भाई के मोटे लंड की दीवानी

 
loading...

कहानी के बारे में :

कविता को उसके बड़े भाई रवि ने अपने लंबा-चौड़ा लंड दिखा कर सिड्यूस करके उसकी चूत से पानी निकाला … हाए भाईय्या, मैं तो आपकी दीवानी हो गयी … रोज़ रोज़ मेरी चुदाई करना ..आअहह

एक दिन रवि अपने कमरे मे लेटा था. वो काफ़ी थक गया था सो जाकर वो अपनी थकान दूर करने के लिए एक सेक्सी फिल्म देख ली थी. फिल्म का नाम था “अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में” इस नंगी फिल्म को देख कर वो उत्तेजित हो उठा था. उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर पहुँच गयी थी.वो इतना अधिक मस्त था की बस जी चाह रहा था कहीं कोई लौंडिया मिल जाए और वो उसकी चूत (यानी छूट) मे अपने लंड महाराज को झार कर शांति प्रदान करे.

लेकिन भला आसानी से लौंडिया मिलती कहाँ है? वो भी चुदाई के लिए. वो रास्ते भर एक से एक लौंडिया को देखते आया था. लड़कियाँ के उभरे हुए बड़े बड़े मस्त बूब को देख कर उसका लंड और अधिक फंफना उठता था. किसी प्रकार अपनी मस्ती पर काबू पता हुआ वो घर पहुँचा और अपने कमरे मे लेट गया.

शाम के साए घिर आए थे. लेकिन उसने कमरे की लाइट नही जलाई थी. वो अंधेरे में लेता कभी अपने हाथ से लॉड को मसलता कभी चारपाई से रग़ाद उठता. वो जितनी भी उल्टी सीधी हरकतें करता उसका लंड उतना अधिक फंफना उठता था. सारा शरीर अकरने लगा. सिर चकराने लगा. लंड बिल्कुल लाल हो उठा. रवि परेशन हो उठा. उसकी समझ मे नही आ रहा था की ऐसे मे वो क्या करे क्या ना करे. इसी उधेड़बुन मे वो था की उसके सामने के कमरे मे प्रकाश हो उठा.

वो कविता का कमरा था. इश्स समय कविता कहीं बाहर से आई थी. और वो काफ़ी थॅकी- थॅकी सी लग रही थी. कमरे के दरवाज़े पर एक हल्का सा पारदर्शी परदा पड़ा था. जिससे कमरे के अंदर की हर वास्तु प्रकाश मे नहाई दिखाई दे रही थी. कविता ने लाइट ओं की और पलंग पर धाम से बैठ गयी.

उसका चेहरा कुच्छ अधिक ही थकावट से भरा था. इस समय उसने एक पारदर्शक कपड़े की मेक्सी पहन रखी थी. जिससे से उसके शरीर का अंग-अंग आसपस्त रूप से झलक रहा था. अगर वो मेक्सी के नीचे पनटी और ब्रा ना पहने होती तो शायद उसकी चुचि और बुर भी मेक्सी के उपर से झलक कर दिखाई पार्टी. इश्स रूप मे कविता को देखकर रवि और अधिक परेशन हो उठा.

उसने आज से पहले कविता को इससे भी अधिक नंगी अवस्था मे देखा था लेकिन तब वो अपने मॅन को महसूस कर रह गया था लेकिन आज वो कुछ दूसरे ही मूड मे था.

आज कविता की जवानी उसको अनोखा ही रस दे रही थी.वो कविता के मस्त मांसल शरीर / जवानी को देख रहा था और मस्ती से बेकरार हो रहा था. कविता ने एक बहुत ही मदहोश अंग्राई ली. उसकी इश्स मदहोश अंग्राई से उसके कसे वक्ष ब्रेज़ियर के बाहर झलक उठे. रवि उसकी इस मदहोश अदा से और अधिक बेकरार हो गया.बेकरारी अपने चरम सीमा पर पहुँचती जा रही थी.वो सब कुछ चुछप एक तक देख रहा था. उसके अंदर एक बहुत ही भयंकर तूफान उठ रहा था.

वो तूफान बहुत ही भयावाह था. वो सहन कर सकने मे असफल था लेकिन फिर भी स्वॅन पर किसी प्रकार से संयम रख रहा था.उसका रोम-रोम सिहर रहा था. वो कुछ समझ नही रहा था क्या करे. वो अभी अपनी ही उधेरबुन मे खोया था की उधर कमरे मे एक भूचाल सा आ गया.

कविता ने अपनी मेक्सी उतार दी थी और अब वो केवल ब्रा और पेंटी मे थी. उसका सारा शरीर ट्यूब लाइट की.. सफेद दूधिया रोशनी मे चाँदी के समान दमक रहा था. उसे इस बात की तनिक भी आशा नही थी की रवि उसको अपने कमरे से देख रहा होगा.

रवि के कमरे मे प्रकाश नही था. इसका मतलब वो कनहीं बाहर गया होगा. लेकिन उसे क्या पता था की रवि को आज बाहर के नही घर के माल पर हाथ मारने की धुन सॉवॅर हो चुकी थी. ब्रेज़ियर और पेंटी मे वो बहुत ही मदहोश लग रही थी. कोई भी मर्द उसको इस दशा मे देख कर खुद पर काबू नही कर पाएगा. यही हॉल रवि का हो रहा था.

वो बिल्कुल बौखला उठा था. इसी अवस्था मे कविता जा कर सृंगर टेबल के सामने खरी हो गयी. और आदमकद आईने मे अपने शरीर को निहारने लगी.कुछ देर वो आईने के सामने खड़ी रही और फिर कुछ सोंच कर उसने मस्ती मे भर अपनी दोनो चूंचियों को कस के दबा दिया.उसके ऐसा करने से रवि और बेकरार हो उठा. वो अपनी बेकरारी पर काबू नही पा रहा था.

वो मदहोशी मे अपने लंड को पकड़ कर मचल उठा. रवि अपनी चरमसिमा को पार कर चुका था. वो बिल्कुल बौखला उठा था. कुछ देर आईने के सामने खड़ी हो कर खुद को हर तरह से निहार चूकने के बाद कविता अपने पलंग पर आ गयी.उसने अपनी नंगी जवानी को चादर से ढँक लिया और एक मॅगज़ीन उठा कर उसके पन्ने पलटने लगी.

आज वो कुछ अजीब सी हालत मे लग रही थी. ऐसा लगता था आज वो किसी घटना से दो चार होना चाहती है. इधर रवि ने मन ही मन एक बहुत घिनौना विचार अपने मन मे जन्मा डाला था. आज वो अपनी बहन के ही जवानी के रस को चूस लेना चाहता था.अपनी बहन की ही कमसिन चूत को छोड़ कर अपने लंड की प्यास बूझा लेना चचता था.

मॅन ही मॅन कुछ सोचता हुआ वो उठ बैठा.उठकर कविता के कमरे की ओर चल पड़ा. कविता के द्वार पर जाकर वो एक पल को रुका लेकिन फिर वो साहस करके कमरे मे प्रवेश कर गया. अपने कमरे मे भैया को देख कर एक बार तो कविता अपनी नंगी अवस्था की कल्पना मात्र से सिहर उठी, लेकिन फिर उसने खुद को संभाला और हल्की सी मुस्कान के साथ पुच्छ बैठी-

“कहो भैया कैसे, ख़ैरियत तो है?”

“यूँही सोनचा चल कर कुच्छ देर तेरे कमरे मे बैठू”

ठीक है बैठो ना.” कविता ने कुर्सी की और इशारा करते हुए कहा.

लेकिन रवि कुर्सी की बजे पलंग पर बैठ गया. वहाँ कविता के नितंबों के पास. बैठने से उसके नितंबों से रवि के नितंब टकरा गये. लेकिन फिर उचक कर कविता कुछ दूर हो गयी.

“कहाँ से आ रहे हो?”

“फिल्म देखने गया था.”

“कौन सी देखी?”

“अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में.”

“अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में ….” कविता तोरा चौंकी. फिर बात जारी रखते हुए बोली- “कैसी है…मैने सुना है बहुत ही नंगी फिल्म है?”

“है तो नंगी ही लेकिन ये उमर ऐसी ही फ़िल्मे देखने की है…..तुम देखोगी.” रवि बेहयाई पर उतार आया था.

वो ये भी नही समझ पा रहा था की वो इस समय किससे बात कर रहा है. उसे इस प्रकार की बातें करनी भी चाहिए या नही. लेकिन ज़रूरत बावली होती है. इस समय उसको चूत की आवशेकता थी और वो उसे कविता के ही पास मिल सकती थी.

कविता को बहका कर वो अपने रास्ते पर ले आना चाहता था. वो चारा फेंक रहा था. अब उसके भाग्ये मे होगा तो मच्हली फँसे गी नही तो वो खटिया खींच के चालसा जाएगा.लेकिन उसे पूरा यकीन था की मछली फँसेगी ज़रूर.और इसी लिए वो पूरी तरह बेहयाई पर उतार आया था.

वो कविता की कमर से लिपट ता ही जर आहा था. बिल्कुल सट जाना चाहता था. कविता खिसक रही थी. वो खुद को रवि से अलग रखना चाह रही थी लेकिन सफल नही हो पा रही थी. “ना बाबा, पापा को मालूम हो जाएगा तो बहुत बिगरेंगे, मैं ऐसी गंदी फिल्म नही देखूँगी.”

“तू भी पूरी पागल है, अरे पापा को कैसे मालूम होगा.”

“तुम ना बता दोगे.”

“मैं भला क्यों बताने लगूंगा?”

”फिर अगर किसी तरह पिताजी को पता चल जाएगा तो?”

“तू फ़िक्र मत कर किसी को पता नही होने पाएगा.”

“कैसी फिल्म है….मज़ा आता है?”

“अरे कविता देख लेगी तो मस्त हो जाएगी.”

“बहुत ज़्यादा नेकेड सीन है क्या?”

“बिल्कुल ”

“बिल्कुल…क्या सब-कुच्छ दिखा दिया क्या?”

“अरे एक दूं साफ लेते देते दिखा दिया है.”

“भैया.”

वो शर्मा उठी.“पगली शरमाती है यही तो उमर है खूब जी भर कर मौज-मस्ती लूट ले, फिर कहाँ आएगी ये उमर. मैं तो कल फिर जौंगा, तबीयत मस्त हो जाती है, तू भी चलना.”

“ठीक है लेकिन किसी को पता नही चलना चाहिए.”

”नही, किसी को कानोंकान खबर नही हो पाएगी.”

“तब तो ज़रूर चालूंगी, कौन सा शो चलोगे?”

“शाम वाला ठीक रहेगा…तू शाम को तैय्यर हो जाना, मैं फिल्म देखने की आगया माँ से ले लूँगा,

उनको ये नही बताया जाएगा की अडल्ट फिल्म “अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में “ देखने जाना है.”

“ठीक है.” वो मन ही मन निहाल हो उठी थी.

कुछ देर दोनो मौन रहे. फिर इस खामोशी को रवि ने तोड़ा- “अभी कहाँ से आई हो?”

“गयी थी इंग्लीश फिल्म देखने.”

“कौन सी देखी?”

“टीन लवर्स.” “बहुत अच्छी फिल्म है.”

“वो भी तो सेक्सी फिल्म है?”

“हाँ है तो सेक्सी लेकिन कोई खास नही.

“मज़ा तो आ गया होगा, मैने भी देखी है, सारा का सारा शरीर सरसारा उठता है.”

“हाँ..”

“कविता.”
“क्या.”
“ए बात पुच्छुन?”
“पूछो भैया.”
“क्या औरत की प्यास वाकई मे ऐसी होती है जैसी तुम्हारी वाली फिल्म “टीन लवर्स” में थी, उसने 3 मर्दों के साथ प्यार किया था, और सब ने उसकी जवानी के साथ खेला था, क्या वास्तव मे औरत 3 मर्दों की लगातार प्यास बुझा सकती है?”

“इस सवाल को तुम मुझसे क्यों पुच्छ रहे हो?”
“क्यों की तुम लड़की हो और औरत की भावना को अच्छी तरह समझने की तुम मे समर्थ है, मैं जानना चाहता हूँ की वास्तव मे औरत के अंदर इतनी प्यास होती है” “क्या तुम्हारे अंदर भी ऐसी कोई बात है?”

”वो तो सच्चाई ही है हर लड़की के अंदर ये सब विधेमान होता है.

“अच्च्छा कविता ये तो बताओ, बहुत सी किताबों मे भाई-बहन के प्यार की कहानी छपी होती है, क्या वो सच्चाई है?किताबों मे वही छपा है जो होता नही तो हो सकता है.”

रवि अपनी बहन को राह पर लाने की हर तरह से कोशिश कर रहा था और उसे आशा थी की वो इसमे सफलता प्राप्त कर लेगा. लेकिन खुल कर अपनी बहन के आगे वो अपनी वासना को शांत करने का प्रस्ताव ना रख पा रहा था.

अचानक कविता ने करवट ली तो उसके सिने पर से चादर ढलक गयी.ये अंजाने तौर पर हो गया था या उसने जानकार किया था इस के विषय मे तो सही सही नही कहा जा सकता लेकिन उसने ढलक गयी चादर को ठीक नही किया जिसके कारण उसकी दोनो मस्त चुचियाँ जो ब्रा के अंदर क़ैद थी रवि के आँखों के सामने आ गयी.

रवि फटे फटे नेत्रों से उसकी अर्ध निर्वस्त्रा चुचियों को देख रहा था और देखता ही जर आहा था. उसकी आँखें वहाँ पर पथ्रा कर रह गयी थी. कविता ने इस बात को महसूस भी किया की भैया उसकी चुचियों को ही घूर रहे हैं. उसने एक तीखा सा वेिंग किया “कहो भैया क्या देख रहे हो?” “कुच्छ नही, कुच्छ नही.” रवि हकला कर रह गया.

उसने अपनी नज़र भारी चुचियों पर से हटा लेनी चाही लेकिन वो वन्हि जाकर टिक गयी.

“आज कुच्छ बदले-बदले लग रहे हो भैया, लगता है फिल्म के नेकेड सीन के प्रभाव ने तुम्हारे दिमाग़ को ज़्यादा ही प्रभावित किया है.”

“हाँ कविता आज मैं बहुत ही परेशन हूँ, सारा शरीर टूट रहा है, अंग-अंग सिहर रहा है, बस मन होता है की.“

“क्या मॅन होता है भैया, मैं भी कुच्छ उलझन मे हूँ, मेरे भी सारे शरीर मे गुदगुदी व्यपत हो रही है.”

“तो आओ आज हम एक हो जाएँ, कविता, दोनो और ब्राबार की आग लगी है, हम दोनो एक दूसरे की आग बुझाने मे सफल हो सकते हैं.”

“लेकिन भैया क्या यह सब ठीक होगा, यह पाप नही होगा.”

“सब कुच्छ पाप ही है कविता. इस संसार मे कौन पापी नही है, सब पापी हैं, हम-तुम भी पापी हैं, केवल एक यह पाप ना करने से अगर हम सारे पापों से छुटकारा पा लें तो चलो ठीक है, लेकिन नही, कविता , पाप इंसान से ही होता है, कभी-कभी इंसान जानबूझ कर भी पाप करने पर उतारू होता है.”

”चोर जनता है चोरी पाप है लेकिन वो करता है. सब को पाप पुण्य की पहचान है लेकिन सब पाप करते है. हम भी आज एक पाप कर डालेंगे तो कौन सा पाप का बोझ धरती पर बढ़ जाएगा. आओ हम एक हो जाएँ कविता.”

“भैया…..”

कविता भी पूरी तरह मस्ती से दो चार हो रही थी. “आओ कविता आज हम आपस मे गूँथ जाएँ.”

रवि ने अपनी बाहें फैला दी. कविता भी बाँह फैला कर आगे बढ़ी और दोनो एक मे समा गये. कभी अलग ना होने के लिए. कुच्छ देर दोनो आपस मे गूँथ से गये. दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी. दोनो बिल्कुल दीवाने होते जा रहे थे. फिर जब कविता कुछ होश मे आई तो उसने अपने को संभालते हुए कहा – “भैया….”

“क्या कविता….मेरी प्यारी कविता.”

“दरवाज़ा खुला है, कोई आ ना जाए.”

“नही कविता आज कोई नही आएगा.”

“फिर भी दरवाज़ा बंद कर लो.”

“अच्च्छा”

कहते हुए रवि कविता से अलग हुआ. उठकर उसने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.

फिर बंद कमरे मे बहन-भाई निश्चिंत भाव से प्रेम क्रीड़ा खेलने लगे. रवि ने चादर उठाकर सोफे पर फेंक दी. अब कविता की गोरी संगमरमरी देह उसके सामने प्यासी मछली सी तड़प रही थी. रवि ने झुक कर कविता के गालों को चूम लिया और फिर उसने दोनो हाथों से ब्रा के अंदर से बाहर खींच कविता की कसी-कसी दूधिया चुचियों को मिजने लगा.

वो इस समय दीवानगी से चुचियों को मिज रहा था. कविता पर भी भरपूर दीवानगी सॉवॅर थी. उसे दर्द हो रहा था लेकिन इस मीठी पीड़ा को वो सहन करती जा रही थी. वो मस्ती से और अधिक सरावोर होती जा रही थी. फिर देखते ही देखते रवि ने कविता के ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया.

कविता की दोनो बड़ी-बड़ी स्वस्थ चुचियाँ फडाक कर सामने आ गयी. कविता इतनी मदहोश हो उठी थी की उसे कुछ भी अहसास नही हो पा रहा था की क्या हो रहा है और क्या नही. वो नंगी है या कपड़ों मे उसे ज़रा भी अहसास नही हो पा रहा था. बस उसे मज़ा आ रहा था और वो मस्ती मे बहक कर सारे मज़े को लूट लेना चाह रही थी. और वो भी लूट रहा था.

उसका भाई उसको भरपूर आनंद दे रहा था. और वो आनंद विभोर होती जा रही थी. रवि कस-कस कर दोनो चुचियों को दबा रहा था और उनसे खेल रहा था. फिर उसने कविता की रानो पर हाथ फेरा. मांसल रानो पर हथेली रखते ही वो मचल उठी वो बहुत अधिक बेकरार होती जा रही थी.

एकाएक रवि ने कविता की पेंटी भी खींच उसके शरीर से अलग कर दिया. अब कविता सिर से पैर तक पूरी तरह से नंगी हो उठी थी. उसकी डबल रोटी सरीखी चूत देख कर रवि के मूह मे पानी आ गया. उसने झुक कर कविता की चूत को चूम लिया और फिर जीभ से चाटने लगा. उसके ऐसा करने से कविता और अधिक बेताब हो उठी. उसका रोम-रोम गंगना के खड़ा हो गया. उसका सारा शरीर गुदगुदी भर उठा था.

वो बहुत अधिक मस्त हो उठी थी. चाट कर चूत को गीली कर लेने के बाद रवि ने उस पर हथेली रख कर सहलाया.वो और अधिक सिहर उठी. कविता बेकरार होती जा रही थी और रवि उसको पहली हरकतों से और अधिक बेकरार करता जेया रहा था.

अंत मे कविता सिहर उठी. “भैया…. हाए भैया.”

“क्या हुआ कविता.”

“अब नही रहा जाता भैया, अब और अधिक देर मत करो बस…अब चोद कर मेरी खुजली मिटाओ.. मेरे प्यारे भैय्य्या… बहुत तेज खुजली हो रही है.” रवि समझ गया की कविता अब पूरी तरह मस्त हो उठी है. वो यही चाहता ही था उसने तो जानबूझकर अपनी मस्तानी हरकतों से कविता को इस्कदर मस्त कर दिया था.

“बस कविता घबराऊ नही, अब मुझसे भी अधिक सहन नही हो रहा है.”

रवि ने कहा और वो तुरंत अपने कपड़े उतरने लगा. देखते ही देखते वो सिर से पैर तक मदरजात नंगा हो उठा. कविता की आँखें नशे से मस्ती मे झापी जेया रही थी. वो पलकें बंद किए लेती थी. कपड़े उतार के रवि कविता पर दोनो टाँगों के बीच आ गया.

उसने बगल मे पड़ी क्रीम की ट्यूब उठाई और अपने लंड पर तथा कविता की चूत की दरारों मे क्रीम लगाई और फिर कविता की दोनो टाँगों को थोड़ा सा फैल्ला दिया. उसके ऐसा करने से कविता की गुलाल हो रही चूत थोड़ा सा फैल उठी.

कविता बहुत अधिक मदमस्त हो उठी. उसने चाहा की वो अपनी दोनो टाँगो को आपस मे कस ले जिससे उसकी चूत थोड़ा सा घर्सन महसूस करे और खुजली मिट जाए. लेकिन अब रवि दोनो टाँगों के बीच बैठ चक्का था. उसने तकिया उठा कर कविता के चूटर gaand के नीचे रखा जिससे उसकी चूत उठ कर उपर आ गयी.

अब उसने अपने लंड के सूपदे को कविता के चूत के च्छेद पर हल्के से रखा. कविता और अधिक सिहर उठी. उसके मूह से सिसकारी निकल गयी. रवि ने अपने दोनो हाथों से चूत की दरारों को हल्का सा फैलाया. और लंड पर हल्का सा दवाब दिया. जिससे उसका mota सूपड़ा चूत की दरारों को चौड़ा करता अंदर जेया कर फँस गयी. सूपड़ा बहुत हल्के से अंदर गुसा था लेकिन वो सब कविता के साथ पहली बार हो रहा था.

वो आज पहलिबर PEHLI BAAR चूत का उद्घाटन करवा रही थी. इसलिए उसे हल्का सा कास्ट हुआ, लेकिन वो इतनी अधिक मस्त थी की उस हल्की सी पीड़ा को सहन कर गयी. सूपड़ा फँसा कर रवि ने अपने दोनो हाथ बढ़ा कर कविता की कसी चुचियों पर रख कर चुचियों को मुठ्ठी मे कसते हुए लगभग कविता पर लेट सा गया.

इस प्रकार उसके होंठ ठीक कविता के होंठों पर जाकर बैठ गये. उसने कविता के अधरों को दाँतों से दबा कर अपने लंड पर एक हल्का सा दवाब दिया. इस तरह उसका पूरा सूपड़ा कविता की चूत मे समा गया तो कविता सिसकारी भर उठी. उसने अपनी टॅनजेंट फेकनी चाही तो रवि ने अपने टाँगों से उसकी टाँगें फँसा ली और तंग जाकर कर उसने हल्का सा धक्का लगाया और उसका आधा से अधिक लंड कविता की लसलसा रही चूत मे समता चला गया.

कविता दर्द से तड़प उठी. “aaayeee cccc सी….भैया….ज़रा धीरे से….. हाए …बड़ा दर्द हो रहा है.”

“बस घबराव नही कविता, अभी मज़ा ही मज़ा आने वाला है.”

रवि ने कहा और कुच्छ रुककर उसने एक ऐसा धक्का मारा की उसका पुडा pura लंड जड़ तक कविता की कुँवारी चूत मे समा गया.

कविता दर्द से दोहरी हो उठी. “हाए…भैया….हाए…उई….मारी एयाया ऊऊओ आहाहहा भैया….भैयाअ…भैया बहुत दर्द हो रहा है….अपने मूसल को बाहर कारूव karo…हाए… मैं मारी जेया रही हूँ.”

“घबराव नही कविता बस अब सब ठीक हो जाएगा.”

“हाए भैया, नही सहा जाता बहुत तेज़ दर्द हो रहा है.”

“बस कविता बस हो गया. घबराव नही सब ठीक हो जाएगा अब बहुत धीरे धीरे करूँगा कोई तकलीफ़ अब नही होगी.”

“नही भैया निकल लो, मैं सहन नही कर पा रही हूँ, बड़ा मोटा हथियार है तुम्हार, मेरी चूत फटी जेया रही है, हाए भैया देखो तो चूत फट गयी.”

“नही कविता कुच्छ नही हुआ है.” कहते हुए रवि ने हल्के से अपना लंड तोरा सा बाहर की ओर खींचा और फिर हल्के से पूरा अंदर डाल दिया.

कविता को ऐसा महसूस हुआ जैसे दर्द समाप्त हो रहा है. Aur dheere dheere maajaaata jar aha hai इश्स बीच रवि ने दो टीन बार अपने लंड को हल्के हल्के अंदर बाहर किया था. और सच मच ही अब कविता का सारा दर्द डोर कनहीं विलीन होकर रह गया था. वो निहाल हो उठी.

“कविता.” “क्या भैया?” “दर्द डोर हो गया?”

“हाँ.”

“अब कैसा लग रहा है?”

“अच्च्छा लग रहा है.”

कविता ने वास्तविक बात बता दी.उसे अब अच्च्छा ही लग रहा था चुदाई का आनंद उसे आने लगा था. Uski choot apna ras chhor rahi thi

रवि ने आगे बोला- “मज़ा मिल रहा है ना?” “

हाँ.”

और फिर इसी के साथ ही रवि तेज़ी से धक्के लगाने लगा.उसके हर धक्के के साथ कविता की चूत की दीवारों को अधिक आनंद आने लगा था. चूत की दीवारों मे जितनी खुजली थी सब धीरे धीरे समाप्त होती जेया रही थी. अब खुजली की जगह गुदगुदी बढ़ती जा रही थी. इस समय दोनो के शरीर मे बहुत अधिक गुदगुदाहट फैल गयी थी.

दोनो आनंद विभोर हो उठे थे. दोनो की मस्ती और वासना अब शांत हो रही थी. दो प्यासों की एक साथ प्यास बुझ रही थी. दोनो एक दूसरे के सहजीवी सीध हो रहे थे. दोनो एक दूसरे के पूरक साबित हो रहे थे. एक के बिना दूसरे का जीवन अधूरा सीधा हो रहा था.

रवि बराबर जाम के कविता की चूत मे धक्के मार रहा था. वो धक्कों की गति तेज़ करता जेया रहा था और कविता को बहरपूर आनंद प्राप्त हो रहा था. अईकायक कविता बहुत अधिक मस्त हो उठी. वो हौले से बोल उठी- “भैया”

“क्या?”

”और कासके धक्के लगाओ….और कस के छोड़ो, बहुत अधिक मज़ा आ रहा है. छोड़ो भैया….हाए भैया…हाए मैं अब तक इस आनंद से अनभीग्या थी.

आज तुमने मुझे एक अद्भूत आनंद से परिचित कराया है.छोड़ो और कस के छोड़ो” कविता पूरी तरह से कराह उठी.

उधर अब रवि भी कहता जा रहा था वो पूरी शक्ति से धक्का मार रहा था. और अपने लंड को चूत मे अंदर बाहर कर रहा था. कविता बार बार हाँफ रही थी और उल्टी सीधी बात बकती जा रही थी. अब शायद दोनो ही झरने के बिल्कुल करीब पहुँच गये थे. दोनो झरना ही चाहते थे की रवि ने एक बहुत शक्ति लगा कर धक्का मारा और कविता पर औंध कर रह गया.

उसके लंड ने पानी छ्चोड़ दिया था.उसी के साथ कविता के चूत ने भी पानी छ्चोड़ा. सारी चूत पानी से लबालब भर उठी. दोनो एक साथ झाड़ गये थे. दोनो की सांस तेज़ चल रही थी. फिर कुच्छ देर बाद दोनो नॉर्मल हो गये.

रवि ने उठ ते हुए कविता की चूत से लंड बाहर खींच लिया. फ़च की आवाज़ के साथ ravi ka mota लंड बाहर आ गया.उससी के साथ ढेर सारा वीर्या भी चूत से बह कर कविता की जांघों पे फेएल गया. Ravi kelund ka supara phool kar lal lal tamatar jaise ho gaya tha. Jaise kisi ghore ka lund ghori ki choot ka ras peekar supara mota ho jata hai .

रवि ने तौलिया उठा कर अपने लंड पर लगे वीर्या को पोंच्छा और फिर वो कविता की चूत को पोंच्छने लगा. फिर वो पुच्छ बैठा- “कविता मज़ा आया?”

“हन”

“अब रोज़ हुमलोग यह मज़ा लूटा करेंगे, तो तैयार हो.”

“हाँ”

और फिर एक दिन का पाप रोज़ रोज़ का पाप बन कर रह गया. रवि ने उठ कर अपने कपड़े पहने और फिर दूसरे दिन यही खेल दुबारा खेलने का वाडा कर वो कमरे से बाहर हो गया.लेकिन कविता उसी प्रकार नंगी पड़ी रही. उसने अपनी नागंता को च्छुपाने के लिए एक चादर ओरध ली और सो गयी.

फिर ये खेल रोज़ खेला जाने लगा. रवि अपनी बहन की चूत का दीवाना है उसी प्रकार कविता भी अपने भाई के लंड की दीवानी है. वो दीवानेपन मे सबकुच्छ भूल गये हैं. रिश्ते-नाते, पाप-पुण्य सब कुच्छ. बस उन्हे मौज मस्ती से काम है.

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा …

आपके जवाब के इंतेज़ार में …

आपका अपना



loading...

और कहानिया

loading...



सील झटका मे तोड दे सेकस वीडीयोxxx hot new gay sexy kahaniya muje ankal ne codaxxx saxe kuare kli hindesasur ki chudai kahani in hindihendisexkahaneभोसा मे जाये लंड वो पिचर दिखाऔxxxkahaniphotoभौसड़ा चटाईhot xxx group hindi kahani and hot picxxxx kahaniyanonveg story in familimom san hindi sexi khani hindi sabdo meठंड मे चुदाई कहानीxxx ma ne bety se chudai karaiगाँड बुर बेटेमाधवी भाभी झवझवी कथाबंगालीओरत का संभोगmeri pyary mummy ka payar sex khaniwww मेरी bibine 100 logose codai हिंदी सेक्स stori कॉमdesi histori hindi bfxxx kamukta.comxx khine comchoti bhain ke chudei ke kahanima dete ki xxxxx diqio kahaniporn फिल्मे क्से बनती हे antarvasnastory in hindimast ram ki xxx story choti boor or bari boor ki chodai hindi mai ful hd photo ke sathगान्ड मारनी शुरू कीभिखारिन को चोद दियादेवर नौकर सेक्स कहानी भाग -2बङी शादीशुदा बहन के साथ होलीrilsan me maa and bete ki parti me hindi sex storisसास के साद sex audio kahani.comपूजा भाभी के मस्त बोबसलनड.से.चूति.की.चुदाईगर्ल्स का बुर एंड बॉयस का लंठ सटा हुआrani sex satori hindi चुदा चुदि फैटौmom san hindi sexi khani hindi sabdo meMummy Ek Ajnabi Se chudwayaa Hindi sexy storysaxsncomhindi xxx kathanew dilli fhak bf xxxमां आप क्यो भैया से नही चुदवा लेती कहानीporn mami ko choda jungle me storyessasur ne ham Dono bhuo ko jam kar ke cudai ke khaniXxx khani babi ko nahate dek kr chodaSusur bhabi ki new x khani.Mard sex krne me nipple choosna moviCudai.ki.khani.hindi.me.jabarjasti.ki.rato.me.cudai.hindi antrvasanahinde kahani six xxxx bhusdhanew latest girls hostel me behan ki chudai ki kahani in hindimaa ki chudai randi bana kr ki ghr ma urdo sex story लड़की को खुले मे चोदाgaad antarvasnaXXX KAHANI AATARA SE CAODA SAL KI XXX KAHANI BATE HIDI MExxx.com sister sex story hindixxx storibhaiya Ki sat jabardasti banaa kixxxअपनी फ्रेंड की मम्मी का सेक्सी इन हिंदीmadhur chudhi story hindi mebha ko chut chudi kar bacha jama dehya ki kahani hindi meghr mn tanha sleping bhabhi se xvideoHindi ma xxx khani phots ka sath com.hindi sex steroyi resteo me chudaeyhot collage girl/nokarani/bus me hot ladki ki kahanighar main mom ko jabar dostichoda storyhindi chudai storin very hard in hindihindi kahani me sexi bhabhiwww xxx sax video hindi sabd ma sauमोसी की चूदाईबीडियोMom ke sath puja porn hindi storyनिव स्टोरी हिन्दी सेक्सिkamukta mom ballwali chut sex kahanichoti chut ki chudae bde lbnd se kjhanibarai sal ke bete ko mane chodana sikhayaबड़े लण्ड को देखाXXXKAHANI UNMARIED GROUP NEबुआ एड भतीजा xxxxsexsamachar hindi sex stories हिंदी सेक्स स्टोरी ननद भाभी का गुलामbhabhi ki ba nikal siex viodedwww.kamukta.dot comkamukta ki nangiphoto.comapni maa ko choda plan bana ke xxx kahanissa aur damad saxy videos downloadJhumke wali ki nabhi ko choda sex storysex kahane hede comhindistorykahanixxxSexi girl bhosh desi kahaniचुत मे लड फस गयाristo me chudai historiबहन की चुदाई गर्लफ्रेंड की मदद से