।
‘मेरी जान… मैं तुम्हे पेल दूंगा!’ इससे पहले की उत्कर्ष कुछ कहता, विक्की ने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए।
उत्कर्ष को ऐसा लगा जैसे वो विक्की की बाँहों में पिघल रहा हो, वो भी उससे लिपट गया।

दोनों ने बहुत देर तक एक दूसरे को बहुत प्यार से किस किया।
उत्कर्ष को उसकी सख्त रॉड अपने पेट पर फड़फड़ाती हुई महसूस हो रही थी।

विक्की ने अपनी नेकर नीचे खींची और अपने बावले लण्ड को आज़ाद कर किया, थोड़ी देर और बंद रहता तो शायद खुद ही उसकी जींस फाड़ कर बाहर आ जाता।

उत्कर्ष के मुँह में पानी आ गया।

विक्की का लण्ड सात इंच का था, मोटाई भी मस्त थी।
उत्कर्ष ने आव देखा न ताव फ़ौरन नीचे झुक घुटनों के बल बैठ गया और उसका लण्ड मुँह में ले लिया, उसके लण्ड से वीर्य की तेज़ गन्ध आ रही थी।

उसका लण्ड इतना मोटा था कि उत्कर्ष का पूरा मुँह भर गया, उत्कर्ष मस्त होकर लण्ड चूसने लगा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

विक्की तो जैसे आसमान में उड़ने लगा, उत्कर्ष उसके लण्ड को अपनी जीभ से सहलाता, उसे अपने मुलायम मुलायम गुलाबी होठों से दबाता, उसका स्वाद ले-लेकर उसे चूसता, उसका रस पीता… इतने प्यार से उसका लण्ड आज तक किसी ने नहीं चूसा था।

वो उत्कर्ष के कन्धे थामे, उसके बाल सहलाता अपना लण्ड चुसवा रहा था, उसका मन तो कर रहा था कि वो हमेशा के लिए, इसी तरह उत्कर्ष के मुँह में अपना लौड़ा घुसेड़े खड़ा रहे।

वो गन्ने के खेत में खड़ा, उत्कर्ष के बाल सहलाता अपना लण्ड चुसवा रहा था और आनंद से आहें भर रहा था- ओह्ह्ह… !!! यह्ह्ह्ह… !!!

उसी के साथ उत्कर्ष भूखे कुत्ते की तरह उसका लण्ड लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था।
इतना मज़ेदार रसीला लण्ड मुश्किल से मिलता है इसीलिए वो पूरे जोश के साथ चूस रहा था। विक्की की मदमस्त आहों के बीच उसके चूसने की भी आवाज़ आ रही थी- लप… लप.. लप…!!

अब विक्की से नहीं रहा जा रहा था, उसका मन चुदाई का हो रहा था। उसने अपना लण्ड वापस खींचा और उत्कर्ष को कंधे से पकड़ कर खड़ा कर दिया।
‘खड़ा हो… घूम जा…’

उत्कर्ष को पता चल गया कि विक्की उसकी गाण्ड मारने वाला है- यार, प्लीज़ धीरे करना… मुझे ज़्यादा आदत नहीं है।
विक्की ने अनसुना कर दिया, उसे तो बस अब जल्दी थी कि उसकी गाण्ड में अपना लण्ड घुसेड़ दे और चोद दे- झुक…

उसने एक-एक शब्दों के निर्देश देने शुरू कर दिए, बहुत जल्दी में था, उसका लण्ड बहुत बेताब हो रहा था उत्कर्ष की गाण्ड में घुसने के लिए।

उत्कर्ष के घूमकर झुकते ही उसने अपने लण्ड के सुपारे पर थूका और उसे एक हाथ से पकड़ कर उससे उत्कर्ष की गाण्ड का छेद टटोलने लगा।
उत्कर्ष की गाण्ड गोरी-गोरी, मुलायम और चिकनी थी, एक भी बाल नहीं था। विक्की को उसकी गाण्ड देखकर बहुत अच्छा लगा। ऐसा सुन्दर लड़का बहुत किस्मत से मिलता है।

‘टाँगे फैला…’ उसने फिर हुकुम दिया।
उत्कर्ष ने टाँगें फैला दी, विक्की ने छेद पर अपना सुपारा टिकाया और एक ज़ोर का धक्का मारा।
‘अह्ह्ह्ह…!!!’ उत्कर्ष की चीख निकल गई।
विक्की का आधा लण्ड उसकी गाण्ड में घुस चुका था।

कहीं उत्कर्ष भाग न जाये इसलिए उसने उसे एक कंधे से मज़बूती से पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसे कमर से दबोच लिया और फिर एक ज़ोर का झटका मारा।
‘अहहह…!!’ उत्कर्ष की दर्द भरी चीख निकल गई।

लेकिन विक्की को उसकी परवाह नहीं थी।
उस सुनसान गन्ने के खेत में दूर दूर तक कोइ नहीं था।

अब विक्की ने उसको दोनों हाथों से उसको कमर से दबोचा और अपना लण्ड हिलाने लगा।
उत्कर्ष की हालत ख़राब हो गई, उसने अभी तक सिर्फ तीन-चार बार ही चुदवाया था, ज़्यादा आदत नहीं थी उसे… उसका छेद बहुत टाइट था और यही बात विक्की को बहुत पसन्द आई, इतना सुन्दर, चिकना लड़का और ऊपर से गोरी-गोरी, टाइट, कोरी, चिकनी मुलायम गाण्ड!

‘अहह.. ऊह… अहह… ऊह्ह… अहह… !!’ उत्कर्ष के लयबद्ध होकर सिसकारियाँ लेनी शुरू की।
‘अह्ह्ह… विक्की… अह्ह्ह… प्लीज़… धीरे… !!’ उत्कर्ष से उसके थपेड़े नहीं सहे जा रहे थे।
लेकिन हमारे जाट भाई को बहुत मज़ा आ रहा था, वो गपर गपर उत्कर्ष की मखमली गाण्ड मार रहा था।

‘और झुक…’ उसने लण्ड हिलाते हुए उत्कर्ष को हुकुम दिया लेकिन उत्कर्ष और चुदवाने के मूड में नहीं था, वो भागने के चक्कर में था, बहुत दर्द हो रहा था उसकी गाण्ड में।

विक्की ने ज़बरदस्ती उसको नीचे दबोच दिया, उसको घुसेड़ने में अब आसानी हो गई।

उत्कर्ष ने एक गन्ने के ठूँठ का सहारा लिया और उसी तरह आहें भरता, असहाय चुदवाता रहा ‘अह्ह… ऊह्ह्ह… ऊह्ह्ह… !!’
और इधर विक्की अपनी कमर हिला-हिला कर उसे चोदे जा रहा था, उसका लौड़ा पिस्टन की तरह उत्कर्ष की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था और आवाज़ कर रहा था ‘गप… गप… गप…!!’

यह गप-गप की आवाज़ इतनी ज़ोर की थी कि अगर आप उनके नज़दीक होते तो उत्कर्ष की दर्द भरी सिसकारियों के बजाये उसे सुन सकते थे।

उत्कर्ष का कराहना तड़पना विक्की का मज़ा दुगुना कर रहा था, उसको और जोश चढ़ा और उसने उसी जोश में उसने बेचारे चुदते हुए उत्कर्ष के चूतड़ पर एक चपत जड़ दी।
‘अह्ह्ह्ह…!!’ बेचारा करहा उठा- कम से कम मारो मत…!

लेकिन विक्की उसके चिल्लाने-तड़पने की परवाह किये बिना उस पर जुटा पड़ा था, आज उसका लण्ड ऐश कर रहा था।
दोनों को चुदाई करते अब दस मिनट हो चले थे, उत्कर्ष घबरा रहा था कि उसके घरवाले परेशान हो रहे होंगे और उसे ढूँढ रहे होंगे, लेकिन ये गाँव का गबरु तो उसे छोड़ ही नहीं रहा था।

अपनी सिसकारियाँ थाम कर उत्कर्ष बोला- बस करो विक्की… छोड़ दो… बहुत देर हो गई है…

‘छोड़ रहा हूँ… यहहह… बस्स्स्स… दो… दो मिनट और… अआह्ह्ह… आने वाला है… यआह… !!’ विक्की ने हवस भरे मदमाते स्वर में जवाब दिया।
अब वो झड़ने वाला था।
बस एक दो धक्के और फिर विक्की अपना लण्ड उत्कर्ष की गाण्ड में फुलाता झड़ गया।

उसने हल्के से अपना लण्ड बाहर निकाला, बेचारे उत्कर्ष को राहत मिली, वो न जाने कितनी देर से गन्ने के ठूंठ का सहारा लिए, झुका हुआ अपनी गाण्ड मरवा रहा था।
उसने विक्की का लण्ड देखा, उसी तरह गुस्साए नाग की तरह तन कर खड़ा था, एक वीर्य की बूँद भी उसके छेद पर उभर आई थी।
दोनों ने फटाफट अपने कपड़े पहने और वहाँ से चल दिए।



loading...

और कहानिया

loading...



Sex katha raat me maa pe chad gayaantarvasna dede ki gand mari ghr m nasy msagi behan ki chudai ki hindi kahaniएन्टी ने चुत माँ लैंड घुसवायाhindesixe.comकलि पजाबी सक्सस कहानीxnxxhot hindi boobs saveta bhabhi pressingsexmamikhaniChatta gand xxx landwww.google.comchut lundsex story hindi मैने अपनी छोटी बहन को चोदाsadaf ko choda hindi sex story and picmosi.bate.ki.xxxxvideoxxx.hindiगाड मार कहानीwww.dadaji maa or mai group sex story in hindisex 2050 kahni bap ne beti ko chodaभाई बहन की चुदाई हिंदी लिलिर्क्सxxx chuchi images hd Jisme se doodh girta haiजगल के बीच पापा रेप सेकसी हिन्दीदिल्ली लम्बी लड़की चुत सैकसीविडीयो आनलाईन डाउनलोड फोन नबर दो दोस्त के लिए सेक्सी परिवार की कहानीजानवार एड लडकी xxx lmageskajal or maa ko choda storyramu ne gadhe jaisa land se chodasardi m didi sex in hindi writtenanari ka chodna chut ka satyanash antarvasna.comchudastorisHindi sexy movie video Jangal Mein Mangal nai seal Wali Ladki Chodnaristey me sexx kahanibaap bete sex kahaneyaसेक्सी काहानि चाची कीse x ladaki kachud e kahanikamwali samajh k didi ko choda hindi sex storyअन्तर्वासना माँ मुस्लिम बॉसकॉलेज में विप लड़की को पहली बार चोदा कहानीsexi bhabi neapna dudh nikalne ke liye admi bulaya kahani maa ke mote gand aur chut ko naukar na fada vasnasexkhani.com/page/359/dede ke panty xxx indian pronBahan ko chudte hua papa ne dekha xxx kahanisel pak todata bpक्सक्सक्स इंडियन गर्ल सुहागरात कैसे मनती है हिंदी स्टोरी कॉमbihari xxx storywww.kamukata.comsardi ke din me bus me chudwa liya indian marathi sex kathaSex stroiessunny ki chudai ar khun nikl aya ho aisi vdohinde xxxsetoregandisexkhaniBs kr ab ft jayegi hindi jaberdsti chudai rape videoऐम मेरीड नगे होकर सेक्स वीडियोsax rane.com kahaneyaxxx storyपत्नी को चुदाई करते हुए देखाbiwi ke sath sakxy bat chit storiindianxxxhindikathaDesi kahani piyasi rooh अपनी मम्मी की चुदाई जबरदस्ती की कामुकता 2003 के चुदाई बुर कि कहानि अनिता कि हिन्दी मेSxe.kahine.school.videocom13 साल कि लङकी कि सील तोङी दो लङको ने कहानिया www.hindisexpornkahaniyaxxx gand markar khoon nikala videoमेरा बुर बहुत छोटा है कैसे चोदाsexy कहानियाँxxx hindi stores www.comchut land gand sekceसेक्सी कहानिया रिस्तो में चुदाईबुर की चिकनाईhindisxestroyshale Ki bibi ki antarvadhna hinde storeजूली भाभी को choda storyबुरpaite to wefi xnxx roomदीदी कि बडी चुतchoot ki chudai photo8 इंच लंड आई मुलगा सेक्सीAntervasna.com behen ka bhosdaसैकसी।बहनभाई।असली।चूत।लणड।वीडीऑdasi hendi mi maa betaa sex vedeomaa ki slave banake chudai storyमराठी सेस्कxexi fuaa ki cu xxx khani hindi me online padosan bhabhi ke gand se guh nikalne ka videosकुवारी लङकी की गाङchodan dada poti sex storyantarwasna hindi sex story comunny leone ki chudai hindi m likhi hui unny leone ki chudai hindi m likhi hui xxxजुत की चुदाईsaxe apnoki kahane saxe opaen रिस्तौ मेंचुदाई की कहानियाँsasur ne gaon me chut fadiantarvasna pr bua ki ghod bharne ki chudai khanimuje or didi ko mom ne chudna sikhaya hindi odio sex vidioअदला बदली सेक्स कहानी