साले की बीवी की चुदाई
कहते है, कि साली आधी घर वाली होती है और साले की बीवी भी साली के जैसे ही जीजा के लिए आधी घर वाली होती है. मेरी कोई साली तो नहीं थी, लेकिन एक साला था और उसकी शादी हमारी शादी से कुछ समय पहले ही हुई थी, तो मेरी सलज सीमा में चुबुलापन थोड़ा ज्यादा ही था. मेरी बीवी से उम्र में भी छोटी थी. हम लोगो की शादी में काफी मस्ती की उसने और मुझे छूकर कई बार गुदगुदा गयी. घर वाले ने इन सबको को जीजा और सलज का मजाक वाला छेड़खानी का रिश्ता समझा; ;लेकिन, मेरे मन में कुछ और ही खिचड़ी पकने लगी थी. सीमा भी शायद मेरी नज़रो भांप गयी थी और उसने मुझसे दुरी बना ली.
मन किया कर दूँ साले की बीवी की चुदाई
लेकिन, जब मैने उसको कुछ ज्यादा ही छेड़ दिया, तो वो भी मेरे साथ मेरी ताल में ताल मिलाने लगी. शादी के बाद हम लोग हनीमून से वापस आ चुके थे और वीकेंड पर रुकने के लिए ससुराल आये हुए थे. मुझे गरमी लग रही थी, तो मै और मेरा साल पान खाने के बहाने से बाहर आ गए और घर में लेडीज़ आपस में मज़ा कर रही थी. मुझसे नहीं मालूम था, कि मेरी बीवी ने सीमा को क्या बातें बताई; लेकिन, जब हम वापस लौटे. तो सीमा मुझसे से बड़े मजे लेने लगी और बोलने लगी कि हमे नहीं पता था, कि आप इतने रोमेंटिक हो, वरना दीदी की जगह हम ही आपसे शादी कर लेते. इस बात पर सब लोग खिलखिलाकर हँसने लगे. मुझे सीमा की आँखों में कुछ खालीपन दिखा और मेँ उससे बात करने का मौका ढूंढने लगा. मौका जल्दी ही मिला, सबने अंताक्षरी खेलने का प्रोग्राम बनाया और सीमा और मेँ अपोजिट टीम में थे. मैने गाने के बहाने उसके हाल-चाल पूछे और बताया, कि वो मुझसे अपनी बात कह सकती है और उसने भी मुझसे गाने में ही मेरे साले का सेक्स में इंटरेस्ट ना होने का बता दिया. खेल खत्म हो चूका था.
अब मेरा मन बैचैन था, कि कैसे सीमा को अपने बिस्तर तक लाऊँ. ये तो पता था, कि थोड़ी सी ही मेहनत से वो पट जाएगी, लेकिन शुरुवात कहाँ से करू ये सोच रहा था. इसी वजह से मेँ छत पर आ गया था और विचार मगन था. मुझे क्या पता था, कि उस दिन किस्मत मेरे पर मेहरबान थी. मेरा साला डिनर के बाद आइसक्रीम ले आया था और सीमा मेरे लिए आइसक्रीम मेरे छत पर ले आई.
और सेक्स हो ही गया
मुझे कुछ सोचता देखकर बोली, दीदी तो नीचे है फिर किस ख्यालो में कोई हो,मैने बिना देखे ही उसको बोला दिया, तुम्हारे ख्यालो में. एक सेकंड बाद दिमाग में आया, कि कुछ गलत बोला और उसको सॉरी बोलने लगा. सीमा का चेहरा सफ़ेद पड़ गया और बोली ये सब गलत है. मेने कहा और जो तुम महसूस करती हो, वो गलत नहीं है. बड़ी मुश्किल से उसको मना पाया और मैने उसको रात को छत पर आने को बोला. सब सो चुके थे और मै अपनी बीवी की एक मस्त चुदाई करके बाथरूम में आ गया. वापस कमरे में गया, तो वो सो चुकी थी और मेँ कमरे की बत्ती बुझाकर छत पर गया. कुछ देर बाद सीमा भी आ गयी. पिंक नाइटी में किसी परी के जैसी लग रही थी, लेकिन कुछ डरी और सहमी थी. बार-बार बोल रही थी, कि हम गलत कर रहे है. मैने उसको समझाया, कुछ गलत नहीं है. अपनी इच्छाओ को पूरा करना पाप नहीं है. हम दोनों छत पर बने स्टोररूम में चले गए और बिना बत्ती चालू किये वहाँ पड़ी खाट पर बैठ गए. मैने अपने पेंट उतार कर अपने को नंगा किया और सीमा का डर दूर करने के लिए उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. मेरा लंड वास्तव में बड़ा था और उसको पकड़कर सीमा के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी और अपने खाट से उठकर अपने घुटनो पर बैठ गयी और मेरे लंड को एक झटके में ही अपने मुँह में ले लिया. मुझसे उसकी हवस का पता चल चूका था, तो मैने भी उसके बालो को खींचकर उसके मुँह को जोर से अपने लंड के आगे-पीछे करने लगा, सीमा के मुँह से घु-घु-घु करके आवाज़े निकलने लगी थी और वो अपने मुँह से मेरे लंड को निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मैने अपने आप को पूरा नंगा किया और सीमा को भी. सीमा का बदन मस्ती में तड़प रहा था और और उसकी साँसे तेज और गरम होने लगी थी. मै उसके गोरे नंगे बदन को देखना चाहता था, तो मैने मोबाइल की लाइट ओन कर ली. सीमा का बदन बहुत सुन्दर था, किसी भी मर्द का मुठ मारने का मन कर जाता, उसके नंगे बदन को देखकर. मुझे अपने साले की किस्मत पर तरस और अपनी किस्मत पर घमंड आने लगा. मैने सीमा के चेहरे को अपने हाथो में लिया और उसके लाल नाजुक होठो पर अपने होठो को रखकर उसको चुम रहा था और चूस रहा था. सीमा मस्ती में मचलने लगी और उसने एक हाथ से मेरे कंधे को और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरा मुठ मारने लगी. सीमा बोल रही थी, कि जीजू आज लम्बा नहीं खींचो; बस इस मस्त मोटे लंड से मेरी गुलाबी चूत की प्यासी बुझा दो. बहुत प्यासी है ये चूत और इसकी हवस अब सर से ऊपर चढ़ चुकी है. मैने सीमा को ख़त के सहारे से उल्टा किया और उसकी चूत पर लंड को लगा दिया और अपने हाथो की मद्दत से अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. सीमा कररहा रही थी और उसके मुँह से हलकी-हलकी सीटी जैसी आवाज़ निकलने लगी थी. मैने ज्यादा वक़्त बर्बाद ना करते हुए एक ही बार में अपना पूरा लंड सीमा की चूत में उतार दिया. सीमा के मुँह से एक जोरदार चीख निकल गयी और उसने अपना एक हाथ अपने मुँह पर रख लिया. सीमा रहा था और वो अपनी गांड को पीछे हिलाकर मेरे लंड को पूरा ले रही थी. हम दोनों धक्के बराबर चल रहे थे और हम दोनों अपनी कामुक आवाज़ो को बड़ी मुश्किल से रोक पा रहे थे. अचानक से, सीमा के धक्के तेज होने लगे और कुछ २-३ धक्को बाद उसका शरीर ढीला पड़ गया. वो अपना माल छोड़ चुकी थी और मैने भी २-३ जोरदार धक्के मारकर अपना माल उसकी चूत में छोड़ दिया. वो मेरा लंड निकालकर मुझसे चिपट गयी और मेरे होठो को चूमकर मुझसे थैंक यू बोलकर नीचे भाग गयी. मै वहाँ २-३ रहा और मैने उसको हर रात अपनी बीवी की चुदाई के बाद चोदा. कुछ समय बाद हम बाहर भी मिले और अब भी हमें जब मौका मिलता है, तो हम मौके का फायदा जरूर उठाते है.