पड़ोसन भाभी की चूत
हाई फ्रेंड्स, मैं साहिल लखनऊ से. मैं उम्मीद करता हूँ यह कहानी आप लोगों को जरुर पसंद आएगी. यहाँ कहानी हैं एक सेक्सी बूब्स वाली भाभी की जो मेरी पड़ोसन थी. पहले मैं अपने बारे में बता दूँ. मेरी उम्र 26 साल हैं और मैं बहुत ही सेक्सी किस्म का इंसान हूँ.
यह बात एक साल पहले की हैं. उस समय हम लोग नए घर में शिफ्ट हुए थे. उस समय नवेम्बर का महिना था. ठंडी चालू हो गई थी. जहाँ हम लोगों ने नया मकान लिया था वो एरिया उतना अच्छा नहीं था. और इसलिए मैं वहां के लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था. मेरे मकान के पास एक मकान छोड़ के एक फेमिली रहता था. इस फेमिली में एक हसबंड वाइफ और उनका 8 साल का बेटा था. हसबंड की सिटी में शॉप थी, मैं यही फेमिली से कुछ बातचीत करता था. मैं उसे भैया कह के बुलाता था. और उसकी बीवी को भाभी. आइयें आप को भाभी के बारे में बताऊँ. उनका नाम गायत्री था, 30-32 से उम्र ज्यादा नहीं थी. पतला बदन और पुरे बदन से टपकती खूबसूरती. वो लोगों का भी हमारे घर आनाजाना था.
हॉट पड़ोसन
एक दिन भाभी ने कहा के मेरे बेटे पियूष को तुम ट्यूशन को नहीं देते. वैसे भी उसकी स्कुल सुबह में होती हैं और फिर वो पूरा दिन मस्ती करता रहता हैं. तुम उसे पढ़ा दोंगे तो कुछ फायदा ही होंगा. मैंने कहा ठीक हैं भाभी मैं पियूष को पढ़ा दूंगा, कोई मुश्किल नहीं. लेकिन मैं दिन में ऑफिस में रहता हूँ इसलिए शाम में ही उसे पढ़ा सकूँगा. भाभी ने कहा कोई बात नहीं. भाभी को अबतक मैंने कभी गलत नजर से नहीं देखा था.
अगले दिन से ही मैं पियूष को शाम को 7 से ले कर 8 बजे तक पढ़ाने लगा. जब मैं उसे पढाता था तब गायत्री भाभी वही बैठी रहती थी और मुझ से बातें करती थी. एक बार उन्होंने मुझे पूछा की साहिल तुम्हारी गर्लफ्रेंड हैं या नहीं. मैं घबरा गया क्यूंकि इस से पहले हमने ऐसे टॉपिक के कभी बात नहीं की थी. मैंने ना में सर हिला दिया. इस पर गायत्री भाभी हंस पड़ी और बोली, तुम तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हो यार. मैंने कहा नहीं भाभी सच में कोई गर्लफ्रेंड नहीं हैं. उसके बाद आगे कोई बात नहीं हुई.
एक दिन मैं पियूष को पढ़ा रहा था तो भाभी ने अंदर से आवाज देकर मुझे अंदर आने के लिए कहा. मैंने पियूष को पढने के लिए कहा और खुद अंदर चला गया. अंदर गया तो भाभी गेस सिलिंडर के पास खड़ी हुई थी. उसने मुझे देख के कहा, साहिल इसका रेग्युलेटर मुझे बदलना हैं लेकिन खुल ही नहीं रहा हैं. मैंने कहा, ठीक हैं भाभी मैं बदल देता हूँ. मैं आगे बढ़ा, भाभी वही सिलिंडर के पास खड़ी हुई थी. पता नहीं कैसे हाथ भाभी की गांड पर टच हो गया. भाभी कुछ नहीं बोली. उसके बाद रेग्युलेटर बदलते वक्त भाभी का हाथ कितनी बार मेरे हाथ से टच हो गया. उनका हाथ भी उनकी गांड की ही तरह सॉफ्ट था. रेग्युलेटर चेंज हो गया और मैं फिर से पियूष को पढ़ाने के लिए बहार आ गया.
दुसरे दिन भाभी ने मुझे फिर अंदर बुलाया और कहा, तुम्हारे भैया कुछ बुक्स लाये थे पढने को. अगर तुम्हे पढनी हो तो वहां से ले लो. उन्होंने यह कहते हुए टेबल की और इशारा किया. मैंने देखा की वहाँ 4-5 बुक्स थी और उसमे एक बुक हॉट पिक्स और स्टोरीज की थी.
दुसरे दिन मेरी ऑफिस में कुछ कंस्ट्रक्सन का काम था इसलिए सभी को हाफ डे था. मैं 12 बजे घर आ गया था. मैंने बुक्स पढने के लिए निकाली, मैंने हॉट पिक्स और स्टोरीज़ वाली बुक पूरी पढ़ी. दूसरी बुक्स कुछ ख़ास नहीं थी. मैंने सोचा की बुक्स वापस कर दूँ. कुछ 2 बजे हुए थे दोपहर के. मैं नोक किये बिना ही अंदर घुसा और अंदर का सिन देख के चौंक पड़ा. अंदर भाभी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी हुई थी. और ऊपर से उसके ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे. उनकी चूंची साफ़ दिख रही थी. उन्हें इस हालत में देख के मेरे लंड में जैसे की करंट दौड़ उठा. भाभी ने भी मुझे देखा लेकिन बाद में ऐसा रिएक्ट किया की उन्होंने मुझे नहीं देखा.
और फिर अचानक मेरी और देख के बोली, अरे साहिल तुम कब आयें, मैंने तो तुम्हे देखा ही नहीं. आओ अंदर आ जाओ. मैं अंदर जाके बैठा. भाभी ने ब्लाउज सही किया और मेरे पास बैठते हुए बोली, तुमने कभी किसी औरत को नंगा देखा हैं? मैंने कहा नहीं, भाभी किसी को ऐसे नहीं देखा हैं. वो मेरे बगल में बैठी थी और मैं बार बार उसके बूब्स की तरफ देख रहा था. भाभी ने मुझे अपने बूब्स को देखते हुए देख लिया था. उसके बाद उसने बम फोड़ा, तुम कहो तो मैं तुम्हे दिखा सकती हूँ. मैं कुछ नहीं बोला और चुप ही रहा. मैं घबरा गया था की भाभी क्या बोल रही हैं. उसके बाद भाभी ने मेरे चहरे पर हाथ रखा और बोली, कभी किसी के साथ कुछ किया हैं या नहीं. भाभी के हाथ अब मेरे चहरे और सीने पर घुमने लगी. अब मैंने भाभी को कहा, भाभी मैं आप को किस करना चाहता हूँ., भाभी ने यह सुनके तुरंत अपने होंठो को मेरे होंठो पर लगा दिए. भाभी के मुलायम होंठो से मेरे होंठ लड़ाई करने लगे. वो मेरे होंठो को चूसने लगी थी. भाभी के होंठ बहुत ही रसीले थे. पूरी 2 मिनट हम लोग ऐसे ही किस करते रहे.
भाभी के बूब्स चुसे
अब भाभी बोली की तुम तो कह रहे थे की तुमने कभी कुछ नहीं किया हैं लेकिन किस तो बड़ी सही कर लेते हो. मैं हंस पड़ा और भाभी के ब्लाउज के ऊपर के बटन के खोल को उनके बूब्स को हलके हलके से दबाने लगा. भाभी को भी अच्छा लग रहा था. मैंने अब ब्लाउज को पूरा खोल दिया तो भाभी बोल पड़ी की तुम तो बड़े तेज हो. भाभी आगे बोली, पहले सिर्फ किस की बात की थी और अब चुन्चो तक पहुँच गए हो. मैं भाभी का एक बूब्स अब अपने मुहं लेकर चूसने लगा..! मैं भाभी के दुसरे बूब को दुसरे हाथ से दबा रहा था और दूसरी साइड वाले को मस्ती से चूस रहा था. भाभी भी आह आह ऊऊऊह्ह्ह कर रही थी. वो बोल रही थी, चुसो इसे और जोर जोर से मजा आ रहा हैं…!
मैं अपने पुरे स्पीड से भाभी की चूंची को चूसता रहा. अब चूंची को चूसते हुए ही मैंने अपना हाथ भाभी के पेटीकोट में घुसा दिया. मैं भाभी की जांघो को सहलाने लगा, तब तक भाभी भी मस्त हो चुकी थी. भाभी की जांघे सहलाते हुए मैं अब धीरे से भाभी की चूत के ऊपर अपना हाथ ले गया. भाभी की चूत को छुते ही भाभी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्हऊऊऊईईइफ्फ्फ्फफफ्फ्फ्फ़ निकल गया.